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Wednesday, March 31, 2010

देशभर में गुरुवार से शुरू होगा जनगणना अभियान.जाति के बारे में कोई सूचना एकत्र नहीं की जाएगी

देशभर में गुरुवार से शुरू होगा जनगणना अभियान.जाति के बारे में कोई सूचना एकत्र नहीं की जाएगी
पलाश विश्वास


देश के इतिहास में सबसे बड़ा जनगणना अभियान गुरुवार से शुरू होगा। इसके तहत एक ही डेटाबेस में 1.2 अरब लोगों को शामिल किया जाएगा। यह पहला मौका है जब एनपीआर तैयार किया जा रहा है। डेटाबेस को तैयार करने, उसका रख-रखाव करने और अद्यतन करने का काम रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर आफ इंडिया करेंगे।सरकार ने साफ कर दिया कि जाति के बारे में कोई सूचना एकत्र नहीं की जाएगी, क्योंकि स्वतंत्र भारत में कोई भी जाति आधारित जनगणना नहीं की गई है।जनगणना के तहत देश के सभी 640 जिले, 5767 तहसीलों, 7742 शहरों और छह लाख से अधिक गांवों को शामिल किया जाएगा। 24 करोड़ से अधिक घरों में जाकर 1.2 अरब लोगों के बारे में सूचना इकटठा की जाएगी।


इस जनगणना में नागरिकों का बायोमेट्रिक पहचान भी तय होगी। जिसके लिए इनफोसिस के पूर्व चेयरमैन को केबिनेट मंत्री का दर्जा देकर यूनिक आइडेंटिटी नंबर आ​थोरिटी बेलगाम भूमि अधिग्रहण वास्ते मूलनिवासी आदिवासियों, पिछड़ों. अछूतों, मुसलमानों और शहरी गरीबों  विस्थीपितों, विभाजन पीड़ित दलितों को नागरिकता से वंचित करना है।


आर्थिक नरसंहार कार्यक्रम के तहत मूलनिवासियों की बेदखली पर आधारित राजनीतिक आर्थिक मनुस्मृति व्यवस्था की बुनियाद पर भारत सत्ता हस्तातंरण की पहली काली कभी खत्म न होने वाली रात से लेकर अब तक पूणे पैक्ट के तहत ब्राह्मण बनिया राज के तहत अमेरिकी उपनिवेश बना हुआ है और अब यहूदीवाद. अमेरिका श्वेत साम्राज्यवाद व ग्लोबल हिन्दुत्व की गिरफ्त में है। रोज जनविरोधी कानून पास हो रहे हैं। शुरू से वित्त्ीय नीति अनुपस्थित। शासक ब्राह्मनी विदेशी यूरेशियन मूल के पूर्व जमींदारों, रजवाड़ों के लवधनाढ्य सामंती शासक वर्ग के संरक्षण प्रोत्साहन में भारतीय गणराज्य, संविधान, नागरिक अधिकार, मानवाधिकार, नागरिकता, स्वततंत्रता और संप्रभुता की हत्या हो रही है। एफडीआई एफआई एनआरआई पूंजी वर्चस्व राज में सरकारी खर्च सामाजिक न्याया. संपत्ति के न्यायापू्रणबंटवारे और समता सामाजिक न्याय के सिद्दान्तों के विपरीत बाजार को चालू रखने और पूंजीवाद, साम्राज्यवाद, हिंदुत्व, यहूदीवाद व जाति धर्म के आधार पर विभाजन के मकसद से होता है। मुद्रानीति को वित्तीय अनुशासन बताया जाता है जबकि गरीबी और गरीबी रेखा का परिभाषा कुपोषण तक सीमाबद्ध है।  मूलनिवासी भारतीय अनुसूचित जातियों, जनजातियों. अन्य पिछड़ों और अल्पसंखकों को तथाकथित सव्रण मुख्यधारा से काटकर प्रकृति और उससे जुड़े समुदायों का कत्लेआम जारी है।​
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​इस जनगणना से ही विकास की योजनाए और राशि तय होता है। मंडल कमीशन के मुताबिक देश में ५२ प्रतिशत ओबीrसी हैं, जिनकी अभी तक पहचान नहीं हुई। चुनावी राजनीति में सत्ता पर काबिज होने के लिए सोशल इंजीनियरिंग के नाम पर खुल्ल्मखुल्ला जाति ध्र्म की राजनीति करके मजबूत जातियों का गढबंधन बनाने वाले जाति व धर्म के नाम पर अलगाव की हरसंभव प्रयास करते हुए जातियों और खासकर ओबीसी की गिनती से साफ इंकार करते है।  गिनती नहीं होती इसलिए बजट में इस साल ८५ प्रतिशत मूलनिवासियों के लिए महज ०.४२ प्रतिशत राशि दी गयी है। शिखर पर सन्नाटा है। वहां सारे के सारे नीति निर्धारक, बुद्धजीवी, अर्धशास्त्री ब्राह्मण है। मूलनिवासियों को हकीकत मालूम नहीं है। ​
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​ताजा जनगणना से यही सिलसिला जारी रहने को हे। 


माओवादी हिंसा जारी रहने के बीच गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि देश 2013 तक इस समस्या से निपटने में समर्थ हो जाएगा।


उन्होंने बिजनेस स्टेंडर्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि हमें अगले दो से तीन साल में माओवादियों और आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई की चुनौती का सामना करना चाहिए। हम जानते हैं कि यह भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है लेकिन हम अगले दो से तीन साल में इस चुनौती से निपटने में समर्थ हो जायेंगे।

चिदंबरम ने कहा कि भारत एक अन्य चुनौती का सामना कर रहा है। यह चुनौती है अपराधियों के संसद में प्रवेश से रोकने की।


उन्होंने कहा कि हम दुनिया का सबसे बड़ा और अनुशासित लोकतंत्र हैं। हमारी जरूरत है कि ईमानदार और भद्र लोग संसद आये।



साल 2011 की राष्ट्रीय जनगणना परियोजना पर 2200 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पहली शख्सियत होंगी जिनसे जनगणना की यह प्रक्रिया शुरू होगी। इस कार्य में 25 लाख लोगों को लगाया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि देश के प्रत्येक नागरिक को इसमें शामिल किया जा सके।


जनगणना कार्य में लगे लोग पहली बार देश के निवासियों से मोबाइल फोन, कंप्यूटर, इंटरनेट, परिशोधित पानी की सुविधा है अथवा नहीं इस विषय में जानकारी इकट्ठा करेंगे। इसके तहत लोगों के फिंगर प्रिंट्स और तस्वीरें भी ली जाएंगी ताकि सरकार को योजना तैयार करने और देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने में मदद मिल सके।


सरकार ने साफ कर दिया कि जाति के बारे में कोई सूचना एकत्र नहीं की जाएगी, क्योंकि स्वतंत्र भारत में कोई भी जाति आधारित जनगणना नहीं की गई है।

सरकार इस जनगणना में अपने 28 राज्यों और सात केंद्रशासित प्रदेशों में रहने वाले 1.2 अरब लोगों में से प्रत्येक सदस्य की पहचान करने का प्रयास करेगी। संभवत: यह देश की सर्वाधिक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय परियोजना है।

इस अभियान के पूरा होने के बाद एक राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर तैयार किया जाएगा जिसके तहत एक डेटाबेस में देश की समूची आबादी के बारे में सरकार के पास सूचना होगी।

गृह सचिव जी के पिल्लै ने कहा कि एकबार एनपीआर को तैयार कर लिया जाएगा तो हमारे पास समूची आबादी की तस्वीरें होंगी। पहली बार हम देश के सभी निवासियों के बारे में खास सूचना हासिल करने में सक्षम होंगे।

एक बार एनपीआर तैयार हो जाएगा तब सरकार प्रत्येक नागरिक को यूनिक नंबर देगी।

जनगणना कार्य पर 2209 करोड़ रुपये की लागत आएगी जबकि एनपीआर तैयार करने की योजना के लिए स्वीकत लागत 3539.24 करोड़ रुपये है।

यह पहला मौका है जब एनपीआर तैयार किया जा रहा है। डेटाबेस को तैयार करने, उसका रख-रखाव करने और अद्यतन करने का काम रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर आफ इंडिया करेंगे।

साल 2011 की जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहला चरण हाउसलिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस के नाम से जाना जाएगा। इस कार्य को अप्रैल और जुलाई के बीच किया जाएगा, जो विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सुविधा पर निर्भर करेगी।

यह कार्य प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में 45 दिनों से अधिक की अवधि में किया जाना है। इसप्रकार कोई राज्य एक अप्रैल से शुरू करके 15 मई और आगे तक इस काम को पूरा करेगा। एनपीआर तैयार करने के लिए आवश्यक विवरणों को भी इसी चरण के दौरान जुटाया जाएगा।

दूसरे चरण को जनगणना चरण कहा जाएगा। इसे पूरे देश में एकसाथ नौ से 28 फरवरी, 2011 के बीच किया जाएगा।


दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई द्वारा इटली के व्यापारी ओटवियो क्वात्रोच्ची के खिलाफ मामले वापस लेने के कदम पर अपने फैसले की घोषणा 17 अप्रैल तक टाल दी। दो दशक पुराने बोफोर्स संबंधी मामले वापस लेने के कदम पर आपत्ति जताते हुए एक वकील ने अदालत में याचिका दायर की थी।

अतिरिक्त महाधिवक्ता पीपी मल्होत्रा ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट को भेजे गए मूल रिकॉर्ड अब तक वापस नहीं आए हैं, जिसके बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट संदीप गर्ग ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।

सीबीआई के इस कदम के खिलाफ वकील अजय अग्रवाल ने याचिका दायर की थी। अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में उन्होंने अक्टूबर, 2005 में अपील दायर की थी, जो अब भी सुप्रीम कोर्ट के सामने लंबित है। अग्रवाल ने दावा किया कि सीबीआई ने मामले से कुछ आरोपियों को मुक्त करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की है।

इस बीच उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अग्रवाल से अपनी उस याचिका को वापस लेने को कहा जिसमें सीबीआई को यह निर्देश देने की अपील की गई है कि वह लंदन में क्वात्रोच्चि के बैंक खातों से सील हटाने की प्रक्रिया रोके। उसने हालांकि उन्हें 70 वर्षीय क्वात्रोच्चि के खिलाफ एक नई याचिका दायर करने को कहा।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल छह नवंबर को अपने आदेश की घोषणा यह कहते हुए स्थगित कर दी थी कि उसके पास मूल दस्तावेज नहीं है क्योंकि उन्हें उच्चतम न्यायालय के पास भेजा गया है। मामले में क्वात्रोच्चि ही एक मात्र जीवित अभियुक्त है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन अन्य के खिलाफ 31 मई 2005 को आरोप खारिज कर दिए थे, जो कभी भी देश की किसी अदालत में पेश नहीं हुए।

सीबीआई ने दो बार क्वात्रोच्चि को प्रत्यर्पित करने की कोशिश की। पहली बार 2003 में मलेशिया से और फिर 2007 में अर्जेन्टीना से। पिछले साल नवम्बर में एजेंसी ने इंटरपोल से क्वात्रोच्चि का नाम रेड कार्नर नोटिस की सूची से हटाने को कहा ।


शिक्षा का अधिकार कानून एक अप्रैल से लागू


देश में बहुप्रतीक्षित शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) गुरुवार से लागू हो जाएगा। इस कानून में कक्षा आठवीं तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा मुहैया कराने का प्रावधान है। गौरतलब है कि कानून के लागू होने पर छह से 14 उम्र तक के छात्रों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा मुहैया कराई जाएगी। इस कानून को 8.1 करोड़ बच्चों को विद्यालय तक पहुंचाने के लिए बनाया गया है।
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "इस कानून से बहुत उम्मीदें हैं। हमें विश्वास है कि अब समाज के सभी वर्गों को बेहतर प्राथमिक शिक्षा मिल पाएगी।" इस कानून से, जो पिछले वर्ष संसद के द्वारा पारित हुआ था, उम्मीद की जाती है कि छह से 14 वर्ष की उम्र वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा मुहैया कराने संबंधी निर्धारित 10 उद्देश्य हासिल हो पाएंगे। मसलन इसमें शिक्षा की गुणवत्ता, सामाजिक दायित्व, निजी स्कूलों में आरक्षण और स्कूलों में बच्चों के प्रवेश को नौकरशाही से मुक्त कराना शामिल है।


साम्प्रदायिक हिंसा विरोधी कानून इस साल बन जाएगा:चिदंबरम 

बरेली और हैदराबाद में हुए साम्प्रदायिक दंगों पर चिंता जताते हुए सरकार ने बुधवार को कहा कि साम्प्रदायिक हिंसा निरोधक कानून को इसी साल अमली जामा पहना दिया जाएगा।

गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने आज यहां राज्यों के अल्पसंख्यक आयोगों के वार्षिक सम्मेलन में आश्वासन दिया कि सरकार अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि देखा गया है कि देश के विभिन्न भागों में छोटी छोटी बातों को लेकर सांप्रदायिक दंगे भड़के हैं। उनमें से कुछ तुच्छ और क्षुद्र झगड़ों से भड़के और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बड़े जख्म, भय और असुरक्षा का सबब बन गए। इससे समाज में विभाजन गहरा हुआ।

गृहमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय में किसी भी प्रकार की गलतफहमियों को तत्काल दूर करने की आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाये रखने और सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों को समान अवसर प्रदान करने को प्रतिबद्ध है।

चिदम्बरम ने कहा कि केन्द्र सरकार दिसंबर 2005 से ऐसा कानून बनाने के लिये काम कर रही है जिसके तहत सांप्रदायिक हिंसा को रोका जा सके और दंगा पीडिम्तों का पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके। इस आशय का विधेयक 2005 को संसद की स्थायी समिति को सौंपा गया था।

उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद है कि इस साल के अंत तक साम्प्रदायिक हिंसा को रोकने, नियंत्रित करने तथा पीडि़तों के पुनर्वास संबंधी यह कानून अवश्य बन जायेगा।

गृहमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में सरकार के सामने सबसे बडी चुनौती यह है कि भारत जैसे विविधता वाले देश का शासन कैसे चलाया जाए।

देश में विभिन्न समुदायों द्वारा आरक्षण मांगने के संदर्भ में चिदंबरम ने कहा कि वर्तमान समय में आरक्षण सबसे सकारात्मक कार्रवाई साबित हो सकती है।

उन्होंने कहा कि लोगों को भारतीय समाज में उभरी विकत सोच के प्रति सजग होना होगा। जाति के खिलाफ जाति, धर्म के खिलाफ धर्म, संप्रदाय के खिलाफ संप्रदाय, भाषा के खिलाफ भाषा और वर्ग के खिलाफ वर्ग आदि विकत सोच हैं।

चिदंबरम ने कहा कि देश में वर्तमान समय में आरक्षण पर बहस चल रही है लेकिन हमारे यहां आरक्षण की कुछ सीमाएं हैं। आरक्षण के माध्यम से किस प्रकार के अवसर प्रदान किये जायें और आरक्षण के माध्यम से किस प्रकार हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं, यह बहस अभी समाप्त नहीं हुई है ।

देश में कम हो रही है खाद्य महंगाई: कैबिनेट सचिव 

केंद्रीय कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि चीनी और सब्जियों की कीमतों में गिरावट तथा अन्य सूचकांकों के स्थिर बने रहने से खाद्य महंगाई कम हो रही है।

एक सम्मेलन से इतर पत्रकारों के खाद्य महंगाई के बारे में पूछने पर चंद्रशेखर ने कहा, ''चीनी की कीमत कम हुई है। दालों की कीमतें गिरी हैं। गेहूं और चावल की कीमत स्थिर है। खाद्य तेल स्थिर है। सब्जियों की कीमतें घट रही हैं।''

उन्होंने कहा कि खाद्य महंगाई और अगर देखें तो मुद्रास्फीति की दर में भी कमी आई है।

देश की खाद्य महंगाई की दर 13 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह में थोड़ा गिरकर 16.22 प्रतिशत थी। इसके पिछले हफ्ते में खाद्य महंगाई की दर 16.3 प्रतिशत थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा पिछले गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं के सूचकांक में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि गैर खाद्य वस्तुओं में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई।



13 शहरों में गुरुवार से बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम 

देश के चार महानगरों सहित 13 शहरों में पहली अप्रैल से उच्च पर्यावरण मानकों वाले तरल पेट्रोलियम ईंधन का इस्तेमाल अनिवार्य किए जाने से पेट्रोल करीब 50 पैसे और डीजल 26 पैसे महंगे हो जाएंगे।

दिल्ली में पेट्रोल का दाम 50 पैसे बढ़कर 47.93 रुपये और डीजल का दाम 26 पैसे बढ़कर 38.10 रुपये प्रति लीटर हो जायेगा। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बैंगलूर, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे, सूरत, कानपुर, आगरा, लखनऊ और सोलापुर जैसे 13 शहरों में प्रदूषण नियंत्रण उपाय के तहत एक अप्रैल 2010 से भारत मानक़-तीन के स्थान पर मानक़-चार श्रेणी का कम सल्फर वाला वाहन ईंधन ही बिकेगा। विदेशों में इसे यूरो-चार नाम दिया गया है।

एक अप्रैल से से देश के बाकी शहरों में भारत मानक दो श्रेणी के स्थान पर तीसरी श्रेणी का वाहन ईंधन बिकने लगेगा।

देश के 13 शहरों को छोड़कर बाकी सभी शहरों में भारत मानक तीन का इस्तेमाल शुरू होने से उन शहरों में भी पेट्रोल के दाम 26 पैसे और डीजल के दाम 21 पैसे प्रति लीटर तक बढ़ जायेंगे। हालांकि, स्थानीय करों और अन्य शुल्कों के चलते अलग अलग शहरों में पेट्रोल डीजल के दाम अलग अलग होंगे।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिहं ने उच्च शुद्धता वाले पेट्रोल, डीजल के इस्तेमाल को मंजूरी देते हुये इनके दामों में होने वाली मूल्य वृद्धि को मंगलवार को ही हरी झंडी दी।

 1100 करोड़ का हो जाएगा इंटरनेट विज्ञापन बाजार इस साल

भारत के लोग जैसे-जैसे इंटरनेट प्रेमी होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे देश में ऑनलाइन विज्ञापन के क्षेत्र में बूम आती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार इंटरनेट आने वाले सालों में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से आगे हो जाएगा।

भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की तादाद 4.90 करोड़ है। जबकि दुनियाभर में इस समय एक अरब 75 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं जो पूरी आबादी का लगभग 25 प्रतिशत है। इसी तरह एशिया में 74 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं जो यहां की कुल आबादी का लगभग 20 प्रतिशत है।
गूगल के एक अनुमान के मुताबिक इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की इतनी बड़ी तादाद के मद्देनजर देश का ऑनलाइन विज्ञापन बाजार इस साल 1,100 करोड़ का हो सकता है। यदि गूगल का यह अनुमान सही साबित होता है तो यह ऑनलाइन विज्ञापन बाजार के क्षेत्र में 50 फीसदी का इजाफा होगा।

अपनी पहुंच, प्रभाव और कम कीमत के कारण वेब विज्ञापन अब ज्यादातर कंपनियों की पहली पसंद बन गयी है।

गूगल इंडिया के व्यापार प्रमुख नरसिम्हा जयकुमार ने बताया कि प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रहे बदलाव को देखते हुए निश्चित तौर पर यह चलन पर डिजिटल मीडिया की ओर बढ़ रहा है। इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने और अपने टारगेट ऑडिएंस तक पहुंचने के मकसद से विज्ञापनदाताओं के लिए यह एक अलार्म की तरह है।


 

मौका मिला तो पाकिस्तान में भी योग सिखाऊंगा: रामदेव

अस्पृश्यता की जड़ें

Posted by संजय तिवारी on Sep 2nd, 2007 and filed under बात करामात. You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0. You can leave a response or trackback to this entry

धर्मपाल के लेख "हमारे अज्ञानता की जड़े गहरी हैं" को अधूरा छोड़ते हुए मैं यह लेख दे रहा हूं. चंद्रभूषण ने यह सवाल उठाया है कि "पेशवाई राज्य में अछूतों के लिए गले में हांड़ी, हाथ में झाड़ू लेकर चलने का प्रावधान अंग्रेजों ने तो नहीं बनाया था। जिस महार रेजीमेंट ने 1857 में दुबारा हिंदुस्तान जीतकर अंग्रेजों को सौंपा वह राज-समाज की ठेठ भारतीय अवधारणा से ही उपजी थी- इस हकीकत को न धर्मपाल बदल सकते हैं न संजय तिवारी। धर्मपाल जैसे संडे हिस्टोरियन की भूमिका इतिहास के अध्ययन में केवल अनुपूरक की ही हो सकती है। इसके बजाय उन्हें किसी गुप्त रहस्य के खोजी के रूप में प्रस्तुत करके इतिहास का स्थानापन्न बनाना केवल अतीतजीवी कुलीन वर्ग का हितसाधन करेगा। वह भी केवल मरीचिका के रूप में, क्योंकि असत्य, अर्धसत्य या चुने हुए मनचाहे सत्य से किसी का वास्तविक हितसाधन कभी संभव ही नहीं है…" इस सवाल पर अनूप शुक्ल की पूरक
टिप्पणी " पढ़ रहे हैं आपके लेख धर्मवीरजी का लिखा हुआ। चंद्रभूषणजी की टिप्पणी के बारे में आपके जवाब का इंतजार है!"

इसलिए धर्मपाल के ही लिखे एक लेख से इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं.

अस्पृश्यता की जड़े
धर्मपाल

आज हिन्दुस्तान में हमारे अपने बारे में जो तस्वीर बनी है वह बहुत हद तक अंग्रेजों द्वारा बनाई गयी है. ऐसा नहीं है कि वह कोई साजिश वगैरह के तहत किया गया हो. उन्हें राज करना था तो कुछ तो ऐसा करना था कि राज-काज स्थाई हो. लेकिन एक कारण और रहा है. उनका अपना संसार जिस प्रकार चलता था उसी से उनकी दृष्टि बनी थी और वे हमको भी उसी दृष्टि से देखते थे. इसलिए हमारे लिए जरूरी है कि हम पहले यूरोप को समझें. इससे हमें यह समझ में आ सकता है कि आज हमारे समाज के बारे में जो तस्वीर हमारे मन में बनी है वह ऐसी क्यों है? यहां मैं भारत में अस्पृश्यता की भावना की खासतौर से चर्चा करूंगा.

1750 से अंग्रेजों ने भारत पर अपना प्रभुत्व जमाना आरंभ किया था. तभी से अस्पृश्यता की भावना बढ़ी और अधिक से अधिक लोगों को अस्पृस्य माना जाने लगा. तभी से अंग्रेजों ने भारत की स्मृतियों में से अपनी मान्यता और काम के उद्धरण लेने शुरू कर दिये और हमें कहा कि आपके शास्त्र यही कहते हैं. शुरू के दिनों में जब उनके पांव यहां जमने लगे तो उन्होंने बाकी के शास्त्रों का अंग्रेजी में अनुवाद भले ही रोक दिया हो लेकिन मनुस्मृति का अनुवाद जारी रखा. हम अंग्रेजों से 200-250 साल सीधे संपर्क में रहे लेकिन हमारे अधिक पश्चिमीकृत लोगों को भी यूरोप व इंग्लैंण्ड की पुरानी सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक व्यवस्था के बारे में अधिक जानकारी नहीं है. 1900 इस्वी तक तो इग्लैण्ड में ऊंच-नीच की धारणा व्यापक थी. इग्लैण्ड के 90 प्रतिशत लोग "लोअर आर्डर" में माने जाते थे. वैसे ही जैसे पिछले 200 सालों में हमारे यहां अधिकांश लोग पिछड़े और अस्पृश्य माने जाने लगे.

भारतीयों की यह मान्यता रही है कि हमेशा से यानी बहुत प्राचीन काल से वे भारत के वासी रहे हैं. शताब्दियों से इग्लैण्ड व यूरोप में ऐसी कोई मान्यता नहीं है. आज से हजार वर्ष पहले तक तो यूरोप के अधिकांश क्षेत्रों में यूरोप के बाहर से और यूरोप के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र पर आक्रमण होते रहे. वहां पहले से बसे अधिकांशतः लोगों को समाप्त कर दिया जाता था. जो बचे रह जाते थे उनको दास बना लिया जाता था. इग्लैण्ड से बाहर का अंतिम आक्रमण उत्तर यूरोप के नारमन लोगों का हुआ. उन्होंने 1066 ईस्वी के करीब इग्लैण्ड पर विजय प्राप्त की और 25-30 वर्षों में ही यहां की पूरी राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था बदल डाली. इसका परिणाम यह हुआ कि इग्लैण्ड में पहले से बसे लोग दासत्व की स्थिति में पहुंच

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योग गुरु बाबा रामदेव दुनिया भर में योग का परचम लहराना चाहते हैं। बाबा रामदेव के मुताबिक पाकिस्तान में भी लोग योग सीखने की इच्छा जता चुके हैं और अगर मौका मिला तो वह पाकिस्तान में योग और प्रणायाम सिखाने जरूर जाएंगें।

क्या एक और पड़ोसी देश पाकिस्तान नहीं जाना चाहेंगे, इस पर योगगुरु ने कहा कि बिल्कुल जाना चाहूंगा। वहां के कई लोग योग सिखने की इच्छा जता चुके हैं। लेकिन वहां जब तक स्थिति अनुकूल नहीं होती, जाना मुश्किल होगा क्योंकि जो लोग योग सीखने आएंगे, उनकी हिफाजत मेरी जिम्मेदारी होगी।

योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि उन्होंने भारत में व्यवस्था परिवर्तन लाने के उद्देश्य से वर्ष 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारत स्वाभिमान के बैनर तले ईमानदार और राष्ट्रवादी उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है और फिलहाल कुछ राजनीतिक दल उनके करीब हैं और कुछ को वक्त करीब ला देगा।
   
अगले लोकसभा चुनाव में सभी 543 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने, लेकिन खुद चुनाव नहीं लड़ने के संबंध में पिछले दिनों नई दिल्ली में घोषणा कर चुके स्वामी रामदेव ने कहा कि हम ऐसे उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारेंगे जो ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और राष्ट्रवाद की भावना से भरे हों। जिसका चरित्र भ्रष्ट है, हम उसे टिकट नहीं देंगे।
   
अचानक राजनीतिक दल बनाने और चुनाव लड़ने का विचार कैसे आया, इस पर उन्होंने कहा कि यह अचानक नहीं हुआ है। हम लंबे समय से व्यवस्था परिवर्तन चाह रहे हैं। भारत में राजनीति गिरावट की सारी हदें पार कर चुकी है। राजनीति कतार में अंतिम खड़े व्यक्ति तक शिक्षा और आर्थिक विकास का लाभ पहुंचाने में नाकाम रही है। लोकतंत्र को लूटतंत्र बना दिया गया है। लोग कहते हैं कि राजनीति में ईमानदार के लिए जगह नहीं है। मैं इस बात को पलट देना चाहता हूं।
   
यह पूछने पर कि क्या वह किसी दल से चुनाव पूर्व या बाद में गठबंधन करेंगे, उन्होंने कहा इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन कुछ (राजनीतिक दल) अभी हमारे करीब हैं, कुछ को वक्त करीब ला देगा।

चुनावी राजनीति में अब गठबंधन एक मजबूरी बन जाने के बारे में स्वामी रामदेव ने कहा कि गठबंधन एकदम जुगाड़बाजी है। अब तक ऐसा होता आया है क्योंकि विकल्प नहीं हैं। हम अब विकल्प देंगे।
    
क्या यह नहीं लगता कि सरकार के सख्त कदम उठाए बिना शीतल पेय पदार्थों को लेकर जारी जंग कामयाब नहीं हो पाएगी, इस पर योग गुरु ने कहा कि इस मामले में कुछ को छोड़कर ज्यादातर नेता बहुराष्ट्रीय कंपनियों के एजेंट या किसी दूसरे देश के प्रतिनिधि के तौर पर काम कर रहे हैं। फिर भी हमें उम्मीद है कि हम जन जागरूकता के जरिए यह जंग जीत लेंगे।
    
यह पूछने पर कि पहले योग और फिर राजनीति के बाद अब कौन सी मंजिल सामने है, स्वामी रामदेव ने कहा कि योग मेरे लिए एक मिशन है। योग के जरिए ही मैं चेतना लाना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि लोग व्यक्तिवादी होने के बजाय राष्ट्रवादी, विकासवादी और अध्यात्मवादी बनें।
    
नेपाल के बाद अब किन देशों में योगनीति शुरु करने का विचार है, इस पर उन्होंने कहा कि मैं म्यामां, श्रीलंका और चीन में लोगों को योग सिखाना चाहता हूं और वहां के बौद्ध धर्म के अध्यात्म से योग को जोड़ना चाहता हूं।

अस्पृश्यता

जातिप्रथा की सब से भयानक उपज अस्पृश्यता की रूढ़ी है। हिंदू धर्म तत्त्वज्ञान सभी जीवों में एक ही चैतन्य, आत्मतत्त्व देखने को कहता है। सभी मानवों में ईश्वर का निवास देखने को कहता है। भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं - 'सर्वस्य चाहं हृदि संन्निविष्टो' - सभी के हृदय में मेरा निवास है। इतना श्रेष्ठ तत्त्वज्ञान रहते हुए भी अपने ही समाज के अंग रहे करोड़ों बंधुओं को 'अस्पृश्य' माना गया। उनको गांव के बाहर रखा गया। उनका स्पर्श तथा छाया भी अपवित्र मानी गयी। उन पर सामाजिक दासता थोपी गई। उन्होंने कौन सा व्यवसाय करना, कौन से कपड़े-गहने पहनना, कहाँ रहना, क्या खाना इस संदर्भ में कड़े नियम बनाए गए। उनका कठोरता से तथा निर्दयता से पालन किया गया। अछूत बंधु की अवस्था जानवर से भी निकृष्टतम की गई। इसमें सबसे बुरी बात यह रही कि अस्पृश्यता को ही धर्म माना गया। अस्पृश्यता की रूढ़ी का पालन नहीं करना याने धर्मद्रोही वर्तन करना यह आम धारणा बनाई गई। यह धारणा लोगों के दिलो-दिमाग पर छाई रही। अस्पृश्यता की रूढ़ी से श्री गुरुजी अत्यंत दु:खी रहा करते थे। इस कुप्रथा को अपने समाज में से जड़ से निकालकर कैसे फेंके इसकी चिंता उनके अंत:करण में सदैव रहा करती थी। अस्पृश्यता की रूढ़ी को उन्होंने तीन खेमों में बाँटा। एक है सवर्ण समाज जो अस्पृश्यों को अस्पृश्य कहता है। दूसरा है अस्पृश्यता का शिकार बना अस्पृश्य समाज जो खुद को अस्पृश्य समझता है और तीसरा है धार्माचार्योंका वर्ग जो इस रूढ़ी को धार्मिक मान्यता (सँक्शन) प्रदान करता है। श्री गुरुजी ने इन तीनों मोर्चों पर ऐतिहासिक कार्य करके समाज में समरसता लाने का प्रयास किया।

अस्पृश्यता को परिभाषित करते समय श्री गुरुजी का कथन है - ''सवर्णों के मन के क्षुद्र भाव का नाम अस्पृश्यता है।'' दूसरे शब्दों में अस्पृश्यता एक मानसिक विकृति है। मानसिक सुधार संस्कारों द्वारा ही संभव है। संस्कार एकात्मता का, एकरसता का, भ्रातृभाव का, सेवाभाव का निरंतर करना चाहिए। संघ शाखा की कार्यपध्दति इस में अद्वितीय यश प्राप्त कर चुकी है।


मनुस्मृति

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भारतीय पंरपरा में मनुस्मृति को (जो मानव-धर्म-शास्त्र, मनुसंहिता आदि नामों से प्रसिद्ध है) प्राचीनतम स्मृति एवं प्रमाणभूत शास्त्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। धर्मशास्त्रीय ग्रंथकारों के अतिरिक्त शंकराचार्य, शबरस्वामी जैसे दार्शनिक भी प्रमाणरूपेण इस ग्रंथ को उद्धृत करते हैं। परंपरानुसार यह स्मृति स्वायंभुव मनु द्वारा रचित है, वैवस्वत मनु या प्राचनेस मनु द्वारा नहीं। मनुस्मृति से यह भी पता चलता है कि स्वायंभुव मनु के मूलशास्त्र का आश्रय कर भृगु ने उस स्मृति का उपवृंहण किया था, जो प्रचलित मनुस्मृति के नाम से प्रसिद्ध है। इस भार्गवीया मनुस्मृति की तरह नारदीया मनुस्मृति भी प्रचलित है।

अनुक्रम

[छुपाएँ]

[संपादित करें] मनुस्मृति के प्रणेता एवं काल

मनुस्मृति के काल एवं प्रणेता के विषय में नवीन अनुसंधानकारी विद्वानों ने पर्याप्त विचार किया है। किसी का मत है कि "मानव" चरण (वैदिक शाखा) में प्रोक्त होने के कारण इस स्मृति का नाम मनुस्मृति पड़ा। कोई कहते हैं कि मनुस्मृति से पहले कोई मानव धर्मसूत्र था (जैसे मानव गृह्यसूत्र आदि हैं) जिसका आश्रय लेकर किसी ने एक मूल मनुस्मृति बनाई थी जो बाद में उपबृंहित होकर वर्तमान रूप में प्रचलित हो गई। मनुस्मृति के अनेक मत या वाक्य जो निरुक्त, महाभारतादि प्राचीन ग्रंथों में नहीं मिलते हैं, उनके हेतु पर विचार करने पर भी कई उत्तर प्रतिभासित होते हैं। इस प्रकार के अनेक तथ्यों का बूहलर (Buhler, G.) (सैक्रेड बुक्स ऑव ईस्ट सीरीज, संख्या 25), मदृ मदृ काणे (हिस्ट्री ऑव धर्मणात्र में मनुप्रकरण) आदि विद्वानों ने पर्याप्त विवेचन किया है। यह अनुमान बहुत कुछ संगत प्रतीत होता है कि मनु के नाम से धर्मशास्त्रीय विषय परक वाक्य समाज में प्रचलित थे, जिनका निर्देश महाभारतादि में है तथा जिन वचनों का आश्रय लेकर वर्तमान मनुसंहिता बनाई गई, साथ ही प्रसिद्धि के लिये भृगु नामक प्राचीन ऋषि का नाम उसके साथ जोड़ दिया गया। मनु से पहले भी धर्मशास्त्रकार थे, यह मनु के "एके" आदि शब्दों से ही ज्ञात हुआ है। कौटिल्य ने "मानवा: (मनुमतानुयायियों) का उल्लेख किया है।

मनु परंपरा की प्राचीनता होने पर भी वर्तमान मनुस्मृति ईदृ पूदृ चतुर्थ शताब्दी से प्राचीन नहीं हो सकती (यह बात दूसरी है कि इसमें प्राचीनतर काल के अनेक वचन संगृहीत हुए हैं) यह बात यवन, शक, कांबोज, चीन आदि जातियों के निर्देश से ज्ञात होती है। यह भी निश्चित हे कि स्मृति का वर्तमान रूप द्वितीय शती ईदृ तक दृढ़ हो गया था और इस काल के बाद इसमें कोई संस्कार नहीं किया गया। मनु के कुछ प्रयोग प्राक्पाणिनीय है; उत्तरोत्तर इसके प्राचीन पाठ पाणिनीयव्याकरणानुसार संस्कृत हुए हैं--ऐसा मानने के लिये प्रमाण हैं।

[संपादित करें] मनुस्मृति की संरचना एवं विषयवस्तु

मनु के 12 अध्यायों में कुछ कम 2700 श्लोक हैं। अध्यायानुसार इसके विषय ये हैं--

(1) जगत् की उत्पत्ति;

(2) संस्कारविधि; व्रतचर्या, उपचार;

(3) स्नान, दाराघिगमन, विवाहलक्षण, महायज्ञ, श्राद्धकल्प;

(4) वृत्तिलक्षण, स्नातक व्रत;

(5) भक्ष्याभक्ष्य, शौच, अशुद्धि, स्त्रीधर्म;

(6) वानप्रस्थ, मोक्ष, संन्यास;

(7) राजधर्म;

(8) कार्यविनिर्णय, साक्षिप्रश्नविधान;

(9) स्त्रीपुंसधर्म, विभाग धर्म, धूत, कंटकशोधन, वैश्यशूद्रोपचार;

(10) संकीर्णजाति, आपद्धर्म;

(11) प्रायश्चित्त;

(12) संसारगति, कर्म, कर्मगुणदोष, देशजाति, कुलधर्म, निश्रेयस।


[संपादित करें] टीकाएं

मनु पर कई व्याख्याएँ प्रचलित हैं--(1) पेधातिथिकृत भाष्य; (2) कुल्लूककृत मन्वर्थ मुक्ताव ली टीका; (3) नारायणकृत मन्वर्थ विवृत्ति टीका; (4) राघवानंद कृत मन्वर्थ चंद्रिका टीका; (5) नंदनकृत नंदिनी टीका; (6) गोविंदराज कृत मन्वाशयानसारिणी टीका आदि। मनु के अनेक टीकाकारों के नाम ज्ञात हैं, जिनकी टीकाएँ अब लुप्त हो गई हैं, यथा--असहाय, भर्तृयज्ञ, यज्वा, उपाध्याय ऋजु, विष्णुस्वामी, उदयकर, भारुचि या भागुरि, भोजदेव धरणीधर आदि।


[संपादित करें] महत्व

भारत में वेदों के उपरान्त सर्वाधिक मान्यता और प्रचलन 'मनुस्मृति' का ही है। इसमें चारों वर्णों, चारों आश्रमों, सोलह संस्कारों तथा सृष्टि उत्पत्ति के अतिरिक्त राज्य की व्यवस्था, राजा के कर्तव्य, भांति-भांति के विवादों, सेना का प्रबन्ध आदि उन सभी विषयों पर परामर्श दिया गया है जो कि मानव मात्र के जिवन में घटित होने सम्भव हैं यह सब धर्म-व्यवस्था वेद पर आधारित है। मनु महाराज के जीवन और उनके रचनाकाल के विषय में इतिहास-पुराण स्पष्ट नहीं हैं। तथापि सभी एक स्वर से स्वीकार करते हैं कि मनु आदिपुरुष थे और उनका यह शास्त्र आदिःशास्त्र है। क्योंकि मनु की समस्त मान्यताएँ सत्य होने के साथ-साथ देश, काल तथा जाति बन्धनों से रहित हैं।


[संपादित करें] मनुस्मृति के कुछ चुने हुए श्लोक

धृति क्षमा दमोस्तेयं, शौचं इन्द्रियनिग्रहः ।
धीर्विद्या सत्यं अक्रोधो, दसकं धर्म लक्षणम ॥
( धर्म के दस लक्षण हैं - धैर्य , क्षमा , संयम , चोरी न करना , स्वच्छता , इन्द्रियों को वश मे रखना , बुद्धि , विद्या , सत्य और क्रोध न करना ( अक्रोध ) )

नास्य छिद्रं परो विद्याच्छिद्रं विद्यात्परस्य तु ।
गूहेत्कूर्म इवांगानि रक्षेद्विवरमात्मन: ॥
वकवच्चिन्तयेदर्थान् सिंहवच्च पराक्रमेत् ।
वृकवच्चावलुम्पेत शशवच्च विनिष्पतेत् ॥

कोई शत्रु अपने छिद्र (निर्बलता) को न जान सके और स्वयं शत्रु के छिद्रों को जानता रहे, जैसे कछुआ अपने अंगों को गुप्त रखता है, वैसे ही शत्रु के प्रवेश करने के छिद्र को गुप्त रक्खे । जैसे बगुला ध्यानमग्न होकर मछली पकड़ने को ताकता है, वैसे अर्थसंग्रह का विचार किया करे, शस्त्र और बल की वृद्धि कर के शत्रु को जीतने के लिए सिंह के समान पराक्रम करे । चीते के समान छिप कर शत्रुओं को पकड़े और समीप से आये बलवान शत्रुओं से शश (खरगोश) के समान दूर भाग जाये और बाद में उनको छल से पकड़े ।

नोच्छिष्ठं कस्यचिद्दद्यान्नाद्याचैव तथान्तरा ।
न चैवात्यशनं कुर्यान्न चोच्छिष्ट: क्वचिद् व्रजेत् ॥

न किसी को अपना जूंठा पदार्थ दे और न किसी के भोजन के बीच आप खावे, न अधिक भोजन करे और न भोजन किये पश्चात हाथ-मुंह धोये बिना कहीं इधर-उधर जाये ।

तैलक्षौमे चिताधूमे मिथुने क्षौरकर्मणि ।
तावद्भवति चांडाल: यावद् स्नानं न समाचरेत ॥

अर्थ - तेल-मालिश के उपरांत, चिता के धूंऐं में रहने के बाद, मिथुन (संभोग) के बाद और केश-मुंडन के पश्चात - व्यक्ति तब तक चांडाल (अपवित्र) रहता है जब तक स्नान नहीं कर लेता - मतलब इन कामों के बाद नहाना जरूरी है ।

अनुमंता विशसिता निहन्ता क्रयविक्रयी ।
संस्कर्त्ता चोपहर्त्ता च खादकश्चेति घातका: ॥

अर्थ - अनुमति = मारने की आज्ञा देने, मांस के काटने, पशु आदि के मारने, उनको मारने के लिए लेने और बेचने, मांस के पकाने, परोसने और खाने वाले - ये आठों प्रकार के मनुष्य घातक, हिंसक अर्थात् ये सब एक समान पापी हैं ।

[संपादित करें] संबंधित कड़ियाँ

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एक और मनु यानि मनुष्य


भारतनामा "शिक्षा चाहिए संस्कार नहीं"

अस्पृश्यता की जड़ें

Posted by संजय तिवारी on Sep 2nd, 2007 and filed under बात करामात. You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0. You can leave a response or trackback to this entry

धर्मपाल के लेख "हमारे अज्ञानता की जड़े गहरी हैं" को अधूरा छोड़ते हुए मैं यह लेख दे रहा हूं. चंद्रभूषण ने यह सवाल उठाया है कि "पेशवाई राज्य में अछूतों के लिए गले में हांड़ी, हाथ में झाड़ू लेकर चलने का प्रावधान अंग्रेजों ने तो नहीं बनाया था। जिस महार रेजीमेंट ने 1857 में दुबारा हिंदुस्तान जीतकर अंग्रेजों को सौंपा वह राज-समाज की ठेठ भारतीय अवधारणा से ही उपजी थी- इस हकीकत को न धर्मपाल बदल सकते हैं न संजय तिवारी। धर्मपाल जैसे संडे हिस्टोरियन की भूमिका इतिहास के अध्ययन में केवल अनुपूरक की ही हो सकती है। इसके बजाय उन्हें किसी गुप्त रहस्य के खोजी के रूप में प्रस्तुत करके इतिहास का स्थानापन्न बनाना केवल अतीतजीवी कुलीन वर्ग का हितसाधन करेगा। वह भी केवल मरीचिका के रूप में, क्योंकि असत्य, अर्धसत्य या चुने हुए मनचाहे सत्य से किसी का वास्तविक हितसाधन कभी संभव ही नहीं है…" इस सवाल पर अनूप शुक्ल की पूरक
टिप्पणी " पढ़ रहे हैं आपके लेख धर्मवीरजी का लिखा हुआ। चंद्रभूषणजी की टिप्पणी के बारे में आपके जवाब का इंतजार है!"

इसलिए धर्मपाल के ही लिखे एक लेख से इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं.

अस्पृश्यता की जड़े
धर्मपाल

आज हिन्दुस्तान में हमारे अपने बारे में जो तस्वीर बनी है वह बहुत हद तक अंग्रेजों द्वारा बनाई गयी है. ऐसा नहीं है कि वह कोई साजिश वगैरह के तहत किया गया हो. उन्हें राज करना था तो कुछ तो ऐसा करना था कि राज-काज स्थाई हो. लेकिन एक कारण और रहा है. उनका अपना संसार जिस प्रकार चलता था उसी से उनकी दृष्टि बनी थी और वे हमको भी उसी दृष्टि से देखते थे. इसलिए हमारे लिए जरूरी है कि हम पहले यूरोप को समझें. इससे हमें यह समझ में आ सकता है कि आज हमारे समाज के बारे में जो तस्वीर हमारे मन में बनी है वह ऐसी क्यों है? यहां मैं भारत में अस्पृश्यता की भावना की खासतौर से चर्चा करूंगा.

1750 से अंग्रेजों ने भारत पर अपना प्रभुत्व जमाना आरंभ किया था. तभी से अस्पृश्यता की भावना बढ़ी और अधिक से अधिक लोगों को अस्पृस्य माना जाने लगा. तभी से अंग्रेजों ने भारत की स्मृतियों में से अपनी मान्यता और काम के उद्धरण लेने शुरू कर दिये और हमें कहा कि आपके शास्त्र यही कहते हैं. शुरू के दिनों में जब उनके पांव यहां जमने लगे तो उन्होंने बाकी के शास्त्रों का अंग्रेजी में अनुवाद भले ही रोक दिया हो लेकिन मनुस्मृति का अनुवाद जारी रखा. हम अंग्रेजों से 200-250 साल सीधे संपर्क में रहे लेकिन हमारे अधिक पश्चिमीकृत लोगों को भी यूरोप व इंग्लैंण्ड की पुरानी सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक व्यवस्था के बारे में अधिक जानकारी नहीं है. 1900 इस्वी तक तो इग्लैण्ड में ऊंच-नीच की धारणा व्यापक थी. इग्लैण्ड के 90 प्रतिशत लोग "लोअर आर्डर" में माने जाते थे. वैसे ही जैसे पिछले 200 सालों में हमारे यहां अधिकांश लोग पिछड़े और अस्पृश्य माने जाने लगे.

भारतीयों की यह मान्यता रही है कि हमेशा से यानी बहुत प्राचीन काल से वे भारत के वासी रहे हैं. शताब्दियों से इग्लैण्ड व यूरोप में ऐसी कोई मान्यता नहीं है. आज से हजार वर्ष पहले तक तो यूरोप के अधिकांश क्षेत्रों में यूरोप के बाहर से और यूरोप के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र पर आक्रमण होते रहे. वहां पहले से बसे अधिकांशतः लोगों को समाप्त कर दिया जाता था. जो बचे रह जाते थे उनको दास बना लिया जाता था. इग्लैण्ड से बाहर का अंतिम आक्रमण उत्तर यूरोप के नारमन लोगों का हुआ. उन्होंने 1066 ईस्वी के करीब इग्लैण्ड पर विजय प्राप्त की और 25-30 वर्षों में ही यहां की पूरी राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था बदल डाली. इसका परिणाम यह हुआ कि इग्लैण्ड में पहले से बसे लोग दासत्व की स्थिति में पहुंच

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छबडा प्लांट में विस्फोट से लगी आग, एक की मौत, 18 घायल

खास खबर - ‎4 घंटे पहले‎
कोटा। आज सबुह बारा जिले के छबडा स्थिति विद्युत संयंत्र की दूसरी इकाई में विस्फोट से आग लग गई जिसके कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 18 जख्मी हो गए। जिला प्रशासन के मुताबिक छबडा से करीब 22 किलोमीटर दूर गुना मार्ग पर स्थित संयंत्र की कोयला पिसाई मिल में विस्फोट के कारण आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा 18 लोग जख्मी हो गए। इस विस्फोट मे मारे गए व्यक्ति की पहचान महावीर सैन के रूप में की गई। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया ...
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22 लाख का माल चोरी

दैनिक भास्कर - ‎16 घंटे पहले‎
उदयपुर. शहर के शक्तिनगर मेन रोड पर एक ही कतार में बने पांच बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों से सोमवार रात बदमाशों ने लाखों की चोरी कर ली। चोरों ने ब्रांडेड कंपनी के ज्वैलरी शोरूम से करीब 20 लाख की आर्टीफिशियल ज्वैलरी चुरा ली। हार्डवेयर शॉप सहित तीन रेडिमेड कपड़ों के शोरूम से भी नकदी व कपड़े चुरा ले गए। एक साथ पांच प्रतिष्ठानों में करीब 22 लाख की चोरी की घटना पर व्यापारियों में रोष व्याप्त हो गया है। एसपी संजीव नार्जारी, एएसपी ...
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शादी से मना किया तो मार डाला

खास खबर - ‎7 घंटे पहले‎
उज्जैन। शादी से मना करने पर एक युवक की लडकी के भाई ने हत्या कर दी। यह घटना उज्जैन के चिमनगंज मंडी थाना इलाके की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार आगरा रोड स्थित यादव नगर का रहने वाला शाहरूख और उसके घर वाले चाहते थे कि उनका पडोसी इमरान (22) शाहरूख की तलाकशुदा बहन से शादी कर ले लेकिन इमरान ने ऎसा करने से साफ मना कर दिया और उसके घर वालों ने उसकी शादी दूसरी जगह तय कर दी थी। इससे क्रोधित होकर शाहरूख ने धारदार हथियार से इमरान पर हमला कर ...
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छत्तीसगढ़: 'ग्रीन हंट' सफल, 9 माह में 90 नक्सली मृत

जोश 18 - ‎9 घंटे पहले‎
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ मुहिम ग्रीन हंट के तहत कार्रवाई में पिछले वर्ष जुलाई से अब तक कम से कम 90 नक्सली मारे गए, हालांकि इस मुहिम में नौ पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं। छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक विश्व रंजन ने बुधवार को आईएएनएस से कहा, "राज्य में ऑपरेशन ग्रीन हंट सफल रहा है। सुरक्षा बलों की कार्रवाई की वजह से नक्सली एक जंगल से दूसरे जंगल में भाग रहे हैं। अब तक कम से कम 90 नक्सली मारे जा चुके हैं। ...
जोश 18In English
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पंजाब में जोड़े की हत्या

दैनिक भास्कर - ‎10 घंटे पहले‎
अमृतसर। भारत पाकिस्तान की सीमा के नजदीक स्थित पत्ती गांव में एक नवविवाहित जोड़े की कथित सम्मान के नाम पर आज हत्या कर दी गई। तरनतारन के पुलिस अधिक्षक सुखदेव सिंह बरार ने बताया कि पांच अज्ञात लोगों ने प्रभजोत कौर (19) और उसके पति प्रदीप सिंह (40) की हत्या कर दी। प्रभजोत उस समय परीक्षा देकर लौट रही थी। प्रभजोत कौर और उसके पति परदीप सिंह को पांच से आठ अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी। माना जा रहा है कि बंदूकधारी को प्रभजोत के ...

बाथे नरसंहार मामले मे सुनवाई पूरी

दैनिक भास्कर - ‎1 घंटा पहले‎
पटना. पटना. जहानाबाद जिले के लक्ष्मणपुर बाथे में वर्ष 1997 में हुए बहुचर्चित सामूहिक नरसंहार मे पटना सिविल कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है| कोर्ट इस मामले में फैसला 7 अप्रैल को सुनाएगा| इस मामले में 23 दिसंबर 2008 को रणवीर सेना के 46 लोगों को आरोपित किया गया था| पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अक्तूबर 1999 में उक्त मामले को जहानाबाद अदालत से पटना की निचली अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था। इस मामले में 152 गवाहों में से 91 अदालत के ...
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सरकार के फैसले को चुनौती देगी नलिनी

प्रातःकाल - ‎3 घंटे पहले‎
चेन्नई। राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी तमिलनाडु सरकार के फैसले को मद्रास हाईकोर्ट में चुनौती देगी। सरकार ने हाल ही में नलिनी की समय पूर्व रिहाई की याचिका को खारिज कर दिया था। नलिनी ने अपने इस फैसले से अपने वकील पी पुगाझेंधी को अवगत कराया। पुगाझेंधी ने कल शाम नलिनी से उच्च सुरक्षायुक्त महिला विशेष बंदीगृह में मुलाकात की थी। सरकार के इस फैसले के बाद नलिनी से मिलने वाले पुगाझेंधी पहले व्यक्ति थे। ...

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चार महानगरों सहित 13 शहरों में गुरुवार से पेट्रोल, डीजल महंगा

नवभारत टाइम्स - ‎2 घंटे पहले‎
नई दिल्ली ।। देश के चार महानगरों सहित 13 शहरों में गुरुवार यानी पहली अप्रैल से उच्च पर्यावरण मानकों वाले तरल पेट्रोलियम ईधन का इस्तेमाल अनिवार्य किए जाने से पेट्रोल करीब 50 पैसे और डीजल करीब 26 पैसे महंगा हो जाएगा। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 50 पैसे बढकर 47. 93 रुपये और डीजल का दाम 26 पैसे बढकर 38.10 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नै, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे, ...

दूसरा सबसे बड़ा विदेशी अधिग्रहण

वेबदुनिया हिंदी - ‎4 घंटे पहले‎
भारती एयरटेल द्वारा जईन के अफ्रीकी कारोबार का 10.7 अरब डॉलर में अधिग्रहण संबंधी सौदे के बाद भारतीय कंपनी वैश्विक स्तर पर शीर्ष दस दूरसंचार कंपनियों में शामिल हो जाएगी। यह किसी भारतीय कंपनी का दूसरा सबसे बड़ा विदेशी सौदा है। इसके अलावा यह भारत के दूरसंचार क्षेत्र से संबंधित दूसरा सबसे बड़ा सौदा भी है। इससे पहले 2007 में वोडाफोन हचिसन सौदा 10.8 अरब डालर में हुआ था। कुवैत की जईन के अफ्रीकी कारोबार के अधिग्रहण के बाद भारती की ...

निफ्टी 5250 के नीचे बंद

दैनिक भास्कर - ‎6 घंटे पहले‎
भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक उतार-चढ़ाव के बाद लगातार दूसरे कारोबारी दिन गिरावट के साथ बंद हुए। एफएमसीजी और आईटी क्षेत्र के शेयरों में आज सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा। बीएसई सेंसेक्स 62 अंक यानी 0.35% की कमजोरी के साथ 17528 पर रहा। निफ्टी 13 अंक यानी 0.25% की गिरावट के साथ 5249 पर बंद हुआ। एनएसई के मँझोले सूचकांक सीएनएक्स मिडकैप में 0.46% की मजबूती रही। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 0.25% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.49% की बढ़त रही। ...

पैन कार्ड नहीं, तो 20% ज्यादा टैक्स

प्रभात खबर - ‎1 घंटा पहले‎
नयी दिल्ली एक अप्रैल से जिन लोगों के पास पैन कार्ड नहीं होंगे, उन्हें अब 20 प्रतिशत ज्यादा टैक्स देना होगा. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट में घोषणा की थी कि एक अप्रैल तक जो अपना पैन नंबर मुहैया नहीं करायेंगे, उनकी आय से 20 फ़ीसदी तक टीडीएस (स्र्ोत पर कर) कट सकता है. टीडीएस की मौजूदा दर दो से 10 फ़ीसदी है. यह नियम प्रवासी और अप्रवासी दोनों ही नागरिकों पर लागू होगा. इसके पीछे सरकार का मकसद लोगों को पैन कार्ड बनवाने के लिए ...
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बचत खाते पर मिलेगा ज्यादा ब्याज

वेबदुनिया हिंदी - ‎4 घंटे पहले‎
बैंक में बचत खाता धारकों के ब्याज की गणना एक अप्रैल से दैनिक आधार पर होगी जिसका लाभ खाताधारकों को हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार बैंक एक अप्रैल से बचत जमाओं पर ब्याज की गणना दैनिक आधार पर करेंगे। अब तक ब्याज की गणना बचत बैंक खाते में महीने की दस तारीख से लेकर अंतिम तारीख तक उपलब्ध न्यूनतम राशि के आधार पर की जाती थी। बचत खाते पर फिलहाल 3.5 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता है, जो छमाही आधार पर मार्च व ...
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दुख भंजन हनुमान का किया वंदन

दैनिक भास्कर - ‎21 घंटे पहले‎
मंगलवार को बाड़मेर शहर सहित जिले भर में हनुमान जयंती श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाई गई। मंगलवार को शहर में गाजेबाजे के साथ हनुमानजी की शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें हनुमान व विभिन्न देवी-देवताओं की जीवंत झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। मंदिरों व विभिन्न सामाजिक भवनों के अलावा घरों में सुंदरकांड व हनुमान चालीसा के पाठ हुए तथा मंदिरों में विशेष आरतियों के बाद प्रसादी का वितरण किया गया। सदर बाजार स्थित हनुमान मंदिर में ...

थर्मल पावर प्लांट में ब्लास्ट

नवभारत टाइम्स - ‎2 घंटे पहले‎
कोटा ।। राजस्थान के बारां जिले में चौकी मोतीपुरा स्थित छबड़ा थर्मल पावर प्लांट की दूसरी यूनिट में दो कोयला मिलों में ब्लास्ट हो जाने से दो मजदूरों की मौत हो गई। इस हादसे में लगभग 24 लोग घायल हो गये। घायलों में 8 की हालत नाजुक बताई जाती है। चीफ इंजिनियर जे. पी. चतुर्वेदी के अनुसार ब्लास्ट उस समय हुआ जब छबड़ा थर्मल की नई बनी दूसरी यूनिट के सिंक्रोनाइजेशन का काम चल रहा था। उन्होंने बताया कि इस यूनिट को बुधवार दोपहर लगभग 12.30 बजे ...
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एफडीआई नियमों को एक दस्तावेज में समेटा

याहू! भारत - ‎2 घंटे पहले‎
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश [एफडीआई] से संबंधित नियम जानने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। सरकार ने पिछले बीस साल में एफडीआई नीति में हुए तमाम बदलावों को एक समेकित नीतिगत दस्तावेज में बदल दिया है। इसके जरिए अब विदेशी निवेशकों को एफडीआई नियमों से संबंधित समस्त जानकारी एक ही जगह उपलब्ध हो जाएगी। लेकिन सरकार इस दस्तावेज के जरिए भी सरकार उद्योगों में स्वामित्व को लेकर उत्पन्न विवाद को खत्म नहीं कर पाई है। ...
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एरिक्सन को मिला एयरटेल से बड़ा सौदा

वेबदुनिया हिंदी - ‎4 घंटे पहले‎
स्वीडन की दूरसंचार उपकरण निर्माता एरिक्सन ने कहा कि उसे भारत की भारती एयरटेल से 1.3 अरब डॉलर का ठेका मिला है। उसे यह अनुबंध एयरटेल के नेटवर्क के विस्तार तथा उन्नयन के लिए दिया गया है। एरिक्सन के बयान में कहा गया है, एरिक्सन भारत के 22 में से 15 दूरसंचार सर्कलों में एयरटेल के नेटवर्क का विस्तार एवं उन्नयन करेगी। वहीं नेटवर्क के विस्तार एवं उन्नयन से एयरटेल इन सर्कलों में ग्रामीण इलाकों में अपनी पहुँच बढ़ाने के साथ-साथ ...
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तेरह शहरों में अब नहीं बिकेगी मारुति-800

वेबदुनिया हिंदी - ‎4 घंटे पहले‎
भारतीय कार बाजार में क्रांति लाने के 26 वर्षों बाद मारुति सुजुकी गुरुवार को 13 शहरों में अपने 'एम-800' मॉडल की बिक्री बंद कर देगी। एक अप्रैल से इन तेरह शहरों में उत्सर्जन के नए मानक लागू हो जाएँगे। मारुति-800 को पहली बार कंपनी के गुड़गाँव संयंत्र से 14 दिसंबर, 1983 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की उपस्थिति में पेश किया गया था। अब इस कार की बिक्री राष्ट्रीय राजधानी एवं मुंबई सहित 13 शहरों में नहीं होगी। ...
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रिटेल में छूट.. लूट सके तो लूट

Business standard Hindi - ‎30 मिनट पहले‎
शेयर बाजार में निवेश करने वाले आर के दमाणी की रिटेल शृंखला डी मार्ट का एक हाइपरमार्केट ठाणे में है। वहां 65 रुपये कीमत वाला फ्लोर क्लीनर केवल 1 रुपये में मिल रहा है। संडे सनफ्लावर ऑयल यहां बाजार से आधी कीमत पर मिल रहा है और ब्रुक बॉड रेड लेबल चाय के 950 ग्राम के डिब्बे पर 25 फीसदी छूट मिल रही है। जबरदस्त प्रतिस्पद्र्धा के बीच ग्राहक खींचने के लिए ज्यादातर हाइपरमार्केट छूट के ऐसे ही हथियार चला रहे हैं। ...
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आमिर खान हैं पूरे इंडिया के ब्रांड अम्बैसडर

दैनिक भास्कर - ‎5 घंटे पहले‎
नई दिल्ली. सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के गुजरात के ब्रांड अम्बैसेडर बनने से उपजे विवाद के बीच बॉलीवुड स्टार आमिर खान ने आज खुद के बारे में कहा कि वह पूरे भारत के ब्रांड अम्बैसडर हैं । आमिर से जब पूछा गया कि क्या वह किसी राज्य के अम्बैसेडर बनेंगे, तो उन्होंने कहा, ''मैं अतुलनीय भारत का विज्ञापन करता हूं और इस कारण पूरे भारत का अम्बैसेडर हूं ।'' अदाकार 'अतुलनीय भारत' अभियान के प्रमुख चेहरे रहे हैं । यह मुहिम देश में पर्यटन को ...
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पावर अभियंताओं ने किया कार्य बहिष्कार

हिन्दुस्तान दैनिक - ‎1 घंटा पहले‎
आगरा में वितरण को निजी हाथों में देने के विरोध में पावर अभियंता ने कार्य बहिष्कार किया। पावर अफसरों का दावा है कि इससे कार्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। आगरा में पावर कारपोरेशन के वितरण का काम निजी हाथों में देने का फैसला लिया गया है। पावर कर्मचारी इसके विरोध में उतर आए हैं। बुधवार को अभियंताओं के साथ-साथ कर्मचारियों ने भी कार्यबहिष्कार किया। ओटीएस का अंतिम दिन होने के कारण कई स्थानों पर दिक्कत भी आई। पावर कारपोरेशन के ...
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हीरो होंडा के खाते में डिविडेंड का रचा इतिहास

Hindi- Economic times - ‎12 घंटे पहले‎
नई दिल्ली : अगर आपके पास हीरो होंडा के शेयर हैं, तो आपकी दिवाली अप्रैल में ही हो जाएगी। इस साल अपनी रजत जयंती मना रही ऑटोमोबाइल कंपनी हीरो होंडा ने मंगलवार को शेयर बाजार के इतिहास में अब तक का सबसे ज्यादा डिविडेंड घोषित किया और अगले महीने एक और डिविडेंड देने की संभावना जताई। दरअसल, कंपनी इन दिनों अपने शेयरधारकों को मुनाफे के अंश से नवाज रही है। वॉल्यूम के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया कंपनी 2 रुपए की फेस वैल्यू के हर ...
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तेल के लिए हो 'पारदर्शी व्यवस्था'

दैनिक भास्कर - ‎20 घंटे पहले‎
कानकून (मेक्सिको). भारत तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें तय करने के लिए ऐसी पारदर्शी व्यवस्था चाहता है जिससे उत्पादक और उपभोक्ता दोनों तरह के देशों को लाभ हो। कानकून में आयोजित 12वें अंतरराष्ट्रीय एनर्जी फोरम में भारत ने इस मसले को जोरदार तरीके से उठाने का फैसला किया है। 30-31 मार्च को आयोजित हो रहे इस दो दिवसीय फोरम में भारतीय दल का नेतृत्व पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा कर रहे हैं। 64 देशों के ऊर्जा मंत्री और प्रतिनिधियों की ...
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भारत में सूचीबद्ध होगी स्टैंडर्ड चार्टर्ड

वेबदुनिया हिंदी - ‎३०-०३-२०१०‎
भारतीय शेयर बाजारों में पहली बार एक वैश्विक कंपनी स्टैंडर्ड चार्टर्ड सूचीबद्ध होने की तैयारी में है। ब्रिटेन की बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा कंपनी स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट (आईडीआर) के जरिए 50 करोड़ डॉलर से अधिक धन जुटाने की नियामक से मंजूरी माँगी है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने 22 करोड़ आईडीआर (डिपॉजिटरी शेयर) जारी करने के लिए मंजूरी के लिए शेयर बाजार नियामक सेबी से संपर्क किया है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड के सीईओ ...

'अप्रैल फूल' बनाएं, पर शब्दों के बाण न चलाएं

हिन्दुस्तान दैनिक - ‎13 घंटे पहले‎
हंसी, ठहाके और मज़ाक तो ज़िंदगी का हिस्सा है और मज़ाक के साथ लोग एक-दूसरे को मूर्ख़ बनाने की भी कोशिश करते हैं। हास्य-व्यंग्य से जुड़े दिग्गजों का कहना है कि ख़ुशनुमा माहौल के लिए तो किसी को मूर्ख़ बेशक बनाया जा सकता है लेकिन यह ख़्याल रखना भी ज़रूरी है कि आपकी किसी बात से सामने वाले शख़्स का दिल न दुखे। हास्य की दुनिया के मशहूर कवि ओम व्यास के मुताबिक, भारत में लोगों का मिजाज़ बड़ा मस्तमौला है और लोग एक दूसरे के साथ जमकर ...
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तीन दुरंतो ट्रेनों को हरी झंडी

खास खबर - ‎4 घंटे पहले‎
नई दिल्ली। रेल मंत्री ममता बनर्जी ने आज राजधानी को हावडा, भुवनेश्वर और जम्मू तवी से जोडने वाली तीन दुरंतो ट्रेनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। ममता ने नई दिली रेलवे स्टेशन पर आयोजित एक समारोह में नई दिल्ली से भुवनेश्वर, नई दिल्ली से हावडा और दिल्ली सराय रोहिल्ला से जम्मू तवी के बीच चलने वाली नॉन स्टाप दुरंतो ट्रेनों को रिमोट से झंडी दिखा कर रवाना किया। इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, रेल राज्यमंत्री इ ...
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सोना तेज, चांदी स्थिर

प्रातःकाल - ‎3 घंटे पहले‎
नई दिल्ली, ३१ मार्च। अंतराष्ट्रीय बाजार में तेजी और स्थानीय स्तर पर सामान्य ग्राहकी के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने के भाव ६५ रूपए बढ़कर १६५९० रूपए प्रति दस ग्राम दर्ज किए गए जबकि चांदी की कीमतें पिछले कारोबारी दिवस के २७२०० रूपए प्रति किलो पर पड़ी रही। जानकारों के अनुसार यूनान के रिण संकट के असर से निकलने की उम्मीदों से यूरो को मजबूती मिल रही है। डालर पर दबाव बनने से सोने की ओर ग्राहक आकॢषत हो रहे हैं। ...
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महिला समृद्धि बैंक की २ और शाखाएं खुलेगी

प्रातःकाल - ‎16 घंटे पहले‎
उदयपुर, ३० मार्च (वि)। दी उदयपुर महिला समृद्धि अरबन को-ऑप. बैंक लि. की १६ वीं आमसभा बैंक अध्यक्ष श्रीमती किरण जैन की अध्यक्षता में सुखाडिय़ा रंगमंच पर सम्पन्न हुई। श्रीमती जैन ने बैंक की आगामी योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में घोषित दो नई शाखाएं गोवर्धन विलास एवं सलूम्बर को प्रारंभ कर दिया गया है एवं शीघ्र ही बैंक द्वारा दो और नई शाखाएं खोली जावेंगी। एनीवेयर बैंकिंग भी प्रारम्भ कर दी गई है। इसके पश्चात बैंक के ...
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रूस में फिर हुए सूइसाइड अटैक

नवभारत टाइम्स - ‎2 घंटे पहले‎
मॉस्को ।। रूस में दागेस्तान के अशांत काकेकस इलाके में बुधवार को दो आत्मघाती हमलावरों द्वारा किए गए शक्तिशाली विस्फोटों में 12 लोगों के मारे जाने और लगभग 27 के घायल होने की खबर है। हमलावरों में से एक पुलिस की वर्दी में था। एक हफ्ते के भीतर रूस में मॉस्को के बाद यह दूसरा आत्मघाती हमला है। रूस के सिक्युरिटी चीफ ने इन हमलों में जॉर्जियन इंटेलिजेंस सर्विस का हाथ होने की संभावना से इनकार नहीं किया है। उधर, प्रधानमंत्री ...

बेनजीर हत्याकांड में जांच रिपोर्ट पर रोक

खास खबर - ‎6 घंटे पहले‎
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र संघ ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के आग्रह के बाद पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या से संबंधित अपनी जांच रिपोर्ट को 15 अप्रैल तक जारी नहीं करने का फैसला किया है। हालांकि चिली के राजदूत हेराल्डो मुनोज की अध्यक्षता में गठित इस तीन सदस्यीय आयोग का गठन खुद पाकिस्तान सरकार के आग्रह पर किया गया था और इसने जुलाई 2009 में अपना काम शुरू भी कर दिया था। इस रिपोर्ट को गुरूवार को ...

हेलमंद प्रांत में धमाका, 13 मौतें

बीबीसी हिन्दी - ‎2 घंटे पहले‎
दक्षिणी अफ़गानिस्तान के हेलमंद प्रांत के एक गांव के बाज़ार में हुए ज़बर्दस्त धमाके में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हैं. लश्कर गाह शहर के पास बाबाजी में हुए इस हमले का निशाना किसान और दुकानदार बने जो भेड़ों की खरीद बिक्री करने के लिए बाज़ार में थे. स्थानीय पुलिस का कहना है कि यह धमाका साइकिल में बांधे गए बम से किया गया था और इसमें रिमोट के ज़रिए विस्फोट किया गया. इससे पहले की रिपोर्टों में प्रांतीय सरकार ...
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मोइली, बालाकृष्णन अमेरिका में होने वाले कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे

खास खबर - ‎10 घंटे पहले‎
नई दिल्ली। कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली, प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन और अटार्नी जनरल जीई वाहनवती ने अमेरिका में जार्जिया विश्वविद्यालय में होने वाले कार्यक्रम में नहीं जाने का निश्चय किया है। इनका जार्जिया विवि के डीन रस्क सेंटर फॉर इंटरनेशनल लीगल स्टीडज में एक तीन दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होने का कार्यक्रम था। इस बीच विदेश मंत्रालय ने कानून मंत्रालय के सचिव (न्याय) को पत्र लिखकर कहा है कि यह प्रस्तावित ...
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कनाडा में सिख की हत्या

दैनिक भास्कर - ‎21 मिनट पहले‎
टोरंटो (कनाडा). जन्मदिन की पार्टी में शोरगुल को लेकर दो पड़ोसियों में हुए झगड़े में एक सिख बूटा सिंग सांगा की छुरा मार कर हत्या कर दी गई। वह पार्टी में मेहमान था। पुलिस ने बताया कि पार्टी रविवार को हुई थी। 'द वेंकूवर सन' अखबार ने इंटीग्रेटेड होमीसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम के डेल कार के हवाले से बताया, 'यह घटना पड़ोसियों के बीच झगड़े की नतीजा थी और इसका किसी गिरोह से संबंध नहीं है। न ही यह कोई ड्रग्स या संगठित अपराध से संबंधित ...
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कुछ पार्टियां साथ हैं, कुछ आ जाएंगीः रामदेव

नवभारत टाइम्स - ‎12 घंटे पहले‎
काठमांडो।। योगगुरु स्वामी रामदेव ने बुधवार को कहा कि उन्होंने भारत में व्यवस्था परिवर्तन लाने के उद्देश्य से वर्ष 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारत स्वाभिमान के बैनर तले ईमानदार और राष्ट्रवादी उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है और फिलहाल कुछ राजनीतिक दल उनके करीब हैं और कुछ को वक्त करीब ला देगा। अगले लोकसभा चुनाव में सभी 543 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने, लेकिन खुद चुनाव नहीं लड़ने के संबंध ...
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मारे गये तालिबान के बीस आतंकवादी

प्रभात खबर - ‎10 घंटे पहले‎
इस्लामाबाद : पाकिस्तान अफगान सीमा के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में कल रात पाकिस्तान की सेना के साथ लड़ाई में बीस तालिबानी आतंकवादी मारे गए. हालांकि इस घटना में पांच सैनिकों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि स्वचालित हथियारों और रॉकेट से लैस दर्जनों आतंकवादियों ने खैबर आदिवासी क्षेत्र में बनी एक सुरक्षा चौकी पर कल रात हमला बोल दिया. इनमें से एक आत्मघाती हमलावर भी शामिल था. उसके विस्फोट से पांच सैनिक मारे ...
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फिर खुलेगा जरदारी के खिलाफ आर्थिक धोखाधड़ी का मामला

हिन्दुस्तान दैनिक - ‎5 घंटे पहले‎
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट को बुधवार को सूचित किया गया कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ आर्थिक धोखाधड़ी के मामले को फिर से खोलने के लिए स्विटजरलैंड के अधिकारियों से संपर्क किया गया है। जियो न्यूज ने खबर दी है कि नेशनल एकाउंटबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) के अध्यक्ष नावीद अहसान ने अदालत को बताया है कि मामले को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया जारी है और इसके लिए स्विटजरलैंड के अधिकारियों को लिखा गया है। ज्ञात हो कि जरदारी का ...

ईरान पर जल्द लगें प्रतिबंध : ओबामा

खास खबर - ‎10 घंटे पहले‎
वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए जल्द ही नए प्रतिबंध लगाए जाने की जरूरत है। यह काम महीनों के बजाए कुछ ही हफ्तों में होना चाहिए। खबरों के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी के साथ मंगलवार को हुई बातचीत के बाद ओबामा ने ईरान पर जल्द प्रतिबंध लगाने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में फ्रांस सहित अन्य देशों के साथ बातचीत जारी है। ...

ब्रिटिश उच्चायोग ने लांच की हिंदी वेबसाइट

याहू! जागरण - ‎1 घंटा पहले‎
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारत के अधिकांश भागों तक पहुंचने की कोशिश के तहत ब्रिटिश उच्चायोग ने अपनी हिंदी वेबसाइट लांच कर दी है। बुधवार को ब्रिटिश उच्चायोग में वेबसाइट की औपचारिक शुरुआत करते हुए उच्चायुक्त रिचर्ड स्टैग ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में और सकारात्मक बदलाव आएगा। उन्होंने बताया कि हिंदी वेबसाइट पर जानकारियां ठीक उसी तरह अपडेट की जाएंगी जैसे अंग्रेजी वेबसाइट पर की जाती हैं। वेबसाइट पर वीजा ...
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पाकिस्तान में 20 आतंकवादी ढेर (लीड-1)

That's Hindi - ‎5 घंटे पहले‎
इस्लामाबाद, 31 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर सीमांत कबायली क्षेत्र में बुधवार को सुरक्षाबलों ने अपनी एक चौकी पर हुए आतंकवादी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई की जिसमें 20 आतंकवादी मारे गए और 30 घायल हो गए। 'इंटर-सर्विसेस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के बयान में कहा गया है, "खैबर एजेंसी की जांसी चौकी पर करीब 80 से 100 हथियारबंद आतंकवादियों ने विस्फोटक से भरे वाहनों के साथ हमला किया।" बयान के अनुसार, "सुरक्षा बलों ने तुरंत ...
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हसीना की जान को खतरा

दैनिक भास्कर - ‎16 घंटे पहले‎
ढाका. भारतीय एवं अन्य विदेशी खुफिया एजेंसियों द्वारा प्रधानमंत्री शेख हसीना एवं देश के संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर हमले की आशंका जताए जाने के बाद देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। खुफिया एजेंसियों ने यह जानकारी तब जारी की जब सरकार ने 1971 के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान निहत्थे नागरिकों को मारने वाले आरोपी युद्ध अपराधियों के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए। हसीना ने सोमवार को कहा कि उनकी जान के अलावा देश के सरकारी इमारतों, ...

मृत्युदंड पर प्रतिबंध लगाये भारत: एमनेस्टी

आज तक - ‎14 घंटे पहले‎
भारत ने बीते पांच वषरें में हालांकि किसी को भी मृत्युदंड नहीं दिया है लेकिन मानवाधिकार समर्थक एक प्रमुख संस्था ने सरकार से मौत की सजा पर रोक लगाने की आज मांग की. अपनी वार्षिक रिपोर्ट में 'एमनेस्टी इंटरनेशनल' ने 2004 से किसी को भी मौत की सजा नहीं देने का स्वागत किया लेकिन सरकार से अपील की कि वह अपना मिला जुला रिकार्ड दुरुस्त करे और इस सजा के उन्मूलन के संबंध में तेजी से आगे कदम बढ़ाये. रिपोर्ट में कहा गया है, ''लगातार पांचवें ...

कनाडा में बुरका पहनने वाली महिलाओं को भरना होगा जुर्माना

हिन्दुस्तान दैनिक - ‎9 घंटे पहले‎
फ्रेंच भाषी क्यूबेक प्रांत में नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगने के बाद अब कनाडा पुलिस का कहना है कि किसी मामले में गिरफ्तारी के बाद अगर महिलाएं नकाब हटाने से इंकार करेंगी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कनाडाई कानून के तहत पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उनके शॉट्स लेती है। देश में हालांकि अब तक नकाब पहनने वाली किसी महिला की गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन पुलिस ने मंगलवार को कहा कि शॉट लेने के दौरान चेहरे से नकाब न ...
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डीएमके में उत्तराधिकार पर घमासान

डी-डब्लू वर्ल्ड - ‎3 घंटे पहले‎
डीएमके में उत्तराधिकार को लेकर छिड़े घमासान को पार्टी प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने यह कह कर शांत करने की कोशिश की है कि नए नेता का नाम तय करने का अधिकार सिर्फ पार्टी को है. करुणानिधि के बड़े बेटे और केंद्रीय मंत्री एमके अझागिरी ने यह कहकर इस विवाद की शुरुआत की कि करुणानिधि में ही पार्टी का नेतृत्व करने की क्षमता और योग्यता है. अझागिरी ने कहा कि वह करुणानिधि के अलावा किसी और को नेता के तौर पर स्वीकार ...
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स्रेब्रेनित्सा नरसंहार पर सर्बिया की माफी

डी-डब्लू वर्ल्ड - ‎3 घंटे पहले‎
सर्बिया की संसद ने एक ऐतिहासिक प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसमें 1995 के स्रेब्रेनित्सा हत्याकांड की निंदा की गई है. इस नरसंहार में आठ हजार मुसलमानों को मारा गया लेकिन सर्बिया वर्षों तक इसके अस्तित्व से इनकार करता रहा. 13 घंटे की बहस के बाद ढाई सौ सदस्यों वाली सर्बियाई संसद में 127 वोटों के मामूली बहुमत से इस प्रस्ताव को पारित किया गया, लेकिन इसमें जनसंहार शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है. पश्चिम समर्थक सत्ताधारी गठबंधन ने ...
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बेल्जियम में बुर्के पर बैन की तैयारी

डी-डब्लू वर्ल्ड - ‎3 घंटे पहले‎
बेल्जियम की संसद की एक समिति ने सार्वजनिक स्थलों पर बुर्का पहनने पर देश भर में प्रतिबंध लगाने का फ़ैसला लिय़ा है. संसद की गृह नीति से जुड़ी समिति ने एकमत से लिबरल सदस्यों द्वारा पेश प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी जिसमें ऐसा कोई भी कपड़ा या नक़ाब पहनने पर रोक होगी जिससे पहनने वाले की पहचान न हो सके. यह प्रतिबंध चेहरे को ढकने वाले नक़ाब और बुर्के पर भी लागू होगा. यह बिल 22 अप्रैल को संसद में पेश होगा जहां इसके पारित हो जाने की ...
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तालिबान समर्थक आतंकियों ने तीन स्कूलों को फूंका

एनडीटीवी खबर - ‎3 घंटे पहले‎
तालिबान समर्थक आतंकवादियों ने पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में ओरकजई कबायली इलाके में तीन स्कूलों और तीन घरों को आग लगा दी। गौरतलब है कि सुरक्षाबलों ने इन इलाकों से आतंकवादियों को निकाल बाहर करने के लिए अभियान चलाया है। आतंकवादियों ने ओरकजई एजेंसी के उफ्मान खेल कस्बे में स्कूलों और घरों को आग लगा दी। सुरक्षाबलों ने यहां पिछले सप्ताह से अब तक लगभग 150 आतंकवादियों को मार गिराया है और तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के प्रमुख ...
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हिंग्लिश के बाद अब रशग्लिश

याहू! जागरण - ‎11 घंटे पहले‎
मास्को। क्वीन्स इंग्लिश के बाद दुनिया ने हिंदी मिश्रित अंग्रेजी 'हिंग्लिश' को भी अंग्रेजी भाषा के ही एक अन्य प्रकार के रूप में मान्यता दे दी है और अब अंग्रेजी का एक नया रूप 'रशग्लिश' भाषाई जगत में आकार ले रहा है। अमेरिकी मेरियन ओपन डिक्शनरी में अंग्रेजी मिश्रित रूसी शब्दों को समाहित कर लिया गया है। शब्दकोश में एक नई शब्दावली 'रूमोरोलोजी' के साथ 'रशग्लिश' को पेश किया गया है जिसका अर्थ है 'अफवाहें फैलाने का अध्ययन या अभ्यास। ...

मलेशिया में उपेक्षित नहीं हैं तमिल स्कूल और साहित्य

That's Hindi - ‎9 घंटे पहले‎
कुआलालंपुर, 31 मार्च (आईएएनएस)। मलेशिया में भारतीय जातीय अल्पसंख्यकों द्वारा तमिल स्कूलों और साहित्य के प्रति सौतेला व्यवहार अपनाए जाने की आलोचना के बीच उप प्रधानमंत्री मुहिउद्दीन यासीन ने कहा है कि ये संस्थान राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। मलेशियाई संसद के कुछ सदस्यों के इन आरोपों को गलत बताते हुए यासीन ने मंगलवार को कहा कि तमिल स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं और किसी भी छात्र पर ...

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