Sunday, 10 March 2013 10:56 |
नयी दिल्ली। मुंह में एक भी निवाला डाले बगैर पिछले 12 साल से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम :अफस्पा: के खिलाफ अकेली संघर्ष कर रहीं मणिपुर की 'आयरन लेडी' इरोम शर्मिला ने बिल्कुल ठान लिया है कि चाहे जो हो जाए, इस विवादास्पद कानून को हटाने के विरूद्ध उनका संघर्ष जारी रहेगा। शर्मिला ने प्रेस ट्रस्ट से कहा कि लोग स्वेच्छा से उनके आंदोलन से जुड़ना चाहते हैं, यही एक बड़ा बदलाव है। उनकी भूख हड़ताल दो नवंबर, 2000 को शुरू हुई थी। उन्होंने असम राइफल के जवानों द्वारा मुठभेड़ में 10 नागरिकों को मार दिए जाने के खिलाफ यह शुरू किया था। इसके बाद से उन्हें नाक में नली लगाकर ही भोजन दिया जा रहा है । (भाषा) |
Sunday, March 10, 2013
कुछ भी हो जाए, अफस्पा के खिलाफ मेरे रूख में बदलाव नहीं आएगा: इरोम शर्मिला
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