चुटका परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर सरकार के पैंतरे के खिलाफ एकजुट हो रहे लोग
लोकेश मालती प्रकाश
भोपाल। चुटका परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर सरकार ने सोची-समझी रणनीति के साथ तेजी से कदम बढ़ाते हुये 31 जुलाई को मानेगांव (चुटका से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित एक गांव) में जन-सुनवाई की घोषणा कर दी है। समझा जाता है कि इस जगह का चुनाव बहुत सोच-समझ कर किया गया है। पिछली बार जब 24 मई को जन-सुनवाई होने वाली थी तो उस समय सरकार ने यह देखा कि स्थानीय जनता न सिर्फ इस परियोजना के बिल्कुल खिलाफ है बल्कि सुनवाई का विरोध करने के लिये भारी संख्या में उस दिन चुटका गांव भी पहुँच गयी थी। इसलिये इस बार सरकार ने बड़ी धूर्तता से चाल चलते हुये जन-सुनवाई को दूर की जगह पर तय किया है ताकि गरीब आदिवासी जनता वहाँ अधिक संख्या में पहुँच ही न पाये। दूरी के अलावा सरकार को शायद यह भी उम्मीद है कि मानसून के मौसम में बारिश के चलते भी शायद स्थानीय और बाहरी लोग भी वहाँ आने से कतरायेंगे।
सरकार के इस पैंतरे के खिलाफ कई राजनीतिक व जनसंगठन एकजुट हो रहे हैं। चुटका परमाणु ऊर्जा संयंत्र और परमाणु ऊर्जा के खिलाफ 29 जून को प्लॉट न. 8, पत्रकार कॉलोनी, भोपाल में बैठक हुयी जिसमें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (म.प्र.), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी –मार्क्सवादी-लेनिनवादी (म.प्र.), गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, चुटका परमाणु संघर्ष समीति, क्रांतिकारी नौजवान भारत सभा (म.प्र.) और शिक्षा अधिकार मंच, भोपाल के साथी शामिल हुये जबकि कई अन्य सहयोगी संगठनों ने अपना समर्थन प्रेषित किया। बैठक में तच किया गया कि इस लड़ाई में शामिल तीन राजनीतिक दल (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी – मार्क्सवादी-लेनिनवादी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी) दिल्ली में इसी मसले पर 11 जुलाई को प्रेस-रिलीज़ जारी करेंगे।
बैठक में सभी लोगों ने यह स्पष्ट निश्चय जाहिर किया कि अगर सरकार जनता के खिलाफ अपनी मनमानी पर अड़ी है तो जनता के हौसले भी कम नहीं हुये हैं। इस हौसले को सही नजरिए से मजबूत करते हुये चुटका परमाणु संयंत्र को रद्द करने और प्रस्तावित धोखेबाजीपूर्ण जन-सुनवाई का बहिष्कार करते हुये इसे इस बार हमेशा के लिये रद्द करवाने के लिये चुटका और आसपास के अंचल के साथ-साथ भोपाल, जबलपुर और मंडला में व्यापक प्रचार-प्रसार के अलावा जिन अन्य प्रस्तावों पर सहमति बनी वे इस प्रकार हैं –
1. प्रेस-वार्ता - 11 जुलाई (गुरुवार) को भोपाल, जबलपुर व मंडला में चुटका परमाणु संयंत्र और परमाणु ऊर्जा के खिलाफ एक साथ सभी संगठनों की संयुक्त प्रेस-वार्ता।
2. राज्यपाल को ज्ञापन - 12 जुलाई (शुक्रवार) को भोपाल में संयुक्त प्रतिनिधि-मंडल चुटका परमाणु संयंत्र और परमाणु ऊर्जा के खिलाफ और आदिवासियों के अधिकारों के राज्य द्वारा हनन के खिलाफ राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन राज्यपाल को सौपेगा।
3. धरना - 13 जुलाई (शनिवार) को भोपाल, जबलपुर व मंडला में एक साथ सभी संगठनों द्वारा धरना दिया जायेगा।
4. दिल्ली में प्रेस-रिलीज़ - इस लड़ाई में शामिल तीन राजनीतिक दल (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी – मार्क्सवादी-लेनिनवादी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी) दिल्ली में इसी मसले पर 11 जुलाई को प्रेस-रिलीज़ जारी करेंगे।
5. चुटका व अन्य गावों में और मानेगांव में 15 जुलाई से स्थानीय स्तर पर धरना शुरु किया जायेगा।
6. चुटका, मानेगांव व अन्य गावों में सघन प्रचार प्रसार में सहयोग के लिये भोपाल, जबलपुर व प्रदेश के अन्य जिलों से 25 जुलाई को कार्यदल पहुँचेंगे।
7. जन-सम्मेलन - चुटका परमाणु ऊर्जा संयंत्र और परमाणु ऊर्जा के खिलाफ 30 जुलाई (मंगलवार) को जन-सम्मेलन मानेगांव या आसपास आयोजित किया जायेगा।
8. जन-सुनवाई का 31 जुलाई को अहिंसापूर्ण बहिष्कार।
9. परमाणु संयंत्र का विरोध करते हुये, इसके पर्यावरणीय खतरे के बारे में या अन्य मसलों पर जो भी आपत्तियाँ दर्ज करनी होंगी वह 31 जुलाई से पहले की जायेंगी। जन-सुनवाई के नोटिस में इसका प्रावधान है। 31 जुलाई को हम केवल बहिष्कार करेंगे कोई आपत्ति या अर्जी नहीं दाखिल करेंगे।
10. प्रदेश के अलावा, देश और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उभारने के लिये लगातार मीडिया, इंटरनेट व अन्य साधनों से प्रचार प्रसार किया जायेगा।
इस कार्ययोजना की प्रगति का जायजा लेने के लिये 8 जुलाई (सोमवार) को प्लॉट न. 8, पत्रकार कॉलोनी, भोपाल में दोपहर 2 बजे फिर बैठक की जायेगी।











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