डॉ महीप सिंह नहीं रहे l ------------------------ हिंदी के सुपरिचित कथाकार डॉ महीप सिंह का निधन हो गया।वे 85 वर्ष के थे।चार दशक से भी अधिक समय में डॉ महीप सिंह ने लगभग 125 कहानियाँ लिखीं।काला बाप गौरा बाप,पानी और पुल,सहमे हुए,लय, धूप की उँगलियों के निशान, दिशांतर और कितने सैलाब जैसी कहानियाँ मील के पत्थर हैं।उनके उपन्यास यह भी नहीं और अभी शेष है काफी चर्चित रहे।वे संचेतना के संपादक भी रहे।उनकी स्मृति को नमन। (Lalitya Lalit से प्राप्त सूचना )
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