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Saturday, June 23, 2012

माकपा ने प्रसेनजित बोस को निष्कासित किया

माकपा ने प्रसेनजित बोस को निष्कासित किया

Saturday, 23 June 2012 16:34

नयी दिल्ली, 23 जून (एजेंसी) माकपा ने आज युवा नेता प्रसेनजित बोस को पार्टी से यह कहते हुए निष्कासित कर दिया कि उन्होंने पार्टी के राजनैतिक रुख को धूमिल करने की कोशिश की थी। प्रसेनजित ने राष्ट्रपति पद के लिए प्रणव मुखर्जी की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए पार्टी नेतृत्व की आलोचना करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
पार्टी की शोध इकाई और टेलीविजन चर्चाओें में दिखने वाले पार्टी के जाने-माने चेहरे बोस ने कल पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने मुखर्जी का समर्थन करके गंभीर गलती करने के लिए पार्टी पर निशाना साधा था। 
एक वक्तव्य में माकपा पोलित ब्यूरो ने कहा कि उसने बोस द्वारा भेजे गए इस्तीफे को खारिज कर दिया।
वक्तव्य में कहा गया है, ''यह :पोलित ब्यूरो: पत्र की सामग्री को खारिज करता है जिसमें पार्टी के राजनैतिक रुख को धूमिल करने की कोशिश की गई थी। पोलित ब्यूरो पार्टी संविधान की धारा आठ :2: के तहत प्रसेनजित बोस को माकपा की सदस्यता से निष्कासित करती है।''
जेएनयू से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाले प्रसेनजित ने कहा कि मुखर्जी का समर्थन करने का पोलित ब्यूरो का फैसला इस साल की शुरूआत में पार्टी कांग्रेस में अपनाए गए रुख के खिलाफ था।

बोस ने पत्र में कहा, ''मैं प्रणव मुखर्जी की उम्मीदवारी का समर्थन करने के पोलित ब्यूरो के फैसले का विरोध करता हूं। मैं इसे गंभीर गलती मानता हूं जो पार्टी को नुकसान पहुंचाएगा और वाम एकता को प्रभावित करेगा।''
बोस ने पत्र में पार्टी नेतृत्व पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने साल 2007 के बाद से एक के बाद एक गलतियां की हैं।
उन्होंने बंगाल में 'जबरन' भूमि अधिग्रहण, नंदीग्राम पुलिस गोलीबारी और संप्रग सरकार को भारत अमेरिका परमाणु करार के साथ आईएईए के पास जाने की अनुमति देने का उल्लेख पार्टी नेतृत्व द्वारा की गई गलतियों के तौर पर किया।
पार्टी महासचिव प्रकाश करात पर वस्तुत: हमला करते हुए उन्होंंने यह भी कहा कि 2009 में गैर कांग्रेसी धर्मनिरपेक्ष सरकार का आह्वान करने और उसके बाद उचित जवाबदेही तय किए बिना पार्टी सम्मेलनों में लापरवाह तरीके से उन्हें स्वीकार करना और उसके बाद सुधार करना गलती थी।


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