BHUMI ADHIKAR ANDOLAN
Movement for Land Rights
PRESS RELEASE
Rally Against Land Ordinance on 5th of May at Sansad Marg
by Bhumi Adhikar Andolan
Friends,
The collective of people's movements and organizations who organized the mass rally on 24th February at Parliament Street against the Land Acquisition Ordinance of the NDA government have emerged as the national platform in the name of "Bhumi Adhikar Andolan" working all over the country to advance the struggle of the farmers, workers and the larger public against the draconian Land Acquisition Ordinance 2015.
Bhumi Adhikar Andolan demands the withdrawal the anti-farmer and anti-people ordinance and demands a change in the government policy of loot of land and natural resources through unconstitutional ways. Bhumi Adhikar Adnolan demands the recognition of the rights of people over natural resources and vowes to intensify campaign for land rights of farmers, landless groups and adivasi all over the country. The campaign also demands recognition of the rights of the workers of the country, when the NDA Government promoted 'Make In India campaign' attempts to promote cheap labour without respecting the dignity and value of labour.
Thousands of representatives from various farmer organizations, trade unions, women organizations, youth organizations, including urban poor, fish workers and tribals will be a part of the rally to be held on 5th of May, 10 am at Sansad Marg, Delhi. The Modi Sarkar, which is favoring the interests of the corporates at the cost of livelihood of thousands and impacting the most marginalized section severely, is leaving no stone unturned to bring the land ordinance. Land acquisition is being carried out at full speed in various parts of the country and in many places the disagreement expressed by people is being brutally suppressed. The tax exemptions offered to corporates in the 2015-16 budget, the land ordinance and a series of amendments which are expected in other crucial acts like those relating to forests and coasts are bound to strike the lives and livelihoods of lakhs of people in this country and leave them with no choice but to become migrants laborers and lead a life of extreme poverty, vulnerability and uncertainty. The most glaring example is the firing and lathi charge that took place in Kanhar dam protest against illegal land acquisition on 14th and 18th April in District Sonbhadra, UP.
In a press conference held on 2nd of May at IWPC, Delhi the activists associated with the movement for land rights appealed to all the pro-people, progressive and secular forces to join hands for "Bhumi Adhikar Sangharsh Rally" on 5th May at Parliament street to protest against the anti-people move of the NDA Government of bringing ordinances on the sensitive issue of land without any consultation or regard to farmers-workers, agriculture and nature of this country. The press conference was addressed by Hannan Mollah from the All India Kisan Sabha (36 Canning Lane), Atul Anjan from the All India Kisan Sabha (Ajoy Bhawan),Satyavan from the All India Krishak Khet Mazdoor Union, Roma from the All India Union for Forest Working People, and Bhupinder Singh Rawat from NAPM.
National Alliance for People's Movements (NAPM), All India Union of Forest Working People (AIUFWP), All India Kisan Sabha (Ajay Bhawan), All India Kisan Sabha (Cunning Lane), Akhil Bhartiya Krishak Khet Mazdoor Sangathan, Lok Sangharsh Morcha, Yuva Kranti, Jan Sangharsh Samanvaya Samiti, Chhatisgarh Bachao Aandolan, Kisan Sangharsh Samiti, Sanyukt Kisan Sangharsh Samilti, INSAF, Delhi Solidarity Group, Kisan Manch, Bhartiya Kisan Union
Contact: 9958797409, 9810423296, 9818905316, 9911955109
भूमि अधिकार आंदोलन
ज़मीन अधिकार संघर्ष आंदोलन
5 मई 2015 को संसद मार्ग पर भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ हो रही महारैली
प्रेस विज्ञप्ति
साथियों,
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ 24 फरवरी 2015 को संसद मार्ग पे महा-धरना और विरोध प्रदर्शन ने सरकार को 30 दिसंबर 2015 को लाये प्रथम भूमि अधिग्रहण अध्यादेश में परिवर्तन करने पर मजबूर कर दिया था। इसमें जुड़े देश के अनेक जन - संगठन, जन - आंदोलन, किसान-मज़दूर संगठन और देश के अनेक बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने एक साथ आकर भूमि अधिकार आंदोलन के बैनर से लगातार केंद्र के NDA सरकार द्वारा पारित भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की तीखी आलोचना की है। इस अध्यादेश को बिल की तरह लाकर, फिर से अध्यादेश के रूप में पारित करने के बाद देश के तमाम विपक्षी पार्टियों ने भी इस बिल पर सरकार का साथ नहीं दिया है , और इस भूमि अधिग्रहण बिल 2015 को वापस लेने की मांग की है।
भूमि अधिकार आंदोलन इस जनता विरोधी और किसान विरोधी बिल को तुरंत वापस लेने की मांग करता है। साथ ही किसान-मज़दूरों के ज़मीन को लगातार गैर-संवैधानिक ढंग से देश भर में लूटने की नीति को बदलने की माँग करता है। भूमि अधिकार आंदोलन लोगों के अधिकारों को छीनना, उनके रहने-खाने के स्रोत को जबरन लेकर कॉर्पोरेट हितो के लिए कानून का गलत इस्तेमाल करने की सरकारी नीति का भी विरोध करती है और देश के गरीब और मज़दूर वर्ग के लोगों को हितो में भूमि-सुधार और जल-जंगल और ज़मीन पर लोगों के अधिकारों को पहचानने की मांग करती है। 'मेक - इन - इंडिया ' के नाम पर देश के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करने के केंद्र के NDA सरकार के प्रयास की समीक्षा करने की मांग भी ये मंच करता है।
देश के किसान संगठन, ट्रेड यूनियन , महिला अधिकार आंदोलन , युवा आंदोलन जिसमे शहरी गरीब , मच्छी - मज़दूर और आदिवासी आंदोलनों के हज़ारों प्रतिनिधि 5 मई 2015को सुबह 10 बजे संसद मार्ग पहुंचे रहे हैं। मोदी सरकार देश में लाखों लोगों के जीवन यापन को खतरे में डालकर कॉर्पोरेट हितो का ध्यान रखने के लिए अध्यादेश को लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। देश के कई हिस्सों में जनता के विरोध को हिंसा से दबाने की कोशिश लगातार चल रही है। मार्च में पेश किये बजट और भूमि अधिग्रहण अध्यादेश और तमाम अन्य अध्यादेश के ज़रिये जंगल और समुद्री क्षेत्र में रह रहे लाखों लोगों की ज़िन्दगी पर निश्चित ही बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा, जिससे उन्हें अपने घरों को छोड़ कर प्रवासी बनना पड़ेगा और सस्ते श्रम पर मज़दूरी करके बेहद गरीबी, असुरक्षित और अनिश्चितता का जीवन बिताना पड़ेगा। इसका सबसे बड़ा उदहारण है उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में कन्हार बांध निर्माण के लिए गैर कानूनी रूप से भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आन्दोलनकारी ग्रामीणो पर १४ व् १८ अप्रैल को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गोलीकांड एवं लाठी चार्ज करना जिस ने यह साबित कर दिया है की कॉर्पोरेट जगत हर क्षेत्र में भूमि हथियाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है.
2 मई को IWPC में हुए प्रेस वार्ता में दिल्ली में मौजूद सामाजिक आंदोलन, किसान-मज़दूर और ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों ने प्रेस के साथियों से बातचीत में सारे जन-समर्थी,बुद्धिजीवी, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष समूहों और लोगों से अपील की की वह भूमि अधिकार संघर्ष रैली में 5 मई 2015 को संसद मार्ग पहुंचे और देश के हर कोने से आये हज़ारों लोगों के विरोध प्रदर्शन में उनका साथ दें। ज़मीन जैसे इतने पेचीदे और देश के तमाम लोगों, ख़ास कर मज़दूर- किसान के जीवन और खेती के विकास के मुद्दे पर उनसे बिना किसी बातचीत, ठोस समाधान के बिना अध्यादेश के रास्ते देश भर और संसद के भीतर हो रहे विरोध के बावजूद सरकार ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश दूसरी बार 3 अप्रैल2015 को मनमाने ढंग से जारी दिया। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐतराज़ जताया है।
प्रेस वार्ता को हन्नान मौलाह (All India Kisan Sabha, 36 Canning Lane), अतुल अंजान (All India Kisan Sabha) , सत्यवान (All India Krishak Khet Mazdoor Union) , रोमा (All India Union of Forest Working People), और भूपिंदर सिंह रावत (NAPM) ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया।
जन आदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम),अखिल भारतीय वन श्रम जीवी मंच,अखिल भारतीय किसान सभा (अजय भवन), अखिल भारतीय किसान सभा (केनिंग लेन),अखिल भारतीय कृषक खेत मजदूर संगठन,लोक संघर्ष मोर्चा, युवा क्रान्ति,जन संघर्ष समन्वय समिति,छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन,किसान संघर्ष समिति, संयुक्त किसान संघर्ष समिति, इन्साफ,दिल्ली समर्थक समूह,किसान मंच,भारतीय किसान यूनियन
Contact: 9958797409, 9810423296, 9818905316, 9911955109
Coordinator, Human Rights Law Center
c/o Sh. Vinod Kesari, Near Sarita Printing Press,
Tagore Nagar
Robertsganj,
District Sonbhadra 231216
Uttar Pradesh
Tel : 91-9415233583,
Email : romasnb@gmail.com
http://jansangarsh.blogspot.com
Delhi off - C/o NTUI, B-137, Dayanand Colony, Lajpat Nr. Phase 4, NewDelhi - 110024, Ph - 011-26214538
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