Thursday, 20 February 2014 18:19 |
उच्चतम न्यायालय ने हाल में सोनी को जमानत पर रिहा किया है। सोनी पर आरोप है कि उन्होंने सितंबर 2011 में ''संरक्षण धन'' के तौर पर एक कंपनी से वसूली रकम माओवादियों तक पहुंचाने में मदद की। उन्हें पांच अन्य मामलों में बरी कर दिया गया है। सोनी ने पार्टी के फेसबुक पेज पर लिखा, ''मेरी रुचि राजनीति में कभी नहीं रही। मैं एक सामान्य जीवन जीना चाहती थी। लेकिन पुलिस हिरासत में यातना और अत्याचार ने मेरा पूरा नजरिया और सोचने का तरीका बदल दिया।'' उन्होंने कहा, ''अब मैं चुनाव लड़ना चाहती हूं और आप के जरिए प्रणाली को बदलना चाहती हूं।'' हालांकि आप ने अभी तक यह घोषणा नहीं की है कि पार्टी सोनी को चुनाव का टिकट देगी। पार्टी ने पूर्व में इस बात को खारिज कर दिया था कि सोनी को छत्तीसगढ़ के बस्तर से लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर उतारने की योजना पर बात चल रही है। पार्टी ने इंफोसिस के पूर्व सीएफओ वी बाला के आप का सदस्य बनने के निर्णय का जिक्र करते हुए पोस्ट में कहा, ''सॉफ्टवेयर दिग्गज इंफोसिस के बोर्ड सदस्य के तौर पर इस्तीफा देकर कॉरपोरेट जगत में हलचल मचाने वाले बाला आप में शामिल हो गए हैं।'' पार्टी ने कहा, ''उन्होंने :बाला: इंफोसिस में दो दशक से अधिक समय बिताया, जहां उन्होंने मुख्य वित्तीय अधिकारी, बोर्ड सदस्य और हाल में इसकी भारतीय कारोबार की इकाई, बीपीओ और फिनेकल के प्रमुख समेत कई भूमिकाएं संभाली।'' इसके अलावा मणिपुर-त्रिपुरा कैडर के 1967 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी बी एल वोहरा के साथ लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एच एस पनाग और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) टी के चड्ढा पार्टी में शामिल हो गए हैं। |
Thursday, February 20, 2014
आदिवासी कार्यकर्ता 'सोनी सोरी', इंफोसिस के पूर्व सदस्य वी बाला 'आप' में शामिल
आदिवासी कार्यकर्ता 'सोनी सोरी', इंफोसिस के पूर्व सदस्य वी बाला 'आप' में शामिल
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