सरकारी धन की बर्बादी का नायाब नमूना है रामनगर का ट्रांसपोर्ट नगर
लेखक : पिंकी रावत :: अंक: 23 || 15 जुलाई से 31 मार्च 2009:: वर्ष :: 32 :July 15, 2009 पर प्रकाशित
http://www.nainitalsamachar.in/transport-city-ramnagar-uttarakhand-is-a-waste-of-money/
सरकारी धन की बर्बादी का नायाब नमूना है रामनगर का ट्रांसपोर्ट नगर
लेखक : पिंकी रावत :: अंक: 23 || 15 जुलाई से 31 मार्च 2009:: वर्ष :: 32 :July 15, 2009 पर प्रकाशित
रामनगर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने और ट्रांसपोर्ट से जुड़े व्यवसायियों को एक स्थान पर लाने के मकसद से बनाया गया 'ट्रांसपोर्ट नगर' एक सफेद हाथी बनकर रह गया है। राज्य सरकार ने रामनगर नगरपालिका को दो साल पहले ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण के लिए एक करोड़ 79 लाख रुपये दिए थे, मगर नगरपालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी के बीच चल रही खींचतान के कारण काम पूरा होने के बाद भी इसे चालू नहीं कराया जा सका है। इसके कारण विकास के काम हाशिए पर तो आ ही गए हैं, साथ ही इससे शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ने के साथ-साथ हर महीने सरकार को पचास हजार रुपये का चूना भी लग रहा है।
रामनगर का टांसपोर्ट नगर सरकारी धन की बर्बादी का नायाब नमूना बना हुआ है। करीब दो हैक्टेयर जमीन 1 करोड़ 79 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी नतीजा शून्य है। ट्रांसपोर्ट नगर में बनी 45 दुकानें व्यवसायियों को आबंटित होने के बाद भी ताला लगा हुआ है। वाहनों की अधिकता और पार्किंग की सुविधायें न होने के चलते वाहन मालिक अपने वाहनों को सड़क किनारे खड़ा करके इतिश्री तो कर लेते हैं पर इससे आम जनता को सड़क पर तमाम तरह की असहजता भुगतनी पड़ती है। तभी तो श्रीमती प्रभा को अपने स्कूली बच्चों की चिन्ता हमेशा सताती रहती है वे कहती हैं, ''सड़क दोनों ओर से बस, ट्रक या फिर किसी और वाहन से अक्सर घिरी होने के कारण हम कभी भी सड़क पर सहज होकर नहीं चल पाते।'' साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में भी इससे बढ़ोतरी लगातार हो रही है। यहाँ तक कि कम्पनियों के कार्यालय और बस अड्डे भी ट्रांसपोर्टनगर में जाने की बजाय मुख्य मार्ग पर चल रहे हैं। नगरपालिका प्रशासन का कहना है कि जिन लोगों को दुकानें आबंटित हुई हैं, उनमें से अधिकांश ने तय रकम जमा नहीं की है। सिर्फ 16 दुकानों का पैसा ही अभी तक जमा हो पाया है, और 29 दुकानों का पैसा अभी तक जमा नहीं हो पाया है।
इसलिए इन दुकानों को निरस्त करने की संस्तुति पालिका परिषद ने कर दी है। पालिका परिषद का कहना है कि अगर लोग दुकानों पर कब्जा ले लें, तो नगरपालिका वहाँ बिजली-पानी की सुविधा दे देगी। जबकि इसके ठीक विपरीत दुकानदारों का कहना है कि पहले हमें नगरपालिका बिजली, पानी, शौचालय, सुरक्षा की सुविधा मुहैया कराये तभी हम दुकानों का पैसा जमा करेंगे। बोर्ड द्वारा हालाँकि दो बार दुकानदारों को समय दिया जा चुका है परन्तु फिर भी ट्रांसपोर्ट नगर शुरू होने के आसार अभी दिखाई तो नहीं दे रहे हैं पर हाँ लोगों की शिकायत पर नैनीताल के जिलाधिकारी हरिताश गुलशन ने ट्रांसपोर्ट नगर का दौरा कर अधिकारियों को ट्रांसपोर्ट नगर शुरू कराने के र्निदेश तो दे दिए हैं, मगर ट्रांसपोर्ट नगर कब शुरू होगा, कहा नहीं जा सकता।
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