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Thursday, July 18, 2013

जब चावल ही जहरीला बन जाये, तो शिक्षा कर्मियों को बलि का बकरा बनाकर कब तक हादसे टाले जा सकते हैं?बंगाल में हादसा फिलहाल टला।

जब चावल ही जहरीला बन जाये, तो शिक्षा कर्मियों को बलि का बकरा बनाकर कब तक हादसे टाले जा सकते हैं?बंगाल में हादसा फिलहाल टला।


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


बिहार में मासूम बच्चों की मौत को लेकर राजनीति खूब हो रही है। तमाम तरह के तत्व और तथ्य पेश किये जा रहे हैं। लेकिन सर्वशिक्षा अभियान के तहत बच्चों को मिडडे मिल देने की पद्धति और भोजन की गुणबत्ता में सुधार के प्रयास नहीं हो रहे हैं। इसी बीच बंगाल में भी प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के मिडडे मिल का शिकार होने से बाल बाल बच जाने का मामला उजागर होने से यह साबित होता है कि रसोइये को खिलाकर बच्चों को खाना परोसने के केंद्र सरकार के ताजा आदेश से हालत लेकिन बदलने वाली नहीं है। भारत में सरकारी जनवितरण प्रणाली और सामाजिक योजनाओं के तहत दिया जाने वाला अनाज भारतीय खाद्य निगम से आता है, जो अब खाद्य सुरक्षा योजना के लिए भी अनाज देगा। गरीबी रेखा के नीचे वाले मनुष्येतर जीवों को जो एक रुपये से तीन रुपये की दर पर विभिन्न राज्यों में अनाज दिया जाता है, उससेभले कुछ और हो, कुपोषण और भुखमरू की समस्यायें सुलझने से तो रही।


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भारतीय खाद्य निगम की ओर से अनाज भंडारण, रखरखाव और परिवहन के दौरान होने वाली अव्यवस्था अभी खत्म नहीं हुई है और न सड़ रहे अनाज सड़ने से पहले वितरित करने का कोई चाकचौबंद इंतजाम है। अभी सर्वशिक्षा अभियान के तहत बंगाल में सर्वशिक्षा मिशन ने चार सौ कुंतल चावल भारतीय खाद्य निगम से खरीदा जो पूरा का पूरा सड़ा गला मिला। बिना कीटनाशक या छिपकली के यह चावल बच्चों को खिलाने लायक नहीं था। लिहाजा मिशन ने पशुचारा बतौर इस चावल को बेचकर बंगाल में मिडडे मिल हादसा होने से फिलहाल बच लिकलने का करिश्मा कर दिखाया। मिशन की मुश्तैदी से ऐसा संभव हुआ। लेकिन बिना किसी पर्याप्त निगरानी इंतजाम हादसे को बार बार टाला तो नहीं जा सकता।


बहरहाल बंगाल में सर्वशिक्षा मिशन ने भारतीय खाद्य निगम से  8.33 रुपये की दर से खरीदा चावल 4.91 रुपये की दर से बेचने का फैसला किया। शिक्षा परिषद और राज्य शिक्षा विभाग की सहमति से इस तरह यह हादसा फिलहाल टाल दिया गया। पर मिडडे मिल योजना के लिए तो फिर उसी खाद्यनिगम से ही अनाज खरीदना है। जब चावल ही जहरीला बन जाये, तो शिक्षा कर्मियों को बलि का बकरा बनाकर कब तक हादसे टाले जा सकते हैं


अब सर्वशिक्षा मिशन प्रति किलो चावल 3.42 रुपये का घाटा उठाने के बाद भारतीय खाद्य निगम के खिलाफ मुआवजे के लिए अदालत का दरवाजा खटखटानेकी तैयारी कर रहा है।


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