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Thursday, April 18, 2013

दलितों की तरह ब्राह्मणों पर भी जुल्म कर रही है सपा सरकार : मायावती

दलितों की तरह ब्राह्मणों पर भी जुल्म कर रही है सपा सरकार : मायावती

Thursday, 18 April 2013 16:27

लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले अगड़ी जातियों खासकर ब्राह्मणों को दल के प्रति लुभाने के लिये बसपा अध्यक्ष मायावती ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार इस सवर्ण जाति के लोगों के साथ भी दलितों के समान अत्याचार कर रही है। 
मायावती ने बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र के आवास पर आयोजित 'ब्राह्मण भाईचारा समिति' के पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा ''उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी दलितों की तरह ब्राह्मणों पर भी अत्याचार कर रही है।''
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गृह जनपद इटावा में एक ब्राह्मण दम्पति को जूते की माला पहनाकर घुमाये जाने की घटना का उदाहरण देते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि सरकार के ज्यादातर बड़े ओहदेदार लोग इटावा से ताल्लुक रखते हैं और यह जगजाहिर है कि वहां सर्वसमाज के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया ''इटावा में ब्राह्मणों पर बहुत ज्यादा जुल्म हो रहे हैं। जब इस जिले में ब्राह्मण दम्पति का अपमान किया गया था तो बसपा ने उस मामले को विधानसभा में उठाया था और पार्टी की स्थानीय इकाई ने पीड़ित पति-पत्नी को न्याय दिलाने की कोशिश की थी।''
मायावती ने कहा कि विधानसभा के गत चुनाव में ब्राह्मणों समेत अगड़ी जातियों के लोग विपक्षी दलों के बहकावे में आ गये थे और उन्होंने कुछ हद तक बसपा का साथ छोड़ दिया था। इसके लिये अब वे पछता रहे हैं।
मायावती ने कहा कि बसपा अब ब्राह्मणों को विपक्षी पार्टियों के बहकावे में नहीं आने देगी।


यह सुनिश्चित करने के लिये पार्टी इस वर्ग के हितों का ख्याल रखेगी और पूर्ववर्ती बसपा सरकार के कार्यकाल में उनके लिये किये गये कार्यों के बारे में उन्हें बतायेगी।
उन्होंने कहा कि बसपा किसी जाति या धर्म विशेष की पार्टी नहीं है और प्रदेश की पिछली बसपा सरकार ने सभी वर्गों के लिये काम किया था, मगर इसके बावजूद विपक्षी दल आज भी अगड़ी जातियों को गुमराह कर रहे हैं।
बसपा अध्यक्ष ने कहा क जब उनकी पार्टी ने पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा उठाया था तब इसे नये मुद्दे की तरह पेश किया गया था जबकि सचाई यह है कि ऐसा आरक्षण वर्ष 1955 से लागू है लेकिन बीच-बीच में उसमें कमियां आती गयीं और कई संशोधन किये गये।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा की वजह से पदोन्नति में आरक्षण का विधेयक लोकसभा में लम्बित है और संसद के अगले सत्र में बसपा इस मुद्दे पर अपने विचार रखेगी।
मायावती ने कहा कि वह दलितों सी हालत में गुजर-बसर कर रहे अगड़ी जातियों के लोगों को आरक्षण देने के खिलाफ नहीं हैं। 
उन्होंने कहा ''हमने उनका विरोध नहीं किया लेकिन केन्द्र को लिखित में या संसद में चर्चा हुई, तब हमने यह कहा कि अगर केन््रद दलितों से भी गयी गुजरी स्थिति में रह रहे अतिपिछड़ों की कुछ जातियों को आरक्षण देती है तो हमें कोई एतराज नहीं, लेकिन शर्त है कि जितनी तादाद में उनको आरक्षित वर्ग में शामिल किया जाएगा, उसी हिसाब से अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजातियों का कोटा भी बढ़ाया जाए।

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