Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Wednesday, March 30, 2016

प्रो. आफ़ाक़ अहमद नहीं रहे

प्रो. आफ़ाक़ अहमद नहीं रहे 
-----------------------------------
बयान
(30-03-2016)

उर्दू के जाने-माने अफ़सानानिग़ार, नक्काद, शायर और जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. आफ़ाक़ अहमद का भोपाल में कल देर रात इंतकाल हो गया. आज, 30 मार्च को, दोपहर बाद उन्हें भोपाल के जहांगीराबाद कब्रिस्तान में सुपुर्दे-खाक़ किया गया.

प्रो. आफ़ाक़ अहमद मध्यप्रदेश के शिक्षा विभाग से उर्दू प्रोफ़ेसर के पद से सेवानिवृत्त थे. शिक्षक के अलावा वे आल इंडिया अल्लामा इक़बाल अदबी मर्क़ज़ के सचिव और चेयरमैन रहे. मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी के भी वे सचिव रहे, जहां से वे वेतन नहीं लेते थे. 'पुरज़ोर ख़ामोशी' (कहानी संग्रह) और 'अमानते क़ल्बोनज़र' (आलोचना पुस्तक) उनकी चर्चित किताबें हैं. 'गज़लीसे इक़बाल' का वे सम्पादन करते थे जो मर्क़ज़ के सेमिनारों के लेखों/भाषणों का सालाना संचयन है.

जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के साथ ही हाल-हाल तक वे जलेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी रहे थे. जलेस के साथ उनका अटूट नाता संगठन की स्थापना के समय से ही था. अदब में ही नहीं, अपने जीवन में भी वे तरक्क़ीपसंद-जम्हूरियतपसंद उसूलों के बड़े पक्के थे. इसी वजह से भोपाल के सार्वजनिक जीवन में उनकी बहुत इज़्ज़त थी. शहर के हिन्दू और मुस्लिम, दोनों समुदायों में उनकी व्यापक स्वीकार्यता थी और साम्प्रदायिक तनावों के बीच शांति स्थापना में उनकी उल्लेखनीय भूमिका रहती थी. भोपाल शहर में उनके लेखन के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व और वक्तृता के प्रशंसक बड़ी संख्या में हैं. इसी साल 14 फरवरी को जनवादी लेखक संघ के मध्यप्रदेश राज्य-सम्मलेन के दोनों सत्रों को अपने पुरजोश अंदाज़ में संबोधित कर उन्होंने आश्वस्त कर दिया था कि अस्सी की उम्र में भी उनमें युवाओं जैसा जज़्बा और सजगता है. 'आज के हालात और लेखकों का प्रतिरोध' जैसे विषय पर उन्हें सुनते हुए उनकी प्रखरता से सभी प्रभावित हुए थे और इस बात की आशंका का कोई कारण नहीं था कि वे कुछ ही दिनों में हमें छोड़ जायेंगे.

जनवादी लेखक संघ अपने इस साथी के निधन पर शोक-संतप्त है. आफ़ाक़ साहब का न रहना हमारे लिए एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती. हम गहरी वेदना के साथ उन्हें नमन करते हैं.


मुरली मनोहर प्रसाद सिंह (महासचिव)

संजीव कुमार (उप-महासचिव)


--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...