सौज सौजम मजाक-मसखरी
हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
                                                                 रेलबजट पर रेलमंत्री दगड़ मुखाभेंट  
                                                                                               चबोड़्या-चखन्यौर्या:  भीष्म कुकरेती                                                                 
(s =आधी अ )
   उन त  अचकाल आम बजट अर  रेल बजट को क्वी ख़ास महत्व नी च किलै अब सरकार जब चाहे टैक्स बढ़ाणि-घटाणि रौन्दि। ममता बैणि तै वापस अलाइंसमा लाण ह्वावो त जनरल  डब्बा का जत्र्यों भाडा बरा नामौ कुण कम करि द्यावो अर माया बैणि तैं दंगऴयाण ह्वावो त फर्स्ट क्लास ए  .सी . कराया बढ़ाई द्यावो। अब वित्तीय निर्णय राजनीति आधारित ह्वे गेन अर राजनैतिक निर्णय वित्त आधारित ह्वे गेन। पण फिर बि कर्मकांड जन बजट संसदमा पास करणों पड़द जन कि रेल बजट। जु मि रेल बजट से सात आठ  दिन पैल रेल मंत्री इंटरव्यू लींदो त मुखाभेंट कुछ इन होंदु।
      मि - क्या बात रेल मंत्री जी ! या उठा-पोड़ किलै? इन लगणु जन तुम तैं जोर कि करास लगीं हो पण झाड़ा नि होणि होउ।"
रेल मंत्री -तुम लिख्वारुं ले क्या? अरे इख रेल बजट बणान्द दै ना  दिन को चैन अर ना ही रात की निंद।"
        मि - इखमा क्या च। जन पैलाक मन्त्र्युंन रेल बजट बणै ऊनि बजटम  सैकड़ाक नयी रेलों वायदा दे द्यावो, किराया कम कारो , पॉपुलर बजट पेश कारों  अर फिर कुछ दिनुम संसाधनों कमि बथैक आठ दस पुराणि रेलों तै कैन्सिल करी द्यावो, रेलुं डब्बों से पंखा- ट्वाइलेट  हटै दयावो।"
      रेलमंत्री-हां पण मि अलाइंस पार्टनर नि छौं। कौंग्रेस या भाजापा क परेशानी या च पौपुलरिटि त अलाइंस पार्टनर ली जांदन अर अभियोग,अविश्वास,भगार, लांछन, गाळी कौंग्रेस या भाजपा को बांठ आंद। अब द्याखो ना टू जी (2G) घोटालाम माल खै डीमके वळुन अर गाळी कौंग्रेस खाणि च।    
      मि- त ये बगत पौपुलर बजट नि आलो? यांक मतबल च बल रेल किरायाम बढ़ोतरी ह्वेलि।  
रेलमंत्री- अरे क्या कुटबाग दीणा छंवां? सि कथगा राज्योंम चुनाव आणा छन अर लोकसभा चुनाव बि नजीक इ छन त मि पौपुलर बजट नि बणौलु त राजीव गांधी जीक नेत्रित्व मा हम चुनाव कनकै जितला?
      मि- त याने कि घाटा वळु रेल बजट आलो। किराया नि बढैल्या बल्कणम किराया कम करि देल्या?  
रेलमंत्री- अजी! क्या , लाटो, कालों बेवकूफों, अहमकों जन बात करणा छंवा। घाटा वळु रेल बजट रालो त राहुल गांधी जीक नाम विदेशोंम खराब नि ह्वे जालो। 
      मि- औ त लालू प्रसाद यादवs  तरां रेलवेक अचल सम्पतिक  कीमत बढैक रेलवे तै लाभकारी संस्थान घोषित करणै मनशा च?
रेलमंत्री- मूर्खों जन बात नि कारो। कुछ ऊंच-नीच ह्वे गे त राहुल गांधी जीक नाम हावर्ड यूनिवर्सिटीम बदनाम नि ह्वे जालो बल एक भावी प्रधानमंत्री आळि-जाळि बजट बणवाणु च।
      मि- तो साफ़ च बल ये बजटम रेलवे कु आधुनिकीकरण की बात नि होण।
रेलमंत्री- अजी क्या मुर्खतापूर्ण बात करणा छंवा! जो मि रेलवे को मौडर्नाइजेसन को बजट पेश नि करुल त भैर देसुंम  राहुल गांधी जीक नाम पर बट्टा नि लग जालो बल मोडर्नमैन राजीव गांधी को अल्ट्रा मॉडर्न मैन नौनु इन्डियन रेलवे तै मॉडर्न नि बणाणु च। 
      मि- तो जरूर आप रेलवेमा विदेसी-निवेश की बात करण वाळ छंवां।
 रेलमंत्री- अजी क्या मनमोहन सिंह जीक भाषा बुलणा छंवां। रेलवेमा विदेसी-निवेश की बात होलि त भारत माता समान सोनिया गांधीजी पर लांछन नि लग जालो कि सोनिया जी भारत तै बिचण चाणी छन।
      मि- तो आप माल भाड़ाम बढ़ोतरि करण वाळ छंवां।
रेलमंत्री- अजी आप बि चिदम्बर जी जन भाषा बुलणा छंवां। माल भाड़ाम बढ़ोतरि करलु त भाजापा-कम्युनिस्ट -ममता बैणि क त हम तै डौर नी च पण हमारो खैरख्वाह अलाइंस पार्टनर शरद पंवार जी ही हम पर खुले आम , बीच चौकम  भगार लगै द्याला बल डीजल कीमत वृधि  अर रेल माल भाडा वृद्धि से कौंग्रेस मंहगाई बढ़ाणि च। अर इन मा विदेशी पत्र-पत्रिकाओं मा राहुल गांधी जी पर भगार -लांछन लगी जालो बल राहुल गांधी जी तैं सहयोगी दलों से सामजंस्य करण नि आंदो।  
      मि- त ये सालो रेल बजट नि आलो।
रेलमंत्री- अजी इन क्या बात च। ल्या यि द्याखो सन १९४७म जो बजट जौन  मथाई जीन रेल बजट पेश करी छौ मि वो ही बजट पेश करण वाळ छौ बस फिगर इ बदल्याल बकै बयानबाजी, रलवे मा सुधार , लोगुं तै आशा दिलाण वळ वाक्य सन १९४७ का रेल बजट का ही राला। अर यां  पर विदेशी पत्र पत्रिकाओंम   राहुल गांधी जी को बयान  छपल कि  भारतम  पैलि बार इथगा कल्पनाशील, भविष्योनमुखि  रेल बजट आयि            
      मि -जी नेहरु -गांधी कुल नीति-रीति सदा चल आयि जनता तै झूठा वायदों क्वाथ पिलायि।   
 Copyright@ Bhishma Kukreti 24 /2/2013
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Regards
B. C. Kukreti

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