Wednesday, 28 March 2012 10:47 |
मणींद्र नाथ ठाकुर मार्क्स, आंबेडकर और गांधी के विचारों के बीच जिस संवाद की बात कुछ भारतीय बुद्धिजीवी आजकल कर रहे हैं, इस फिल्म ने वास्तविकता के धरातल पर चल रहे उसी संवाद का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया है। |
Wednesday, March 28, 2012
नए समाज का सपना और संवाद
नए समाज का सपना और संवाद
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