Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Saturday, June 9, 2012

छलिया अहलुवालिया

http://hastakshep.com/?p=20519

छलिया अहलुवालिया

छलिया अहलुवालिया

By  | June 9, 2012 at 7:00 pm | No comments | मुद्दा

रणधीर सिंह सुमन

भारत अदभुत देश है इसके नेता बेशर्मी की पराकाष्ठा पार कर गए हैं। इन नेताओं और इनके साथ अफसरशाह भारतीय जनता को मूर्ख समझते हैं और तरह-तरह के तर्क जनता को छलने के लिये गढ़ते हैं। इसका बेहतरीन नमूना योजना आयोग उपाध्यक्ष मंटोक सिंह अहलुवालिया हैं। मनमोहन सिंह पुराने नौकरशाह के साथ-साथ प्रधानमंत्री हैं तथा योजना आयोग के अध्यक्ष हैं। योजना आयोग का मानना है कि भारतीय जनता में जो भी व्यक्ति 28 रुपये खर्च करता है वह गरीब नहीं है। योजना आयोग का यह अर्थशास्त्र दोनों पुराने नौकरशाह के दिमागी फितूर का एक हिस्सा हो सकता है किन्तु वास्तविक जीवन में इसका कोई अर्थ नहीं है।
दोनों नौकरशाहों योजना भवन में 60 व्यक्तियों के हगने मूतने के लिये शौचालय को सजाने और सवारने में 35 लाख रुपये खर्च किये हैं। पुराने सामंतवाद की सनक को पीछे धकेलते हुए 35 लाख रुपये खर्च किये गए जबकि इसके विपरीत इंदिरा आवास के लिये 45000 रुपये का बजट दिया जाता है और जब वह गिरने लगता है तो उसकी मरम्मत 15000 रुपये में होती है। इन आकड़ों से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये नौकरशाह राजनेता जनता के ऊपर तरह-तरह के कर लगा कर उसका उपयोग अपने व्यक्तिगत हितों के लिये करते हैं और उपदेश जनता को देते हैं, बेशर्म भी हैं, बेगैरत भी हैं। अगर इन लोगों के हगने मूतने पर इतना खर्चा आता है तो 28 रुपये के हिसाब से कितने व्यक्तियों की पूरी जिंदगी इसमें निपट जाएगी। वैसे इस देश की स्तिथि यह है कि बहुसंख्यक ग्रामीण जनता तलाये जाने के नाम पर एक पैसा खर्च नहीं करती है। वह सुबह उठकर तालाब की तरफ चली जाती है।
देश में भूख से लोग मरते हैं गर्मी से मरते हैं और जाड़े से मरते हैं। बदन पर कपडे नहीं होते हैं। इलाज के अभाव में मरते हैं। पैसा न होने के कारण शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाते हैं वहीँ ये नौकरशाह-राजनेता स्वर्गिक आनंद जीते जी प्राप्त कर रहे हैं।

रणधीर सिंह सुमन लेखक हस्तक्षेप.कॉम के सह सम्पादक हैं

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...