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Friday, February 24, 2012

बिहार में प्रेस की आजादी के बारे में मिली जानकारी की पीसीआई जांच करवाएगी : काट्जू

बिहार में प्रेस की आजादी के बारे में मिली जानकारी की पीसीआई जांच करवाएगी : काट्जू

Friday, 24 February 2012 18:29

पटना, 24 फरवरी (एजेंसी) भारतीय प्रेस परिषद :पीसीआई: के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्केंडय काट्जू ने आज कहा कि बिहार की मीडिया के बारे में उन्हें जो जानकारी मिली है वह अच्छी नहीं है, जो यहां हो रहा है वह ठीक नहीं है और प्रेस की आजादी के खिलाफ है इसकी सच्चाई जानने के लिए पीसीआई की एक तीन सदस्यीय टीम इसकी जांच करेगी।


पटना विश्वविद्यालय के सिनेट हाल में चार जन-सिद्धांत 'विज्ञान, जनतंत्र, जीविका और जनता की एकता' विषय पर बोलते हुए काट्जू ने आज कहा कि बिहार की मीडिया के बारे में उन्हें जो जानकारी मिली है वह प्रेस की आजादी के खिलाफ है और इसकी सच्चाई का पता लगाने के लिए पीसीआई की एक तीन सदस्यीय टीम इसकी जांच करेगी।
काट्जू ने कहा, ''कोई अगर सरकार या सरकारी अधिकारी के खिलाफ लिख दे तो उसे यहां परेशान किया जाता है जो उचित नहीं है।''
उन्होंने कहा, ''मैंने सुना है कि बिहार में लालू जी की सरकार की तुलना में वर्तमान सरकार ने बेहतर कानून-व्यवस्था कायम किया है, लेकिन जो दूसरी बात मैंने सुनी है वह है कि लालू जी की सरकार के समय प्रेस को आजादी होती थी जो वर्तमान सरकार में नहीं है।''
काट्जू ने कहा कि अगर किसी पत्रकार ने सरकार, मंत्री या अधिकारी के खिलाफ कोई खबर लिख दी तो उसके मालिकों पर दबाव बनाकर उसे नौकरी से निकलवा दिया जाता है या फिश्र उसका स्थानांतरण पटना से किसी छोटे शहर में कर दिया जाता है।
उन्होंने कहा, ''मैंने जो सुना है वही बता रहा हूं। मैंने अभी तक इस मामले में पूरी तरह से अपनी राय कायम नहीं की है मगर मुझे जो सूचनाएं प्राप्त हुई हैं उसके आधार पर ऐसा कह रहा हंू। मैं इसकी जांच करवाउंगा''।
काट्जू के इस कथन पर हाल में उपस्थित पटना कालेज के प्राचार्य लालकेश्वर प्रसाद ने विरोध किया जिससे कुछ देर तक कार्यक्रम में व्यवधान पडा और इसी दौरान प्राचार्य हाल से उठकर बाहर चले गए।
प्रसाद के जाने के बाद काट्जू ने कहा कि वे पूरी तरह से लोकतांत्रिक आदमी हैं, अगर उनकी बात से कोई सहमत नहीं हैं तो तार्किक तौर पर अपनी बात रखें पर कोई शोर न मचाए और हडकाए नहीं।
काट्जू ने कहा 'मुझे बताया गया कि बिहार सरकार और उसके अधिकारी के खिलाफ किसी में हिम्मत ही नहीं है कुछ लिखने की'।
उन्होंने इसे संविधान का उल्लंघन बताते हुए कहा कि भारतीय संविधान की धारा 19 वन-ए का उल्लंघन हो रहा है, वे संविधान को चलने नहीं दे रहे हैं।
काट्जू ने कहा, 'आप सरकार हैं तो संविधान के नीचे हैं, उसके उपर नहीं'। उन्होंने कहा कि जहां शिकायत मिलती है, पीसीआई जांच करती है और अभी हाल में मध्यप्रदेश में चं्िरदका राय की पूरे परिवार के साथ हत्या मामले की जांच के लिए वहां एक टीम भेजी है।

उन्होंने कहा कि इससे पूर्व महाराष्ट्र में पिछले दस सालों के दौरान आठ सौ पत्रकारों पर हमले होने की शिकायत मिलने पर उन्होंने वहां के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कारण बताने को कहा कि पे्रस की आजादी की अवहेलना करने पर क्यों न वे राष्ट्रपति से यह सिफारिश कर दें कि उन्हें पद से हटाया जाए।
काट्जू ने कहा कि कश्मीर में भी चार पत्रकारों की पुलिस द्वारा की गयी पिटाई के बारे में उन्होंने वहां के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा कि यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा ही पत्र छत्तीसगढ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजा गया है।
लोकतंत्र के लिए प्रेस की आजादी को जरूरी बताते हुए पीसीआई के अध्यक्ष ने कहा कि अगर प्रेस उनकी आलोचना करता है तो किसी भी सरकार को बुरा नहीं मानना चाहिए।
काट्जू ने कबीर के एक दोहे को दोहराते हुए कहा कि निंदक आपका मित्र है वह आपकी कमियों को बताता है, वह आपका दुश्मन नहीं है और वे यही राय बिहार सरकार को देंगे कि कबीर दास का अनुसरण करें।
उन्होंने कहा कि कोई भी अखबार या पत्रिका किसी के खिलाफ लिखता है तो उसे बुरा नहीं माना जाना चाहिए उसको लेकर 'इगो' की समस्या नहीं होनी चाहिए।
काट्जू ने कहा कि पिछडेपन, गरीबी और बढती बेरोजगारी के कारण भारत वर्तमान में संक्रमण काल से गुजर रहा है। ऐसे में देश को सामंती युग से आधुनिक औद्योगिक युग की ओर ले जाने में यहां मीडिया और बुद्धजीवी वर्ग को वही भूमिका निभानी चाहिए जो यूरोप में संक्रमण काल के दौरान वहां के मीडिया और बुद्धजीवी वर्ग ने अदा की थी।
उन्होंने कहा कि मीडिया और बुद्धजीवी वर्ग जातिवाद, संप्रदायवाद, अंधविश्वास पर हमला बोलते हुए वैज्ञानिक विचारों को आगे बढा सकते हैं।
दर्शक दीर्घा में बैठे छात्रों और शिक्षकों द्वारा पेड न्यूज को लेकर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए काट्जू ने कहा कि उत्तर प्रदेश के एक विधायक को इस मामले में दोषी पाए जाने पर चुनाव आयोग को लिखे जाने पर आयोग ने उनकी सदस्याता समाप्त कर दी।
इससे पूर्व समारोह का उदघाटन करते हुए बिहार के राज्यपाल देवानंद कुंवर ने कहा कि भारत ने विश्व को बहुत कुछ दिया है और हमें अपने देश के इतिहास और परंपराओं को जानना चाहिए।
इस अवसर पर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति शंभुनाथ सिंह ने घोषणा की कि न्यायमूर्ति काट्जू ने उनके विश्वविद्यालय में मानद विजिटिंग प्रोफेसर के उनके उस प्रस्ताव को सहमति प्रदान कर दी है और उनके अनुभव और ज्ञान का लाभ यहां के छात्रों को समय-समय पर मिलता रहेगा।
समारोह को पीसीआई के सदस्य राजीव रंजन नाग सहित कई अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।

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