मं, 02/08/2011 - 13:00 |
सतीश जैकब बने 'पी7' के न्यूज़ डायरेक्टर |
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वरिष्ठ पत्रकार सतीश जैकब 'पी7' के न्यूज़ डायरेक्टर बन गये हैं। सतीश जैकब ने हमसे बात करते हुए इसकी पुष्टि की और बताया कि वे सात जनवरी से 'पी7' न्यूज़ का हिस्सा बन गये हैं। जैकब ने करीब 32 साल तक 'बीबीसी' को अपनी सेवाएं दीं और महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए विश्वभर में कई बड़ी घटनाएं कवर की हैं। आगे पढ़ें |
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'मां टीवी' नेटवर्क ने लॉन्च किए दो नए चैनल |
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'मां टीवी' नेटवर्क ने अपने ग्रुप का विस्तार करते हुए दो नया चैनल लॉन्च किया है। अब नेटवर्क के कुल मिलाकर चार चैनल हो गए हैं और इसके साथ की तॉलीवुड के मशहूर अभिनेता राम चरण को ग्रुप के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया गया है। ग्रुप का कहना है कि इन दो चैनलों 'मां मूवीज' और 'मां किड्स' के बाद यह ग्रुप तेलगू दर्शकों के और ज्यादा दिल के करीब अपने जगह बना रहा है। आगे पढ़ें |
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कल से डीयू में शुरू होगा मीडिया फेस्टिवल 'परंपरा-2011' |
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दिल्ली विश्वविद्यालय के आईपी कॉलेज के मास मीडिया व मास कम्युनिकेशन विभाग की ओर से 9 से 11 फरवरी तक कॉलेज परिसर में तीन दिवसीय मीडिया फेस्टिवल 'परंपरा-2011' का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्घाटन फिल्म मेकर अनवर जमाल और आराधना कोहली करेंगी। आगे पढ़ें |
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विशेष खबरें |
'प्रज्ञा टीवी' ने लॉन्च किए तीन नए शो 'प्रज्ञा टीवी' ने अपने प्रोग्राम की फेहरिस्त में तीन नए शो जोड़ें हैं। ये शो रोमांच, उत्तेजना से भरपूर हैं, 'सूर्य पुराण', 'दोबारा जिंदगी' और 'मोहे रंग दे' तीनों शो अलग-अलग विषयों पर आधारित हैं। 'सूर्य पुराण' सूर्य देवता के बारे में पौराणिक शो है, 'दोबारा जिंदगी' मृत्यु के बाद की जिंदगी और तीसरा रीयलिटी सूफी म्यूजिक शो है। |
पत्रकारिता अपनी आत्मा व आवाज दोनों खो चुकी है: श्याम खोसला 'इंडियन मीडिया सेंटर' के निदेशक और 'मीडिया क्रिटिक' के संपादक श्याम खोसला का कहना है कि वर्तमान युग मे पत्रकारिता अपनी आत्मा और आवाज दोनों खो चुकी है। अपनी आत्मा नहीं बेचने वाले उंगलियों पर गिने जा सकते हैं। वे यहां माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविधालय, भोपाल में 'संपादक की सत्ता और महत्ता' विषय पर आयोजित व्याख्यान में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। |
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कोर्ट की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को लॉ ग्रेजुएट होना चाहिए: मनोरंजन भारती सुप्रीम कोर्ट की यह राय बिल्कुल सही है कि कानूनी और कोर्ट के मामलों की पत्रकारिता या रिपोर्टिंग सही तरीके से नहीं हो पा रही है। इस मामले में मेरा यह मानना है कि सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही नहीं बल्कि किसी भी कोर्ट की रिपोर्टिंग के लिए रिपोर्टर या पत्रकार को पत्रकारिता के साथ लॉ का भी स्नातक होना चाहिए क्योंकि मैने भी कुछ समय कोर्ट की रिपोर्टिंग की है और मैने महसूस किया है कि कोर्ट लॉ के एथिक्स का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। |
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अदालती फैसलों की रिर्पोटिंग करते हुये पत्रकार संयम बनाये रखें: राजीव रंजन निश्चित रूप से हाल के 15 सालों में भारतीय अदालत सकारात्मक रवैया दिखा रहा है। अदालत जिस तरह से घटनाओं पर टिप्पणी कर रहा है और जो शैली एवं भाषा का इस्तेमाल कर रहा है उससे साफ जाहिर है कि अदालत चीजों को संज्ञान में ले रहा है, और उसके अनुरूप टिप्पणी कर रहा है। यह अदालती सक्रियता का ही परिणाम है कि सरकार जिन विषयों पर लीपापोती करती है, उस पर अदालत की टिप्पणी के बाद सरकार कार्यवाही करने पर मजबूर हुई है। |
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सुप्रीम कोर्ट का कदम सराहनीय: प्रभात सिंह सुप्रीम कोर्ट ने जिस समय यह व्यवस्था की बात की है वह सौ फीसदी सही है। मीडिया को चाहिये कि वह जिस भी खबर को अपने पत्रकार से कवर कराये उस विषय पर उसकी विशेषज्ञता अवश्य हो वरना पत्रकार न तो अच्छी तरह से खबर कवर कर पायेंगे और न ही पाठक या दर्शक उसे समझ पायेंगे। मेरा मानना है कि जो पत्रकारिता के टूल है उन्हें समझने की जरूरत है और यह केवल कोर्ट तक ही सीमित न हो। |
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यह सुप्रीम कोर्ट की अच्छी पहल : प्रमोद जोशी रिपोर्टर ही नहीं बल्कि पूरी मीडिया को देश के कानून और संविधान के बारे में जानकारी होना चाहिए अन्यथा यह वह अपना कार्य सही ढ़ंग से नहीं कर पाएगा। मैं सुप्रीम कोर्ट के इस कदम को एक बहुत ही सराहनीय कार्य मानता हूं। किसी भी पत्रकार के लिए अच्छी ट्रेनिंग बहुत जरूरी है और जो शुरुआती दौर में ट्रेनिंग मिलती है वह बहुत अच्छी नहीं होती है जिसकी वजह से दिक्कतें आती हैं। |
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क्या ब्लॉग संस्था का रूप ले सकता है? ब्लॉग जिसे अभी तक भड़ास का माध्यम ही समझा जाता है और ब्लॉगर चाहे वे कितना भी अच्छा कंटेंट क्यों न दे अपने पाठकों से प्रशंसा के दो शब्द नहीं सुन पाते हैं जिनके वे हकदार होते हैं। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि क्या ब्लॉग कभी एक संस्थान के रूप में उभर सकेगा? यहां बात चाहे किसी भी भाषा के ब्लॉगर की क्यों न हो सभी ब्लॉगर को एक जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। |
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संपादकीय पेज पर चर्चा के लिए इंपैक्ट पत्रिका का राउंड टेबल डेली न्यूज़ एंड एनालिसिस जो डीएनए के रूप में जाना जाता है के द्वारा संपादकीय पेज बंद करने की घोषणा से कईयों को आश्चर्य हुआ और इंडस्ट्री के कई लोगों को इससे झटका लगा। इंपैक्ट पत्रिका ने इस पर आवश्यक चर्चा को महसूस किया और प्रेस क्लब मुंबई में 3 फरवरी को इस मुद्दे पर एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया। |
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कोर्ट कवर करने से पहले लॉ का आवश्यक ज्ञान जरूरी: नवीन कुमार सुप्रीम कोर्ट का यह मानना बिल्कुल सही है। मीडिया में लीगल रिर्पोटिंग का वह स्तर नहीं है जो होना चाहिये। कोर्ट की कार्यवाही को पत्रकार उतनी बेहतर तरह से समझ नहीं पाते जितने बेहतर तरीके से उन्हें समझना चाहिये। इसका असर यह होता है कि वे पाठकों और दर्शकों को सही तरीके से कोर्ट की खबरें पहुंचा नहीं पाते। |
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पत्रकारिता में लीगल रिपोर्टिंग के लिए नया कोर्स लाया जाए: सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट का ऐसा मानना है कि मीडिया में लीगल रिपोर्टिंग का वह स्तर नहीं है जो वास्तव में होना चाहिए। दिग्गज और अनुभवी पत्रकार भी कोर्ट की कार्यवाहियों और फैसलों की रिपोर्टिंग सही तरीके से नहीं कर पाते हैं। कोर्ट का मानना है कि इसका मुख्य कारण पत्रकारिता में लीगल रिपोर्टिंग की उचित ट्रेनिंग न मिल पाना है। इसलिए कानूनी और कोर्ट के मामलों की पत्रकारिता के लिए स्नातक स्तर पर एक नया कोर्स शुरू किया जाना चाहिए। |
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प्रसार भारती में फाइनेनशियल गतिविधियों के लिए बनी तीन सदस्यीय कमेटी प्रसार भारती की तीन फरवरी को हुई 100 वीं मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इसमें फाइनेनशियल मेंबर ए के जैन की शक्तियों को छीन कर एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जो संस्थान की फाइनेनशियल गतिविधियों को देखेगी। और साथ ही साथ बजट का आंकलन और आवंटन एवं आसन्न प्रोजेक्टों पर काम करेगी। |
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भोजपुरी सिनेमा से जुड़े लोगो को दिया जायेगा टेली-सिने अवार्ड भोजपुरी सिनेमा के 50 साल पूरे होने के पर राज्य के एक स्वयंसेवी संगठन ने अगस्त में टेलीविजन और सिनेमा जगत के बिहारी कलाकारों को सम्मानित करने के लिए टेली-सिने अवार्ड शुरू करने का फैसला किया है। संस्था के संस्थापक, अध्यक्ष अश्विनी कुमार का एक वक्तव्य में कहना था कि बिहार भोजपुरी और अन्य प्रकार के सिनेमा के लिए एक बड़ा बाजार है, लेकिन राज्य के सिने और टेलीविजन कलाकारों की मुंबई में समुचित कद्र नहीं होती। |
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सीबीएसई 11 हजार स्कूलों में शुरू करेगी मीडिया कोर्स स्कूलों में मीडिया कोर्स की शुरुआत सीबीएसई 2010-11 सेशन से करने जा रही है। यह कदम पिछले साल सीबीएसई द्वारा 11वीं क्लास में शुरू किए गए वोकेशनल कोर्स से मिली भारी प्रतिक्रियाओं के बाद उठाया गया है। सीबीएसई अपने देश और विदेश में फैले मान्यता प्राप्त 11 हजार स्कूलों में मीडिया, फिल्म्स और जियोस्पेशियल कोर्स शुरू करने जा रही है। |
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एनसीईआरटी के शैक्षिक चैनल की तैयारी जोर-शोर से मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देशय से 24 घंटे शैक्षिक चैनल की शुरुआत करने के लिए हरी झंड़ी दिखा दी है। इस चैनल के लिए एनसीईआरटी को नोडल एजेंसी के तौर पर जिम्मेदारी दी गई थी। एनसीईआरटी इस चैनल की सारी तैयारियां पूरी करने में लगी है। अभी इस चैनल को जल्द ही लॉन्च किया जायेगा। चैनल को बच्चों के बीच में खास पहचान दिलाने के लिए नाम की तलाश है। |
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अब मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी किया 'पेड न्यूज़' का विरोध मीडिया इंडस्ट्री और सरकार में हर समय 'पेड न्यूज़' का मुद्दा बहस का विषय बना रहता है। मीडिया इंडस्ट्री में हर कोई 'पेड न्यूज़' के खिलाफ बोल रहा है। हर किसी का कहना है कि 'पेड न्यूज़' बंद होनी चाहिए। इसी क्रम में अब भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने भी 'पेड न्यूज़' का विरोध करते हुए कहा है कि इस पर रोक लगाने के लिए कानून प्रावधान होने चाहिए। साथ ही उन्होंने चुनावों के दौरान होने वाले जनमत सर्वेक्षण पर भी रोक लगाने की बात कही है। |
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'हिन्दुस्तान' रांची से समाचार संपादक बृजेन्द्र दूबे का इस्तीफा, प्रभात ख़बर जायेंगे 'हिन्दुस्तान' रांची के समाचार संपादक बृजेंद्र दूबे जल्द ही संस्थान से इस्तीफा देने वाले हैं। वह प्रभात ख़बर रांची ज्वाइन कर रहे है उन्हे प्रभात ख़बर में बतौर सीनियर समाचार संपादक की जिम्मेदारी मिलने की संभावना है। समाचार4मीडिया से बात करते हुये बृजेंद्र दूबे ने ख़बर की पुष्टि करते हुये बताया कि मै आने वाले 2-3 दिन में प्रभात ख़बर रांची ज्वाइन कर लूंगा। |
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चंड़ीगढ़ पुलिस ने लिया 'फेसबुक' और 'रेडियो' का सहारा सोशल नेटवर्किंग साइट्स की लोगों के बीच बढ़ती लोकप्रियता को देखकर दिल्ली पुलिस ने 'फेसबुक' पर अपना एकांउट बनाया था जिससे लोगों से आसानी से जुड़ा जा सके। दिल्ली पुलिस के इस प्रयोग से कामयाबी भी हासिल हुई है। दिल्ली पुलिस की इस सफलता के बाद अब चंडीगढ पुलिस ने भी अपना एकाउंट फेसबुक पर बनाया है जिससे वे भी लोगों से आसानी से जुड़ सके। |
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'टाइम्स ऑफ इंडिया' ने लॉन्च की 'हायर एजुकेशन' बुक 'टाइम्स ऑफ इंडिया' ने 'हायर एजुकेशन' नाम की बुक लॉन्च की है। यह किताब देश और विदेश में उपस्थित उच्च शिक्षा के बारे में जानकारी देने वाली गाइड का कार्य करेगी। इस वर्ष इस किताब में बताया गया है कि कैसे ग्लोबल लर्निंग का लोकल मार्केट में लाभ प्राप्त किया जा सकता है। |
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