Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Saturday, June 29, 2013

धोनी की सालाना कमाई 151 करोड़, उत्तराखंड को फूटी कौड़ी तक नहीं दी

धोनी की सालाना कमाई 151 करोड़, उत्तराखंड को फूटी कौड़ी तक नहीं दी

29 जून 2013
वार्ता

Promo: अब हर वीकएंड पर देखें 'महा-कवरेज'

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कप्तान और दुनिया के 16वें सबसे अमीर खिलाड़ी महेन्द्र सिंह धोनी प्राकृतिक आपदा का कहर झेल रहे अपने गृह राज्य उत्तराखंड को ही भूल गए हैं। उत्तराखंड में भारी वर्षा के बाद जलप्रलय में करीब 1000 लोग मारे जा चुके है और यह संख्या बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है। उत्तराखंड में व्यापक तबाही हुई है और कई गांव सिरे से ही साफ हो गए है। देश-विदेश में अनेक हस्तियों और संस्थाओं ने विपदा की इस घड़ी में उत्तराखंड की मदद के लिए अपने हाथ बढ़ाए हैं, लेकिन कप्तान धोनी ने ऐसे समय में अपने गृह राज्य को भुला दिया है।

भुवी ने 1 लाख, तो भज्जी ने दिए 10 लाख

टीम इंडिया मे उनके युवा साथी खिलाड़ी और तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने उत्तराखंड के पीड़ितों के लिए अपनी तरफ से एक लाख रुपए देने की घोषणा की है जबकि टीम इंडिया से बाहर चल रहे ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने भी 10 लाख रुपए की मदद दी है। हरभजन अपने परिवार के सदस्यों के साथ कुछ दिनों तक जोशीमठ में फंसे रहे थे।

धवन ने पुरस्कार उत्तराखंड पीड़ितों को समर्पित किया

आईसीसी चैपियंस ट्रॉफी में सर्वाधिक रनों के लिए 'गोल्डन बैट' हासिल करने वाले दिल्ली के बल्लेबाज शिखर धवन ने अपना यह पुरस्कार उत्तराखंड त्रासदी के पीड़ितों को समर्पित किया था। लेकिन उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले के ल्वाली गांव के मूल निवासी धोनी अपने गृह राज्य की सुध तक नहीं ले पाए। धोनी के पिता पान सिंह धोनी रोजगार की तलाश में झारखंड चले गए थे और अब रांची में बस गए हैं। धोनी का अब राज्य बेशक झारखंड माना जाता है, लेकिन अपने मूल राज्य के प्रति उनकी बेरुखी को लेकर उत्तराखंड के लोगों में भी खासी नाराजगी है।

151 करोड़ सालाना कमाई, फूटी कौड़ी नहीं दी

विश्व प्रसिद्ध पत्रिका फोर्ब्स के अनुसार धोनी दुनिया के 16वें सबसे अमीर खिलाड़ी हैं, लेकिन भारतीय कप्तान ने उत्तराखंड की त्रासदी को लेकर न कोई संवेदना व्यक्त की है और न ही किसी तरह की मदद की घोषणा की है। धोनी ने जब 2011 में भारत को 28 साल बाद विश्व चैंपियन बनाया था तो उनके लिए इनामों की झड़ी लग गई थी। इसी कड़ी में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ने धोनी और सचिन तेंदुलकर को मसूरी में भव्य प्लॉट देने की घोषणा की थी।

लेकिन जब भारतीय कप्तान के सामने अपने मूल राज्य के लिए कुछ करने की बारी आई तो वह इसे भूल ही गए। शिखर ने अपना पुरस्कार उत्तराखंड त्रासदी के पीड़ितों के लिए समर्पित किया और भुवनेश्वर ने इंग्लैंड से मेरठ में अपने पिता को फोन करके एक लाख रुपए का चैक मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने को कहा। अब यह सवाल लाजमी है कि धोनी इतने संवेदनहीन कैसे हो सकते हैं।

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...