Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Saturday, April 28, 2012

पेट्रोलियम पदार्थों के दाम तर्कसंगत बनाने की जरुरत: मनमोहन

पेट्रोलियम पदार्थों के दाम तर्कसंगत बनाने की जरुरत: मनमोहन

Saturday, 28 April 2012 15:24

बठिंडा, 28 अप्रैल (एजेंसी) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि विश्व बाजार में कच्चे तेल के उच्च्ंचे दाम के असर से आम आदमी को बचाते हुये देश में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम तर्कसंगत बनाने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने यहां 20,000 करोड़ रुपए की लागत से तैयार गुरु गोविंद सिंह रिफाइनरी को देश को समर्पित करते हुए कहा कि देश में कच्चे तेल की कुल खपत   में 80 फीसद हिस्सा आयात से पूरा होता है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की  बढ़ती कीमत से पेट्रोलियम आयात बिल पर दबाव बढा है।
उन्होंने कहा ''हमें कीमत को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि गरीब और जरूरतमंद इसके असर से बचें रहे।''
सरकारी स्वामित्व वाली तेल कंपनियों ने कच्चे तेल और दूसरे जरुरी सामान की लागत में भारी वृद्धि के बावजूद डीजल, रसोई गैस और केरोसिन की कीमत पिछले एक  साल से नहीं बढ़ाई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आम आदमी को तेल की बढ़ती कीमतों के असर से बचाने के लिए सरकार डीजल, केरोसिन और रसोई गैस की कीमत बाजार मूल्य से कम रखकर बड़ा बोझ वहन कर रही है। 

सिंह ने कहा ''उर्च्च्जा क्षेत्र में हम बड़ी भयानक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। कच्चे तेल और गैस के घरेलू संसाधन हमारे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था की  बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हैं।''
सरकार ने जून 2010 में पेट्रोल की कीमत को नियंत्रण मुक्त किया था लेकिन सरकारी तेल कंपनियां राजनैतिक दबाव में कीमत नहीं बढ़ा सकीं। पेट्रोल की कीमत दिल्ली में 65.64 रुपए प्रति लीटर है जो उसकी लागत से नौ रुपए कम है।
डीजल, रसोई गैस और केरोसिन की कीमत पर सरकार का नियंत्रण है। तेल कंपनियां डीजल लागत से 16.16 रुपए कम पर बेचती हैं जबकि केरोसिन की बिक्री पर उन्हें 32.59 रुपए प्रति लीटर का नुकसान होता है। रसोई गैस के 14.2 किलो के एक सिलिंडर को मूल लागत से 570.50 रुपए कम कीमत पर बेचा जाता है।
इंडियन आयल कार्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, रसोई गैस और केरोसिन की बिक्री के कारण 2011-12 में 1,38,800 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। चालू वित्त वर्ष के दौरान अनुमान है कि इन कंपनियों को 2,08,000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।

 

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...