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From: Journalist Community <admin@journalistcommunity.com>
Date: 2012/6/10
Subject: यह डिंपल यादव का निर्विरोध निर्वाचन तो लोकतंत्र का मर जाना ही है !
To: admin@journalistcommunity.com
और जो यह निर्विरोध डिपल यादव का चुना जाना है, संसदीय राजनीति के पतन की पराकाष्ठा कहिए, रसातल कहिए या चाहे कोई और विशेषण दीजिए पर हो यही गया है। और यह भी अनायास नहीं है कि अविभाजित उत्तर प्रदेश में वह पहली निर्विरोध सांसद चुने जाने का तमगा हासिल किए जाने पर समूची विधान सभा इस पर मनन करने के बजाय ध्वनि-मत से प्रस्ताव पास कर देती है। और अखबारों या चैनलों पर भी अहा-अहा ही होता है। यहां बुद्धिनाथ मिश्र का एक गीत याद आता है : ऊपर-ऊपर लाल मछलियाँ नीचे ग्राह बसे। राजा के पोखर में है पानी की थाह किसे। http://journalistcommunity.com/index.php?option=com_content&view=article&id=1582:2012-06-10-02-00-57&catid=34:articles&Itemid=54
From: Journalist Community <admin@journalistcommunity.com>
Date: 2012/6/10
Subject: यह डिंपल यादव का निर्विरोध निर्वाचन तो लोकतंत्र का मर जाना ही है !
To: admin@journalistcommunity.com
और जो यह निर्विरोध डिपल यादव का चुना जाना है, संसदीय राजनीति के पतन की पराकाष्ठा कहिए, रसातल कहिए या चाहे कोई और विशेषण दीजिए पर हो यही गया है। और यह भी अनायास नहीं है कि अविभाजित उत्तर प्रदेश में वह पहली निर्विरोध सांसद चुने जाने का तमगा हासिल किए जाने पर समूची विधान सभा इस पर मनन करने के बजाय ध्वनि-मत से प्रस्ताव पास कर देती है। और अखबारों या चैनलों पर भी अहा-अहा ही होता है। यहां बुद्धिनाथ मिश्र का एक गीत याद आता है : ऊपर-ऊपर लाल मछलियाँ नीचे ग्राह बसे। राजा के पोखर में है पानी की थाह किसे। http://journalistcommunity.com/index.php?option=com_content&view=article&id=1582:2012-06-10-02-00-57&catid=34:articles&Itemid=54

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