बुश के नक्शेकदम पर अश्वेत बाराक हुसैन ओबामा
तालिबान के खिलाफ लड़ाई होगी और तेज
पलाश विश्वास
वियतनाम युद्ध का इतिहास अब इराक और अफगानिस्तान में अमेरिका की नियति बन गयी है ,ऐसा लगता है। इसलिए नियत समय के अंदर इराक से सैन्य वापसी का वायदा पूरा करने के बावजूद अमेरिकी सेना न केवल इराक में फंसी हुई है, बल्कि अफगानिस्तान के धू धू रेगिस्तान में तालिबान से अमेरिका की ल़ाई और तेज होने के आसार है।अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आधिकारिक घोषणा कर दी है कि इराक में अमेरिका का 'ऑपरेशन फ्रीडम' खत्म हो गया है। इराक से अब अमेरिकी सैनिक वापस आने शुरू हो गए हैं। अब तक एक लाख अमेरिकी सैनिक इराक छोड़ चुके हैं, लेकिन अमेरिकी हितों की रक्षा के नाम पर अभी भी पचास हजार सैनिक इराक में बने रहेंगे। ये सैनिक 2011 के अंत में वापस जाएंगे। अमेरिका का मानना है कि इराक अब पूरी तरह से आजाद हो चुका है। जैसा कि ओबामा ने पहले ही बता दिया है। इसकी परिणति दक्षिण एशिया और हिंद महासागर इलाके में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति में भारी इजाफा के रुप में सामने आ रही है। इराक की सेना को प्रशिक्षित करने के लिए करीब 50,000 अमेरिकी सैनिक इराक में बने रहेंगे। अमेरिकी विदेश विभाग 'न्यू डॉन' नामक इस अभियान का निर्देशन करेगा।
अफगानिस्तान में अमेरिका द्वारा चलाए जा रहे सैन्य अभियान का भले ही 10वां साल शुरू होने के करीब पहुंच गया है लेकिन राष्ट्रपति बराक ओबामा का कहना है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में अब भी अलकायदा के नेताओं ने शरण ले रखी है।
इराक में अमेरिकी सैन्य मुहिम की समाप्ति की घोषणा करने के मौके पर ओबामा ने कहा कि अफगानिस्तान में हमारे अभियान का 10वां वर्ष शुरू होने के करीब है लेकिन कई लोग वहां हमारी मुहिम के बारे में कठिन सवाल उठा रहे हैं। लेकिन हमें अपने उद्देश्यों पर से नजरें नहीं हटानी चाहिए।
ओबामा ने कहा कि अलकायदा लगातार हमारे खिलाफ षडयंत्र रच रहा है और इसके नेता अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में अब भी शरण लिए हुए हैं। हम अफगानिस्तान को फिर से आतंकवादियों का गढ़ बनने नहीं देंगे और अलकायदा का खात्मा कर रहेंगे।
उन्होंने कहा, पिछले 19 महीनों में करीब एक दर्जन अलकायदा नेता और सैकड़ों अलकायदा चरमपंथी दुनिया भर में मारे या पकड़े गए हैं।
मुसीबत बनी एक मस्जिद
याहू! जागरण - Aug 30, 2010अमेरिका में जबसे 9/11 की घटना हुई है, आतरिक सुरक्षा के नाम पर वहा हर मुसलमान को संदेह की नजर से देखा जाता है। जनवरी 2009 में बराक ओबामा जब व्हाइट हाउस में आए थे तो मुसलमानों को उनसे कुछ उम्मीदें बंधी थीं। अरब देशों में उस समय कराए गए सर्वे में 51 फीसदी मुसलमानों ने भरोसा जताया था कि वह मध्य-पूर्व देशों में खासतौर पर फिलिस्तीन मुद्दे पर ऐसा कुछ करेंगे, जिससे अमेरिका के प्रति मुसलमानों के नजरिए में सकारात्मक बदलाव आएगा। ...
मस्जिद नहीं, संविधान अपना रहा हूं : ओबामा
खास खबर - Aug 30, 2010अमरीका के टि्वन टॉवर पर हुए भीषण आतंकवादी हमले के गवाह रहे ग्राउंड जीरो के पास मस्जिद बनाने का पूर्व समर्थन कर चुके राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दोहराया है कि वह उस जगह पर इबादतगाह बनाने के प्रस्ताव को नहीं बल्कि अमरीकी संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता के मुख्य मूल्य को अपना रहे हैं। ओबामा ने एक न्यूज एसेंजी को एक इंटरव्यू में न्यूयार्क में जीरो ग्राउंड के पास मस्जिद बनाने को लेकर अपने हाल के बयान के बारे में कहा, मैं किसी ...
मस्जिद निर्माण पर मेरी बात संविधान के अनुरूपः ओबामा
प्रभात खबर - Aug 30, 2010वाशिंगटनः अमेरिका के ट्विन टावर पर हुए भीषण आतंकवादी हमले के गवाह रहे ग्राउंड जीरो के पास मस्जिद बनाने का पूर्व में समर्थन कर चुके राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दोहराया है कि वह उस जगह पर इबादतगाह बनाने के प्रस्ताव को नहीं बल्कि अमेरिकी संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता के मुख्य मूल्य को अपना रहे हैं. ओबामा ने एसबीसी न्यूज से साक्षात्कार में न्यूयॉर्क में ग्राउंड जीरो के पास मस्जिद बनाने को लेकर अपने हाल के बयान के बारे में ...
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इराक में खत्म हुआ अमेरिकी जंगी ...
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अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने घोषणा कर दी है कि इराक में जंगी अभियान खत्म हो ... जंगी अभियान की समाप्ति को 'अमेरिका और इराक के इतिहास में अविस्मरणीय अध्याय' की ...
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इराक में जंगी अभियान खत्म: ओबामा ...
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जंगी अभियान की समाप्ति को 'अमेरिका और इराक के इतिहास में अविस्मरणीय अध्याय' की संज्ञा देते हुए ओबामा ने कहा कि हमने अपनी जिम्मेदारियां पूरी तरह से निभाई हैं। ...
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अमेरिका, इराक, बराक ओबामा ...
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इराक में जंगी अभियान खत्म: ओबामा. वाशिंगटन, एजेंसी. First Published:01-09-10 10:36 AM ... जंगी अभियान की समाप्ति को अमेरिका और इराक के इतिहास में अविस्मरणीय अध्याय की संज्ञा देते हुए ओबामा ने ...
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इराक में जंगी अभियान खत्मः ओबामा - News ...
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1 सितं 2010 ... अपने अंडाकार कार्यालय से टीवी पर सीधे प्रसारित एक संदेश में उन्होंने इस बात की घोषणा की कि इराक में जंगी अभियान अब खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा, ऑपरेशन इराकी फ़्रीडम ...
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इराक में जंगी अभियान खत्मः बराक ओबामा See in English. भाषा | वाशिंगटन, 1 सितम्बर 2010 | अपडेटेड: 12:43 IST ... जंगी अभियान की समाप्ति को 'अमेरिका और इराक के इतिहास में अविस्मरणीय अध्याय' की ...
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इराक में जंगी अभियान खत्मः ओबामा
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राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बात की औपचारिक तौर पर घोषणा कर दी है कि इराक में जंगी...
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इराक में जंगी अभियान खत्मः ओबामा ...
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इराक में जंगी अभियान खत्मः ओबामा अमेरिकी प्रभाव केवल सैन्य ताकत का हिस्सा नहीं: ओबामा ओबामा ने की घोषणा, इराक से लौटेगी ... माथे पर बर्थ सार्टीफिकेट नहीं चिपका सकता: ओबामा.
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अमेरिका का इराक में जंगी अभियान खत्म ...
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1 सितं 2010 ... अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बात की औपचारिक तौर पर घोषणा कर दी है कि इराक में जंगी अभियान खत्म हो गया है। ओबामा ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि इस अहम ...
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अमेरिका का इराक अभियान खत्मः ओबामा ...
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1 सितं 2010 ... अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बात की औपचारिक तौर पर घोषणा कर दी है कि इराक में जंगी अभियान खत्म हो गया है। ओबामा ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि इस अहम ...
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इराक में अमेरिकी अभियान खत्म-ओबामा
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1 सितं 2010 ... अमेरिका, बराक ओबामा, इराक, अभियान,America, Barak Obama, Iraq, operation,वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बात की औपचारिक तौर पर घोषणा कर दी है कि इराक में जंगी अभियान ...
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* इसके लिए अनुवादित अंग्रेज़ी परिणाम देखें:
इराक में जंगी अभियान (Iraq war campaign)
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ओबामा 9 नवंबर को संसद को संबोधित कर सकते हैं
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा नौ नवंबर को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित कर सकते हैं। यह जानकारी संसदीय मामलों के मंत्री पवन कुमार बंसल ने बुधवार को दी।
बंसल ने यहां संवाददाताओं को बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र एक सप्ताह पहले, यानी आठ नवंबर से शुरू हो सकता है और अमेरिकी राष्ट्रपति यथासंभव नौ नवंबर को संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। बंसल ने कहा कि शीतकालीन सत्र की तारीख पर निर्णय राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा लिया जाएगा और संसद की संयुक्त बैठक की तारीख लोकसभा अध्यक्ष द्वारा तय की जाएगी। बंसल ने कहा कि शीतकालीन सत्र एक महीने से अधिक समय तक चल सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति, ओबामा नवंबर के पूर्वार्ध में भारत आने वाले हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बात की औपचारिक तौर पर घोषणा कर दी है कि इराक में जंगी अभियान खत्म हो गया है। निया में अमेरिकी प्रभाव केवल अमेरिका के सैन्य ताकत का हिस्सा नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जोर देते हुये यह कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका को आर्थिक और कूटनीतिक ताकत का इस्तेमाल अपनी स्थिति को सुदृढ करने और सहयोगियों के साथ रिश्ते बनाने में करना चाहिये.
उन्होंने कहा, 'इराक में हमारे द्वारा किये गये प्रयासों से हमें जो एक चीज सीखने को मिली है वह यह है कि दुनिया में अमेरिका का प्रभाव केवल उसकी सैन्य ताकत से नहीं निर्मित होता है. हमें अपनी शक्ति के सभी स्त्रोतों का मसलन आर्थिक, कूटनीतिक, और स्वंय अमेरिका की ताकत का सम्मिलित इस्तेमाल कर अपने हितों को और सहयोगियों के साथ हमारे रिश्तों को मजबूत बनाने में जरुर करना चाहिये.' ओबामा ने जोर देते हुये कहा अमेरिका को एक ऐसे परियोजना पर कार्य करना चाहिये जिससे लोगो में यह संदेश जाये कि हमारा भविष्य केवल डर की बुनियाद पर नहीं होगा बल्कि यह उम्मीदों से भरा होगा.
उन्होंने कहा आज के समय में हमारे विरोधी भी शांति की राह पर है और उभरते हुये लोकतंत्र हमारे मजबूत सहयोगी है.
बराक ओबामा ने कहा 'हमारे समानों के लिये नये बाजार के तौर पर विस्तार एशिया से अमेरिका तक किया गया है. मध्य एशिया में शांति को बहाल करने की प्रक्रिया कल से शुरु होगी. करोड़ो युवक इस संघर्ष की स्थिति और गरीबी से मुक्ति चाहते हैं.' उन्होंने कहा, 'मुक्त विश्व का नेता होने के नाते अमेरिका केवल लड़ाई के मैदान में शत्रुओं पर विजय पाने की बात नहीं सोचता है जो केवल हिंसा और विध्वंस की राह को दर्शता है बल्कि हम उनके साथ है जो दुनिया में हमारे साथ स्वतंत्रता और उपलब्धियों को फैलाने के लिये काम कर रहे है.' इतिहास इस बात का गवाह है कि अमेरिका शुरु से ही लोकतंत्र और व्यक्तिगत स्वतंत्रता तथा मानवीय प्रतिष्ठा को दुनिया में फैलाने के लिये काम करता आया है.
ओबामा ने कहा, 'लेकिन हमें इस बात को समझना चाहिये कि दुनिया में जो हमारे राष्ट्र की शक्ति की पहचान और प्रभााव का रुतबा कायम है उसका लाभ हमारे अपने लोगो को भी मिलना चाहिये. इस समृद्धि का मूल आधार अमेरिका के मध्य वर्ग का होना चाहिये.' उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्यवश पिछले एक दशकों में हम वह आवश्यक काम नहीं कर पाये है जिससे हमारी समृद्धि की बुनियाद मजबूत हो सके. ओबामा ने कहा कि हमने युद्ध में एक खरब डालर से अधिक खर्च किए हैं.'
ओबामा ने कहा, 'वास्तव में हमारे अपने लोगो के लिये किये जाने वाले निवेश में थोड़े समय के लिये बदलाव आ गया था जिससे हमारे घाटे में बढोतरी हुई. लेकिन लंबे समय के फायदे के लिये हमने कड़े फैसले किये जिसमें हमारी ऊर्जा नीति से लेकर शिक्षा नीति तक शामिल है.' उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरुप मध्यम वर्ग के लोग थोड़े समय के लिये अपने को मुश्किलों से घिरा हुआ पा सकतें हैं.
ओबामा ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि इस अहम पड़ाव पर सभी अमेरिकावासियों को याद रखना चाहिए कि अगर हम आत्मविश्वास और प्रतिबद्धता से आगे बढ़ते हैं, तो हमारा भविष्य हम खुद बना सकते हैं। इससे पूरी दुनिया को यह संदेश पहुँचेगा कि अमेरिका इस दशक में अपने नेतृत्व को मजबूत और कायम रखना चाहता है।अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को कहा कि इराक में अमेरिकी युद्ध अभियान की आधिकारिक समाçप्त जश्न का मौका नहीं है। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार टेक्सास के फोर्ट ब्लिस में सैनिकों से कहा, ""इराक हमारा बेहतर सहयोगी रहे इसे सुनिश्चित करने के लिए अभी काफी काम किया जाना बाकी है।"" ओबामा ने मंगलवार को वहां अमेरिका का फौजी अभियान खत्म होने की घोषणा की।
व्हाइट हाउस से सीधे प्रसारण में ओबामा ने कहा कि यह इराकियों को अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद संभालने का समय है। बहरहाल इराक की सेना को प्रशिक्षित करने के लिए करीब 50,000 अमेरिकी सैनिक इराक में बने रहेंगे। अमेरिकी विदेश विभाग "न्यू डॉन" नामक इस अभियान का निर्देशन करेगा। ओबामा ने कहा कि जीत का जश्A नहीं मनाया जाने वाला है। यह खुद को बधाई देने का मौका नहीं है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव बिल बर्टन ने कहा कि ओबामा ने मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति जार्ज बुश से बात की। उनकी वार्ता का कोई ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया।
ओबामा ने राजनीतिक मतभेद की बात स्वीकार की लेकिन कहा कि इराक युद्ध के बाद अमेरिका अधिक सुरक्षित हुआ है। ओबामा ने कहा कि इराक के पास खुद का भविष्य बेहतर बनाने का एक मौका है। अमेरिका का अब अफगानिस्तान में ल़डाई पर ध्यान केंद्रित करने का इरादा है।
भारत में हिंदुत्व वादी राष्ट्रवाद के समर्थक इस्लाम विरोधी अमेरिकी जिहाद और पाकिस्तान पर उसके वर्चस्व से भले ही खुश हो लें, पर सच तो यह है कि अमेरिकी हित मुक्त बाजार व्यवस्था और सार्वभौम बाजार वाले सुपरपावर आणविक भारत में कहीं ज्यादा केंद्रित हैं, जिसके खतरनाक नतीजे नवउदारीकरण दौर से लेकर भारत अमेरिका परमाणु संधि और इजराइली घुसपैछ से उजागर हो चुके हैं। इसकी चेतावनी अमेरिता से सावधान में बार बार दी जाती रही है। अब इराक से अमेरिकी युद्ध के स्थांतरित हो जाने के बाद भारत की स्वतंत्रता और संप्रभुता को सबसे ज्यादा खतरे हैं।
अफगानिस्तान में तैनात विदेशी सैन्य बलों [नाटो] के प्रमुख ने कहा है कि तालिबान के खिलाफ चल रही लड़ाई को अगले कुछ दिनों में और आक्रामक किया जाएगा।नाटो के सचिव जनरल एंडर्स फाग रासमुसेन ने डेनमार्क के टीवी- 2 समाचार चैनल पर प्रसारित एक साक्षात्कार में बताया कि मैं आपसे अमेरिकी सैनिक कमांडरों की सोच के बारे में बताना चाहता हूं कि आने वाले कुछ महीनों और सप्ताहों में तालिबान के खिलाफ अधिक आक्रामक तरीके से लड़ा जाएगा।उन्होंने कहा कि हम इस समय बहुत ही निर्णायक क्षण में है। हमने अभी तालिबान के खिलाफ चल रही लड़ाई के लिए और अधिक सैनिकों को वहां भेजा है। जिसका सीधा मतलब है उनके खिलाफ मजबूती से लड़ना, लेकिन दुर्भाग्यवश और अधिक नुकसान उठाने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना भी है।
रासमुसैन ने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई को तेज करना एक तरह से युद्ध रणनीति का हिस्सा है जिसका मकसद तालिबान को उसके गढ़ हेलमंड प्रांत और कंधार से उखाड़ फेंकना है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई में आक्रामकता को बढ़ाना हमारे लिए आवश्यक हो गया है ताकि हम अफगान सुरक्षाकर्मियों को उनकी जिम्मेदारी सौंप सके।
अमेरिकी प्रशासन में जिओनिस्ट विदेश मंत्री हिलेरी और पूरी संघी टाम की मौजूदगी में कश्मीर से लेकर माओवादी समस्या तक हर गंभीर मसले पर अमेरिकी असर गौरतलब हैं। जिसे नजरअंदाज करना आत्मघाती होगा।अमेरिकी युद्ध सद्दाम हुसैन के खिलाफ महाविनाश के हथियारों की मौजूदगी के आरोप में शुरू हुआ था। पर युद्ध के अवसान के बाद आज तक इसके पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है।
इराक से अंतिम अमेरिकी लड़ाकू दस्ते की वापसी के बावजूद बुश की युद्ध नीति से ओबामा ने प्रस्थान का कोई संकेत नहीं दिया है। बल्कि उनकी योजना के मुताबिक अफगानिस्तान में युद्ध तेज होने के आसार है। अमेरिका का इराक युद्ध खत्म हो गया ऐसा भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता। क्योंकि गैर लड़ाकू अमेरिकी सेना अभी इराक में बनी रहेगी। इराक तबाह है। ओबामा ने इराक युद्ध के अवसान का ऐलान भी कर दिया है। पर इराक में अमेरिकी हित अभी दांव पर है। सद्दाम हुसैन के अवसान के बाद ईरान सबसे बड़ी क्षेत्रीय ताकत के रुप में उभर कर अमेरिकी विदेश नीति के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया है। इराक में शिया अभ्युदय के जरिए ईरानी नियंत्रण कायम होने के हालत में दरअसल अमेरिका की पराजय की ही आशंका है। बहरहालअमेरिका की अंतिम लड़ाकू ब्रिगेड के इराक छोड़ने के करीब दो हफ्ते बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को सात साल साल पुराने 'ऑपरेशन इराकी फ्रीडम' के समापन की घोषणा की। साथ ही अफगानिस्तान-पाकिस्तान की ओर अपना ध्यान केंद्रित करने का एलान किया, जहां पर अल कायदा अपनी पैठ बनाए है।गौरतलब है कि अमेरिकी सेना ने तानाशाह सद्दाम हुसैन को सत्ता से बेदखल करने के मकसद से मार्च, 2003 में इराक पर हमला बोला था। ओबामा ने इस ऑपरेशन को 'अमेरिका और इराक के इतिहास का उल्लेखनीय अध्याय' करार देते हुए कहा कि नई इबारत लिखने का वक्त आ गया है।
क्या किसी सम्प्रभु राष्ट्र में तानाशाही खत्म करने के लिए किसी बाहरी देश को हमले की इजाजत दी जा सकती है? जाहिर है कि अमेरिका अपनी युद्ध अर्थव्यवस्था की मजबूरे के कारण ही खाड़ी में अपनी फौज झोंकने के आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हो गयी। वियतनाम युद्ध में पराभव और अमेरिकी राष्रपतियों की शीत युद्ध स्टार वार नीतियों के चलते अमेरिकी अर्थ व्यवस्था की जो दुर्दशा हुई और क्रमशः अमेरिकी आर्थिक हित युद्ध और गृहयुद्ध के निर्यात में सामाबद्ध हो गए, उससे इस्लाम के खिलाफ जिहादी तेवर और कम्युनिस्ट विरोधी विदेश नीत बतर्ज इस्लाविरोधी उन्माद के जरिए खाड़ी के तेल पर कब्जा करना फौरी जरूरत बन गयी। मजे की बात यह है कि वियतनाम युद्ध से तबाह अमेरिकी अर्थ व्यवस्था अभी इराक अफगानिस्तान युद्ध के कारण अभूतपूर्व मंदी से गुजर रही है। सब प्राइम संकट तो एक बहाना मात्र है। यह युद्ध जारी रखना और इसका विस्तार करना अब ओबामा की मजबूरी हो गयीहै। जिसके तहत हिमालय सबसे ज्यादा खतरे में है। अल कायदा के खिलाफ अमेरिकी युद्ध से अलकायदा खत्म होने के बजाय इस्लामी जिहाद को नयी जान मिल गयी है। आक्रामक अमेरिका के खिलाफ पूरी इस्लामी दुनिया एकजुट है और भारत जैसे देश जहां मुसलमानों की इतनी बड़ी तादाद है, वहां इसका असर लाजिमी है। आतंक के खिलाफ युद्ध से आतंक खत्म तो नहीं हुआ पर अब दक्षिण एशिया पाकिस्तान बांग्लादेश भारत सब आतंक के जद में है।
मोसाद और सीआईए, इल्युमिनिटी और राथटाइल्ड आर्थिक सुधार कार्यक्रम. ग्लोबल हिंदुत्व, गुजरात नरसंहार, सिख संहार, बाबरी मसजिद विध्वंस जैसे हालात में अमेरिकी हितों और विदेशी पूंजी वर्चस्व के आलम में बारतीय ब्राह्मणवादी सत्तावर्ग के अमेरिका के विश्व व्यापी नरमेध यर् में शामिल हो जाने से आज आंतरिक सुरक्षा को जितना खतरा है, उतना कभी न था।मेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए देश में मौजूदा आर्थिक मंदी का ठीकरा उसके माथे फोड़ा है। वहीं नए सर्वेक्षणों में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटों के खिलाफ रिपब्लिकन को 10 फीसदी अधिक मतों की बढ़त प्राप्त हुई है।
आस्ट्रेलिया ने यात्रा संबंधी नए परामर्श मंगलवार को जारी किए। इसमें नई दिल्ली तथा मुंबई सहित भारत के कुछ शहरों में आतंकी हमले की आशंका के प्रति आगाह किया गया है।
आस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों को आतंकी गतिविधियों तथा हिंसक झड़पों के कारण जम्मू- कश्मीर की यात्रा पर जाने से मना किया है। आस्ट्रेलिया के विदेश और व्यापार मामलों के मंत्रालय ने भारत में रहने वाले या देश की यात्रा पर जाने का विचार करने वालों को नया यात्रा संबंधी परामर्श जारी किया है। इसमें आतंकी समूहों की गतिविधियों के कारण भारत में आतंकी हमलों की आशंका से उन्हें अत्यधिक चौकस रहने को कहा गया है। इस परामर्श के अनुसार आस्ट्रेलियाई नागरिकों से निजी सुरक्षा और सुरक्षा संबंधी नए जोखिमों के बारे में सूचना के लिए मीडिया पर हमेशा ध्यान देने को कहा गया है।
2010 के अमेरिकी संसदीय चुनावों के लिए प्राथमिकता के आधार पर वोट के संबंध में कराए गए गैलप साप्ताहिक सर्वेक्षण में रिपब्लिकनों को 51 फीसदी प्रतिभागियों का समर्थन प्राप्त हुआ है वहीं डेमोक्रेट 41 फीसदी वोटों के साथ पिछड़ गए है। अंतर के मामले में सर्वे में इस वर्ष की यह सबसे बड़ी बढ़त है।
मध्यावधि ससंदीय चुनावों में वोटरों के मिजाज का पता लगाने के लिए गैलप ने यह सर्वेक्षण कराया है।
मध्यावधि चुनाव नवंबर में होने हैं और इस सर्वे का अनुमान है कि डेमोक्रेट को बड़ी संख्या में सीटों से हाथ धोना पड़ सकता है और संभवत: अमेरिकी सदन की प्रतिनिधि सभा में सत्तारूढ़ पार्टी अल्पमत में भी आ सकती है।
साथ ही इराक में अमेरिकी युद्धक मिशन की समाप्ति की अधिकारिक घोषणा से एक दिन पहले ओबामा ने घायल अमेरिकी सैनिकों से मुलाकात की और वह अपने पूर्ववर्ती जार्ज डब्ल्यू बुश से बातचीत की तैयारी में हैं।
पश्चिम एशिया में शांति प्रक्रिया को लेकर इजरायल और फलस्तीन के बीच गुरुवार से अहम बातचीत शुरू होने वाली है। इस प्रक्रिया में अमेरिका अहम भूमिका निभाने वाला है।
वार्ता में भाग लेने वाले नेताओं का पहुंचना शुरू हो गया है और विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन इन नेताओं से बातचीत कर रही हैं। बातचीत में भाग लेने वाले नेताओं को उम्मीद है कि सीधी बातचीत एक साल की समयसीमा में खत्म हो जाएगी।
ओबामा ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और बेरोजगार अमेरिकियों को रोजगार दिलाने को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। ओबामा ने अपने ओवल ऑफिस से राष्ट्र के नाम संबोधन में यह बातें कहीं।
उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन इराकी फ्रीडम समाप्त हो चुका है। अब अपने देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी इराकी जनता के कंधों पर है। मैंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अमेरिकी जनता से सेना की वापसी का वादा किया था।'
अमेरिका इराक से अपने करीब एक लाख सैनिकों को हटा चुका है। उसने इराक में अपने सैकड़ों ठिकाने या तो बंद कर दिए हैं या उन्हें इराकी लोगों को सुपुर्द कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि युद्ध समाप्त होना न सिर्फ इराक बल्कि अमेरिका के भी हित में है।
उन्होंने कहा इराकी सुरक्षाबलों को सलाह और प्रशिक्षण, विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाने और अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए 2011 के अंत तक करीब 50 हजार अमेरिकी सैनिक इराक में बने रहेंगे।
तालिबान से कोई बातचीत नहीं: अमेरिका
वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्रायल ने बुधवार को इस बात का खंडन किया कि उसकी तालिबान के साथ किसी प्रकार की बातचीत चल रही है। खबरें थीं कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए विशेष अमेरिकी दूत रिचर्ड हॉलबू्रक के दो प्रतिनिधियों ने हाल ही में अफगान तालिबान और हिज्बे इस्लामी नेताओं से मुलाकात कर, अमेरिकी सेनाओं की वापसी के बाद राष्ट्रीय सरकार बनाने पर उनसे चर्चा की थी।
आईएसआई ने बनाया नया आतंकी संगठन
पाक अधिकृत कश्मीर से लौटने के बाद आत्मसमर्पण कर चुके एक आतंकी का कहना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसिज इंटेलिजेंस [आईएसआई] ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की गतिविधियों को जारी रखने के लिए जम्मू-कश्मीर मुजाहिद्दीन [जेकेएम] के नाम से एक नया आतंकी संगठन बनाया है।लियाकत हुसैन ने शनिवार को पुंछ सेक्टर के गोत्रेन में नियंत्रण रेखा [एलओसी] पर भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। लियाकत को शनिवार शाम राज्य पुलिस को सौंप दिया गया था। उसने खुलासा किया कि आईएसआई के अधिकारी नियमित रूप से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चलने वाले आतंकी प्रशिक्षण शिविरों का दौरा करते है।
पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि लियाकत ने नया आतंकी संगठन बनने की जानकारी दी है। गौरतलब है कि इस नए आतंकी संगठन को जम्मू एवं कश्मीर से जुड़ा नाम दिया गया है जबकि लश्कर-ए-तैयबा [एलईटी] और जैश-ए-मोहम्मद [जेईएम] को इस्लामी नाम दिए गए थे।
ये दोनों आतंकी संगठन भारत में हुए कई आतंकी हमलों के जिम्मेदार रहे है और पश्चिम में होने वाली आतंकी गतिविधियों में इनकी सक्रिय भागीदारी रही है। अमेरिका और ब्रिटेन ने इन दोनों संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है और उन्हे विदेशों से धन मिलना बंद हो गया है।
पुलिस ने बताया कि लियाकत नए आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर मुजाहिद्दीन के 100 चुनिंदा आतंकियों में शामिल था। इस संगठन में बेहद प्रशिक्षित व लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के साथ काम कर चुके आतंकी है।
सूत्रों ने बताया कि नए आतंकी संगठन के संबंध में और जानकारी इकट्ठी करने के लिए पुलिस अब भी लियाकत से पूछताछ कर रही है।
पुलिस ने बताया कि लियाकत 1999 में सीमा पार गया था लेकिन वह 2000 में लौट आया। जम्मू एवं कश्मीर में दो साल तक रहने के बाद वह अपनी पत्नी खालिदा के साथ 2001 में फिर वहां लौट गया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को इराक में अमेरिकी सैन्य अभियान समाप्त होने की घोषणा की। इस युद्ध में अमेरिका के 4,400 सैनिकों की मौत हुई।
उन्होंने अब पाकिस्तान से लगे अफगानिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों को समाप्त करने के लिए लड़ाई तेज होने के संकेत दिए हैं।
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस से टेलीविजन के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "जैसा हमने कहा, अलकायदा लगातार हमारे खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है और इसके सरगना लगातार अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में पैठ बढ़ा रहे हैं।"
उन्होंने इराक में जीत का दावा नहीं किया और कहा कि इराक में सात वर्षो के खूनखराबे के बाद अब स्थिति बदलने का समय है। यह समय देश की अर्थव्यवस्था में सुधार और अफगानिस्तान युद्ध को प्राथमिकता देने का है।
उन्होंने कहा, "हम अलकायदा को तबाह और पराजित करके एक बार फिर अफगानिस्तान को आतंकवादियों का आधार बनने से रोकेंगे। इराक से वापसी के बाद हम अब हमले के लिए आवश्यक स्रोतों को वहां लगा सकेंगे।"
ओबामा ने कहा कि पिछले 19 महीनों के दौरान पूरी दुनिया में अलकायदा के करीब 12 सरगना और सैकड़ों आतंकवादी पकड़े या मारे गए हैं।
ओबामा ने कहा, "परंतु इराक की तरह ही हम अफगानिस्तान के लिए काम नहीं कर सकते, उनको खुद अपनी जिम्मेदारी संभालनी होगी।"
उन्होंने कहा कि पूर्व घोषणा के अनुसार अमेरिका अगली जुलाई से अफगानिस्तान को जिम्मेदारी का हस्तांतरण शुरू कर देगा।
ओबामा ने कहा कि वहां से सैनिकों की वापसी की गति का निर्धारण जमीनी हकीकत के आधार पर होगा और अफगानिस्तान को समर्थन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि इराक को अपने भविष्य को आकार देने का मौका उपलब्ध कराने के लिए अमेरिका ने भारी कीमत चुकाई है। इसके लिए अमेरिका के 4,400 सैनिक मारे गए, हजारों सैनिक घायल हुए और मार्च 2003 से सैकड़ों अरब डॉलर खर्च हुए।
ओवल ऑफिस से सीधे टेलीविजन प्रसारण में ओबामा ने कहा, "आज रात मैं इराक में अमेरिकी सैन्य अभियान की समाप्ति की घोषणा करता हूं। ऑपरेशन इराकी फ्रीडम समाप्त हो चुका है और अब इराक के लोग अपने देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद संभालेंगे।"
उधर अमेरिका के रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स बुधवार को बगदाद पहुंच गए। अधिकारियों के अनुसार वह इराक के प्रधानमंत्री नूर अल-मलिकी, रक्षा मंत्री और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से भेंट करेंगे।
अमेरिका के उप राष्ट्रपति जो बिडेन सोमवार से ही बगदाद में हैं।
पश्चिम एशिया शांति के लिए विशेष अमेरिकी दूत जॉर्ज मिशेल ने कहा कि अमेरिका इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाएगा।
इसका यह मतलब नहीं है कि अमेरिका हर एक बैठक में भौतिक तौर पर मौजूद रहेगा। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच सीधी और द्विपक्षीय बातचीत की अहमियत हम समझते हैं और वास्तव में हम इस बात को प्रोत्साहित करते हैं कि दोनों पक्षों के बीच नियमित तौर पर बातचीत हो।
मिशेल ने इस मौके पर एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा दूसरी ओर, इसका यह भी मतलब नहीं है कि अमेरिका एक तरफ बैठा रहेगा और सक्रियता से भाग नहीं लेगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पिछले सप्ताह राष्ट्रपति महमूद अब्बास और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू को दो सितंबर को वाशिंगटन आमंत्रित किया था, ताकि दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए सीधी बातचीत हो सके। मिशेल ने कहा कि हमें विश्वास है कि ये बातचीत एक साल के भीतर पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आज अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक और जोर्डन के किंग अब्दुल्ला के साथ बैठक होगी।
विशेष प्रतिनिधि ने कहा कि मिस्र और जोर्डन को इसमें अहम भूमिका निभानी है और उनका सतत नेतृत्व और शांति के लिए प्रतिबद्धता बातचीत की सफलता के लिए जरूरी है।
हिलेरी आज नेतन्याहू और अब्बास के अलावा उनके प्रतिनिधिमंडलों के साथ विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय में बैठक को संबोधित करेंगी। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सीधी वार्ता में हमास कोई भूमिका निभाए, इस बात की उन्हें आशा नहीं है।
अमेरिका के एक शीर्ष विद्वान ने भारत को आगाह किया है कि चीन अब हिंद महासागर में भी अपनी पैठ मजबूत बना रहा है और इस क्षेत्र में उसके द्वारा बंदरगाहों का निर्माण कराए जाने से इस बात के पुख्ता सुबूत मिलते हैं।
वाशिंगटन के प्रमुख थिंक टैंक 'सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी' के विशेषज्ञ रॉबर्ट कपलान ने बताया, 'समुद्र में चीन की बढ़ती घुसपैठ पिछले एक दशक के सबसे बड़े घटनाक्रमों में से एक है।' चीन अपने सैन्य ठिकाने स्थापित करने के लिए बांग्लादेश के चितागोंग और हमबांतोला के अलावा श्रीलंका और बर्मा में भी अपने बंदरगाह भी बनवा रहा है।
उन्होंने सीएनएन को दिए साक्षात्कार में कहा, 'चीन सामुद्रिक शक्ति के रूप में क्यों उभर रहा है? क्योंकि अब वो ऐसा करने के लिए सबसे मजबूत स्थिति में है। अपनी पूरी भू-सीमाओं पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के बाद आज वो प्रभुत्व के चरम पर है।'
कपलान ने कहा कि चीन के साथ-साथ भारत भी सामुद्रिक शक्ति के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन अगर पूर्वी एशिया में दक्षिण चीनी सागर और पूर्वी सागर में अपना प्रभाव जमा लेता है, तो वह एक महान क्षेत्रीय शक्ति बन जाएगा। मगर हिंद सागर में मौजूदगी के साथ ही वह उससे भी बड़ी ताकत बन गया है।
इराक में अमेरिकी अभियान खत्म-ओबामा
वेबदुनिया हिंदी - 19 minutes agoअमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बात की औपचारिक तौर पर घोषणा कर दी है कि इराक में जंगी अभियान खत्म हो गया है। ओबामा ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि इस अहम पड़ाव पर सभी अमेरिकावासियों को याद रखना चाहिए कि अगर हम आत्मविश्वास और प्रतिबद्धता से आगे बढ़ते हैं, तो हमारा भविष्य हम खुद बना सकते हैं। इससे पूरी दुनिया को यह संदेश पहुँचेगा कि अमेरिका इस दशक में अपने नेतृत्व को मजबूत और कायम रखना चाहता है। ...
ओबामा ने कहा इराक में अमेरिकी मिशन खत्म
डी-डब्लू वर्ल्ड - 2 hours agoअमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इराक युद्ध मिशन के आधिकारिक रूप से खत्म होने का एलान कर दिया है. इस मौके पर ओबामा ने कहा कि अब इराक की जनता के लिए इतिहास का नया पन्ना पटलने का का वक्त आ गया है. राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने इस जंग की भारी कीमत चुकाई है. व्हाइट हाउस से टीवी पर सीधे प्रसारित संदेश में ओबामा ने कहा कि सात साल चली जंग में बहुत सी जानें गईं और काफी पैसा भी बर्बाद हुआ लेकिन अमेरिका इराक के लोगों के प्रति अपनी ...
अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना जरूरी-ओबामा
वेबदुनिया हिंदी - 3 hours agoइराक में अपना सैन्य अभियान औपचारिक रूप से समाप्त करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था को उबारना और उसे गति देना आज सबसे बड़ी जरूरत है। ओबामा ने व्हाइट हाउस में अपने ओवल कार्यालय से राष्ट्र के नाम अपने 18 मिनट के संबोधन में कहा कि हमारी सबसे अनिवार्य जरूरत अर्थव्यवस्था को सुधारना और उन लाखों अमेरिकियों को रोजगार उपलब्ध कराना है, जो अपनी नौकरियाँ गँवा चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ...
इराक में युद्ध की बड़ी कीमतः ओबामा
डी-डब्लू वर्ल्ड - 6 hours agoअमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इराक में युद्धक अभियान की समाप्ति की घोषणा को ऐतिहासिक पल बताया है. उन्होंने यह भी कहा है कि बात जान की हो या माल की, पिछले सात साल में अमेरिका को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. दो हफ्ते पहले ही अमेरिका की आखिरी युद्धक टुकड़ी ने इराक को अलविदा कहा. मंगलवार को सीधे व्हाइट हाउस से प्रसारित संदेश में ओबामा ने कहा, "वक्त आ गया है कि जब इराकियों को सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेनी है. ...
इराक युद्ध से हटना जश्न का अवसर नहीं : ओबामा
खास खबर - 11 hours agoअमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को कहा कि इराक में अमेरिकी युद्ध अभियान की आधिकारिक समाçप्त जश्न का मौका नहीं है। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार टेक्सास के फोर्ट ब्लिस में सैनिकों से कहा, ""इराक हमारा बेहतर सहयोगी रहे इसे सुनिश्चित करने के लिए अभी काफी काम किया जाना बाकी है।"" ओबामा ने मंगलवार को वहां अमेरिका का फौजी अभियान खत्म होने की घोषणा की। व्हाइट हाउस से सीधे प्रसारण में ओबामा ने कहा कि यह इराकियों को अपनी ...
ओबामा ने की इराक में सैन्य अभियान समाçप्त की घोषणा
खास खबर - 12 hours agoइराक में अमेरिकी हमले के सात वर्ष से अधिक समय बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को वहां अमेरिका का फौजी अभियान खत्म होने की घोषणा की। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार अमेरिका की अंतिम ल़डाकू ब्रिगेड के इराक छो़डने के दो से भी कम हफ्तोंं बाद व्हाइट हाउस से सीधे प्रसारण में ओबामा ने कहा कि यह इराकियों को अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद संभालने का समय है। ओवल ऑफिस से सीधे टेलीविजन प्रसारण में ओबामा ने कहा, ""आज रात मैं इराक ...
इराक में 4400 सैनिकों की मौत के बाद अमेरिकी अभियान समाप्त (लीड-2)
That's Hindi - 5 hours agoअमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को इराक में अमेरिकी सैन्य अभियान समाप्त होने की घोषणा की। इस युद्ध में अमेरिका के 4400 सैनिकों की मौत हुई। उन्होंने अब पाकिस्तान से लगे अफगानिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों को समाप्त करने के लिए लड़ाई तेज होने के संकेत दिए हैं। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस से टेलीविजन के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "जैसा हमने कहा, अलकायदा लगातार हमारे खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है ...
इराक में अंतत: अमेरिकी सैन्य अभियान समाप्त
याहू! जागरण - 3 hours agoअमेरिका की अंतिम लड़ाकू ब्रिगेड के इराक छोड़ने के करीब दो हफ्ते बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को सात साल साल पुराने 'ऑपरेशन इराकी फ्रीडम' के समापन की घोषणा की। साथ ही अफगानिस्तान-पाकिस्तान की ओर अपना ध्यान केंद्रित करने का एलान किया, जहां पर अल कायदा अपनी पैठ बनाए है। गौरतलब है कि अमेरिकी सेना ने तानाशाह सद्दाम हुसैन को सत्ता से बेदखल करने के मकसद से मार्च, 2003 में इराक पर हमला बोला था। ओबामा ने इस ऑपरेशन को ...
इराक युद्ध समाप्त, अब अर्थव्यवस्था प्राथमिकता
डी-डब्लू वर्ल्ड - 17 hours agoअमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इराक युद्ध की औपचारिक समाप्ति की घोषणा की है और कहा है कि अब अर्थव्यवस्था की बहाली उनकी प्राथमिकता है. अफगानिस्तान से भी सैनिकों की वापसी के इरादे पर अडिग हैं ओबामा. ओबामा ने टेलीविजन में प्रसारित अपने भाषण में कहा, "ऑपरेशन इराकी फ्रीडम समाप्त हो गया है और अब इराकी जनता अपने देश में सुरक्षा के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है." इसके साथ उन्होंने अपना एक चुनावी वायदा पूरा किया है. ...
इराक में सैन्य अभियान की समाçप्त पर होगा ओबामा का संबोधन
खास खबर - Aug 30, 2010इराक युद्ध में अमेरिकी सेनाओं की भूमिका औपचारिक रूप से समाप्त होने के अवसर पर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा मंगलवार को टेक्सास में एक सैन्य शिविर का दौरा करने के बाद टेलीविजन के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित करेंगे। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार उम्मीद है कि ओबामा इराक में नागरिक सरकार को नेतृत्व सौंपने को सात वर्ष लंबे अमेरिकी युद्ध प्रयासों में मील के पत्थर की संज्ञा देंगे। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता रॉबर्ट गिब्स ने ...
इराक में सैन्य अभियान समाप्त - ओबामा
Patrika.com - 12 hours agoअमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इराक में अमरीकी सैन्य अभियान को समाप्त करने की घोषणा करते हुए इराकी नेताओं से वहां जल्द एक संयुक्त सरकार बनाने का आग्रह किया। ओबामा ने व्हाइट हाउस में ओवल आफिस से मंगलवार को प्रसारित अपने भाषण में इराक में सैन्य अभियान को समाप्त करने की घोषणा करते हुए कहा कि इराक के लोगों के हाथों में उनका भविष्य सौंपने के लिए अमरीकी सेना ने काफी बलिदान दिया हैं। उन्होंने कहा कि अमरीका इराक की सरकार और ...
अमेरिका का अभियान जायज- टोनी ब्लेयर
वेबदुनिया हिंदी - 19 minutes agoअमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की इराक में जारी सैन्य अभियान को औपचारिक रूप से समाप्त करने की घोषणा के एक दिन बाद ब्लेयर ने आज यह बात कही। अपने संस्मरणों की शीघ्र प्रकाशित पुस्तक के अंश जारी करने के दौरान उसके कुछ पहलुओं का जिक्र करते हुए आज कहा कि इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन ने सामूहिक विनाशकारी हथियारों की धमकी थी और अमेरिका की ओर से वर्ष 2003 में इराक पर युद्ध करने का निर्णय जायज था। ज्ञातव्य है कि ओबामा ने ...
ओबामा करेंगे इराक में युद्धक मिशन की समाप्ति की घोषणा
डी-डब्लू वर्ल्ड - Aug 30, 2010अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा आज ओवल ऑफिस से दिए जाने वाले अपने भाषण में अपना वायदा निभाने और इराक में युद्धक मिशन की समाप्ति की घोषणा करेंगे. 2009 में पद ग्रहण करने के बाद ओबामा ने इस साल 31 अगस्त तक 50 हजार सैनिकों को छोड़कर बाकी सभी सैनिकों को वापस बुला लेने की घोषणा की थी. यह इराक में तैनात सैनिकों की संख्या में 90 हजार की कटौती है. इस घोषणा के एक दिन पहले ओबामा ने राजधानी वाशिंग्टन के उत्तर में स्थित वाल्टर रीड सैनिक ...
इराक 'ऑपरेशन फ्रीडम' खत्म, अमेरिकी सेना लौटी
जोश 18 - 11 hours agoअमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आधिकारिक घोषणा कर दी है कि इराक में अमेरिका का 'ऑपरेशन फ्रीडम' खत्म हो गया है। इराक से अब अमेरिकी सैनिक वापस आने शुरू हो गए हैं। अब तक एक लाख अमेरिकी सैनिक इराक छोड़ चुके हैं, लेकिन अमेरिकी हितों की रक्षा के नाम पर अभी भी पचास हजार सैनिक इराक में बने रहेंगे। ये सैनिक 2011 के अंत में वापस जाएंगे। अमेरिका का मानना है कि इराक अब पूरी तरह से आजाद हो चुका है। इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ...
इराक में आज से 'ऑपरेशन न्यू डॉन'
दैनिक भास्कर - 15 hours agoऑपरेशन इराकी फ्रीडम की समाप्ति की घोषणा राष्ट्रपति बराक ओबामा ने टीवी के जरिए देश को संबोधित करते हुई की। दूसरी ओर, अभियान की समाप्ति के मौके पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन बगदाद में मौजूद थे। उन्होंने इराकी नेताओं और अवाम को यह संदेश देने की कोशिश की है कि अमेरिका उन्हें छोड़कर कहीं नहीं जा रहा है। बुधवार को हस्तांतरण समारोह आयोजित किए जाने की योजना है। लेकिन, दिलचस्प तथ्य यह है कि नए अभियान की जिम्मेदारी भी इराक के ...
आजाद हो गया इराक?
डी-डब्लू वर्ल्ड - Aug 31, 2010आज राष्ट्रपति बराक ओबामा इराक़ में अमेरिका की लंबी और विभाजनकारी लड़ाका कार्रवाइयों की आधिकारिक समाप्ति की घोषणा करने जा रहे हैं. वह अमेरिकी जनता को इराक़ में अमेरिकी सेना की नई भूमिका के बारे में बताएंगे. ओबामा अमेरिकी नागरिकों को 2003 के बाद से हासिल की गई अमेरिकी उपलब्धियों की जानकारी देंगे और इराक़ की स्थिरता बनाए रखने की अमेरिका की जारी प्रतिबद्धता पर ज़ोर देंगे. और ज़ाहिर है कि वह अमेरिकी सैनिकों की कुर्बानियों के लिए ...
आज 'आज़ाद' हो गया इराक़
बीबीसी हिन्दी - Aug 31, 2010मंगलवार को ही अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अमरीकी नागरिकों को इराक़ के बारे में संबोधित करने वाले हैं. उत्तरी अमरीका में बीबीसी के संपादक मार्क मार्डल कहते हैं कि कई लोगों का मानना है कि युद्ध बहुत बड़ी ग़लती थी. ये युद्ध उन आरोपों पर लड़ा गया जो ग़लत साबित हुए थे. इसके बाद दुनियाभर में अमरीका की प्रतिष्ठा कम हुई है. एनबीसी न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में बराक ओबामा ने कहा, "इराक़ में हिंसा लगातार कम होने से ये साबित होता है ...
इराक में अमेरिकी युद्ध मिशन का समापन आज
प्रभात खबर - Aug 31, 2010इस पर व्हाइट हाउस ने कहा है कि इराक में युद्ध अभियान को समाप्त करने से ओबामा प्रशासन को अन्य घरेलू और राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं पर ध्यान देने में मदद मिलेगी. वहीं व्हाइट हाउस ने अभियान मुकम्मल शब्द का उपयोग करने से परहेज किया है. व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी राबर्ट गिब्स ने संवाददाताओं से कहा, इराक में युद्ध अभियान में अपनी भूमिका को हम समाप्त करने जा रहे हैं इसके परिणाम स्वरूप हमें अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी ...
इराक में ऑपरेशन फ्रिडम समाप्त
Tarakash - 12 hours agoअमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इराक में अमेरिका का 'ऑपरेशन फ्रीडम' समाप्त होने की आधिकारिक घोषणा कर दी है. इसके साथ ही इराक से अमेरिकी सैनिक वापस आने शुरू हो गए हैं. वहीं अमेरिकी हितों की रक्षा के के लिए पचास हजार सैनिक इराक में बने रहेंगे. ओबामा ने कहा कि इराकी लोगों के हाथों में यह आजादी सौंपने के लिए अमेरिका ने बहुत बड़ी कीमत चुकाई है.
इराक में युद्ध समाप्त होने जा रहा है: ओबामा
खास खबर - Aug 28, 2010अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रेडियो पर अपने साप्ताहिक भाषण में कहा कि ईराक में अमेरिकी युद्ध समाप्त होने जा रहा है। सद्दाम हुसैन को फांसी दिए जाने के सात साल बाद इस युद्ध को मंगलवार को आधिकारिक रूप से समाप्त घोषित किया जाएगा। ओबामा ने कहा, इस पद के उम्मीदवार के तौर पर मैनें वादा किया था कि मैं इस युद्ध को खत्म करूंगा और मैनें यह किया है। शनिवार को प्रसारित हुए इस उद्बोधन में ओबामा ने कहा, मेरे पद संभालने के बाद 90000 ...
खत्म हो रहा है इराक युद्ध: ओबामा
दैनिक भास्कर - Aug 28, 2010अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शनिवार को कहा कि इराक युद्घ खत्म हो रहा है। अमेरिका अगले साल की समाप्ति तक वहां से अपनी फौज पूरी तरह हटा लेगा। किसी भी संप्रभु राष्ट्र की तरह इराक अपना रास्ता खुद तय करने के लिए स्वतंत्र है। ओबामा ने रेडियो और इंटरनेट पर देश को अपने साप्ताहिक संबोधन में कहा, 'राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर मैंने सात साल से चल रही इस जंग को खत्म करने का वादा किया था। राष्ट्रपति के रूप में मैं ऐसा कर ...
खत्म हुआ इराक युद्ध: ओबामा
डी-डब्लू वर्ल्ड - Aug 28, 2010अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि इराक युद्ध खत्म हो रहा है और बगदाद अब अपने देश पर नियंत्रण के लिए तैयार है. अमेरिका ने मंगलवार को इराक में युद्ध अभियान खत्म किया. इराक में अमेरिका के 50 हजार सैनिक कुछ समय के लिए तैनात रहेंगे. यह सैनिक 2011 तक इराक में रहेंगे और इराकी सुरक्षाकर्मियों को प्रशिक्षण देंगे. अमेरिकी युद्धक दस्ते के निकलते ही इराक में हिंसा बढ़ी है. हाल के हफ्ते में हुए हमलों में 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो ...
अमेरिकी सेना के हटने की सराहना
डी-डब्लू वर्ल्ड - Aug 31, 2010इराक के प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी ने कहा है कि अमेरिका ने औपचारिक तौर पर युद्धक कार्रवाई खत्म कर दी है. इस तरह उनका देश आजाद हो गया है. मलिकी ने कहा कि अब उनका देश घरेलू या अंतरराष्ट्रीय किसी भी तरह के खतरे से निपटने को तैयार है. सात साल बाद इराक में आज आधी रात अमेरिका की सैनिक कार्रवाई आधिकारिक तौर पर खत्म हो जाएगी और इस मौके पर अमेरिका के उप राष्ट्रपति जो बाइडन इराक पहुंच गए हैं. राष्ट्रपति बराक ओबामा इस मौके पर अमेरिका ...
इराक में न्यू डॉन नामक नया ऑपरेशन शुरू
Patrika.com - 20 hours agoबगदाद। इराक पर हमले के साढ़े सात साल बाद वहां अमेरिकी सैन्य अभियान मंगलवार को आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया। बुधवार से ये ऑपरेशन न्यू डॉन यानी नई शुरूआत कहलाएगा। इस मौके पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन बगदाद में मौजूद हैं। वे इराकी नेताओं को आश्वस्त करने की कोशिश करेंगे कि अमेरिका उन्हें छोड़ कर नहीं जा रहा है। राष्ट्रपति ओबामा टीवी संबोधन में इसकी घोषणा करेंगे। दिलचस्प तथ्य ये है कि इस अवसर पर इराकियों को अभियान की ...
आंतरिक सुरक्षा की कमान कल से इराकी सेना संभालेगी
खास खबर - Aug 30, 2010अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा टीवी संबोधन में अपने देश का सैनिक अभियान खत्म करने की घोषणा करेंगे। बुधवार को हस्तांतरण समारोह आयोजित किए जाने की योजना है, लेकिन दिलचस्प तथ्य यह है कि इस अवसर पर इराकियों को अभियान की जिम्मेदारी नहीं सौंपी जा रही है। अमरीका के कमांडर जनरल रे ओडियर्नो अपनी जिम्मेदारी लेफ्टिनेंट जनरल लॉयड ऑस्टिन को ही सौंपने जा रहे हैं। हालांकि हस्तांतरण से पहले अमरीकी सेना के दस्ते तय समय से दो हफ्ते पहले ...
इराक़ी फ्रीडम समाप्त, ऑपरेशन न्यू डॉन शुरू
बीबीसी हिन्दी - Aug 30, 2010बाद में अमरीकी राष्ट्रपति बराक़ ओबामा टीवी संबोधन में इसकी घोषणा करेंगे. बुधवार को हस्तांतरण समारोह आयोजित किए जाने की योजना है लेकिन दिलचस्प तथ्य ये है कि इस अवसर पर इराक़ियों को अभियान की ज़िम्मेदारी नहीं सौंपी जा रही है. बीबीसी संवाददाता का कहना है कि बुधवार को हस्तांतरण समारोह में अमरीका के कमांडर जनरल रे ओडिएर्नो लेफ़्टिनेंट जनरल लॉयड ऑस्टिन को ज़िम्मेदारी सौंपेगे. लेकिन हस्तांतरण से पहले ही अमरीकी सेना के दस्ते ...
इराक अब अपना रास्ता तय करने के लिए स्वतंत्र
Patrika.com - Aug 28, 2010इराक में अमेरिकी सैन्य अभियान की समाप्ति की घोषणा करते हुए राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शनिवार को कहा कि इराक अब अपना रास्ता तय करने के लिए स्वतंत्र है। अगले साल के अंत तक अमेरिका अपने सभी सैनिकों को वापस बुला लेगा। ओबामा ने देश को अपने साप्ताहिक संबोधन में कहा, सात साल से भी अधिक समय के बाद अमेरिका इराक में अपना सैन्य अभियान समाप्त कर देगा। मैं वादा करता हूं कि इस युद्ध को खत्म करूंगा। उन्होंने कहा हमने 90000 से अधिक सैनिकों ...
ओबामा की यात्रा से पहले आएंगे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
प्रधानमंत्री के विशेष विमान से, एजेंसी
First Published:29-06-10 01:27 PM
Last Updated:29-06-10 01:27 PM
मेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की इस साल नवंबर में होने वाली पहली भारत यात्रा के एजेंडे पर विचार-विमर्श के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल (सेवानिवृत्त) जेम्स जोंस जुलाई में दिल्ली आएंगे।प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को टोरंटो में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर ओबामा से मुलाकात की थी और उनकी यात्रा की तैयारियों पर भी चर्चा की। सिंह ने बताया कि जेम्स जुलाई के दूसरे सप्ताह में अपने भारतीय समकक्ष शिवशंकर मेनन से मुलाकात करेंगे और वे यात्रा का एजेंडा तैयार करेंगे।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं। हमारे पास वास्तव में महत्वाकांक्षी एजेंडा है। हम राष्ट्रपति ओबामा की यात्रा सफल होने को लेकर आशान्वित हैं और यही उम्मीद वह भी करते हैं। एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि ओबामा से बातचीत में उनके पास प्रस्तावित चीन-पाक परमाणु समझौते जैसे मुद्दे रखने का समय नहीं था।
उन्होंने कहा, यह विचार-विमर्श आवश्यक तौर पर राष्ट्रपति ओबामा की यात्रा के एजेंडे पर चर्चा करने के लिए था। हम जब सेतु पर आएंगे तो इसे पार करेंगे। ओबामा इस साल नवंबर में भारत यात्रा पर आएंगे और उन्होंने सोमवार को कहा था कि वह इस यात्रा को लेकर बहुत उत्सुक हैं।
मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात में ओबामा ने कहा कि भारत यात्रा का न्यौता मिलने पर वह बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा था, इस यात्रा को लेकर मैं बहुत उत्सुक हूं और मुझे पता है कि प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी हमारा भव्य स्वागत करेंगे।
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नासा ने किया सबसे शक्तिशाली बूस्टर रॉकेट का परीक्षण
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और एयरोस्पेस कंपनी एटीके एयरोस्पेस सिस्टम ने मिलकर ठोस ईधन आधारित अब तक के सबसे शक्तिशाली रॉकेट इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। आगे पढे
अफ-पाक सीमा में छुपे हैं अलकायदा नेताः ओबामा
अफगानिस्तान में अमेरिका द्वारा चलाए जा रहे सैन्य अभियान का भले ही 10वां साल शुरू होने के करीब हो लेकिन राष्ट्रपति बराक ओबामा का कहना है कि अफ-पाक सीमा में अब भी अलकायदा के नेताओं ने शरण ले रखी है। आगे पढे
इराक में जंगी अभियान खत्म: ओबामा
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बात की औपचारिक तौर पर घोषणा कर दी है कि इराक में जंगी अभियान खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि अब अर्थव्यवस्था को वापस मजबूती पर लाना मुख्य उद्देश्य होगा। आगे पढे
जात न पूछो ओबामा की
ह्वाइट हाउस के प्रेस मंत्री बिल बर्टन बोले हैं कि राष्ट्रपति एक समर्पित ईसाई हैं। उनके दादा हुसैन ओनयांगी ओबामा मुसलमान थे। सो ह्वाट? आगे पढे
संसद के दोनों सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
मानसून सत्र की समाप्ति के साथ ही संसद के दोनों सदनों को मंगलवार को अनश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। आगे पढे
ओबामा ने लगाए उत्तर कोरिया पर और प्रतिबंध
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उत्तर कोरिया की ओर से हो रहे हथियारों और अन्य अवैध व्यापारों को रोकने के उद्देश्य से इस एशियाई देश पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगा दिए हैं। आगे पढे
नए जमाने का रोजगार है केपीओ
केपीओ नए जमाने का उम्दा करियर है। आंकड़ों पर जाएं तो चालू वर्ष में ही इसने 17 अरब का कारोबार कर डाला है। इसमें भारत की भागीदारी 12 प्रतिशत की है। अब इस कारोबार में असीम संभावनाएं खुलने लगी हैं। आगे पढे
माथे पर चिपकाकर नहीं रख सकता जन्म प्रमाणपत्रः ओबामा
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने धर्म और जन्म स्थान पर उठ रहे विवादों के बीच कहा है कि वह पूरे समय अपना जन्म प्रमाणपत्र अपने माथे पर चिपका कर नहीं रख सकते। आगे पढे
अमेरिका के इराक अभियान की उलटी गिनती शुरू
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा 31 अगस्त को टेक्सास की एक सेना चौकी का दौरा कर इराक में अमेरिकी अभियान की समाप्ति की घोषणा करेंगे और फिर उसी दिन राष्ट्र को संबोधित करेंगे। आगे पढे
संशोधनों के साथ परमाणु दायित्व विधेयक लोकसभा में पारित
विपक्षी दलों के साथ चर्चा के बाद बुधवार को लोकसभा ने परमाणु दायित्व विधेयक पारित कर दिया। कांग्रेस ने अपने सदस्यों के लिए व्हिप भी जारी किया था। इससे पहले प्रस्तावित विधेयक में 18 संशोधन किए गए। आगे पढे
ओबामा के धर्म को लेकर विवाद बढ़ा
ईसाई धार्मिक नेता फ्रैंकलिन ग्राहम के बराक ओबामा के पिता के मुस्लिम होने के कारण ओबामा के मुसलमान पैदा होने के बयान के एक दिन बाद व्हाइट हाउस ने फिर जोर दिया कि ओबामा समर्पित ईसाई हैं। आगे पढे
'ग्राउंड जीरो' पर नहीं बननी चाहिए मस्जिदः मिस यूएसए
अमेरिका में इस साल मिस यूएसए का खिताब जीतने वाली मुस्लिम युवती रीमा फकीह ने 9/11 के घटना स्थल 'ग्राउंड जीरो' पर एक इस्लामी केंद्र और मस्जिद के प्रस्तावित निर्माण का विरोध किया है। आगे पढे
अमेरिका में वीजा शुल्क में की गई वृद्धि प्रभावी
अमेरिका में एच-1बी और एल1 वीजा शुल्क में भारी वृद्धि का प्रस्ताव 14 अगस्त से प्रभावी हो गया है। इस वृद्धि से भारतीय आईटी कंपनियों पर 25 करोड़ डॉलर सालाना का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। आगे पढे
ओबामा को मुसलमान मानता है हर पांचवां अमेरिकी
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के मजहब को लेकर गलतफहमी तेजी से बढ़ रही है। एक सर्वेक्षण की माने तो यहां हर पांचवां शख्स ओबामा को एक मुसलमान मानता है हालांकि वह ईसाई धर्म का अनुसरण करते हैं। आगे पढे
आखिरी अमेरिकी लड़ाकू ब्रिगेड ने इराक को कहा गुड बाय
इराक पर अमेरिकी हमले के बेहद दुरूह हालात में सात साल से ज्यादा वक्त गुजारने के बाद अमेरिकी लड़ाकू बिग्रेड के सैनिकों का आखिरी कारवां जब इराक से विदा आ तो फौजियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आगे पढे
भारत यात्रा के दौरान पाक नहीं जाएंगे ओबामा
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की इस साल नवंबर में होने वाली भारत तथा कुछ अन्य एशियाई देशों की यात्रा के कार्यक्रम में पाकिस्तान के दौरे को शामिल करने पर कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया है। आगे पढे
मिलकर हराएंगे आतंकवाद को
अब वह समय आ गया है जब हम वैश्विक स्तर सुरक्षा के लिए काम करें और कोशिश करें। आगे पढे
ओबामा की सुरक्षा में सेंध, लड़ाकू विमानों ने भरी उड़ान
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सुरक्षा में एक बार फिर सेंध लग गई। ओबामा के जेट विमान के पास प्रतिबंधित वायुक्षेत्र में एक अन्य विमान आ गया, जिस कारण लड़ाकू विमानों को आपातकालीन उड़ान भरनी पड़ी। आगे पढे
अमेरिका को दूसरा स्थान कबूल नहीं : ओबामा
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि भविष्य की नौकरियों के लिए भारत, चीन, जर्मनी और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के बीच संघर्ष चल रहा है। आगे पढे
अफगानिस्तान से सेना वापसी के समय पर पुनर्विचार नहीं: यूएस
व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की समय सीमा पर कोई पुनर्विचार नहीं किया जाएगा तथा राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके शीर्ष जनरल इसे लेकर एकमत हैं। आगे पढे
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http://www.livehindustan.com/news/desh/national/39-39-124195.htmlइराकियों को अब भविष्य की चिंता
बगदाद, मंगलवार, 31 अगस्त 2010( 23:42 IST )
इराक में अमेरिकी सैन्य अभियान की औपचारिक समाप्ति की अध्यक्षता के लिए उपराष्ट्रपति जो बाइडेन जहाँ बगदाद में है, वहीं इस वापसी से कुछ इराकियों को भविष्य की चिंता परेशान कर रही है।
अमेरिकी कब्जे के खिलाफ इराकियों ने भी वर्षों से अभियान छेड़ा है, वहीं कुछ को प्रसन्नता है कि पश्चिमी देश की उपस्थिति अंतहीन नहीं है, लेकिन इराक क्या अकेले स्थिति संभाल पाएगा इसे लेकर भी बड़ी चिंता है।
बगदाद में 40 वर्षीय शिक्षक जोहाना मोहम्मद ने कहा कि यह उपयुक्त समय नहीं है। कोई सरकार नहीं है, सुरक्षा स्थिति बदहाल है और लोगों को भरोसा भी नहीं है। वर्ष 2007 में इराक में अमेरिकी सैनिकों की संख्या एक लाख 70 हजार थी और युद्धक अभियान की समाप्ति के बाद यह घटकर 50 हजार रह जाएगी।
बचे खुचे अमेरिकी अब इराकी सैनिकों को प्रशिक्षण आदि में मदद देंगे और उन्हें मोर्चे पर जाने की दरकार नहीं होगी, जब तक इराकी मदद के लिए अनुरोध न करें।
इस बदलाव को रेखांकित करते हुए बाइडेन ने प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी सहित इराकी नेताओं से आज अपील की कि वे राजनीतिक गतिरोध समाप्त कर देश में नई सरकार का गठन करें। इस वर्ष सात मार्च को संपन्न हुए संसदीय चुनावों के बाद कोई भी दल इराक में सरकार नहीं बना पा रहा है।
हम होंगे कामयाब : इराक के प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी ने अपने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि देश के सैनिक और पुलिस अपने बलबूते दायित्व निभाने में खरे उतरेंगे।
अमेरिकी सैनिकों की इराकी धरती से वापसी की प्रक्रिया बीते कई महीनों से चल रही है। इसके समापन चरण में अब 50 हजार अमेरिकी सैनिक शेष रह जाएँगे, लेकिन इस ऐतिहासिक प्रक्रिया के साथ-साथ इराक में स्थानीय सुरक्षा बलों पर हमले भी हुए हैं। कार बम धमाकों और गोलीबारी की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। (भाषा)
अमेरिका का अभियान जायज- टोनी ब्लेयर
लंदन, बुधवार, 1 सितंबर 2010( 16:11 IST )
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने कहा है कि इराक में जो कुछ हुआ उसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी लेकिन अमेरिका के नेतृत्व में वहाँ की गई कार्रवाई में शामिल होने पर उन्हें कोई अफसोस नहीं है।
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की इराक में जारी सैन्य अभियान को औपचारिक रूप से समाप्त करने की घोषणा के एक दिन बाद ब्लेयर ने आज यह बात कही। अपने संस्मरणों की शीघ्र प्रकाशित पुस्तक के अंश जारी करने के दौरान उसके कुछ पहलुओं का जिक्र करते हुए आज कहा कि इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन ने सामूहिक विनाशकारी हथियारों की धमकी थी और अमेरिका की ओर से वर्ष 2003 में इराक पर युद्ध करने का निर्णय जायज था। ज्ञातव्य है कि ओबामा ने इराक में अमेरिकी सैन्य अभियान को मंगलवार को औपचारिक रूप से खत्म करने का ऐलान किया था।
ब्लेयर ने कहा कि उन्हें अमेरिका द्वारा इराक पर आक्रमण करने के फैसले पर कोई दुख नहीं है। ब्लेयर के 10 वर्षों के कार्यकाल में यह बेहद विवादास्पद फैसला था। इसके खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक फेरबदल हुआ था। अभियान के दौरान जब इराक में किसी तरह के हथियार नहीं मिले तो लोगों ने ब्लेयर पर उनके साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था।
पूर्व प्रधानमंत्री ने संस्मरण में कहा कि मैं मानता हूँ युद्ध में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना अथवा सांत्वना पर्याप्त शब्द नहीं हैं। उनकी मौत हो चुकी है और मैं यानी फैसला करने वाला जिसके कारण मौतें हुईं .. अभी जीवित हूँ।
ब्लेयर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लयू बुश के करीबी दोस्त थे। ज्ञातव्य है कि बुश ने ही वर्ष 2003 में सद्दाम हुसैन की धमकियों के चलते इराक पर हमला करने का निर्णय लिया था। (वार्ता)
चिदंबरम को उम्मीद, कश्मीर पर जल्द होगी वार्ता
सरकार ने बुधवार को उम्मीद जताई कि जम्मू-कश्मीर में बातचीत की प्रक्रिया निकट भविष्य में फिर से शुरू हो सकेगी। गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अपने मंत्रालय का अगस्त महीने का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कहा कि सरकार को आशा है कि वह निकट भविष्य में वार्ता प्रक्रिया को फिर से शुरू करने में कामयाब होगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक से अधिक मौकों पर और खुद मैंने कहा है कि हम जम्मू-कश्मीर के सभी संगठनों और समूहों से बात करने को तैयार हैं। यह पूछने पर कि क्या यह नीति काम करेगी, चिदंबरम ने कहा कि हमारी नीति सही है और इसी से शांति व्यवस्था कायम होगी।
इससे पहले राज्यों के पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन में चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर के हालात को असामान्य बताते हुए इस बात पर अफसोस जताया था कि राज्य में हम अभी दुश्चक्र से बाहर नहीं निकल सके हैं। उन्होंने हालांकि उम्मीद जताई कि आने वाले कुछ दिन में कोई ऐसा रास्ता निकलेगा, जिसमें प्रदर्शनकारियों से संपर्क कर बातचीत की प्रक्रिया फिर से शुरू की जा सकेगी।
अन्य खबरें
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ओबामा ने रचा इतिहास
- प्रकाशित : 06/5/2008
- अन्तराष्ट्रीय
अमेरिकी इतिहास में एक शानदार अध्याय जोड़ते हुए बराक ओबामा ने आज डेमोकेटिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पर अपना नाम लिखा लिया। अपनी दमदार प्रतिद्वंद्वी हिलेरी व्लिंटन के साथ लंबे समय तक चले मुकाबले के बाद अंतत: ओबामा व्हाइट हाउस की दौड़ में शामिल होने वाले पहले अश्वेत अमेरिकी बन गए हैं। हिलेरी ने हालाँकि अभी मैदान नहीं छोड़ा है और उप-राष्ट्रपति बनने के अपने विकल्प खुले रखे हैं।
उम्मीदवारी हासिल करने के लिए जरूरी 2,118 डेलीगेट्स का आँकड़ा हासिल करने के बाद 46 वर्षीय ओबामा ने मिनिसोटा के सेंट पाल में उत्साही समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा `आज की रात मैं आपके सामने गर्व से खड़ा होकर कह सकता हूँ कि मैं अमेरिका के राष्ट्रपति पद का डेमोकेटिक उम्मीदवार होऊँगा।' साउथ डेकोटा तथा मोंटाना में निर्णायक प्राइमरी के बाद ओबामा का आँकड़ा 2149.5 तक पहुँच गया, जबकि हिलेरी 1925.5 अंक ही हासिल कर सकीं। एक निजी वेबसाइट ने यह जानकारी दी है।
ओबामा ने कहा `आज रात हमने एक ऐतिहासिक यात्रा समाप्त कर ली और दूसरे की शुरुआत की। एक ऐसी यात्रा जो अमेरिका के लिए नए और बेहतर दिन लेकर आएगी।' ओबामा और हिलेरी के बीच उम्मीदवारी हासिल करने के लिए 17 महीनों तक चला मैराथन संघर्ष इस मायने में ऐतिहासिक था कि यह एक महिला और एक अफीकी अमेरिकी नागरिक के बीच था। उम्मीदवारी हासिल करने को `राष्ट्र के लिए नयी व्याख्या करने वाला क्षण' करार देते हुए ओबामा ने डेमोकेटिक पार्टी की एकजुटता के लिए हिलेरी की भी मदद माँगी। उन्होंने कहा `सीनेटर हिलेरी व्लिंटन ने इस चुनाव प्रचार में इस लिहाज से एक इतिहास बनाया है कि न केवल महिला होने के बावजूद उन्होंने चुनाव लड़ा, बल्कि अपनी ताकत, अपने साहस और सामाजिक हितों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से लाखों अमेरिकियों को भी प्रेरित किया।' हिलेरी ने अभी अपनी हार स्वीकार नहीं की है और कहा है कि अपने अगले कदम का फैसला करने के लिए वह अगले कुछ दिनों में अपने समर्थकों तथा पार्टी नेताओं से मुलाकात करेंगी।
पूर्व में इस प्रकार की रिपोर्टें मिली थीं कि हिलेरी हार स्वीकार कर लेंगी, लेकिन उनके प्रचार प्रबंधकों ने कहा कि वह किसी भी सूरत में ऐसा नहीं करेंगी। हिलेरी ने न्यूयॉर्क में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए ओबामा की तारीफ की, लेकिन न तो उन्होंने ओबामा की जीत को स्वीकार किया और न ही किसी प्रकार की छूट देने की पेशकश की। उन्होंने कहा `यह एक लंबा प्रचार अभियान रहा है और आज की रात मैं कोई फैसला लेने नहीं जा रही हूँ।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों में सांसदों के हवाले से कहा गया है कि हिलेरी ने नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में ओबामा के साथ उप-राष्ट्रपति पद के रूप में काम करने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन ओबामा के प्रचारकर्ताओं ने हालाँकि कहा है कि इस मुद्दे पर अभी विचार-विमर्श करना `बहुत जल्दबाजी' होगा। ओबामा के मुख्य रणनीतिकार डेविड एक्सलरोड ने कहा `हमारे पास इस संबंध में कोई लंबी या छोटी सूची नहीं है। निश्चित रूप से वह काफी दमदार हस्ती हैं।'
उधर ओबामा के उम्मीदवारी हासिल करने के बाद सेंट पाल में जश्न का माहौल था। अमेरिकी राष्ट्र ध्वज से कटे परिसर में अपनी पत्नी मिशेल के साथ ओबामा ने अपने खुशी से चिल्लाते समर्थकों का अभिवादन किया और आम चुनाव के मूड में आते हुए रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉन मैककैन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा `पूर्व की नीतियों के पन्नों को पलटने का वक्त आ गया है।'
वियतनाम युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले 71 वर्षीय मैककैन ने भी लुइसियाना में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा `इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि चुनाव कौन जीतता है, लेकिन इस देश की दिशा नाटकीय रूप से बदलने जा रही है। लेकिन सही बदलाव और गलत बदलाव तथा आगे बढ़ने और पीछे जाने के बीच चुनाव है।' लुइसियाना भारतीय मूल के अमेरिकी गवर्नर बॉबी जिंदल का गृह प्रदेश है जिन्हें रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उप-राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार माना जा रहा है।
http://www.hindimilap.com/articles/224/1/aaaaa-aa-aaa-aaaaaa/Page1.html
बराक ओबामा को शांति का और नोबेल पुरस्कार कमेटी को हास्य-व्यंग्य का नोबेल (व्यंग्य/कार्टून)
Posted by K M Mishra on अक्टूबर 10, 2009
धन्य हैं नोबेल प्राइज कमेटी वाले भी । युध्द, गरीबी, भुखमरी, स्वाइन फ्लू, आतंकवाद, प्राकृतिक आपदाओं आदि से त्रस्त दुनिया के चहरे पर एक अदद मुस्कान लाने के लिये वो किसी भी हद तक जा सकते हैं । वो चले भी गये । कामयाबी ने चरण चूमे और ओबामा को मात्र तीन भाषणों के लिये शांति का नोबेल दे दिया गया । ओबामा को शांति का और पुरस्कार कमेटी को दुनिया को हंसाने के लिये हास्य-व्यंग्य का नोबेल ।
प्राग, काहिरा और संयुक्त राष्ट्रसंघ में शांति और परमाणु निरस्त्रीकरण की माला जपने के लिये ओबामा को यह पुरस्कार दिया गया है लेकिन पुरस्कार कमेटी वालों से एक भारी चूक हो गयी । वो मनमोहन सिंह को भूल गये जिन्होंने अमेरिका के चरके मे न्यूक्लियर डील पर साइन करके भारत को बधिया बनाने में अमेरिका की मदद की । हमने प्लूटोनियम आधारित साइरस न्यूक्लियर रियेक्टर को बंद कर दिया है जिससे हमें परमाणु बम के लिये प्लूटोनियम मिलता था । शांति का नोबेल सम्मिलित रूप से ओबामा और मनमोहन दोनो को मिलना चाहिये था ।
महात्मा गांधी के साथ डिनर का ख्वाब देखने वाले को आठ माह में ही नोबेल पुरस्कार मिल गया और बापू जीवन भर सत्य, अहिंसा के लिये अनशन करते रह गये और मिली भी तो गोडसे के पिस्तौल से निकली गोलियां । भारत के हाथ से परमाणु बम की ताकत छीन कर बापू की लाठी पकड़ाने के लिये ही ओबामा को नोबेल मिला है । जो देश असहयोग आंदोलन का जन्मदाता रहा हो उसके हाथ में परमाणु बम शोभा नहीं देते । परमाणु बम बने हैं पाकिस्तान, ईरान, म्यांमार, चीन और अलकायदा के लिये । अब्दुल कादिर खान, मुशर्रफ चाहे मक्का मदीने में खड़े हो कर चिल्लायें कि हमने ही परमाणु बम का फार्मूला दूसरे देशों को गिफ्ट किया था तो भी अमेरिका को उनकी बात पर विश्वास नहीं होगा (मजाक करने से बाज नहीं आते हरामखोर) ।
आजकल दलाई लामा ओबाम के बुलावे पर वाशिंगटन की खाक छान रहे हैं । चीन ने घुड़क दिया है इसलिये शांति के पुजारी ओबामा अब लामा से मिलने में हिचक रहे हैं । दुनिया में शांति तो बनी रहेगी पर घर की शांति में खलल पड़ गयी तो मन की शांति भी जाती रहेगी ।
http://kmmishra.wordpress.com/2009/10/10/%E0%A4%AC%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%95-%E0%A4%93%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A4%BF-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%A8/
भारत-चीन के बीच वित्तीय वार्ता
बीजिंग। भारत और चीन के बीच बुधवार से कई द्विपक्षीय और वित्तीय मसलों पर दो दिवसीय उच्चस्तरीय वार्ता शुरू होने जा रही है। दोनों देशों के बीच यह बातचीत ऐसे समय हो रही है जब कि चीन ने भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल बी एस जसवाल को वीजा देने से इंकार कर दिया है। चार सदस्ईय वार्ता दल की अगुवाई वित्त सचिव अशोक चावला करेंगे और इसमें भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारी भी शामिल होंगे।
चीन के हवाले गुलाम कश्मीर!
न्यूयार्क। मध्य एशिया में वर्चस्व को लेकर चीन ने अब खुल कर अपनी चालें चलनी शुरू कर दी हैं। इस क्षेत्र में उसका प्रतिद्वंद्वी भारत है और इसीलिए वह लगातार ऐसे कदम उठा रहा है जो भारत को चुनौतीपूर्ण लगें। अरुणाचल प्रदेश को वह भारत का हिस्सा नहीं मानता। कश्मीर को भी वह विवादास्पद क्षेत्र मानता है। उन्हीं कदमों के तहत वह कश्मीर के नागरिकों को नत्थी वीजा देता है। अक्सर उस क्षेत्र में तैनात सैन्य अधिकारियों को वीजा देने से इंकार कर देता है। सीमा पर मिसाइलें तैनात करता है। अब ताजा कदम यह है कि उसने गुलाम कश्मीर में अपने 11000 सैनिक तैनात किए हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर है कि गुलाम कश्मीर में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण गिलगित-बल्टिस्तान क्षेत्र पर चीन का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान उसे उसका वास्तविक नियंत्रण सौंप रहा है। यानी अब गुलाम कश्मीर पर पाकिस्तान के दावे के साथ चीन भी सामने होगा। जाहिर है इसके अंतरराष्ट्रीय निहितार्थ हैं।
अखबार ने लिखा है कि गिलगित बल्टिस्तान में दो मह8वपूर्ण और नई बातें हुई हैं। पहला, वहां पाकिस्तानी शासन के खिलाफ जबर्दस्त विद्रोह सुलग रहा है और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 7000 से 11000 सैनिकों की वहां घुसपैठ हो गई है। यह क्षेत्र दुनिया के संपर्क से कटा हुआ है।
अखबार ने कहा है, 'चीन पाकिस्तान के रास्ते सामरिक रूप से मह8वपूर्ण इस क्षेत्र में निर्बाध सड़क और रेल संपर्क सुनिश्चित करने के लिए इस पर अपनी पकड़ बनाना चाहता है। इसी उद्देश्य से चीन हाई स्पीड रेल और सड़क संपर्क बनाने में जुटा हुआ है। इन्हीं रास्तों से होकर बीजिंग पूर्वी चीन से बलूचिस्तान के ग्वादर, पासनी और ओरमारा के चीन द्वारा नवनिर्मित पाकिस्तानी नौसेना अड्डों पर जरूरी सामान और ऑयल टैंकर पहुंचा पाएगा। ये अड्डे अम्मान की खाड़ी के पूर्व में स्थित हैं और इन मार्गो के बनते ही महज 48 घंटों में पूर्वी चीन से वहां पहुंचा जा सकेगा।
न्यूयार्क टाइम्स ने कहा है, 'गिलगित बल्टिस्तान में प्रवेश कर रहे पीएलए सैनिकों में से कई रेलमार्ग पर काम करने वाले हैं। कुछ चीन के झिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान से जोड़ने वाले काराकोरम हाइवे के विस्तार में जुटे हैं। अन्य बांधों, एक्सप्रेसवे और अन्य परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।'
अखबार के अनुसार गुप्त स्थानों पर बन रहीं 22 सुरंगों पर रहस्य बना हुआ है क्योंकि वहां पाकिस्तानियों को भी जाने की इजाजत नहीं है। संभवत: ये सुरंगें ईरान से चीन तक की प्रस्तावित गैस पाइपलाइन के लिए जरूरी होंगी। यह पाइपलाइन गिलगित से होकर काराकोरम से आगे जाएगी।
टाइम्स का कहना है कि मिसाइल भंडार केंद्र के रूप में भी उनका इस्तेमाल हो सकता है।
विदेशी खुफिया सूत्रों, पाकिस्तानी मीडिया और पाकिस्तानी मानवाधिकार के हवाले से खबर देने वाले इस अखबार ने कहा है कि पहले पीएलए का निर्माण दल अस्थाई शिविरों में रहता था और काम पूरा करने पर लौट जाता था लेकिन अब वे बडे़ रिहायशी परिसरों का निर्माण कर रहे हैं जिनमें लंबे समय तक रहा जा सकेगा। अखबार का कहना है कि इस क्षेत्र में जो कछ भी हो रहा है वह वाशिंगटन के लिए चिंता का विषय है। चीन को अम्मान की खाड़ी तक पहुंचने के लिए इतनी छूट और रास्ता देने से साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान अमेरिका का मित्र नहीं है।
अखबार के मुताबिक गिलगित और बल्टिस्तान में लोकतंत्र और क्षेत्रीय स्वायत्तता के लिए चलने वाले आंदोलन को बड़ी ही निर्ममता से कुचला गया। इसमें पाकिस्तानी सेना ने सुन्नी जिहादी गुटों के साथ मिल कर स्थानीय शिया मुसलमानों को सुनियोजित तरीके से आतंकित किया। वस्तुत: यह इलाका सेना के कब्जे में है।
अखबार का मानना है कि वाशिंगटन को नई दिल्ली पर इस बात का दबाव डालना चाहिए कि वह कश्मीरी अलगाववादियों से बात कर स्वायत्ता का मामला आगे बढ़ाए। इससे कश्मीर में उग्रवादियों की मदद बंद करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनेगा। गिलगित-बल्टिस्तान क्षेत्र चीन के लिए इतना महत्वपूर्ण है कि अमेरिका, भारत और पाकिस्तान को मिल कर काम करना चाहिए ताकि वहां भी तिब्बत जैसे हालात न हो जाएं।
चाल दर चाल
पिछले साल पेंटागन की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन ऐसे उपकरणों और हथियारों को विकसित कर रहा है जो दक्षिण एशिया में मौजूद किसी भी देश की नौसेना और वायुसेना को बौना साबित कर देंगे।
इसी महीने जारी पेंटागन की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन पड़ोसी भारत से लगी सीमा पर मिसाइलें तैनात कर रहा है और अपनी वायुसेना को बहुत कम समय में वहां सक्रिय करने की तैयारी कर चुका है।
शुक्रवार को सेना के उत्तरी कमान के कमाडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस जसवाल के जम्मू कश्मीर की कमान संभालने के कारण बीजिंग यात्रा की अनुमति से इंकार कर दिया।
हम ईरान के मुद्दे पर वैश्विक समुदाय को एकजुट करने में सफल: ओबामा
अमेरिका ने ईरान पर उसकी परमाणु गतिविधियों की वजह से प्रतिबंधों को बढ़ाने के सदंर्भ में होने वाली चर्चा में चीन के शामिल होने के फैसले का स्वागत किया है। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार व्हाइट हाउस के प्रवक्ता बिल बर्टन ने गुरूवार को कहा, चीन का यह एक महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रपति बराक ओबामा महसूस करते हैं कि हम ईरान के मुद्दे पर वैश्विक समुदाय को एकजुट करने में सफल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य चीन ईरान पर प्रतिबंधों का समर्थन करने से कतराता रहा है क्योंकि ईरान के साथ उसके नजदीकी आर्थिक संबंध हैं।
ओबामा के धर्म संबंधी विवादों की आलोचना
अमेरिका के लगभग 70 ईसाई नेताओं ने राष्ट्रपति बराक ओबामा के धर्म संबंधी विवादों की आलोचना की है।नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि राष्ट्रपति 'बिना किसी शक के ईसा को भगवान' मानते हैं। अपने एक खुले पत्र में नेताओं ने मीडिया, सार्वजनिक अधिकारियों और ईसाई धर्म के अनुयायियों से कहा है कि वे ओबामा का साथ दें।
पत्र के मुताबिक, राष्ट्रपति ओबामा ईसा को भगवान मानते हैं और उन्होंने कई बार ईसाई धर्म की महत्ता पर बात की है। इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले कई लोगों ने राष्ट्रपति के साथ प्रार्थना और पूजा भी की है।
पिछले सप्ताह हुए एक सर्वेक्षण में कहा गया था कि देश के लगभग 18 फीसदी लोग ओबामा को मुस्लिम मानते हैं।
पाक को अमेरिकी मदद नौ अरब रुपये तक पहुंचा
बाढ़ के कहर से जूझ रहे पाकिस्तान को अमेरिकी सहायता संस्था 'यूएसएड' द्वारा पांच करोड़ डॉलर [करीब 2.3 अरब रुपये] की अतिरिक्त मदद देने की घोषणा के बाद अमेरिकी मदद का कुल आंकड़ा 20 करोड़ डॉलर [करीब 9.3 अरब रुपये] को छू गया। यूएसएड के प्रमुख भारतीय मूल के राजीव शाह ने दीर्घकालीन सहायता पैकेज के तहत यह घोषणा की।अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पीजे क्राउले ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'पांच करोड़ डॉलर की यह रकम कैरी-लूगर-बर्मन विधेयक की प्राथमिकता वाले अन्य कार्यो के लिए आवंटित धनराशि में से निकालकर बाढ़ राहत के लिए दी जाएगी।'
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के साथ ही यहां अस्थाई पुल बनवा रहा है। इन पुलों के जरिए अमेरिका के सैन्य और असैन्य राहत कर्मी पाकिस्तान को राहत सामग्री उपलब्ध कराएंगे। वहीं अमेरिकी सैन्य और नागरिक विमान लगातार बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगे हुए हैं।
राहत सामग्री की लूटपाट
लाहौर। सशस्त्र लोगों ने गुरुवार को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बाढ़ प्रभावित कालाबाग इलाके में राहत सामग्री से भरे एक काफिले को लूट लिया। लुटेरों ने राहत सामग्री ले जा रहे सरकारी नेशनल रूरल सपोर्ट प्रोग्राम [एनआरएसपी] के कर्मचारियों की पिटाई भी की।
खबरों के अनुसार एनआरएसपी ने दाउदखेल इलाके में वितरण के लिए राहत सामग्रियों से भरे कई ट्रक भेजे। यह इलाका सिंधु नदी में आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
थट्टा से हटाए गए तीन लाख नागरिक
कराची। पाकिस्तान के सबसे पुराने शहरों में से एक थट्टा में सिंधु नदी के तटबंध टूट जाने के कारण उत्पन्न बाढ़ के खतरे के मद्देनजर प्रशासन ने शुक्रवार को नगर के करीब तीन लाख निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के आदेश दिए।
थट्टा के अलावा चार अन्य प्रमुख शहरों शहादतकोट, मीरपुर बठोरो, सूजावल और डारो तथा आस-पास बाशिंदों को भी सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा।
अमेरिकी एजेंट है ओसामा बिन लादेन
क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो का कहना है कि अल-कायदा का सरगना ओसामा बिन लादेन अमेरिका का एजेंट है। वह अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के लिए काम करता है और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जार्ज बुश को जब भी दुनिया को डराना होता था वो लादेन का हौवा खड़ा कर देते थे।कास्त्रो के अनुसार हाल में ही इंटरनेट पर उपलब्ध हुए दस्तावेज इस बात की पुष्टि करते हैं। विश्व षड्यंत्रों के बारे में जानकारी जुटाने वाले एक लेखक से मुलाकात के दौरान कास्त्रो ने सरकारी मीडिया से कहा कि बुश को जब भी भय पैदा करना होता था और कोई बड़ी बात कहनी होती थी ठीक उसी समय लादेन बताता था कि वो क्या करने जा रहा है।
बुश के लिए लादेन की तरफ से मदद में कभी कोई कमी नहीं हुई। लादेन बुश के अधीन था। कास्त्रों ने अपनी इन बातों की पुष्टि के लिए हाल में ही अफगानिस्तान युद्ध से संबंधित दस्तावेज इंटरनेट पर सार्वजनिक करने से चर्चा में आई इंटरनेट साइट विकीलीक्स का हवाला दिया।
उन्होंने कहा कि यह साइट सिद्ध करती है कि लादेन सीआईए का एजेंट था।
लखवी रहेगा जेल में, जमानत याचिका खारिज
पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत ने मुंबई हमलों के आरोपी व लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी की जमानत याचिका खारिज कर दी है।इस अदालत में हमलों में शामिल होने के आरोप में सात आतंकियों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। सूत्रों ने बताया कि न्यायाधीश मलिक मुहम्मद अकरम अवान ने लखवी की जमानत याचिका इस आधार पर खारिज कर दी कि यह विचार के काबिल नहीं है।
लखवी के वकील ख्वाजा सुल्तान ने कहा कि उसका मुवक्किल जमानत के लिए अब लाहौर हाईकोर्ट जाएगा। इसके पहले अभियोजन ने आरोप लगाया था कि मामले की सुनवाई में देरी करने के लिए बार-बार विभिन्न प्रकार की याचिकाएं दायर की जा रही हैं।
सुल्तान ने कहा कि हम आतंकवाद निरोधी अदालत का विस्तृत आदेश मिलने के बाद हाईकोर्ट में आवेदन दायर करने की तारीख का फैसला करेंगे। सुल्तान ने दावा किया है कि लखवी को जमानत दी जानी चाहिए थी क्योंकि अभियोजन उसके खिलाफ मुंबई हमलों से जुड़े होने के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर सका। सुल्तान ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष का मामला सिर्फ अजमल आमिर कसाब के बयान के आधार पर था।
उसने दावा किया कि अभियोजन पक्ष ने पांच पुलिसकर्मियों को पेश किया, जिन्होंने बयान दिया कि लखवी लश्कर का शीर्षस्थ कमांडर है, लेकिन वे लखवी को मुंबई हमलों से जोड़ने वाला कोई सबूत नहीं पेश कर सके। अभियोजन ने यह कहते हुए लखवी की जमानत याचिका को चुनौती थी कि उनके पास लखवी पर शिकंजा कसने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
मुंबई हमलों के मामले में अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी। संभावना है कि उस सुनवाई के दौरान न्यायाधीश अवान अभियोजन पक्ष की ओर से दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई करें। इनमें से एक सातों आरोपियों के आवाजों के नमूने लेने से संबंधित है, जबकि दूसरी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बयान लेने के लिए एक भारतीय मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी से जुड़ी है।
बचाव पक्ष ने इन दोनों याचिकाओं का यह कहते हुए विरोध किया है कि पाकिस्तानी कानून के तहत इनकी मंजूरी नहीं दी जा सकती।
भारत से खतरनाक है इस्लामी आतंकवाद
भारत विरोधी अपने रवैये को छोड़ते हुए पाकिस्तान की मुख्य खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस [आईएसआई] ने 63 सालों में पहली बार माना है कि पाकिस्तान के लिए भारत नहीं बल्कि इस्लामी आतंकवाद मुख्य खतरा है।अपने हाल के आंतरिक सुरक्षा आकलन में पाकिस्तान की सबसे अधिक प्रभावशाली सैन्य खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कहा कि देश को अधिक खतरा इस्लामी आतंकियों से है। वाल स्ट्रीट जर्नल ने आईएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से यह खबर दी है।
राष्ट्रीय सुरक्षा की नियमित समीक्षा वाले इस आकलन में कहा गया है कि पाकिस्तान को दो तिहाई खतरे की संभावना भारत या किसी अन्य तत्वों से नहीं बल्कि आतंकियों से है। अखबार ने यह भी कहा कि अभी यह अस्पष्ट है कि आईएसआई के इस आकलन को पाकिस्तान की सैन्य और नागरिक प्रशासन पूरी तरह मंजूर करेगा या नहीं।
अखबार ने कहा है कि सैनिकों की तैनाती और आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई पर इस रिपोर्ट का असर अब देखा जाना है। इस रिपोर्ट पर आतंकवाद निरोधक विशेषज्ञ और जार्जटाउन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ब्रूस हाफमैन ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा बदलाव है।
तहरीक-ए-तालिबान आतंकी समूह घोषित
अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान स्थित तहरीक-ए-तालिबान [टीटीपी] को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया जिसके बाद इस संगठन के नेताओं के विदेश यात्राओं पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही इसके वित्तीय लेन देन पर भी रोक लगाने का मार्ग प्रशस्त होगा।विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने 12 अगस्त को टीटीपी को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था लेकिन आज संघीय रजिस्टर में प्रकाशित होने के बाद इसे औपचारिक रूप से काली सूची में डाला गया। इस आतंकी संगठन के शीर्ष नेताओं को विशेष अंतरराष्ट्रीय आतंकी सूची में डाला गया है, जिनमें इसका प्रमुख हकीमुल्लाह महसूद तथा उसका सहयोगी वली उर रहमान भी शामिल है। इस सूची में इनका नाम आने के बाद इस पर विदेश और राजस्व विभाग अधिक प्रतिबंध लगाने की स्थिति में होगा।
विमान में आतंकी हमले का अभ्यास करने वाले काबू
शिकागो से एम्सटर्डम जा रही अमेरिकी फ्लाइट में कथित रूप से आतंकी हमले का अभ्यास करने वाले दो व्यक्तियों को नीदरलैंड में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान डेट्रायट में रहने वाले यमन मूल के अमेरिकी नागरिकों अहमद मुहम्मद नासिर अल सूफी और हाशिम अल मुरीसी के रूप में हुई है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक दोनों रविवार रात को शिकागो से विमान में सवार हुए थे और उनमें से एक की हरकतें संदेहास्पद थीं।सबसे पहले इस घटना की खबर देने वाले 'एबीसी न्यूज' ने दो अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा है कि सूफी और मुरीसी अपने सामान में छद्म बम लेकर जा रहे थे। रविवार रात अमेरिकी हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच के दौरान उनके सामान में कुछ संदिग्ध चीजें मिलीं। इनमें दवा की एक बोतल के साथ टेप किया गया सेलफोन, आपस में टेप किए गए तीन सेलफोन और एक साथ टेप की गईं घड़ियां शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'पक्के तौर पर यह किसी आतंकी हमले का अभ्यास था।' दोनों के पास हालांकि कोई भी प्रतिबंधित सामान नहीं मिला।
शिया जुलूस में धमाके, 18 की मौत
लाहौर। पाकिस्तान की सांस्कृतिक राजधानी कहलाने वाले लाहौर शहर में बुधवार को तीन सिलसिलेवार बम धमाके हुए। शिया समुदाय के जुलूसों को निशाना बनाकर किए गए इन धमाकों में 18 लोगों की मौत हो गई। देश में आतंकी वारदातों की इस ताजा कड़ी में 70 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं।
शिया समुदाय के प्रार्थना स्थल करबला गमय शाह इमामबाड़े के करीब शाम छह बजकर 35 मिनट के बाद दो धमाके हुए। ये दोनों धमाके अपेक्षाकृत कम तीव्रता के थे। तीसरा और सबसे ताकतवर धमाका शाम सात बजकर 15 मिनट के करीब भंट्टी चौक पर हुआ। दोनों ही जगह हाल ही में आत्मघाती हमले का निशाना बनी दाता दरबार दरगाह के करीब हैं। निजी एंबुलेंस सेवा के एक अधिकारी ने इन धमाकों में करीब डेढ़ दर्जन लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। मेयो अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि धमाकों के बाद 70 से ज्यादा जख्मी अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं।
हजरत अली की शहादत के मौके पर निकाला जा रहा शिया समुदाय का जुलूस पहले दो धमाकों के वक्त लाहौर के पुराने इलाकों से इमामबाड़े की ओर बढ़ रहा था। तीसरा धमाका उस वक्त हुआ जब राहतकर्मी इन धमाकों में जख्मी हुए लोगों को अस्पताल ले जा रहे थे। एक आला पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहले दो विस्फोट मोटरसाइकिलों में छुपाकर रखे गए बमों से किए गए थे। कराची में शिया समुदाय के एक जुलूस में गोलीबारी की गई। इस घटना में सात लोग जख्मी हो गए।
लीबिया ने 37 आतंकियों को रिहा किया
लीबिया की एक जेल से गुआंटोनामो खाड़ी के एक पूर्व कैदी और 36 अन्य आतंकियों को रिहा कर दिया गया है।सूत्रों के अनुसार सैफ अल-इस्लाम अल-गद्दाफी के स्वयंसेवी संगठन की ओर से आतंकियों की रिहाई का ऐलान किया गया। सैफ लीबिया के नेता मौमेर गद्दाफी के बेटे है।
संगठन का कहना है कि इन आतंकवादियों ने अपने व्यवहार में सुधार किया है और इन लोगों ने हिंसा छोड़ने की शपथ ली है।
लादेन के सहयोगी को उम्रकैद
दुनिया के सबसे वांछित आतंकी अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के एक कथित सहयोगी को वर्ष 2000 में न्यूयॉर्क में आतंकवाद के आरोपों के मुकदमे की सुनवाई से पहले एक बंदी रक्षक पर हमला करने के आरोप में बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।सूडानी मूल के 52 वर्षीय इराकी नागरिक ममदू महमूद सालिम ने एक नवंबर 2000 को प्लास्टिक की कंघी से बंदी रक्षक लुइस पेपे पर हमला करने का अपराध कुबूल किया है। उस हमले में पेपे के दिमाग में चोट लगी थी और उसकी एक आंख खराब हो गई थी।
उस वक्त सालिम के खिलाफ वर्ष 1998 में केन्या तथा तंजानिया स्थित अमेरिकी दूतावासों पर हमलों समेत ऐसी ही कई आतंकवादी वारदात की साजिश रचने के मामले की सुनवाई होनी थी।
दरअसल, सालिम को फेडरल जज देबोरा बट्स ने वर्ष 2004 में 32 साल कैद की सजा सुनाई थी जिन्होंने माना था कि कंघी से हमला करना आतंकवाद की श्रेणी में नहीं आता।
बहरहाल, अपीली अदालत ने वर्ष 2008 में सालिम को फिर से सजा सुनाने के आदेश दिए थे। अपने बुधवार के आदेश में बट्स ने कहा कि लोवर मैनहटन स्थित मेट्रोपॉलिटन करेक्शनल सेंटर में क्रूर और निर्दयतापूर्ण हमला करने के लिए सालिम को उम्रकैद होनी ही चाहिए। जज ने सालिम को पेपे के इलाज पर हुए खर्च के लिए 40 लाख 72 हजार डॉलर भी चुकाने के आदेश दिए हैं।
11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए अभूतपूर्व आतंकवादी हमले से पहले सालिम को अमेरिका में पकड़ा गया अल-कायदा का सबसे अहम सदस्य माना जाता था।
चिदंबरम बोले, भगवा पर किसी का पेटेंट नहीं
Patrika.com - 28 मिनट पहलेनई दिल्ली। भगवा आतंकवाद मुद्दे पर विपक्ष और अपनी ही पार्टी के निशाने पर आए केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम अभी भी अपने रूख पर अडिग हैं। चिदंबरम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने मंत्रालय के कामकाज की मासिक रिपोर्ट साझा करते हुए कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि भगवा आतंकवाद पर किसी का पेटेंट नहीं है। वह इसके जरिए जो संदेश देना चाहते थे वह देश भर में चला गया है। उन्होंने कहा कि देश के कुछ बम धमाकों के पीछे ...
दिग्विजय ने चिदंबरम के "भगवा आतंकवाद" पर आपत्ति जताई
खास खबर - 3 घंटे पहलेनई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री पी.चिदंबरम पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि आतंक की व्याख्या के लिए रंग, मजहम या धर्म के इस्तेमाल पर उन्हें आपत्ति है। सिंह ने यहां कहा, ""आतंकवाद को किसी रंग, मजहब या धर्म से जो़डा नहीं जा सकता। यह किसी भी धर्म के कट्टरपंथियों से पैदा होता है, चाहे वे हिंदू हों, या मुस्लिम।"" इसके पहले बुधवार को ही चिदंबरम ने कहा था कि उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल ...
"भगवा आतंकवाद" पर चिदंबरम से टकराए दिग्विजय
Patrika.com - 1 घंटा पहलेनई दिल्ली। नक्सलियों के मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से गृहमंत्री पी. चिदंबरम की आलोचना कर चुके कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह अब "भगवा आतंकवाद"के बयान पर बिफर गए हैं। चिदंबरम पर निशाना साधते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि आतंक की व्याख्या के लिए रंग, मजहम या धर्म के इस्तेमाल पर उन्हें आपत्ति है। सिंह ने कहा कि आतंकवाद को किसी रंग, मजहब या धर्म से जोड़ा नहीं जा सकता। यह किसी भी धर्म के कट्टरपंथियों से पैदा होता है। ...
'भगवा आतंकवाद' शब्द के इस्तेमाल का उद्देश्य पूरा हुआ: चिदंबरम
हिन्दुस्तान दैनिक - 4 घंटे पहले'भगवा आतंकवाद' शब्द के इस्तेमाल को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि उन्होंने यह संदेश देने के लिए इसका इस्तेमाल किया था कि कुछ दक्षिणपंथी धार्मिक संगठन देश में हुई कुछ आतंकवादी घटनाओं में लिप्त थे। उन्होंने कहा कि इस शब्द का इस्तेमाल पहले भी किया जा चुका है। चिदंबरम ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''मैं इस मुहावरे पर पेटेंट का दावा नहीं कर सकता। यह शब्द पहले भी इस्तेमाल किया जा चुका है ...
आतंकवाद का कैसा रंग?
दैनिक भास्कर - 13 घंटे पहलेजैसे हिंदू या भगवा आतंकवाद शब्द अग्राह्य हैं, वैसे ही मुस्लिम या इस्लामी आतंकवाद शब्द भी अग्राह्य होना चाहिए। इन शब्दों का प्रयोग करकेहम व्यापक समुदायों को जबर्दस्ती आतंकवाद से जोड़ने का आयोजन कर देते हैं। क्याआतंकवाद का कोई रंग होता है? चिदंबरम ने उसे भगवा आतंकवाद क्यों कह दिया? आतंकवाद को भगवा रंग में क्यों रंग दिया? भगवा रंग तो त्याग का, तपस्या का, शांति का, अहिंसा का रंग है। भगवा रंग जो भी धारण करता है, माना जाता है कि ...
मुस्लिम सांसदों को भी मंजूर नहीं 'भगवा आतंक'
दैनिक भास्कर - २८-०८-२०१०नई दिल्ली. केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम की 'भगवा आतंकवाद' की परिभाषा खुद कांग्रेस की ओर से खारिज होने के बाद पार्टी के ज्यादातर मुस्लिम सांसदों ने भी भगवा आतंकवाद के टर्म को नकार दिया है। कई सांसदों को लगता है कि यह मौका है कि मुस्लिम आतंकवाद और इस्लामिक आतंकवाद के बहाने पूरी कौम पर हमला करने की सोच पर भी पलटवार किया जाए। कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद राशिद अल्वी ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म, मजहब या रंग नहीं हो सकता है ...
मेरे पास "भगवा आतंकवाद" का पेटेंट नहीं: चिदंबरम
खास खबर - 4 घंटे पहलेनई दिल्ली। भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल करने पर भाजपा की कडी आलोचना का शिकार बनने वाले गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि वे इस शब्द के पेटेंट का दावा नहीं कर सकते क्योंकि यूपीए में उनके कई साथियों ने इस शब्द का इस्तेमाल किया है और यह संसद में भी इस्तेमाल हुआ है। चिदंबरम ने अपने मंत्रालय की अगस्त की प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए संवाददाताओं से कहा कि इस शब्द का इस्तेमाल कई लोगों ने किया है। 16 अगस्त 2001 को लोकसभा में ...
'भगवा आतंकवाद' शब्द पर दिग्विजय ने की चिदंबरम की आलोचना
हिन्दुस्तान दैनिक - 2 घंटे पहलेगृह मंत्री पी चिदंबरम द्वारा भगवा आतंकवाद शब्द इस्तेमाल करने के बाद कांग्रेस के भीतर इस मुद्दे पर मतभेद थम नहीं रहा है और पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि उन्हें इस शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति है। सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि मुझे आतंकवाद की व्याख्या करने के लिए जाति, रंग या धर्म के इस्तेमाल पर आपत्ति है। चिदंबरम ने बुधवार को ही अपने मंत्रालय का अगस्त का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कहा कि भगवा आतंकवाद से उनका आशय ...
आतंक नहीं, शांति का प्रतीक है भगवा:मुख्यमंत्री
दैनिक भास्कर - ३०-०८-२०१०रायपुर.भगवा आतंकवाद पर देश में चल रही बहस में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी कूद पड़े हैं। उन्होंने भगवा आतंकवाद कहने वालों को आड़े हाथों लेते हुए दो टूक कहा कि भगवा रंग आतंकवाद का नहीं, बल्कि शांति, विकास और समृद्धि का प्रतीक है। केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने भगवा आतंकवाद पर चिंता जताते हुए इससे देश को आगाह किया है। निर्मल ग्राम पंचायतों को पुरस्कार देने के लिए रायपुर में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने ...
भगवा आतंक नहीं, शांति का प्रतीक: सीएम
दैनिक भास्कर - ३०-०८-२०१०रायपुर. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि कुछ लोग भगवा को आतंकवाद से जोड़ रहे हैं, लेकिन वास्तव में यह शांति, विकास और समृद्धि का प्रतीक है। भगवा से बड़ा कोई रंग नहीं होता। हर कोई इससे आकर्षित होता है। यह मन में उत्साह लाता है। कुछ लोगों इस रंग से झिझकते भी हैं। उन्होंने प्रदेशभर से आए सरपंचों के भगवा वस्त्र को देखकर कहा कि आपने भगवा रंग का कपड़ा पहना है। इससे आप प्रेरणा लें और विकास करें। गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री ...
बेबस प्रधानमंत्री मांगे 'भगवा आतंक' पर माफी
दैनिक भास्कर - ३०-०८-२०१०अहमदाबाद. गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ने दोहराया है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गृहमंत्री पी चिदंबरम के भगवा आतंक संबंधी बयान पर देश से माफी मांगनी चाहिए। अहमदाबाद में एक सार्वजनिक समारोह के दौरान मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री के पद की गरिमा घटी हैं क्योंकि प्रधानमंत्री बेबस हैं और सत्ता को कोई और चला रहा है। भगवा आतंक शब्द का इस्तेमाल करने पर पी चिदंबरम की आलोचना करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसे दुर्भाग्य ही कहा ...
'भगवा आतंक' पर मेरा कॉपीराइट नहीं : चिदंबरम
दैनिक भास्कर - 7 घंटे पहलेकेंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम सैफरन टैरर याने भगवा आतंक के मुद्दे पर झुकने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मेरे कुछ सहयोगियों ने पहले भी इस शब्द का इस्तेमाल किया है और कोई भी इस पर पेटेंट का दावा नहीं कर सकता। बुधवार को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे भगवा आतंक के शब्द पर कायम हैं। और सबसे बड़ी बात यह है कि इसके माध्यम से वे जो भी संदेश देना चाहते थे, वह पूरे देश में पहुंच गया है। ...
'भगवा आतंकवाद' को लेकर विवाद अदालत पहुंचा
दैनिक भास्कर - ३१-०८-२०१०अहमदाबाद केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम का 'भगवा आतंकवाद' शब्द प्रयोग विवाद तूल पकड़ने के बाद अब अदालत पहुंच गया है। सोमवार को ब्रह्मचारी स्वामी नित्यामंद तीर्थ ने यहां मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत-क्रमांक-5 में चिदंबरम के खिलाफ मानहानि का दावा किया है। स्वामी ने अधिवक्ता विराट पोपट के माध्यम से दावा किया है। इसमें कहा गया है कि 'भगवा आतंकवाद' कह कर केंद्रीय गृहमंत्री ने साधु-समाज पर आतंकी होने का आरोप लगाया है। ...
चिदंबरम के खिलाफ संतों के भी तेवर तल्ख
खास खबर - २८-०८-२०१०देहरादून। भगवा आतंकवाद शब्द के इस्तेमाल पर दक्षिणपंथियों द्वारा कोपभाजन का शिकार बने केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम पर अब संतों के भी तेवर तल्ख हो गए हैं। हरिद्वार स्थित अपने आश्रम में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए शारदापीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि भगवा के साथ आतंकवाद शब्द जो़डकर गृहमंत्री ने वास्तव में राष्ट्रीय झंडे का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि भगवा यदि आतंकवादी ...
चिदंबरम हिन्दुओं से माफी माँगें-तोगड़िया
वेबदुनिया हिंदी - ३०-०८-२०१०विश्व हिन्दू परिषद ने 'भगवा आतंकवाद' का शोशा छोड़ने वाले गृहमंत्री पी. चिदंबरम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान के वकील की तरह काम करने का आरोप लगाया है और माँग की कि वे सम्पूर्ण हिन्दू समाज से माफी माँगें अन्यथा केन्द्र सरकार उन्हें गृहमंत्री पद से हटाए। विहिप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने सोमवार को यहाँ इंग्लिशिया लाइन स्थित विहिप के स्थानीय कार्यालय हिन्दू भवन में कहा कि ऐसे वक्त जब ...
चिदंबरम की टिप्पणी दुखदायी: राजनाथ
खास खबर - २९-०८-२०१०चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री पी.चिदंबरम द्वारा "भगवा आतंकवाद" पर की गई टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की। उन्होंने चिंदबरम पर भारतीय संस्कृति में रंग के सम्मानित दर्जे को अपमानित करने का आरोप लगाया। राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा, भगवा रंग भक्ति, समर्पण और त्याग का रंग है तथा हमारे देश में इसका एक सम्मानजनक स्थान है। लेकिन इन सबसे अलग हमारे गृह मंत्री पी. ...
चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा
वेबदुनिया हिंदी - ३०-०८-२०१०केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ 'भगवा आतंकवाद' शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर सोमवार को मानहानि का मुकदमा दायर किया गया। पाटन जिले के स्वामी निजानंद तीर्थ ने यह शिकायत आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जीसी गामित की अदालत में दायर की है। तीर्थ ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने 'भगवा आतंकवाद' शब्द का इस्तेमाल कर हिंदू संतों की ...
पहली बार नहीं हुआ भगवा का इस्तेमाल: चिदंबरम
जोश 18 - 5 घंटे पहलेनई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने 'भगवा आतंकवाद' शब्द पर भारतीय जनता पार्टी के एतराज को दरकिनार करते हुए आज कहा कि उन्होंने इसका इस्तेमाल दक्षिणपंथी धार्मिक संगठनों के लिए किया था। चिदंबरम ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वे इस शब्द का इस्तेमाल करनेवाले पहले व्यक्ति नहीं हैं। 'भगवा आतंकवाद' शब्द का इस्तेमाल पहले भी कई लोग अनेक अवसरों पर करते रहे हैं। गौरतलब है कि चिदंबरम ने हाल ही में पुलिस प्रमुखों के सम्मेलन ...
संप्रग सरकार विफल, गृहमंत्री फैला रहे कटुताः कलराज मिश्र
दैनिक भास्कर - २९-०८-२०१०पटना. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाधक्ष और सांसद कलराज मिश्र ने कांग्रेस की अगुवायी वाली केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन (संप्रग) सरकार को सभी मोर्चे पर विफल ठहराते हुए बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। श्री मिश्र ने आज यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददता सम्मेंलन में कहा कि संप्रग सरकार ने आम आदमी को राहत देने का वायदा किया था लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में महंगाई ...
भगवा आंतकवाद की बात देश का अपमान : भाजपा
प्रभात खबर - २८-०८-२०१०गोपालगंज : गृह मंत्री पी चिदंबरम के मक्का मस्जिद, अजमेर दरगार और मालेगांव ओद में हुए आतंकी हमलों में भगवा आतंक के एक नये आयाम के सामने की बात किए जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र ने शनिवार को कहा कि गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भगवा आतंकवाद की बात कर देश का अपमान किया है. कुचायकोट विधान सभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता विजय संकल्प सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मिश्र ने कहा कि भाजपा गृहमंत्री के ...
'भगवा आतंकवाद' पर चिदंबरम सही : पासवान
प्रभात खबर - ३०-०८-२०१०नयी दिल्ली : भगवा आतंकवाद पर टिप्पणी कर विवादों के घेरे में आये गृह मंत्री पी चिदंबरम को आज लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान के रूप में अप्रत्याशित समर्थक मिल गया, जिन्होंने चिदंबरम के बयान को सही बताया लेकिन कांग्रेस पर भगवा संगठनों का बचाव करने का आरोप लगाया. पासवान ने यहां मीडिया से कहा कि चिदंबरम सही हैं. वह केवल व्यक्ति नहीं बल्कि देश के गृह मंत्री भी हैं और यदि उन्होंने कोई बयान दिया है तो पूरी जिम्मेदारी से दिया होगा. ...
चिदंबरम हिन्दू समाज से माफ़ी मांगे : तोगडिया
प्रभात खबर - ३०-०८-२०१०वाराणसी : विश्व हिन्दू परिषद ने भगवा आतंकवाद का शोशा छोडने वाले गृहमंत्री पी चिदंबरम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान के वकील की तरह काम करने का आरोप लगाया है ओर मांग की कि वह सम्पूर्ण हिन्दू समाज से माफ़ी मांगे अन्यथा केन्द्र की सत्तारुढ कांग्रेसनीत सरकार उन्हें गृहमंत्री पद से हटाये. विहिप के राष्ट्रीय महामंत्री डा प्रवीण तोगडिया ने इंग्लिशिया लाइन स्थित विहिप के स्थानीय कार्यालय हिन्दू भवन में संवाददाताओं से ...
'भगवा आतंकवाद' पर माफी मांगें पीएमः मोदी
प्रभात खबर - ३०-०८-२०१०अहमदाबाद: गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री द्वारा 'भगवा आतंकवाद' शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आज माफी मांगने को कहा. मोदी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, 'प्रधानमंत्री के पद का महत्व घटा दिया गया है और वह असहाय हो गए हैं क्योंकि प्रशासन किसी और नियंत्रण में है.' गृह मंत्री पी चिदंबरम के भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल करने की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा, 'यह दुर्भाग्य की बात है कि ...
माफी मांगें प्रधानमंत्री मनमोहनः मोदी
डी-डब्लू वर्ल्ड - ३०-०८-२०१०गुजरात के मुख्य मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि गृह मंत्री के भगवा आतंकवाद जैसे शब्द इस्तेमाल करने पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को माफी मांगनी चाहिए. गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा था कि देश में भगवा आतंकवाद बढ़ रहा है. इस बात पर दक्षिणपंथी संगठनों ने एतराज जताया है. बीजेपी ने भी इस बात के लिए चिदंबरम की आलोचना की है. लेकिन नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री से माफीनामे की मांग कर डाली है. एक कार्यक्रम में मोदी ने कहा, "इस बात से ...
"भगवा आतंकवाद" पर माफी मांगे पीएम : मोदी
Patrika.com - २८-०८-२०१०अहमदाबाद। भगवा आतंकवाद पर केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के बाद अब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर केन्द्र पर हमला बोला है। मोदी ने केन्द्र की यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए दो टूक शब्दों में कहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिदंबरम के इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए। मोदी ने कहा है कि भगवा ...
राष्ट्रमंडल खेल: 15 सितंबर तक पूरे होंगे सुरक्षा संबंधी कार्य
आज तक - 8 घंटे पहलेगृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों के लिए सुरक्षा संबंधी सभी कार्य 15 सितंबर तक पूरे कर लिए जाएंगे, जिसके बाद एक और समीक्षा बैठक की जाएगी. 'भगवा आतंकवाद' संबंधी टिप्पणी पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया के बारे में गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा कि पार्टी सर्वोच्च है. उन्होंने कहा कि भगवा आतंकवाद संबंधी टिप्पणी के पीछे संदेश है कि बम विस्फोट की कुछ घटनाओं में दक्षिण पंथी कट्टरपंथी समूहों का हाथ होने का संदेह है. ...
चिदंबरम शालीनता से करें शब्दों का प्रयोग
हिन्दी लोक - ३०-०८-२०१०भगवा शब्द एक रंग का वाचक है, वह तो एक रंग है, सिर्फ रंग, जिसे उगते हुए सूरज में अथवा अग्नि की लपटों अथवा कुछ बहुत कम खिलने वाले फूलों में देखा जाता है। केसर से मिलता जुलता होने के कारण कुछ लोगों ने जहाँ इसे केसरिया कहा वहीं अंग्रेजी में इसे Saffron कहा जाने लगा। भारतीय धर्म, दर्षन, और सहित्य ने इसे पवित्रता और बोध (ज्ञान) के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया। लेकिन, कभी भी इस रंग को किसी जाति धर्म, मज़हब अथवा क्षेत्र से देश - विदेश में ...
आतंकवाद से बदरंग
देशबन्धु - २९-०८-२०१०जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग अगर शब्दों का चयन सावधानी से न करें तो बड़ा विवाद खड़ा हो सकता है, यह बात केन्द्रीय गृहमंत्री पी.चिदम्बरम के भगवा आतंकवाद वाले बयान से एक बार फिर साबित हो गयी। राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन में गृहमंत्री ने भगवा आतंकवाद पर सतर्कता बरतने की नसीहत क्या दी, विपक्षी दलों को हंगामा करने का एक और मौका मिल गया। स्वयं कांग्रेस ने शब्दों के चयन में सावधानी बरतने की ताकीद गृहमंत्री को दी है, ...
भगवा संगठन प्रतिबंधित हों: पासवान
देशबन्धु - ३०-०८-२०१०नयी दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी ने गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बयान को सही ठहराते हुए भगवा संगठनों पर अविलंब प्रतिबंध की मांग की है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम विलास पासवान ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री चिदंबरम एक व्यक्ति नही बल्कि भारत के गृह मंत्री है और उन्होंने जो भी बयान दिया है वह पूरी जिम्मेदारी के साथ दिया है। उन्होंने कांग्रेस पर भी आरोप लगाया कि वह अकारण ही गृह मंत्री का मनोबल गिरा रही है और ...
भगवा आतंक पर पीएम साफ करें रूख
SamayLive - २९-०८-२०१०भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भगवा आतंक पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भगवा को आतंकवाद से जोड़ने के केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम के बयान पर रविवार को कडी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। सिंह ने यहां पत्रकारों से कहा कि भगवा रंग को आतंकवाद से जोडने ...
करार के बाद भी काला धन पहुंच से दूर
दैनिक भास्कर - 14 घंटे पहलेनई दिल्ली स्विट्जरलैंड के साथ हुए नए समझौते से भी भारत को स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के कालेधन का पता लगाने में ज्यादा मदद नहीं मिल पाएगी। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि स्विट्जरलैंड की कानूनी व्यवस्थाओं के कारण वहां से बैंकिंग लेनदेन के बारे में कोई सूचना मिलना मुश्किल है। दोहरे कराधान को टालने के लिए सोमवार को नया समझौता हुआ था। इसके तहत भारत को स्विट्जरलैंड से सिर्फ कर संबंधी जानकारी ...
पुराने स्विस अकाउंट के नहीं मिलेंगे डिटेल
Hindi- Economic times - 13 घंटे पहलेनई दिल्ली ।। स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों के अकाउंट की जानकारी के बारे में हासिल करने के संबंध में स्विस सरकार के साथ हुआ करार केवल भविष्य की सूचना के लिए ही लागू होगा। पहले की घटनाओं से जुड़ी जानकारी इसके दायरे में नहीं आएगी। मंगलवार को सरकार ने यह जानकारी दी। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने लोकसभा में दिए गए एक बयान में कहा कि डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट की मदद से कराधान के लिए जरूरी बैंक इन्फर्मेशन मिल सकेगी। ...
नहीं मिलेगा स्वीस में जमा कालेधन का ब्योरा
Tarakash - 12 घंटे पहलेवित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने लोकसभा में कहा है कि स्विट्जरलैंड की कानूनी व्यवस्थाएं ऐसी है कि वहां से बैंकिंग लेनदेन के बारे में कोई सूचना मिलना मुश्किल है. इस तरह स्विट्जरलैंड के साथ हुए नए समझौते के बाद भी भारत को वहाँ की बैंकों में जमा भारतीयों के कालेधन का पता लगाने में मदद नहीं मिलेगी. समझौते के तहत स्विट्जरलैंड सिर्फ भविष्य में होने वाले लेनदेन से संबंधित सूचनाएं देगा.
काले धन की जानकारी में संदेह!
वेबदुनिया हिंदी - ३१-०८-२०१०भारत आने वाले दिनों में स्विटजरलैंड से कराधान के उद्देश्य से बैंकिंग से जुड़ी सूचनाएँ भी हासिल कर सकेगा। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इस बारे में भारत और स्विटजरलैंड के बीच सोमवार को हुए समझौते की जानकारी आज लोकसभा में दी। दोनों देशों के बीच दोहरा कराधान रोकने की मौजूदा व्यवस्था को इस समझौते के जरिए संशोधित किया गया है। मुखर्जी ने बताया कि यह समझौता स्विटजरलैंड की ओर से अंदरूनी प्रक्रिया पूरी किए जाने के बाद लागू ...
1-विदेशों में जमा काले धन तक पहुंचने का रास्ता खुला
याहू! जागरण - ३१-०८-२०१०करनाल, जागरण संवाद केंद्र : अखिल भारतीय कर व्यवसायी संघ के सदस्य एडवोकेट शक्ति सिंह ने दैनिक जागरण के पाठकों एवं करदाताओं को काली कमाई करने वाले भारतीय नागरिकों के स्विस बैंकों में जमा काले धन तक पहुंचने के संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि भारत और स्विटजरलैंड देशों के बीच दोहरा कराधान टालने के लिए समझौता हुआ है, जिससे भारत के लिए स्विस बैंक खातों में मौजूद काले धन तक पहुंचने का रास्ता खुल गया है। ...
स्विस करार के बाद भी काला धन वापिस नहीं आयेगा
दैनिक भास्कर - ३१-०८-२०१०भारत और स्विट्जरलैंड के बीच हुए करार के बावजूद वहां के बैंकों में जमा भारतीयों का बेहिसाब काला धन वापस नहीं आ सकेगा। यह बात वित् मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बताई। सोमवार को दोनों देशों में इस सिलसिले में एक करार हुआ था। वित् मंत्री ने लोकसभा में बताया कि स्विस कानून ऐसे हैँ कि वहां से बैंकिंग लेनदेन के बारे में किसी भी तरह की सूचना नहीं दी जा सकती। भारत और स्विट्जरलैंड के बीच करार स्विस फेडरल डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंस के ...
स्विटजरलैंड से सिर्फ भावी सूचना के लिए करार
प्रभात खबर - ३१-०८-२०१०नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि स्विस बैंकों में जमा धन के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए स्विट्जरलैंड साथ हुआ करार केवल भावी सूचना के लिए ही लागू होगा. पूर्व की घटनाओं से संबंधित सूचना इसके दायरे में नहीं आएगी. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आज लोकसभा में दिए गए एक बयान में बताया कि संशोधित दोहरे कराधान के परिहार का करार प्रचालन में स्विट्जरलैंड पक्ष द्वारा आंतरिक प्रक्रिया को पूरा करने पर लागू होगा. ...
समझौता तो हुआ लेकिन काला धन लाना मुश्किल
Patrika.com - ३१-०८-२०१०नई दिल्ली। स्विट्जरलैंड के बैंकों में अरबों-खरबों रूपए की काली कमाई रखने वालों के खिलाफ सरकार कोई कदम नहीं उठा सकेगी। गैर-कानूनी ढंग से कमाए गए इस धन को देश में वापस लाना मुश्किल है। भारत सरकार ने स्विट्जरलैंड की सरकार के साथ इस संदर्भ में समझौता जरूर किया है, लेकिन उसमें वहां के बैंकों में जमा राशि को वापस भारत लाने का कोई प्रावधान नहीं है। अभी तक जो राशि स्विस बैंकों में जमा कराई जा चुकी है, उस पर तो यह समझौता बिल्कुल भी ...
स्विस खातों में अब झांक सकेगा भारत
याहू! जागरण - ३०-०८-२०१०नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारत के लिए स्विस बैंक खातों में मौजूद काले धन तक पहुंचने का रास्ता खुल गया है। भारत यात्रा पर आई स्विट्जरलैंड की विदेश मंत्री मिशलिन कल्मी-रे के दौरे में दोनों देशों के बीच दोहरा कराधान टालने के नए समझौते पर दस्तखत हुए। इसके सहारे नई दिल्ली स्विस बैंक में जमा काले धन का पता लगा सकेगी। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, भारत और स्विट्जरलैंड ने दोहरे कराधान को टालने के लिए पहले से मौजूद समझौते के लिए एक ...
तो लाखों करोड़ आएंगे भारत...
दैनिक भास्कर - ३०-०८-२०१०नई दिल्ली. भारत और स्विट्जरलैंड आज एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे जिसके बाद भारत सरकार स्विस बैंकों में भारतीयों के खातों पर नजर रख सकेंगी। स्विट्जरलैंड के वित्त मंत्री आज दिल्ली में हैं। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी आज स्विस वित्त मंत्री के साथ डबल टैक्सेसन अवाइडेंस एग्रीमेंन्ट (डबल टैक्स निरोधी समझौता) पर हस्ताक्षर करेंगे। इस समझौते के बाद सरकार भारतीयों के स्विस बैंकों में खातों के बारे में जानकारी हासिल कर सकेगी। ...
पाक हवाई हमले में 60 मारे गए
दैनिक भास्कर - 3 घंटे पहलेख़बरें हैं कि पाकिस्तान के उत्तर-पूर्वी हिस्से के क़बायली इलाक़ों में पाकिस्तानी वायु सेना के हमले में कम से कम 60 लोग मारे गए हैं. मारे जाने वालों में चरमपंथियों के अलावा महिलाएं और बच्चे भी हैं. अधिकारियों का कहना है कि इन हमलों में चरमपंथियों के छिपने के स्थानों को निशाना बनाया गया. माना जाता है कि तीरा घाटी से ही चरमपंथी आत्मघाती हमले करते हैं. ये इलाक़ा अफ़ग़ानिस्तान की सीमा से सटा हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि इन ...
पाकिस्तान में हवाई हमले में 40 मारे गए
खास खबर - 7 घंटे पहलेइस्लामाबाद। अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तान के कबायली इलाके में मंगलवार को आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हवाई हमले में कम से कम 10 नागरिकों सहित 40 लोग मारे गए। समाचार एजेंसी डीपीए ने अर्धसैनिक बल "फ्रंटियर कोर" के प्रवक्ता मेजर फजल उर रहमान के हवाले से बुधवार को बताया कि मंगलवार को कबायली बाहुल्य खौबर जिले के तिराह घाटी में हवाई हमले किए गए। रहमान ने बताया, ""हवाई हमले में कम से कम 40 लोग मारे गए हैं। ...
पाक हवाई हमले में 45 आतंकवादी ढेर
दैनिक भास्कर - 7 घंटे पहलेइस्लामाबाद. पाकिस्तानी में अफगानिस्तान की सीमा से लगे तालिबानियों के गढ़ खैबर क्षेत्न में वायु सेना ने कल रात आतंकवादियों के ठिकानों पर हवाई हमले किए जिसमें कम से कम 45 आतंकवादी और उनके परिवार के सदस्य मारे गए हैं। आधिकारिक सूत्नों ने बताया कि हवाई हमले आतंकवादियों के गढ कही जाने वाली तिहार घाटी में उनके छिपने के ठिकानों को निशाना बना कर किये गए। पाकिस्तानी सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने बताया कि हमले में कम से कम 45 ...
पाक : हवाई हमले में 45 आतंकी ढेर
खास खबर - 8 घंटे पहलेइस्लामाबाद। पाकिस्तान के उत्तर-पूर्वी हिस्से के कबायली इलाकों में पाकिस्तानी वायुसेना के हमले में कम से कम 45 आतंकी और उनके परिवारजन मारे गए हैं। वायुसेना ने आतंकवादियों के छुपने के ठिकानों को निशाना बनाया था। ऎसा माना जाता रहा है कि तीरा घाटी से ही आतंकवादी आत्मघाटी हमले करते हैं। यह इलाका अफगानिस्तान की सीमा से सटा हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि इन हवाई हमलों में कुछ नागरिक भी हताहत हुए हैं, लेकिन अभी इस बारे में और ...
America's Holy Crusade against the Muslim World
by Michel Chossudovsky
We have reached a decisive transition in the evolution of US military doctrine. The "Global War on Terrorism" (GWOT) directed against Al Qaeda launched in the wake of 9/11 is evolving towards a full-fledged "war of religion", a "holy crusade" directed against the Muslim World.
US military dogma and war propaganda under the Bush administration, was predicated on combating Islamic fundamentalism rather than targeting Muslims. "This is not a war between the West and Islam, but .. a war against terrorism." So-called "Good Muslims" are to be distinguished from "Bad Muslims":
"The dust from the collapse of the twin towers had hardly settled on 11 September 2001 when the febrile search began for "moderate Muslims", people who would provide answers, who would distance themselves from this outrage and condemn the violent acts of "Muslim extremists", "Islamic fundamentalists" and "Islamists". Two distinct categories of Muslims rapidly emerged: the "good" and the "bad"; the "moderates", "liberals" and "secularists" versus the "fundamentalists", the "extremists" and the "Islamists"." (Tariq Ramadan, Good Muslim, bad Muslim, New Statesman, February 12, 2010)
In the wake of 9/11, the Muslim community in most Western countries was markedly on the defensive. The "Good Muslim" "Bad Muslim" divide was broadly accepted. The 9/11 terrorist attacks allegedly perpetrated by Muslims were not only condemned, Muslim communities also supported the US-NATO invasion and occupation of Afghanistan, as part of a campaign directed against Islamic fundamentalism.
The fact that the 9/11 attacks were not instigated by Muslims has rarely been acknowledged by the Muslim community. Al Qaeda's ongoing relationship to the CIA, its role as a US sponsored "intelligence asset" going back to to the Soviet-Afghan war is not mentioned. (Michel Chossudovsky, America's "War on Terrorism" Global Research, Montreal, 2005)
Since the early 1980s, Washington has covertly supported the most conservative and fundamentalist factions of Islam, largely with a view to weakening secular, nationalist and progressive movements in the Middle East and Central Asia. Known and documented, the fundamentalist Wahhabi and Salafi missions from Saudi Arabia, dispatched not only to Afghanistan but also to the Balkans and to the Muslim republics of the former Soviet republics were covertly supported by US intelligence. (Ibid) What is often referred to as "Political Islam" is in large part a creation of the US intelligence apparatus (with the support of Britain's MI6 and Israel's Mossad).
The Ground Zero Mosque
Recent developments suggest a breaking point, a transition from "the war on terrorism" to the outright demonization of Muslims. While underscoring the freedom of religion, the Obama administration is "beating the drums" of a broader war against Islam:
"As a citizen, and as president, I believe that Muslims have the same right to practice their religion as anyone else in this country... This is America, and our commitment to religious freedom must be unshakable." (quoted in Obama Backs Ground Zero Mosque; Iranian Link Questioned, Israel National News, August 15, 2010)
Beneath the political smokescreen, the distinction between "Good Muslims" and "Bad Muslims" is being scrapped. The proposed Ground Zero mosque is allegedly being funding by "the radical rogue Islamic state of Iran ... as the United States is stepping up sanctions on the regime in retaliation for its support of terrorism and what is feared to be an illegal nuclear-weapons development program." ( Ground Zero mosque developers refuse to outright reject funding from Iranian president Mahmoud Ahmadinejad - NYPOST.com, August 19, 2010)
The rising tide of xenophobia, sparked by the proposed Ground Zero mosque and community center, has all the appearances of a PSYOP (Psychological Operation) which contributes to fomenting hatred against Muslims throughout the Western World.
The objective is to instil fear, rouse and harness citizens' unbending support for the next stage of America's "long war", which consists in waging "humanitarian" aerial attacks on the Islamic Republic of Iran, portrayed by the media as endorsing the terrorists.
While "all Muslim are not terrorists", all terrorist attacks (planned or realized) are reported by the media as being perpetrated by Muslims.
In America, the Muslim community as a whole is being targeted. Islam is described as a "religion of war". The proposed mosque and community center are being heralded as "violating the sanctity of Ground Zero".
"..opening a mosque at Ground Zero is offensive and disrespectful to the city and the people who died in the attacks. The project is "spitting in the face of everyone murdered on 9/11." (Plan to build mosque at Ground Zero angers New Yorkers ,National Post, May 17, 2010)
"Homegrown Terrorists"
The arrests on trumped up charges, as well as the show trials of alleged "homegrown" Islamic terrorists, perform an important function. They sustain the illusion, in the inner consciousness of Americans, that "Islamic terrorists" not only constitute a real threat but that the Muslim community to which they belong is broadly supportive of their actions:
"[T]he threat increasingly comes not from strangers with rough English and dubious passports. Instead, it resides much closer to home: in urban townhouses, darkened basements -- anywhere with an Internet connection. Homegrown terrorism is the latest incarnation of the al-Qaeda threat." How terror came home to roost, Ottawa Citizen, August 27, 2010, report on an alleged homegrown terrorist attack in Canada)
From a process of selective targeting of Muslims with radical tendencies (or allegedly associated with "terrorist organizations"), what is now unfolding is a generalized process of demonization of an entire population group.
Muslims are increasingly the object of routine discrimination and ethnic profiling. They are considered a potential threat to national security. The threat is said to be "much closer to home", "within your neighborhood", in other words what is unfolding is an all out witch-hunt reminiscent of the Spanish inquisition.
In turn, Al Qaeda is described as a powerful multinational terrorist organization (possessing WMDs) with subsidiaries in a number of Muslim countries: Al Qaeda is present (with corresponding acronyms) in various geopolitical hotspots and war theaters:
-Al Qaeda in Iraq (AQI), Al Qaeda in the Arabian Peninsula (AQAP) (comprised of Al Qaeda in Saudi Arabia and the Islamic Jihad of Yemen), Al Qaeda in Southeast Asia (Jamaah Islamiyah), Al-Qaeda Organization in the Islamic Maghreb, Harakat al-Shabaab Mujahideen in Somalia, the Egyptian Islamic Jihad, etc.
At no moment is the issue of atrocities committed against several million Muslims in Iraq and Afghanistan considered a terrorist act by the occupation forces.
The American Inquisition
A "war of religion" is unfolding, with a view to justifying a global military crusade. In the inner consciousness of many Americans, the "holy crusade" against Muslims is justified. While President Obama may uphold freedom of religion, the US inquisitorial social order has institutionalized patterns of discrimination, prejudice and xenophobia directed against Muslims. Ethnic profiling applies to travel, the job market, access to social services and more generally to socila mobility.
The American Inquisition as an ideological construct, which is, in many regards, is similar to the inquisitorial social order prevailing in France and Spain during the Middle Ages. The inquisition, which started in France in the 12th century, was used as a justification for conquest and military intervention. (See Michel Chossudovsky, 9/11 and the "American Inquisition", Global Research, September 11, 2008).
The arrests, trials and sentences of so-called "homegrown" terrorists" (from within America's Muslim community) on trumped up charges sustain the legitimacy of the Homeland Security State and its inquisitorial legal and law enforcement apparatus.
An inquisitorial doctrine turns realities upside down. It is a social order based on lies and fabrications. But because these lies emanate from the highest political authority and are part of a widely held "consensus", they invariably remain unchallenged. And those who challenge the inquisitorial order or in any way oppose America's military or national security agenda are themselves branded as "conspiracy theorists" or outright terrorists.
Beyond the process of inquisitorial arrests and prosecution, which outdwarfs the Spanish inquisition, an expedient extrajudicial assassination program sanctioned by the White House has been launched. This program allows US special forces to kill American citizens and suspected homegrown terrorists:: "A shortlist of U.S. citizens specifically targeted for killing"? (See Chuck Norris, Obama's US Assassination Program? "A Shortlist of U.S. Citizens specifically Targeted for Killing"?,. Global Research, August 26, 2010)
The objective is to sustain the illusion that "America is under attack" and that Muslims across the land are complicit and supportive of "Islamic terrorism".
The demonization of Muslims sustains a global military agenda. Under the American inquisition, Washington has a self-proclaimed holy mandate to extirpate Islam and "spread democracy" throughout the world.What we are dealing with is an outright and blind acceptance of the structures of power and political authority. America's holy crusade against the Muslim World is an outright criminal act directed against millions of people.
http://globalresearch.ca/index.php?context=va&aid=20818
अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर लगाए नए प्रतिबंध
अमेरिका ने उत्तर कोरिया के गुप्त परमाणु कार्यक्रम से जुड़े संगठनों तथा व्यक्तियों की संपत्तियां फ्रीज करने तथा हथियारों के व्यापार पर रोक लगाने के लिए प्योंगयांग पर नए प्रतिबंध लगाए हैं।पाबंदियां मुख्य रूप से उत्तर कोरियाई सरकार की गुप्त शाखा 'ऑफिस 39' को लक्ष्य बनाकर लगाई गई हैं। यह कार्यालय मादक पदार्थों की तस्करी समेत तमाम हथंकडे अपनाकर अपने नेतृत्व के लिए धन की व्यवस्था करता है।
अमेरिका ने पारंपरिक हथियारों के आयात-निर्यात संबंधी उत्तर कोरियाई ढांचे को भी लक्ष्य बनाते हुए ग्रीन पाइन एसोसिएटेड कारपोरेशन तथा रिकॉनेसां जनरल ब्यूरो एवं उसके कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल किम योंग चोल पर प्रतिबंध लगाए हैं।
उत्तर कोरिया की फर्म कोमिड की तरफ से ईरान तथा सीरिया के साथ हथियारों का सौदा करने वाली कंपनी कोरिया ताइसोंग ट्रेडिंग कंपनी तथा कोरिया हुएंगजिन ट्रेडिंग कंपनी को भी पाबंदी के दायरे में लिया गया है।
गिलगित में एक भी चीनी सैनिक मौजूद नहीं
बीजिंग। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में चीन के 11 हजार सैनिकों की मौजूदगी की खबरों को 'मनगढ़ंत' करार देते हुए यहां तैनात पाकिस्तानी राजदूत ने दावा किया है कि उन क्षेत्रों में चीनी सैनिक नहीं बल्कि बाढ़ राहत के लिए चीन का 'मानवीय सहायता दल' पहुंचा है।
पाकिस्तानी राजदूत मसूद खान ने सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' से कहा कि वह कहानी गलत और पूरी तरह मनगढ़ंत है। खान 'न्यूयॉर्क टाइम्स' की उस रिपोर्ट का जिक्र कर रहे थे जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में तकरीबन 11 हजार चीनी सैनिक तैनात होने की बात कही गई थी।
गौरतलब है कि उस क्षेत्र में प्रशासन को स्थानीय लोगों के विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इलाके में एक भी चीनी सैनिक मौजूद नहीं है। अलबत्ता उस क्षेत्र में बाढ़ राहत कार्य के लिए इस वक्त चीन की 'मानवीय सहायता टीम' के सदस्य जरूर मौजूद हैं।
'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने गिलगित-बाल्टिस्तान में कम्युनिस्ट देश की सेना की मौजूदगी को पाकिस्तान के जरिए खाड़ी में सड़क तथा रेल सम्पर्क स्थापित कर रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस इलाके में पकड़ बनाने की योजना का हिस्सा बताया था। इस अमेरिकी अखबार में गत 28 अगस्त को प्रकाशित इस खबर के बारे में 'ग्लोबल टाइम्स' ने कहा कि बेशक इस रिपोर्ट से भारत को परेशानी हुई होगी।
भारत ने सोमवार को कहा था कि वह न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर का 'स्वतंत्र सत्यापन' कर रहा है। अगर वह खबर सही निकली तो यह वाकई बहुत गंभीर चिंता की बात होगी।
बड़ी आपदा से जूझ रहा है पाक: कुरैशी
दुबई। पाकिस्तान में आई बाढ़ को सबसे विकट मानवीय संकट करार देते हुए देश के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस विपत्ति से निपटने में मदद करने के लिए आगे आने की अपील की है।
कुरैशी ओमान की यात्रा पर हैं। वहां उन्होंने ओमान के नेताओं को बाढ़ से देश को हुए नुकसान के बारे में बताया। विदेश मंत्री ने खाड़ी देशों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक से उदारता से दान देने की अपील की है। मस्कट में रह रहे प्रवासी पाकिस्तानी नागरिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार को प्राकृतिक आपदा से निपटने में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति से निपटने के लिए हमने त्रिआयामी रणनीति तैयार की है जिसमें राहत और बचाव पहला काम है। यह काम अब, पूरी ताकत के साथ जारी है।
कुरैशी ने बताया कि अगला काम जल्द ही बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक मदद पहुंचाने की है।
पाकिस्तान के लिए भारत खतरा नहीं
आतंकवाद को पालने पोसने वाले पाकिस्तान ने आखिरकार अपनी गलती मान ली है। पाकिस्तान की सैन्य खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस [आईएसआई] ने भारत विरोधी रवैया छोड़ते हुए पहली बार अपने मुल्क के लिए भारत को नहीं बल्कि आतंकवाद को सबसे बड़ा खतरा माना है। अमेरिकी अखबार 'वाल स्ट्रीट जर्नल' ने आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से यह खबर दी है।
राष्ट्रीय सुरक्षा की नियमित समीक्षा वाले इस आकलन में आईएसआई ने 63 सालों में पहली बार माना है कि पाकिस्तान को दो तिहाई खतरा भारत या किसी अन्य तत्वों से नहीं बल्कि आतंकियों से है। रिपोर्ट के मुताबिक अभी यह अस्पष्ट है कि आईएसआई के इस आकलन को पाकिस्तान का सैन्य और नागरिक प्रशासन पूरी मंजूरी देगा या नहीं। भारतीय सीमा पर पाकिस्तानी फौजों की तैनाती और आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई पर इस रिपोर्ट का असर अब देखा जाना बाकी है।
इस रिपोर्ट पर आतंकवाद निरोधक विशेषज्ञ और जार्जटाउन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ब्रूस हॉफमैन ने कहा कि यह चौंकाने वाला बदलाव है।
वाल स्ट्रीट के मुताबिक, आईएसआई का यह आकलन भारत के प्रति उसकी सोच को दर्शाता है। हालांकि रिपोर्ट में अमेरिका ने आईएसआई की गलत हरकतों के प्रति चिंता जताई है। उसका कहना है कि आईएसआई ने आतंकी संगठनों को पनाह दे रखी है। अल कायदा व लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन पाकिस्तान की जमीन से आतंकी साजिश रच रहे हैं।
नाराज पाक सैन्य अधिकारी अमेरिका से लौटे
अमेरिका और पाकिस्तान को एक-दूसरे से सैन्य सहयोग करते हुए दशक बीत चुके हैं, लेकिन उनका एक-दूसरे पर अब तक विश्वास नहीं है। इसकी मिसाल हाल ही में देखने को मिली। जब वाशिंगटन हवाई अड्डे पर पाकिस्तान के नौ सदस्यीय सैन्य प्रतिनिधि मंडल को टैम्पा जा रही फ्लाइट 727 से सुरक्षा कारणों से उतार लिया गया।
इसके बाद सुरक्षा जांच के नाम पर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच एक-दूसरे पर छींटाकशी हुई। अंतत: बात इस्लामाबाद पहुंची, तो पाकिस्तान ने अपने प्रतिनिधिमंडल को हवाई अड्डे से ही वापस लौट आने को कहा। वाशिंगटन पोस्ट में यह खबर प्रकाशित हुई है।
अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि यह स्थिति तब पैदा हुई, जब पाकिस्तान के एक जनरल ने हवाई जहाज में बैठने के बाद फ्लाइट अटेंडेंट पर तना कसा और कहा कि 'आशा करता हूं कि यह मेरी आखिरी उड़ान होगी।' इसके बाद 'आखिरी उड़ान' जैसे मुद्दे पर बात बढ़ गई और प्रतिनिधिमंडल को हवाई जहाज से उतार दिया गया। फिर ढाई घंटे तक उनसे पुलिस पूछताछ होती रही। पाकिस्तानी अधिकारियों को उनके दूतावास या अमेरिकी सेना विभाग को भी फोन नहीं लगाने दिया गया। अमेरिका ने इस पूछताछ का विवरण नहीं दिया है। आखिर में पुलिस ने तब इन लोगों को रिहा किया, जब उसे लगा कि इनसे कोई 'खतरा' नहीं है।
जब पाकिस्तानी अधिकारियों की इस्लामाबाद बात हुई, तो इन्हें तत्काल लौटने कह दिया गया। पाकिस्तान ने अपने प्रतिनिधिमंडल से अमेरिकी व्यवहार को अपमानजनक करार दिया है।
पाकिस्तान का यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के बुलावे पर वहां गया था। पाकिस्तानी सेना द्वारा जारी वक्तव्य में यह बात सामने आई है। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि घटना कब की है।
वक्तव्य में यह भी कहा गया है कि अमेरिका ने घटना पर खेद प्रकट किया है और वह प्रतिनिधिमंडल को पुन: बुलाने के प्रयास कर रहा है।
माओवादियों ने बढ़ाई समय सीमा
दैनिक भास्कर - 2 घंटे पहलेबिहार में माओवादियों ने बंधक बनाए गए चारों पुलिसकर्मियों को रिहा करने की समय सीमा अब गुरुवार सुबह 10 बजे तक के लिए बढ़ा दी है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के भागलपुर-मुंगेर-बांका के प्रवक्ता अविनाश ने बीबीसी को फ़ोन कर यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बंदी बनाए गए पुलिसकर्मियों के परिजनों से बात करने के बाद यह फ़ैसला लिया गया है. उल्लेखनीय है कि बिहार के लखीसराय जिले में रविवार को हुई मुठभेड़ के बाद माओवादियों ने ...
पुलिसकर्मियों को बंधक बनाने वाले नक्सलियों की मोहलत खत्म
खास खबर - 4 घंटे पहलेपटना। बिहार में नक्सलियों द्वारा बंधक बनाए गए चार पुलिसकर्मियों के बदले आठ नक्सलियों को छो़डने के मोहलत की अवधि बुधवार शाम चार बजे को समाप्त हो गई, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस बीच पुलिस यह जरूर कह रही है कि बंधक पुलिसकर्मियों को छु़डाने के लिए कार्रवाई चल रही है। राज्य पुलिस के प्रवक्ता एवं अपर पुलिस महानिदेशक पी$ के$ ठाकुर ने बुधवार को कहा कि बंधक पुलिसकर्मियों को छु़डाने के लिए पुलिस कार्रवाई कर रही है। ...
लखीसराय: नक्सलियों की खत्म हुई डेडलाइन
आज तक - 6 घंटे पहलेबिहार में नक्सलियों का आतंक अपने चरम पर पहुंच गया है. 28 अगस्त को लखीसराय के जंगलों में उन्होंने 4 पुलिसवालों को बंधक बना लिया है और अल्टीमेटम दिया है कि अगर उनके 8 साथियों को नहीं छोड़ा गया तो अंजाम बेहद बुरा होगा. इसके बाद से पीड़ित परिवारों का बुरा हाल है. बंधकों में थानाध्यक्ष अभय कुमार यादव भी हैं और पटना में उनका परिवार मुख्यमंत्री से रिहाई की अपील करने पहुंचा.लेकिन इनकी हालत देखकर किसी का भी दिल पसीज जाए. ...
बिहार : पुलिसकर्मियों की रिहाई को लेकर नक्सलियों की सौदेबाजी जारी
आज की खबर - 56 मिनट पहलेपटना: । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) द्वारा बंधक बनाए गए चार पुलिसकर्मियों के बदले आठ नक्सलियों को छोड़ने के अल्टीमेटम की अवधि खत्म होने के बाद बुधवार शाम नक्सलियों की ओर से कहा गया कि चूंकि सरकार की ओर से इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है इसलिए अब संगठन जो निर्णय लेगा वही बंधकों के साथ किया जाएगा। पुलिस ने इस बीच हालांकि नक्सलियों से बातचीत के संकेत दिए हैं।भाकपा (माओवादी) के मुंगेर-जमुई-लखीसराय जोन के स्वयंभू ...
बंधक पुलिसकर्मियों की रिहायी के लिए, सुबह दस बजे तक का समय
देशबन्धु - 1 घंटा पहलेपटना ! बिहार में लखीसराय जिले के कजरा थाना के पहाड़ी क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान बंधक बना लिये गये चार पुलिसकर्मियों की रिहाई के लिए माओवादियों ने सरकार को दिये गये अल्टीमेटम की अवधि कल सुबह दस बजे तक के लिए बढा दी है1 माओवादियों के प्रवक्ता अविनाश ने आज यहां स्थानीय पत्रकारों को फोन कर बंधक पुलिसकर्मियों की रिहायी के लिए जेल में बंद अपने आठ साथियोंको मुक्त करने और नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे पुलिस अभियान को रोकने की ...
समय सीमा समाप्त, अपहृत पुलिसवालों के बारे में पुख्ता जानकारी
दैनिक भास्कर - 6 घंटे पहलेपटना. माओवादियों द्वारा अपहृत किए गए पुलिसवालों की रिहाई के बदले माओवादियों का छोड़ने के अल्टीमेटम की समय सीमा तो समाप्त हो गई है लेकिन सरकार ने इस बाबत अभी कुछ फैसला नहीं लिया है। हालाकि बिहार पुलिस ने यह जरूर कहा है कि अगवा किए गए चार जवानों के बारे में उनके पास पुख्ता जानकारी है। बिहार पुलिस के आईजी केएस द्विवेदी ने लखीसराय से बताया कि जमुई जिले की सीमा पर माओवादियों के खिलाफ अभियान को और तेज किया जाएगा। ...
अगवा पुलिसकर्मियों के बारे में सुराग का दावा
एनडीटीवी खबर - 7 घंटे पहलेबिहार के लखीसराय से अगवा चार पुलिसवालों को छोड़ने के लिए नक्सलियों की दी गई मियाद खत्म हो गई है। नक्सलियों ने इन पुलिसवालों के बदले अपने आठ साथियों को जेल से छोड़ने की मांग की है। इस बीच, बिहार के आईजी ऑपरेशन्स केएस द्विवेदी ने बताया है कि उन्हें अगवा पुलिसवालों से जुड़े कुछ सबूत मिले हैं। इस जिले के पहाड़ी क्षेत्रों और नजदीकी जिले जमुई में नक्सल विरोधी कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि ...
बिहार में नक्सलियों पर जवाबी कार्रवाई की तैयारी
याहू! जागरण - ३१-०८-२०१०पटना [ब्यूरो]। बिहार में लखीसराय के कजरा जंगल में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में हुए नुकसान के बावजूद पुलिस प्रशासन नक्सलियों के किसी दवाब में आने को तैयार नहीं है। अपने चार लापता जवानों की तलाश में सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रहे हैं। इस बीच नक्सलियों ने बुधवार शाम चार बजे तक की समय सीमा निर्धारित कर चार बंधक पुलिसकर्मियों के बदले अपने आठ साथियों को रिहा करने के लिए कहा है। अपर पुलिस महानिदेशक ...
बिहार में लापता पुलिसकर्मियों की तलाश के लिए अभियान
खास खबर - 14 घंटे पहलेपटना। बिहार के लखीसराय एवं उसके सीमावर्ती क्षेत्रों में कथित रूप से लापता हुए चार पुलिसकर्मियों की तलाश में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच मंगलवार को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पुलिस महानिदेशक और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के बीच करीब तीन घंटे तक वार्ता हुई। उधर बिहार के शिवहर जिले के तरियानी प्रखंड में नक्सलियों द्वारा अगवा प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) मनोज कुमार सिंह मंगलवार को अपने घर ...
लखीसराय के पुलिस अधीक्षक और उपाधीक्षक का तबादला
खास खबर - 7 घंटे पहलेपटना। बिहार के लखीसराय जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) का बुधवार को तबादला कर दिया गया। राज्य के पुलिस महानिदेशक नीलमणि ने बताया कि रंजीत कुमार मिश्रा लखीसराय के नए पुलिस अधीक्षक होंगे जबकि पटना के राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) के पुलिस उपाधीक्षक राजबंश सिंह लखीसराय के नए पुलिस उपाधीक्षक होंगे। मिश्रा इसके पूर्व दरभंगा के पुलिस अधीक्षक (नगर) थे। नीलमणि ने बताया दोनों नए अधिकारियों को बुधवार को ही ...
बिहार सरकार के सामने नक्सलियों ने रखी शर्त (लीड-1)
That's Hindi - ३१-०८-२०१०नक्सलियों ने सरकार से 36 घंटे के अंदर उनके आठ साथियों केा सरकार रिहा करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो चारों पुलिसकर्मियों को मार दिया जाएगा। नक्सलियों ने सात पुलिसकर्मियों को मार देने तथा अपने एक साथी के भी मारे जाने बात स्वीकारी है। दूसरी ओर पुलिस की ओर से 10 जवानों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के मुंगेर-जमुई-लखीसराय जोन के स्वयंभू ...
बंधक पुलिसकर्मियों के परिजनों ने गुहार लगाई
खास खबर - 11 घंटे पहलेपटना। नक्सलियों द्वारा कथित रूप से बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों के परिवार वालों ने मुख्यमंत्री और राज्य के वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारियों से मिलकर अपने प्रियजनों मुक्ति की गुहार लगाई है। नक्सलियों ने इन लोगों की सशर्त रिहाई के लिए सरकार को 36 घंटों की मोहलत दे रखी है जो बुधवार शाम खत्म हो रही है। बेगूसराय जिले के मोहनपुर गाव निवासी अभय कुमार यादव लखीसराय जिले के प्राणपुर थाना प्रभारी हैं। इन्हें नक्सलियों के चंगुल से मुक्त ...
साथियों को छोड़ो नहीं तो जवानों को मार देंगे
याहू! जागरण - ३०-०८-२०१०मुंगेर/लखीसराय। माओवादियों ने मंगलवार को बिहार सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि या तो सरकार बुधवार तक जेल में बंद उनके आठ सहयोगियों को छोड़ दे, नहीं तो उन चारों पुलिसकर्मियों को मार देंगे, जिनकों उन्होंने बंधक बनाया है। जिले में रविवार को हुई मुठभेड़ में सात पुलिसकर्मियों को मारने और चार को बंधक बनाने की जिम्मेदारी लेते हुए भाकपा [माओवादी] के स्वयंभू प्रवक्ता अविनाश ने आज सुबह मुंगेर में फोन पर संवाददाताओं को बताया कि ...
नक्सलियों का 4 पुलिसकर्मियों को बंधक बनाने का दावा
खास खबर - ३०-०८-२०१०पटना। बिहार में नक्सलियों ने दावा किया है कि लखीसराय के कजरा थाना क्षेत्र में हुए मुठभे़ड के बाद पुलिस के चार जवान उनके कब्जे में हैं। नक्सलियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि 36 घंटे के भीतर उनके आठ साथियों को रिहा नहीं किया गया तो वे चारों की हत्या करने कर देंगे। राज्य के मीडियाकर्मियों को मंगलवार को टेलीफोन कर नक्सलियों ने यह दावा किया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के मुंगेर-जमुई-लखीसराय जोन के प्रवक्ता ...
गायब जवान नक्सलियों के कब्जे में, जान से मारने की धमकी
दैनिक भास्कर - ३१-०८-२०१०बिहार के लखीसराय जिले में मुठभेड़ के बाद गायब हुए पुलिसकर्मी नक्सलियो की गिरफ्त में हैं। आज नक्सलियों ने पुलिस को पहुंचाए अपने संदेश में कहा है कि यदि गिरफ्तार किए गए उनके आठ साथियों को नहीं छोड़ा गया तो बंधक बनाए गए चारों पुलिसकर्मियों को मार दिया जाएगा। गौरतलब है कि लखीसराय में बिहार पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी जिसमें आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और चार गायब हो गए थे। आज नक्सलियों ने पुलिस से कहा है कि ...
खत्म होने वाला है नक्सलियों का अल्टीमेटम
आज तक - 8 घंटे पहलेपुलिस के 4 लोग नक्सलियों के क़ब्ज़े में हैं और नक्सलियों ने 4 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है. और दो टूक कहा है कि अगर उनकी मांगे नहीं मांगी गईं तो अंजाम बुरा होगा. बीते शनिवार और रविवार को लखीसरया में हुई मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने 4 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था. जिनमें एक पुलिस इंस्पेक्टर और 3 कांस्टेबल शामिल हैं. एक कांस्टेबल का परिवार पटना आकर मुख्यमंत्री से गुहार लगा रहा है. लखीसराय के कजरा जंगल में नक्सलियों ने 7 ...
साथियों को रिहा करे, नहीं तो कर देंगे जवानों की हत्याः नक्सली
आज तक - ३०-०८-२०१०नक्सलियों ने बिहार सरकार को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि या तो सरकार 36 घंटे के भीतर जेल में बंद उनके आठ सहयोगियों को छोड़ दे, नहीं तो माओवादी उन चारों पुलिसकर्मियों को मार देंगे, जिनका उन्होंने लखीसराय से अपहरण किया था. जिले में रविवार को हुई मुठभेड़ में सात पुलिसकर्मियों को मारने और चार के अपहरण की जिम्मेदारी लेते हुए भाकपा (माओवादी) के स्वयंभू प्रवक्ता अविनाश ने मुंगेर में फोन पर संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने ...
बंधक जवानों को मार डालेंगे
प्रभात खबर - ३०-०८-२०१०लखीसराय : भाकपा माओवादी ने सर्च अभियान रोकने को कहा है, वरना बंधक बनाये गये चार जवानों को मारने की धमकी दी है. मुंगेर-जमुई-लखीसराय जोन के प्रवा अविनाश ने पुलिस दल पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि हमने पुलिस के सात जवानों को मारा डाला और 35 अत्याधुनिक हथियार लूट लिये. चार पुलिसकर्मियों को बंधक बना कर रखा है. यह हमला ऑपरेशन ग्रीन हंट और चेरूकुरी राजकुमार उर्फ आजाद की हत्या के विरोध में किया गया. हम बंधक पुलिसकर्मियों को ...
नक्सलियों को रिहा करो, वरना जवानों को मार डालेंगे
Patrika.com - ३०-०८-२०१०पटना। नक्सलियों ने बिहार सरकार को जेल में बंद आठ साथियों को छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है। नक्सलियों ने आज दो टूक शब्दों में कहा कि यदि शाम तक बिहार की जेलों में बंद उनके 8 साथियों को रिहा नहीं किया जाता, तो वो अगवा किए गए चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर देंगे। सूत्रों के अनुसार नक्सलियों ने आज मुंगेर में एक पत्रकार को फोन कर उनका संदेश बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंचाने को कहा है। खुद को नक्सलियों का प्रवक्ता ...
नक्सलियों ने रिहाई के लिए रखी शर्त
SamayLive - 18 घंटे पहलेप्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) ने लखीसराय के कजरा थाना क्षेत्र के जंगलों में पुलिस के साथ हुई भीषण मुठभेड़ के बाद बंधक बनाये गये चार पुलिसकर्मियों की रिहाई के बदले राज्य की विभिन्न जेलों में बंद अपने आठ नक्सली साथियों को छोड़ने की शर्त रखी है। साथ ही नक्सलियों ने राज्य सरकार को 36 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर उनके आठ साथियों को नहीं छोड़ा गया तो बंधक बनाये गये सभी पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया ...
साथियों की रिहाई पर नक्सली अल्टीमेटम
SamayLive - ३१-०८-२०१०बिहार के लखीसराय के कजरा में बंधक बनाए गए चार जवानों को रिहा करने के एवज में नक्सलियों ने मंगलवार को बिहार सरकार को चेतावनी जारी करते हुए अपने आठ साथियों को रिहा करने की मांग की है। नक्सलियों ने इसके लिए नीतीश सरकार को 36 घंटे का समय दिया है। नक्सलियों ने कहा है कि सरकार जेल में बंद उनके आठ सहयोगियों को छोड़ दे, नहीं तो नक्सली उन चारों पुलिसकर्मियों को मार देंगे, जिनका उन्होंने अपहरण किया था। जिले में रविवार को हुई मुठभेड़ ...
नक्सली घटना के बाद पिटे पुलिस अधीक्षक
SamayLive - ३०-०८-२०१०बिहार के लखीसराय में जिले के पुलिस अधीक्षक नक्सली घटना के बाद पुलिस कर्मियों के गुस्से का शिकार हो गये और पुलिस कर्मियों ने ही उनकी पिटाई कर दी। लखीसराय में जिले के पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार सिंह पर नक्सली घटनाओं के खिलाफ़ पुलिस मेंस एसोसिएशन के नेताओं का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने आरक्षी अधीक्षक की पिटाई कर दी। वहीं सरकार ने नक्सली हमले में शहीद जवानों के परिजनों को दस लाख रुपये और घायलों को पचास हज़ार से दो लाख रुपये ...
परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की शर्ते कडी कर सकता है अमेरिका
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि वे उन शर्ता को कडा कर रहे हैं जिनके तहत अमेरिका परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।न्यूक्लियर पोस्टर रिव्यू नामक इस नई रणनीति के जारी होने के ठीक पहले मंगलवार को ओबामा ने कहा, यह कदम विश्व को परमाणु हथियार विहीन बनाने के प्रयासों का हिस्सा है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, ओबामा की यह नीति विश्व को परमाणु हथियारों से मुक्त कराने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है और इसका उद्देश्य अन्य देशों को अपनी परमाणु हथियार बनाने की महत्वाकांक्षा खत्म करने की प्रेरणा देना है। टाइम्स के मुताबिक ओबामा की यह नई रणनीति उनके पूर्ववर्ती शासकों से काफी अलग है। आज के समय में दुष्ट राष्ट्र और आतंकी संगठन, रूस तथा चीन जैसे परंपरागत शत्रुओं से ज्यादा खतरनाक है।
ऎसा पहली बार है कि ओबामा प्रशासन ने ऎसे गैर परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्रों के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने पर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है, जो परमाणु अप्रसार संधि का अनुपालन करते हैं।
मुस्लिम दृष्टि में बराक ओबामा
द्वारा डैनियल पाइप्सFrontPageMagazine.com
25 अगस्त, 2008
http://hi.danielpipes.org/article/5890
मौलिक अंग्रेजी सामग्री: Barack Obama through Muslim Eyes
हिन्दी अनुवाद - अमिताभ त्रिपाठी
मुसलमान बराक हुसैन ओबामा को कैसे देखते हैं? उनके पास तीन विकल्प हैं- एक तो जैसा कि वे स्वयं ही प्रस्तुत करते हैं- एक ऐसा व्यक्ति जो "कभी भी मुसलमान नहीं रहा" और "सदैव से ही ईसाई रहा है", या फिर एक मुस्लिम साथी या फिर इस्लाम से द्रोह करने वाला या उसे छोड देने वाला।
विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार अमेरिका के लोग सामान्य रूप से इस डेमोक्रेट प्रत्याशी के बारे में मानते हैं कि 27 वर्ष की अवस्था में रेवेरेण्ड जेर्मियाह राइट के द्वारा धर्मांतरित होने से पूर्व उसका कोई धर्म नहीं था परंतु विश्व भर में मुसलमान शायद ही उसे ईसाई के रूप में देखते हैं या तो मुसलमान मानते हैं या फिर पूर्व मुसलमान।
हडसन संस्थान के ली स्मिथ ने इसकी व्याख्या की है कि ऐसा क्यों " बराक ओबामा के पिता मुसलमान थे और इस कारण इस्लामी कानून के अनुसार प्रत्याशी भी"। कुरान की आयतों में इस व्याख्या के बाद भी कि धर्म में कोई बाध्यता नहीं है, एक मुस्लिम बालक या बालिका अपने पिता से धर्म लेता है। विश्व भर के मुसलमानों और गैर अमेरिकी मुसलमानों के लिये बराक हुसैन ओबामा एक मुसलमान है। इसके अतिरिक्त इंडोनेशिया के विद्यालय के रिकार्ड उसे मुसलमान के रूप में अंकित करते हैं।
इसी प्रकार मिस्र के समाचार पत्र अल मसरी अल योम ने भी उसके मुस्लिम उत्स को उद्धृत किया है। लीबिया के शासक मुआमार अल कद्दाफी ने ओबामा को एक " मुसलमान" बताया है और ऐसा व्यक्ति जो " अफ्रीकी अमेरिकी पहचान" का है। अल जजीरा की एक व्याख्या में उन्हें " गैर ईसाई व्यक्ति" कहा गया है, जबकि दूसरे स्थान पर उनके मुस्लिम कीनियाई पिता की बात की गयी है और तीसरे स्थान पर नसीम जमाली ने लिखा है कि, " हो सकता है कि ओबामा स्वयं को मुसलमान न गिनाना चाहते हों पर मुसलमान उनकी गिनती अपने में से ही एक के रूप में करने को उद्यत हैं"।
क्रिश्चियन साइंस मानीटर ने बेरूत में एक बातचीत को उद्धृत किया है, एक किराना दुकानदार के अनुसार, " उसे अरब वालों के लिये अच्छा होना चाहिये क्योंकि वह मुसलमान है" इस पर ग्राहक ने उत्तर में कहा, " वह मुसलमान नहीं है वह ईसाई है" दुकानदार ने इसका विरोध किया और कहा, " वह ईसाई नहीं हो सकता उसका मध्य नाम हुसैन है"। ओबामा के सम्बन्ध में अरबी वार्तालाप में कुछ अवसरों पर उनके मध्य नाम को एक कूट के रूप में प्रयोग किया जाता है और उसके बाद किसी अधिक टिप्पणी की आवश्यकता नहीं रह जाती।
कतर से अमेरिकी मुस्लिम सम्मेलन से ब्रूकिंग्स संस्थान के तमारा कोफमैन विट्स ने बताया कि, " अमेरिका के प्रमुख राष्ट्रपतीय प्रत्याशी का हुसैन मध्य नाम और जो कि आरम्भिक अवस्था में इंडोनेशिया में विद्यालय गया वह निश्चित रूप से बाहर के मुसलमानों के लिये कुछ कहता है" न्यूयार्क टाइम्स में थामस एल फ्रीडमैन ने लिखा है कि मिस्र के लोग, " ओबामा के वंशवृक्ष को नहीं समझते परंतु वह यह जानते हैं कि यदि 11 सितम्बर को उग्रवादी मुसलमानों द्वारा आक्रमण का शिकार होने के बाद भी अमेरिका के लोग किसी ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति चुन सकते हैं जिसका मध्य का नाम हुसैन है तो यह निश्चय ही अमेरिका और मुस्लिम विश्व के सम्बन्धों में भारी परिवर्तन है"
अमेरिका के कुछ मुस्लिम नेता भी ओबामा को मुसलमान के रूप में देखते हैं। उत्तरी अमेरिका के इस्लामिक सोसाइटी के अध्यक्ष सईद एम सईद ने ह्यूस्टन में एक सम्मेलन में मुसलमानों से कहा कि चाहे ओबामा जीते या हारे परंतु उनका प्रत्याशित्व इस बात पर जोर देगा कि मुस्लिम बालक " इस देश के राष्ट्रपति बन सकते हैं"। नेशंस आफ इस्लाम के लुइस फराखान ने " ओबामा को समस्त विश्व की आशा बताया" और उनकी तुलना अपने धर्म के संस्थापक मुहम्मद से की।
परंतु इस उत्साह का एक अन्धकारपूर्ण पक्ष भी है और यह सन्देह कि ओबामा अपने जन्म धर्म के लिये गद्दार है और इस्लाम के लिये धर्मद्रोही। अल कायदा ने प्रमुख रूप से ओबामा द्वारा बार बार स्वयं को मुस्लिम न होना कहने को चिन्हित किया है और एक विश्लेषक शिरीन के बुर्की जो कि मैरी वाशिंगटन विश्वविद्यालय की हैं उनके अनुसार ओबामा, " बिन लादेन का स्वप्निल प्रत्याशी है"। यदि वह अमेरिका के सर्वोच्च सेनापति बनते हैं तो अल कायदा उनकी पृष्ठभूमि का उपयोग इस तर्क के लिये करेगा कि एक धर्मद्रोही आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक युद्ध का नेतृत्व कर रहा है। इस प्रकार अल कायदा अधिक सहानुभूति जुटा सकेगा"।
मुख्यधारा के मुसलमान इस विषय पर काफी सम्भल कर चल रहे हैं। ओबामा के एक मिस्र के समर्थक यासिर खलील के अनुसार जब ओबामा का उल्लेख एक धर्मद्रोही के रूप में होता है तो अनेक मुसलमान अत्यंत भ्रम और उत्सुक प्रतिक्रिया देते हैं। इकोनोमिस्ट के जोसी डेलप और राबर्ट लेन ग्रीन का तो दावा है कि अरबी भाषा के स्तम्भकारों और सम्पादकीय में ओबामा के धर्मद्रोही होने भाव लुप्त है।
बाद का यह दावा ठीक नहीं है क्योंकि यह विषय चर्चा में है। कम से कम अरबी भाषा के एक समाचार पत्र ने बुर्की के लेख को प्रकाशित किया। कुवैत के अल वतन ने ओबामा को " जन्म से मुसलमान, एक धर्मद्रोही और ईसाई धर्म में धर्मान्तरित बताया"। अरब टाइम्स में लिखते हुए सीरिया के उदारवादी निदाल नायसा ने बार बार ओबामा को " धर्मद्रोही मुसलमान" सम्बोधित किया है।
संक्षेप में मुसलमान ओबामा की वर्तमान धार्मिक स्थिति से उलझन में हैं। जब वे इस बात की कल्पना करते हैं कि एक बालक जो मुस्लिम पिता से पैदा हुआ और हुसैन नाम पडा और मुसलमान के रूप में अपना जीवन आरम्भ किया तो वे ओबामा के स्वयं को ईसाई के रूप में चिन्हित किये जाने का विरोध करते है। यदि ओबामा राष्ट्रपति बनते हैं तो उनके धार्मिक सम्बन्ध को लेकर मुसलमानों और अमेरिका के विचारों में भिन्नता से समस्या उत्पन्न होगी।
http://hi.danielpipes.org/article/5890
बराक ओबामा
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बराक हुसैन ओबामा | |
* | |
अमरीका के ४४ वें राष्ट्रपति | |
पदस्थ | |
कार्यकाल प्रारंभ २० जनवरी, २००९ | |
उप राष्ट्रपति | जो बिडेन |
पूर्ववर्ती | जॉर्ज वॉकर बुश |
जन्म | ४ अगस्त १९६१ होनोलूलू |
राजनैतिक पार्टी | डेमोक्रैटिक पार्टी |
जीवनसंगी | मिशेल ओबामा |
बराक हुसैन ओबामा (जन्म: ४ अगस्त, १९६१) अमरीका के ४४वें राष्ट्रपति हैं। वे इस देश के प्रथम अश्वेत (अफ्रीकी अमरीकन) राष्ट्रपति हैं। उन्होंने २० जनवरी, २००९ को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। ओबामा इलिनॉय प्रांत से कनिष्ठ सेनेटर तथा २००८ में अमरीका के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रैटिक पार्टी के उम्मीदवार थे।
ओबामा हार्वर्ड लॉ स्कूल से १९९१ में स्नातक बनें, जहाँ वे हार्वर्ड लॉ रिव्यू के पहले अफ्रीकी अमरीकी अध्यक्ष भी रहे। १९९७ से २००४ इलिनॉय सेनेट में तीन सेवाकाल पूर्ण करने के पूर्व ओबामा ने सामुदायिक आयोजक के रूप में कार्य किया है और नागरिक अधिकार अधिवक्ता के रूप में प्रेक्टिस की है। १९९२ से २००४ तक उन्होंने शिकागो विधि विश्वविद्यालय में संवैधानिक कानून का अध्यापन भी किया। सन् २००० में अमेरिकी हाउस आफ रिप्रेसेंटेटिव में सीट हासिल करने में असफल होने के बाद जनवरी २००३ में उन्होंने अमरीकी सेनेट का रुख किया और मार्च २००४ में प्राथमिक विजय हासिल की। नवंबर २००३ में सेनेट के लिये चुने गये।
१०९वें काँग्रेस में अल्पसंख्य डेमोक्रैट सदस्य के रूप में उन्होंने पारंपरिक हथियारों पर नियंत्रण तथा संघीय कोष के प्रयोग में अधिक सार्वजनिक उत्तरदायित्व का समर्थन करते विधेयकों के निर्माण में सहयोग दिया। वे पूर्वी युरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका की राजकीय यात्रा पर भी गये। ११०वें काँग्रेस में लॉबिंग व चुनावी घोटालों, पर्यावरण के बदलाव, नाभिकीय आतंकवाद और युद्ध से लौटे अमेरीकी सैनिकों की देखरेख से संबंधित विधेयकों के निर्माण में उन्होंने सहयोग दिया। विश्वशांति में उल्लेखनीय योगदान के लिए बराक ओबामा को वर्ष 2009 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है।[१]
अनुक्रम[छुपाएँ] |
प्रारंभिक जीवन
होनोलूलू में जन्में ओबामा किन्याई मूल के अश्वेत पिता व अमरीकी मूल की माता के संतान हैं। उनका अधिकांश प्रारंभिक जीवन अमरीका के हवाई प्रांत में बीता। ६ से १० वर्ष तक की अवस्था उन्होंने जकार्ता, इंडोनेशिया में अपनी माता और इंडोनेशियाई सौतेले पिता के संग बिताया। बाल्यकाल में उन्हें बैरी नाम से पुकारा जाता था। बाद में वे होनोलूलू वापस आकर अपनी ननिहाल में ही रहने लगे। १९९५ में उनकी माता का कैंसर से देहांत हो गया। ओबामा की पत्नी का नाम मिशेल है। उनका विवाह १९९२ में हुआ जिससे उनकी दो पुत्रियाँ हैं, ९ वर्षीय मालिया तथा ६ वर्षीय साशा। २ नवंबर, २००८ को ओबामा का आरंभिक लालन पालन करने वाली उनकी दादी मेडलिन दुनहम का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया[२]।
ओबामा हार्वड लॉ स्कूल से १९९१ में स्नातक बनें, जहाँ वे हार्वड लॉ रिव्यू के पहले अफ्रीकी अमरीकी अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने दो लोकप्रिय पुस्तकें भी लिखी हैं, पहली पुस्तक ड्रीम्स फ्रॉम माई फादरः अ स्टोरी आफ रेस एंड इन्हेरिटेंस का प्रकाशन लॉ स्कूल से स्नातक बनने के कुछ दिन बाद ही हुआ था। इस पुस्तक में उनके होनोलूलू व जकार्ता में बीते बालपन, लॉस एंजलिस व न्यूयॉर्क में व्यतीत कालेज जीवन तथा ८० के दशक में शिकागो शहर में सामुदायिक आयोजक के रूप में उनकी नौकरी के दिनों के संस्मरण हैं। पुस्तक पर आधारित आडियो बुक को २००६ में प्रतिष्ठित ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनकी दूसरी पुस्तक द ओडेसिटी आफ होप अक्तूबर २००६ में प्रकाशित हुई, मध्यावधि चुनाव के महज़ तीन हफ्ते पहले। यह किताब शीघ्र ही बेस्टसेलर सूची में शामिल हो गई। पुस्तक पर आधारित आडियो बुक को भी २००८ में प्रतिष्ठित ग्रैमी पुरस्कार से नवाजा गया है।[३] शिकागो ट्रिब्यून के अनुसार पुस्तक के प्रचार के दौरान लोगों से मिलने के प्रभाव ने ही ओबामा को राष्ट्रपति पद के चुनाव में उतरने का हौसला दिया।
राष्ट्रपति पद के नामांकन का सफर
५ जून, २००८ को यह लगभग तय हो गया था कि ओबामा की उम्मीदवारी के समर्थन में उनकी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी तथा पूर्व प्रथम महिला हिलेरी क्लिंटन अपनी दावेदारी छोड़ देंगी[४]। अमेरीकी इतिहास में ओबामा न केवल पाँचवें अफ्रीकी अमरीकन सेनेटर हैं बल्कि लोकप्रिय वोट से चुने जाने वाले तीसरे और सेनेट में नियुक्त एकमात्र अफ्रीकी अमरीकन सेनेटर भी हैं।
यह भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- चयनित राष्ट्रपति का आधिकारिक जालस्थल
- ओबामा का राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार हेतु बनाया आधिकारिक जालस्थल
- अमरीकी सेनेटर के रूप में ओबामा का आधिकारिक जालस्थल
- यूट्यूब पर ओबामा का चैनल
- ओबामा फेसबुक पर
संदर्भ
- ↑ "सम्मानित महसूस कर रहा हूँ"
- ↑ ओबामा की दादी की मौत पर मैक्केन की संवेदना
- ↑ Obama wins Grammy and whitest US state
- ↑ हिलेरी मैदान से हटने की तैयारी में
"http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AC%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%95_%E0%A4%93%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%BE" से लिया गया
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बराक ओबामा | Barak Obama
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YouTube - ओबामा की छुट्टी अपील
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राष्ट्रपति ओबामा ने मैक्सिको की खाड़ी में हाल के तेल रिसाव से लोगों में पैदा हुए डर को दूर करने के लिए ख़ुद छुट्टियाँ बिताई हैं.
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20 अगस्त 2010 ... अमेरिका का आम आदमी राष्ट्रपति ओबामा को मुसलमान मानता है। हाल ही में ओबामा के बारे में हुए एक सर्वे की मानें तो हर पांचवा अमेरिकी बराक ओबामा को मुसलमान मानता है, ...
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21 अप्रैल 2009 ... अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सोमवार को खुफिया एजेंसी.
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