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Wednesday, May 2, 2012

मीडिया पर नियंत्रण लोकतंत्र के लिए खतरा : सीजेए

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Written by NewsDesk Category: [LINK=/index.php/yeduniya]सियासत-ताकत-राजकाज-देश-प्रदेश-दुनिया-समाज-सरोकार[/LINK] Published on 02 May 2012 [LINK=/index.php/component/mailto/?tmpl=component&template=youmagazine&link=c03bb6073d57138dafaf892988ae668aa434c70d][IMG]/templates/youmagazine/images/system/emailButton.png[/IMG][/LINK] [LINK=/index.php/yeduniya/1291-2012-05-02-12-22-41?tmpl=component&print=1&layout=default&page=][IMG]/templates/youmagazine/images/system/printButton.png[/IMG][/LINK]
पत्रकारों की कॉमनवेल्थ जर्नलिस्ट एसोसिएशन (सीजेए) ने मीडियाकर्मियों पर हिंसा और उनपर नियंत्रण को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है. अंतर्राष्ट्रीय संस्था सीजेए ने बुधवार को कहा कि मीडियाकर्मियों के खिलाफ हिंसा या उनपर नियंत्रण, स्वतंत्र रूप से काम करने की उनकी क्षमता में बाधक है. सीजेए ने पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों में मीडिया के खिलाफ सरकारी दमन की भी निंदा की है. सीजेए की अध्यक्ष रीता पायने ने 'लोकतंत्र के लिए खतरे' शीर्षक पर हुए एक सम्मेलन में बनी सहमति को रेखांकित करते हुए कहा, 'स्वतंत्र प्रेस और अभिव्यक्ति की आजादी के बगैर सरकारें बुरी नीतियां थोप सकती हैं और सत्ता का दुरुपयोग कर सकती हैं.' सीजेए ने विश्व प्रेस आजादी दिवस, तीन मई के उपलक्ष्य में एक बयान में कहा कि हिंसा और नियंत्रण कई पत्रकारों के लिए एक दैनिक खतरा बने हुए हैं और इस तरह की समस्याएं उनकी कार्यक्षमता को कम करती हैं.

पायने ने कहा, 'सीजेए पाकिस्तान, श्रीलंका और राष्ट्रमंडल के कुछ अफ्रीकी सदस्य देशों में मीडिया के खिलाफ सरकारी दमन की घटनाओं की एकसुर से निंदा करता है.' पायने ने कहा, 'भारत और पाकिस्तान सहित राष्ट्रकुल के कुछ देश पत्रकारों की सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र की एक कार्ययोजना के मसौदे का विरोध कर रहे हैं. सीजेए ने चेतावनी दी है कि पत्रकारों की कार्यक्षमता को बाधित करने से लोकतंत्र खुद खतरे में पड़ जाएगा.' सीजेए ने अफ्रीका में आपराधिक मानहानि को समाप्त करने और स्वतंत्र प्रेस को बढ़ावा देने पर केंद्रित 'टेबल माउंटेन डिक्लेरेशन' का समर्थन किया है. पायने ने कहा कि 2011 में दुनिया भर में 179 पत्रकारों को जेल भेजा गया, जबकि 67 पत्रकारों की हत्या कर दी गई. इस वर्ष भी अबतक 17 पत्रकार मारे जा चुके हैं. वे या तो खतरनाक जिम्मेदारियों को निभाते हुए मारे गए या जवाबी गोलीबारी के बीच मारे गए. पत्रकारों के लिए पाकिस्तान दुनिया का सबसे खतरनाक देश है. दक्षिण अफ्रीका ने कठोर नियंत्रण लगाए हैं, जो भ्रष्टाचार की रिपोर्टिंग को सीमित करते हैं और प्रेस पर नियंत्रण की कोशिश करते हैं. (समय)

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