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Wednesday, June 6, 2012

दूसरी बार बेटे-बेटियों के फेल होने से शिक्षा मंत्री खफा

मंत्री वैद्यनाथ राम के बेटे व बेटी दोबारा फेल कर गये है.शिक्षामंत्री को शंका है कि उनके बेटे-बेटी का रिजल्ट खराब करने में कहीं न कहीं लक्ष्मी सिंह का हाथ है. पहले से ही नाराज चल रहे मंत्री राम इस बार जैक अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया है...

राजीव

झारखंड में मंत्री और नौकरशाह के बीच बढ़ती कटुता का कोपभाजन छात्र-छात्राओं को बनना पड़ रहा है, जो कल के भविष्य हैं.राज्य में पिछले 12 वर्षों में शिक्षा का स्तर चाहे वह प्राथमिक, माध्यमिक या स्नातक का हो, में गिरावट इस कदर आयी है कि राज्य के छात्र-छात्राओं को भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है.सरकारी उदासीनता, भ्रष्टाचारी और लालफीताशाही में राज्य की शिक्षा व्यवस्था फंस कर आखरी सांस ले रही है.

jharkhand-education-ministerराज्य में दसवीं परीक्षा के परिणाम में नेतरहाट उच्च विद्यालय के छात्रों को कभी छोड़ दिया जाता है तो तीन-चार घंटे के अंदर फिर जोड़ दिया जाता है.हाल में प्रकाशित इंटर के परीक्षा परिणाम में एक ऐसे छात्र को कॉमर्स का राज्य टॉपर बताया गया है जो सीबीएसई बोर्ड परीक्षा भी दे चुका है और गणित में फेल कर चुका है.

राज्य के नौकरशाहों से कुपित राज्य मानव संसाधन विकास मंत्री वैद्यनाथ राम को झारखंड एकडेमिक काउंसिल अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह से नाराजगी इस वर्षके मैद्रिक व इंटर रिजल्ट के घोषणा का परिणाम नहीं है बल्कि मंत्री बनने के बाद से ही कतिपय कारणों को लेकर लक्ष्मी सिंह को जैक अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहे है.मंत्री राम ने पिछले वर्ष भी इंटर के खराब रिजल्ट, प्राथमिक शिक्षा नियुक्ति परीक्षा में संशोधन तथा मंत्री के निर्देशों को ध्यान नहीं देने के आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री से अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह को पद से हटाने की मांग करते रहे है.

यह बात दिगर है कि इस वर्ष भी इंटर में मंत्री वैद्यनाथ राम के बेटे व बेटी दोबारा फेल कर गये है.शिक्षामंत्री को शंका है कि उनके बेटे-बेटी का रिजल्ट खराब करने में कहीं न कहीं लक्ष्मी सिंह का हाथ है यद्यपि वे इसे प्रकट नहीं कर रहे है.पूर्व से ही नाराज चल रहे मंत्री राम इस बार जैक अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया है और इसके लिए उन्होंने 15 जून का अल्टीमेटम भी दिया है.पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री वैद्यनाथ राम ने कहा कि लक्ष्मी सिंह का रवैया सरकार और छात्रों दोनों के प्रति खराब है.

जैक का गठन हुआ नहीं है लिहाजा सारे फैसले वे स्वयं लेती है.मंत्री ने सवाल उठाते हुए पूछा कि इस साल के इंटर कामर्स के राज्य टापर ने एक ही साल में दो जगहो, जैक बोर्ड व सीबीएसई बोर्ड से कैसे परीक्षा दे दी और वो सीबीएसई की परीक्षा में गणित में फेल कर गया जबकि जैक द्वारा लिए गए परीक्षा में राज्य का टॉपर कैसे हो गया ? 

इस प्रश्न का उत्तर स्वयं देते हुए मंत्री ने कहा कि दरअसल लक्ष्मी सिंह राज्य सरकार की छवि खराब करना चाहती है.उन्हें अपने पद पर एक दिन भी बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है.ज्ञातव्य है कि शि क्षामंत्री वैद्यनाथ राम नौकरशाहों से मंत्री बनने के बाद से ही कुपित रहे है.पिछले वर्षइन्होंने शि क्षा सचिव मृदुला सिन्हा को उनकी नहीं सुनने का आरोप लगाते हुए श्रीमति सिन्हा को हटाये जाने के लिए भी मोर्चा खोल दिया था और उन्हें हटाए जाने में सफल भी रहे थे, जिनके जगह पर वत्र्तमान में बीके त्रिपाठी कार्यरत है.मंत्री राम ने दिसंबर 2011 में अपनी नापंसद के एक दर्जन अधिकारियों का ताब्दला करवा चुके है जिसमें मुख्य रूप से जैक सचिव यमुना गिरि शामिल है.

राज्य प्रशासनिक सेवा के भी दो पदाधिकारियों - प्राथमिक शिक्षा निदेशक सह परियोजना निदेशक डीके सक्सेना व प्रशासी पदाधिकारी विजय विलुंग को हटवाने में भी मंत्री राम का हाथ रहा हालांकि इन नौकरशाहों का हटाने का कारण मंत्री बच्चों को समय पर पुस्तके उपलब्ध नहीं कराना तथा सर्वशि क्षा अभियान के कार्यक्रमों में सुस्ती बरतना, को बताते है.वैसे शिक्षा मंत्री ने मैद्रिक व इंटर के रिजल्ट की समीक्षा करने का निर्देश शिक्षा सचिव बीके त्रिपाठी को दे दिया है.

सचिव को भेजे गए पत्र में मंत्री ने कहा है कि जैक द्वारा जारी इंटर के परीक्षफल में कई अनियमिततांए सामने आयी है जो नियम के विरूद्ध है.इंटर के टॉप टेन ;कला, विज्ञान व वाणिज्य के छात्र-छात्राओं की उत्तर पुस्तिकाएं सुरक्षित रख कर उसकी पूरी जांच करायी जाए.मौद्रिक के परीक्षाफल की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय कमिटी भी गठित किए जाने की बात शिक्षा मंत्री ने पत्र में लिखा है.

इधर जैक अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह ने कहा है कि मुझे हटाना इतना आसान नहीं होगा, पहले मुझे शो-कॉज करें, उसका मैं जबाव दूंगी और अगर उस शो-कॉज में उपयुक्त स्पष्टीकरण नहीं दे सकी तभी मुझे हटाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.वैसे मैं तीन वर्ष के अनुबंध पर हूँ, अगर हमने जैक के खिलाफ कोई कार्य किया है तो हमें शो-कॉज किया जाना चाहिए.किसी के कहने से जैक अध्यक्ष को नहीं हटाया जा सकता.

बहरहाल राज्य में मंत्री और नौकरशाह के बीच तो लगती है इस बार ठन गयी है.अब देखना है कि जैक अध्यक्ष को हटाए जाने का शिक्षा मंत्री द्वारा 15 जून का अल्टीमेटम पर मुख्यमंत्री की क्या प्रतिक्रिया होती है.

rajiv-giridihराजीव पेशे से वकील हैं और राजनीतिक विषयों पर लिखते हैं. 

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