Wednesday, 17 July 2013 13:00 |
नयी दिल्ली। सरकार ने नरमी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को नई गति देने के लिये आज साहसिक कदम उठाते हुये दूरसंचार क्षेत्र में शत प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की छूट देने के साथ अत्याधुनिक रक्षा उत्पादन प्रौद्योगिकी सहित करीब एक दर्जन क्षेत्रों में एफडीआई सीमा बढ़ाने का फैसला किया। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल रिफाइनरियों, जिंस बाजारों, बिजली एक्सचेंजों, शेयर बाजारों व क्लियरिंग कारपोरेशनों के मामले में स्वत: स्वीकृत मार्ग के जरिए 49 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति होगी, जबकि वर्तमान में एफआईपीबी से मंजूरी लेनी होती है। आज किए गए निर्णय मायाराम समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं। समिति ने करीब 20 क्षेत्रों में निवेश सीमा में ढील देने की सिफारिश की थी, लेकिन आज हुई बैठक में केवल 12 क्षेत्रों में निवेश सीमा के संबंध में निर्णय किया गया। बेसिक एवं सेलुलर सेवाओं के मामले में एफडीआई सीमा मौजूदा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दी गई। इसमें से 49 प्रतिशत तक एफडीआई की स्वत: स्वीकृत मार्ग से अनुमति होगी, जबकि बाकी निवेश के लिए एफआईपीबी की मंजूरी की दरकार होगी। इसी तरह के नियम संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों व चाय बागानों के लिए भी होंगे। कुरियर सेवाओं में स्वत: स्वीकृत मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई है। इससे पहले, इतने ही निवेश के लिए एफआईपीबी की मंजूरी आवश्यक थी। साख सूचना फर्मों के मामले में 74 प्रतिशत एफडीआई की स्वत: स्वीकृत मार्ग के तहत अनुमति दी जाएगी। |
Wednesday, July 17, 2013
सरकार ने दूरसंचार समेत 12 क्षेत्रों में एफडीआई सीमा का विस्तार किया
सरकार ने दूरसंचार समेत 12 क्षेत्रों में एफडीआई सीमा का विस्तार किया
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