नयी दिल्ली, 31 जनवरी (एजेंसी) केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में आज दावा किया कि मीडिया में प्रसारित किए गए 'राडिया टेप' में जोड़ तोड़ की गयी थी और रिकार्ड की गयी इन टेलीफोन वार्ताओं के टेप के लीक के लिए काई सरकारी एजेंसी जिम्मेदार नहीं है। उद्योगपति रतन टाटा की याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूति जी एस सिंघवी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष दाखिल मोहरबंद गोपनीय रिपोर्ट में सरकार ने टैप की गयी टेलीफोन वार्ताओं के प्रसारित अंशों के बारे में ये दावे किए है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उस समय कंपनियों के लिए लाबिंग का काम करने वाली नीरा राडिया की टेलीफोन बातचीत टैप बीच में रिकार्ड: करने मेंं दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों समेत आठ से दस एजेंसियां शामिल थीं। मामले की सुनवाई कर रही खंडपीठ ने सरकार की इस रपट के कुछ शुरूआती पृष्ठों को देखा है, जिसमें कहा गया है कि मीडिया में प्रसारित वार्ता के टेपों में जोड़ घटाव किए गए हैं। रिपोर्ट का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति सिंघवी ने कहा कि बातचीत के शुरूआती और अंतिम अंश मूल टेप से मेल नहीं खाते हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि जो सरकारी अधिकारी मामले की जांच से जुड़े थे उन्हेंं जानकारी नहीं है कि ये टेप किसने लीक किए। खंडपीठ ने कहा, ''यह संभव है कि ऐसा किसी और ने किया हो।'' |
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