| Friday, 15 June 2012 10:44 |
|
Friday, June 15, 2012
विभाजन का गम ताउम्र रहा मेहदी हसन को
विभाजन का गम ताउम्र रहा मेहदी हसन को
Subscribe to:
Post Comments (Atom)

जलंधर, 15 जून (एजेंसी)। पंजाब के जलंधर से गहरा नाता रखने वाले गजल गायकी के बादशाह मेहदी हसन के जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को उजागर करते हुए सूफी गायक हंसराज हंस ने कहा कि 'मुल्क के टूटने' का गम इस महान गायक को ताउम्र सालता रहा और जब भी वे यहां आए, उन्होंने बंटवारे से उपजे हालात के बारे में बातचीत की। हंस ने बताया कि मुल्क के टूटने से हसन सबसे ज्यादा गमजदा थे। उनकी गायकी में, उनकी गजल में, उनके चेहरे पर और उनकी बातचीत में यह गम साफ झलकता था। आखिरी बार वे 13-14 साल पहले जालंधर आए थे। जिमखाना क्लब में उन्होंने प्रस्तुति दी थी, जहां मैं मंच संभाल रहा था। गायन के लंबे दौर के बाद वे होटल गए जहां वे सोये नहीं और पूरी रात मुल्क के टूटने के बारे में बातचीत करते रहे।
No comments:
Post a Comment