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Sunday, May 22, 2016

बंगालभर में अराजकता फैलाने वाले बजरंगी ब्रिगेड की महानायिका रूपा गांगुली सत्ता के हमले में बुरी तरह पिट गयी है और सत्ता ने उनकी गाड़ी का भा कबाड़ा बना दिया रूपा गांगुलीके सिर में चोटें आई हैं और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गौरतलब है कि मौका शोक का है और मिजाज उग्रतम हिंसक है और यह सत्ता का चेहरा है।गौरतलब है कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट अभियान के दौरान बंगाल के तीन पर्वतारोही के लापता होने की खबर है। इनमें एक महिला पर्वतारोही भी हैं। शनिवार की सुबह से ही उनसे बेस कैंप का संपर्क टूट गया। लापता पर्वतारोही के नाम गौतम घोष, परेश नाथ और सुनीता हाजरा बताये गये हैं। माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई में उनके साथ बंगाल के अन्य पर्वतारोही भी साथ थे। बताया गया है कि अचानक तीन पर्वतारोही अपने दल से बिछड़ गये। सूत्रों के अनुसार दुर्गापुर के रहनेवाले परेश नाथ दिव्यांग हैं। बंगाल में नजारे सत्ता के हक में बहार हैं और इंच इंच बदला है। यादवपुर विश्वविद्यालय में इन्हीं रूपा गांगुली की अगुवाई में बजरंगी धावे पर दीदी खामोश हैं तो मध्य कोलकाता में एक सेमिनार में जेएनयू के छात्रनेता के

बंगालभर में अराजकता फैलाने वाले बजरंगी ब्रिगेड की महानायिका रूपा गांगुली सत्ता के हमले में बुरी तरह पिट गयी है

और सत्ता ने उनकी गाड़ी का भा कबाड़ा बना दिया


रूपा गांगुलीके सिर में चोटें आई हैं और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


गौरतलब है कि मौका शोक का है और मिजाज उग्रतम हिंसक है और यह सत्ता का चेहरा है।गौरतलब है कि  दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट अभियान के दौरान बंगाल के तीन पर्वतारोही के लापता होने की खबर है। इनमें एक महिला पर्वतारोही भी हैं।


शनिवार की सुबह से ही उनसे बेस कैंप का संपर्क टूट गया। लापता पर्वतारोही के नाम गौतम घोष, परेश नाथ और सुनीता हाजरा बताये गये हैं। माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई में उनके साथ बंगाल के अन्य पर्वतारोही भी साथ थे। बताया गया है कि अचानक तीन पर्वतारोही अपने दल से बिछड़ गये। सूत्रों के अनुसार दुर्गापुर के रहनेवाले परेश नाथ दिव्यांग हैं।


बंगाल में नजारे सत्ता के हक में बहार हैं और इंच इंच बदला है।

यादवपुर विश्वविद्यालय में इन्हीं रूपा गांगुली की अगुवाई में बजरंगी धावे पर दीदी खामोश हैं तो मध्य कोलकाता में एक सेमिनार में जेएनयू के छात्रनेता के आने के मौके पर बजरंगियों ने बाकायदा आम जनता के लिए कर्प्यू जैसे हालात बना दिये।मतदान के दौरान रूपा गांगुली और भाजपा के दूसरे स्टार लाकेट चटर्जी के तेवर बेहद आक्रामक रहे हैं और चुनाव आयोग ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया।


अब बंगाल में हर दसवां वोटर भाजपाई है और संघ परिवार के  तमाम भूमिगत स्लीपिंग सेल सतह पर अपनी हलचले से फिजां केसरिया बना रहे हैं।फिरभी रूपा गांगुली पर सत्ता के इस हमले का मतलब यह समज लीजिये कि बाकी विपक्ष का क्या हाल होने वाला है।बंगाल में नजारे सत्ता के हक में बहार हैं और इंच इंच बदला है।



केंद्रीय वाहिनी के हटने के बाद बंगाल पुलिस के पुनर्मूशिको दशा है।मतदान के दौरान जिन पुलिस अफसरों ने अमन चैन बहाल रखने में खास भूमिका निभायी वे सारे चुनाव प्रचार के दौरान हिसाब बराबर करने की चेतावनी के तहत हाशिये पर फेंके जा रहे हैं और राजीव कुमार समेत दीदी के तमाम चहेते अफसरान अपनी पुरानी ड्यूटी पर बहाल है।


इसका कुल नतीजा यह है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद से ही राज्यभर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं शुक्रवार रात से लेकर अब तक लगातार जारी है। राज्य में अभी तक दर्जनों जगहों पर विपक्षी पार्टियों पर हिंसा और लूट की खबरें है।


भूत नाच हुआ नहीं और कांग्रेस वाम गठबंधन को बंगाल में ही शिकस्त देने के लिए संघ परिवार ने पूरी ताकत झोंक दी।कमसकम सौ सीटों में अंतर से ज्यादा भाजपा के वोट हैं और दर्जनों सीटों में यह अंतर दो सौ से लेकर तीन हजार के बीच है।केंद्रीय वाहिनी और चुनाव आयोग की सख्ती से ईवीएम में सिर्फ घासफूल और कमल ही खिले तो समझा जा रहा था कि अब चांदनी रात होगी लेकिन चांद को ही लहूलुहान होना पड़ा है तो समद लें अमावस्या है।



एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

हस्तक्षेप

हाथे गरम ताजा खबर यही है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार रहीं फिल्मस्टार  रूपा गांगुली पर रविवार को तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया। इस हमले में रूपा गांगुली के सिर में चोटें आई हैं और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि पुलस के मुताबिक अज्ञात लोगों ने हमला किया है ।जाहिर है कि भूतनाच थमा नहीं है।


भूत नाच हुआ नहीं और कांग्रेस वाम गठबंधन को बंगाल में ही शिकस्त देने के लिए संघ परिवार ने पूरी ताकत झोंक दी।कमसकम सौ सीटों में अंतर से ज्यादा भाजपा के वोट हैं और दर्जनों सीटों में यह अंतर दो सौ से लेकर तीन हजार के बीच है।केंद्रीय वाहिनी और चुनाव आयोग की सख्ती से ईवीएम में सिर्फ घासफूल और कमल ही खिले तो समझा जा रहा था कि अब चांदनी रात होगी लेकिन चांद को ही लहूलुहान होना पड़ा है तो समद लें अमावस्या है।


आम नजारा यह है कि बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राजनीतिक हिंसा ने उग्र रूप धारण कर लिया है। जगह-जगह बंपर जीत का जश्न है तो दूसरी ओर विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं। माकपा के दफ्तरों को खासकर निशाना बनाया जा रहा है।


बहरहाल  पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजा घोषित होने के बावजूद राजनीतिक हिंसा का सिलसिला जारी है। अब तक कार्यकर्ताओं व समर्थकों को ही निशाना बनाया जाता रहा था, लेकिन अब बड़े नेताओं पर भी जानलेवा हमले शुरू हो गए हैं। रविवार को दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप इलाके में घायल पार्टी समर्थक का हाल-चाल जान कर कोलकाता लौटने के क्रम में 20 से 25 लोगों द्वारा भाजपा प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष रूपा गांगुली पर जानलेवा हमला किया गया। हमले में उनका सिर फट गया है। सहयोगियों की मदद से रूपा को पहले काकद्वीप अस्पताल ले जाया गया।


रूपा गांगुली दक्षि‍णी 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर इलाके में  ईश्वरपुर गांव में एक जख्मी भाजपा  कार्यकर्ता को देखने गयी थीं, तभी उनकी कार पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। घायल हालत में गांगुली को अस्पताल में भर्ती किया गया।


रूपा पर यह हमला उस वक्त हुआ जब वह काकद्वीप में घायल कार्यकर्ता से मिलकर डायमंड हारबर के रास्ते कोलकाता  लौट रही थीं। रिपोर्टों के मुताबिक टीएमसी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को कथित रूप से भाजपा कार्यकर्ताओं को पीटा था और घायल कार्यकर्ताओं को काकद्वीप अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गांगुली उनसे मिलकर कोलकाता लौट रही थीं तो उनके काफिले को रोका गया और उन पर हमला किया गया।


गौरतलब है कि मौका शोक का है और मिजाज उगंरतम हिंसक है और यह सत्ता का चेहरा है।


गौरतलब है कि  दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट अभियान के दौरान बंगाल के तीन पर्वतारोही के लापता होने की खबर है। इनमें एक महिला पर्वतारोही भी हैं।


शनिवार की सुबह से ही उनसे बेस कैंप का संपर्क टूट गया। लापता पर्वतारोही के नाम गौतम घोष, परेश नाथ और सुनीता हाजरा बताये गये हैं। माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई में उनके साथ बंगाल के अन्य पर्वतारोही भी साथ थे। बताया गया है कि अचानक तीन पर्वतारोही अपने दल से बिछड़ गये। सूत्रों के अनुसार दुर्गापुर के रहनेवाले परेश नाथ दिव्यांग हैं।




नई  सरकार अभी आयी नहीं है और मुख्य चुनौतियों के मुकाबले के बजाय इंच इंच हिसाब बराबर किया जा रहा है और इस सिलसिले में बंगालभर में अराजकता फैलाने वाले बजरंगी ब्रिगेड की महानायिका रूपा गांगुली सत्ता के हमले में बुरी तरह पिट गयी है और सत्ता ने उनकी गाड़ी का भा कबाड़ा बना दिया है।


यह वारदात हैरतअंगेज है क्योंकि संघ परिवार ने दीदी की जीत के तुरंत बाद उन्हें राजग में  न्यौता है तो दीदी ने भी संघ परिवार के लिए बंदाल के तमाम दरवाजे और खिड़किया खोल दिये।


यादवपुर विश्वविद्यालय में इन्हीं रूपा गांगुली की अगुवाई में बजरंगी धावे पर दीदी खामोश हैं तो मध्य कोलकाता में एक सेमिनार में जेएनयू के छात्रनेता के आने के मौके पर बजरंगियों ने बाकायदा आम जनता के लिए कर्प्यू जैसे हालात बना दिये।मतदान के दौरान रूपा गांगुली और भाजपा के दूसरे स्टार लाकेट चटर्जी के तेवर बेहद आक्रामक रहे हैं और चुनाव आयोग ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया।


हुआ यह कि  उत्तर हावड़ा में एक मतदान केंद्र परभाजपा उम्मीदवार रूपा गांगुली ने एक टीएमसी कार्यकर्ता को मतदान केंद्र में धक्का देकर बाहर कर दिया। इस मामले में रूपा गांगुली के खिलाफ केस दर्ज किया गया । उत्तर हावड़ा विधानसभा सीट के कुछ बूथों पर वोटर के बदले तृणमूल कार्यकर्ता द्वारा मतदान करने का आऱोप लगा। इसके बाद भाजपा प्रत्याशी रूपा गांगुली व कांग्रेस-वाममोर्चा के प्रत्याशी संतोष पाठक मौके पर पहुंचे । केंद्रीय बलों ने कार्रवाई शुरू की तो स्थिति सामान्य हुई।


बहराहल  उत्तर हावड़ा में रूपा गांगुली तीसरे नंबर पर ही रही और उनके वोट काटने से गठबंधन का उम्मीदवार हार गया।


उन्हीं रूपा गांगुली पर  मोदी दीदी गठबंधन के महौल में हमले का मतलब कुछ अलग ही होना है।जिसे समझना मुश्किल है।


गौरतलब है कि खड़गपुर से 1969 से लगातार चुनाव जीतने वाले चाचा को हराने वाले प्रदेश भाजपा के संघी अध्यक्ष दिलीप घोष ने जादवपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं के बारे में दिए गए अपने विवादित बयान को न्यायोचित ठहराते हुए कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह सही था। दूसरी ओर, घोष के इस बयान की विभिन्न हलकों में कड़ी निंदा हो रही है।


मालूम हो कि दिलीप घोष ने शनिवार (14 मई) को पत्रकारों के साथ बातचीत में जादवपुर विश्वविद्यालय की छात्राओं को 'बेहया' की संज्ञा दी थी। रविवार( 15 मई) को भी उन्होंने कहा- इस विश्वविद्यालय के छात्र विरोध के नाम पर लड़कियों के अंर्तवस्त्र पहनते हैं, जबकि छात्राएं सैनेटेरी नैपकिंस लेकर नारेबाजी करती हैं।


वीसी पर कैंपस में कथित देशविरोधी तत्‍वों को समर्थन देने का आरोप देने का आरोप लगाते हुए घोष ने मांग की कि उनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए। घोष ने कहा, "हम केंद्र सरकार को जाधवपुर यूनिवर्सिटी में चल रही गतिविधियों के बारे में केंद्र सरकार को जानकारी देंगे।" बता दें कि शुक्रवार को कैंपस में हुई मारपीट के दौरान कुछ लड़कियों से कथित तौर पर छेड़छाड़ हुई थी।


इसके अलावा, बीजेपी नेता और पूर्व एक्‍ट्रेस रूपा गांगुली भी मौके पर पहुंची थीं। हालांकि, उन्‍होंने कैंपस में घुसने की इजाजत नहीं दी गई थी।उनका मिजाज दीदी उन्नीस हैं तो वे बीस हैं,ऐसा ही है।


अब बंगाल में हर दसवां वोटर भाजपाई है और संघ परिवार के  तमाम भूमिगत स्लीपिंग सेल सतह पर अपनी हलचले से फिजां केसरिया बना रहे हैं।फिरभी रूपा गांगुली पर सत्ता के इस हमले का मतलब यह समज लीजिये कि बाकी विपक्ष का क्या हाल होने वाला है।बंगाल में नजारे सत्ता के हक में बहार हैं और इंच इंच बदला है।


रूपा गांगुली संघ परिवार का चमकता दमकता आक्रामक चेहरा है जिस ममता बनर्जी के विकल्प के तौर पर पेश किया जा रहा है और संघ परिवार उनके मेकअप वैन पर बेहिसाब खर्च कर रहा है।हांलाकि यह बताना बेहद मुश्किल है कि उनका फिल्मी अवतार कितना बचा है लेकिन उनका राजीतिक अवतार संग परिवार के लिए केसरिया सुनामी पैदा करने की डीआरपी है।


केंद्रीय वाहिनी के हटने के बाद बंगाल पुलिस के पुनर्मूशिको दशा है।मतदान के दौरान जिन पुलिस अफसरों ने अमन चैन बहाल रखने में खास भूमिका निभायी वे सारे चुनाव प्रचार के दौरान हिसाब बराबर करने की चेतावनी के तहत हाशिये पर फेंके जा रहे हैं और राजीव कुमार समेत दीदी के तमाम चहेते अफसरान अपनी पुरानी ड्यूटी पर बहाल है।


मसलन राज्य सचिवालय में पदभार संभालने से पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना वादा निभा दिया है। अपने वादे के अनुसार, उन्होंने राजीव कुमार को फिर से कोलकाता पुलिस आयुक्त के पद पर नियुक्त कर दिया है। चुनाव आयोग की ओर से तैनात वर्तमान आयुक्त सोमेन मित्रा को यहां से हटा कर एडीजी व आइडीजी, ट्रेनिंग, पश्चिम बंगाल का पदभार सौंपा गया है।

वहीं, राजीव कुमार जो फिलहाल एडीजी व आइजीपी, एसीबी, पश्चिम बंगाल के पद पर थे, उनके स्थान पर एडीजी व आइडीजी, सीआइडी को इस पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.।


गौरतलब है कि राज्य में चुनाव प्रक्रिया के दौरान आयोग नेराजीव कुमार  उनके पद से हटा दिया था। आयोग के इस निर्देश का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध किया था और वादा किया था कि चुनाव खत्म होते ही वह राजीव कुमार को फिर से काेलकाता पुलिस आयुक्त बनायेंगी।


वहीं, मतदान के दौरान कोलकाता पुलिस आयुक्त सोमेन मित्रा ने आयोग के निर्देशानुसार शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए कड़े इंतजाम किये थे, जिस पर सत्तारूढ़ पार्टी ने पुलिस पर अधिकार से अधिक क्षमता का प्रयोग करने का आरोप लगाया था।उन्हें दीदी ने हटा दिया।



इसका कुल नतीजा यह है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद से ही राज्यभर में हिंसा की छिटपुट घटनाएं शुक्रवार रात से लेकर अब तक लगातार जारी है। राज्य में अभी तक दर्जनों जगहों पर विपक्षी पार्टियों पर हिंसा और लूट की खबरें है।


कास बात यह है कि आरोप है कि हिंसा की ज्यादातर घटनाओं में टीएमसी के ही कार्यकर्ता शामिल हैं। जो खासकर वामपंथियों से चुनाव के दौरान पर कहासुनी का सत्ता में आते ही सत्ता समर्थक बलि महाबलि बदला लेने पर उतारु हो गए है।



दूसरी ओर जनादेश निर्माण को लोकतंत्र महोत्सव के बाद पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुद्दुचेरी में भी नई सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पश्चिम बंगाल में सुश्री ममता बनर्जी 27 मई को मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेंगी।


माहौल अभूतपूर्व हैः


27 मई को रेड रोड पर होगा भव्य समारोह।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आमंत्रण।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री, भूटान के प्रधानमंत्री व राजा भी आमंत्रित।

राज्यों के मुख्यमंत्री और उद्योपतियों को भी न्योता।

लेफ्ट फ्रंट के किसी भी नेता को नहीं बुलाया।

अखिलेश, नीतीश, केजरीवाल लालू, जयललिता, जेटली, गडकरी भी रहेंगे उपस्थित।  





बीते 24 घंटे में बंगाल के जमूरिया, आरामबाग, नारायणगढ़, बारजोरा, नानूर, उत्‍तरी दिनाजपुर में गंगारामपुर, कल्‍याणी और चंदननगर में वामपंथियों के कार्यालयों और स्‍थानीय नेताओं के आवासों को लूटने और हमले की खबर है।  


कोलकाता में न्‍यू टाउन और श्‍यामपुर, बेलघाटा, टॉलीगंज, गरिया और कामारहाटी से भी ऐसे हमलों की खबरें मिली हैं। सत्‍ताधारी दल के कथित समर्थकों द्वारा मार्क्‍सवादी कम्‍युनिरस्‍ट पार्टी के समर्थकों के मकानों व दुकानों को लूटने की खबर है।


तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों का खंडन किया है। जमूरिया में एक हमले में माकपा समर्थकों के पांच घर नष्‍ट कर दिये गए और तीन लोग बुरी तरह घायल हो गए।




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