Friday, 20 July 2012 16:03 |
नयी दिल्ली, 20 जुलाई (एजेंसी) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी की के खून की जांच संबंधी डीएनए रिपोर्ट गोपनीय रखने और उनके खिलाफ दाखिल पितृत्व मामले की सुनवाई बंद कमरे में कराने का उनका अनुरोध ठुकरा दिया। इससे पहले दिल्ली के रहने वाले 32 वर्षीय रोहित शेखर ने तिवारी की अर्जी का विरोध किया। उसने तिवारी के खिलाफ 2008 में पितृत्व मामला दाखिल कर उनके अपना पिता होने का दावा किया था। शेखर के वकील अमित सिब्बल ने कहा कि तिवारी मामले को लटकाने के प्रयास कर रहे हैं। उच्च न्यायालय ने 27 अप्रैल को अपने आदेश में तिवारी को डीएनए जांच कराने का आदेश दिया था और उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हैदराबाद के 'सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स' :सीडीएफडी: ने हाल ही में तिवारी, रोहित और उसकी मांग उज्ज्वला शर्मा की डीएनए रिपोर्ट सीलबंद लिफाफों में उच्च न्यायालय में जमा की है। |
Friday, July 20, 2012
डीएनए रिपोर्ट गोपनीय रखने की तिवारी की गुहार सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई
डीएनए रिपोर्ट गोपनीय रखने की तिवारी की गुहार सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई
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