मित्र पुलिस की क्रूरता
यह बात समझ से परे है कि उत्तराखण्ड में एक तरफ अध्यापकों की भारी कमी है और दूसरी तरफ सरकार टीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षु शिक्षकों को भी स्थाई नियुक्ति देने में आनाकानी कर रही है. जब प्रशिक्षु टीईटी अपनी नियुक्ति के लिये आंदोलन करते हैं, तो उनपर लाठीचार्ज जरूर कर दिया जाता है...
मनोज इष्टवाल
देहरादून में कल शुक्रवार यानी 19 जुलाई को कथित मित्र पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास कूच कर रहे टीईटी उत्तीर्ण विशिष्ट प्रशिक्षु शिक्षकों पर जमकर लाठियां बरसायीं. लाठीचार्ज में दर्जनों आंदोलनकारी प्रशिक्षुओं को चोटें आयी हैं. गौरतलब है कि ये प्रशिक्षु पिछले कई महीनों से अपनी मौलिक और स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं.
मांगें न माने जाने से टीईटी उत्तीर्ण विशिष्ठ प्रशिक्षु को एक बार फिर राजधानी की सड़कों पर उतरे और उन्होंने मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच किया. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राज्य भर के कई जिलों से बड़ी संख्या में आये टीईटी प्रशिक्षु देहरादून के परेड ग्राउंड में इकट्ठा हुए, जहां से उन्होंने रैली की शक्ल में मुख्यमंत्री आवास कूच किया.
तकरीबन दो हजार प्रशिक्षु राजधानी की सड़कों पर उतरे, तो शहर की पूरी यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गयी. राजपुर रोड पर दोनों ओर वाहनों की लम्बी-लम्बी कतारें लग गयीं. हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए यह प्रशिक्षु हाथीबड़कला पहुंचे, जहां पुलिस ने इन्हें आगे जाने से रोक दिया. पुलिस के रोके जाने पर आंदोलनकारियों ने वहीं धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी.
आंदोलनकारियों की मांग है कि जब तक कोई सक्षम अधिकारी या नेता उनके पास नहीं आता और उनकी मांगांे को नहीं माना जाता, वह यहां से नहीं हटेंगे. जब यह प्रशिक्षु आगे जाने की जिद करने लगे तो पुलिस ने इन्हें बलपूर्वक रोकने की कोशिश की. काफी नोकझोक के बाद पुलिस को इन आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया, जिसमे दर्जनों लोगों को चोटें आयी हैं.
अपनी स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर यह प्रशिक्षु पिछले कई साल से आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच कई बार इनकी मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री से भी वार्ता हुई, लेकिन समस्या का कोई स्थायीं समाधान नहीं निकल सका है. आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार उन्हें हर बार आश्वासन देकर चुप करा देती है.
यह बात समझ से परे है कि राज्य में एक तरफ अध्यापकों की भारी कमी है और दूसरी तरफ सरकार टीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षु शिक्षकों को भी स्थाई नियुक्ति देने में आनाकानी कर रही है. आंदोलनकारी प्रशिक्षु शिक्षकों का कहना है कि अब उन्हें सरकार से आश्वासन नहीं चाहिए. यदि सरकार शीघ्र उनकी स्थाई नियुक्ति के आदेश जारी नहीं करती है, तो वह अब अपने आंदोलन को आर-पार की लड़ाई तक ले जायेंगे.
गौरतलब है कि राज्य में कुल 2253 टीईटी उत्तीर्ण विशेष प्रशिक्षु हैं, जो अपनी स्थाई नियुक्ति के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं.
मनोज इष्टवाल उत्तराखण्ड में पत्रकार हैं.
No comments:
Post a Comment