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Sunday, June 24, 2012

ब्‍लैक फ्राइडे का ब्‍लैक एसएमएस और गैंग्‍स ऑफ वासेपुर

http://mohallalive.com/2012/06/21/pranay-narayan-shared-his-experience-about-gow/

 ख़बर भी नज़र भीसिनेमा

ब्‍लैक फ्राइडे का ब्‍लैक एसएमएस और गैंग्‍स ऑफ वासेपुर

21 JUNE 2012 NO COMMENT

♦ प्रणय नारायण

परसों रीलीज होने वाली फिल्‍म गैंग्‍स ऑफ वासेपुर में प्रणय ने जीआरपी पुलिस की भूमिका निभायी है, जो संदिग्‍ध यात्रियों पर नजर रखता है। वासेपुर की खास बात ये है कि इसका हर किरदार, चाहे वो छोटा हो या बड़ा, अपने असर के साथ है। प्रणय ने वासेपुर पर एक छोटी सी टिप्‍पणी हमें भेजी है, जिसे हम यहां साझा कर रहे हैं : मॉडरेटर

ल दोपहर एक एसएमएस आया। किसी ने गैंग्स आफ वासेपुर का स्‍पेशल प्रीव्‍यू देखने के बाद किया था। सोचा क्या बात है!! मैं तो शायद दूसरे हिस्से में हूं, फिर इस हिस्‍से को देख कर क्‍यों याद किया जा रहा है। फिर भी एसएमएस देख कर अच्‍छा लगा। बहुत अच्छा लगा।

ब्‍लैक फ्राइडे के दिन याद आ गये अचानक। दोपहर में एसएमएस आया था उस वक्त भी … और साथ में एक और पंक्ति थी कि फिल्म पर कभी भी 'स्‍टे ऑर्डर' आ सकता है। मैं घर से चर्च गेट के लिए निकल ही रहा था कि खबर आ गयी। फिल्म पर रोक लगा दी गयी थी। दो साल बाद रोक हटायी गयी थी। पर, गनीमत है इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। मैंने खुद फिल्म देखी, तो पता चला मैं भी इसी हिस्से में आ गया।

वैसे फिल्म की बात करें, तो जो दिलो-दिमाग पर छा गये उनमें पहला नाम है ऋचा चड्डा का। ऋचा ने मनोज वाजपेयी की पत्नी का किरदार निभाया है। क्या भाषा की पकड़ और क्या सहजता है भावनाओं की अभिव्यक्ति में। दूसरा नाम है खुद मनोज बाजपयी का। चाहे कह कर लेने की बात हो या सच में लेने की तड़प हो… उन्‍होंने अपने किरदार को बखूबी उतारा है पर्दे पर। मेरे खयाल से इस साल के दो राष्ट्रीय पुरस्कार तो तय हैं। तीसरा नाम, जिन्होंने मनोज वाजपेयी के पिता का किरदार निभाया है। उन्‍हें देख कर आप सिहर उठेंगे कि अब जो वो हाथ उठाएगा, तो सामने वाले का क्या हश्र होगा पता नहीं। उसके बाद तिग्मांशु धूलिया और नवाज़ का। फिर लिस्ट बढ़ती चली जाएगी, जिसमें मैं भी हूं।

गाने आपको झारखंड-बिहार की मिट्टी से जोड़े रखते हैं। लोकेशन आपको वहीं बांधे रखता है। मुझे लगता है कि किसी भी फिल्म में लौह इंजन का फिल्माना कुछ पल के लिए भव्यता ला ही देता है। कोयला माइंस की भव्यता भी कमाल है। फिल्म छटांक भर के लिए थोड़ी धीमी होती है, पर कुल मिला कर ये है कि एक बार नहीं देखिएगा तो कुछ मिस जरूर कीजिएगा।

(प्रणय नारायण। फिल्‍म और टेलीविजन अभिनेता। ब्‍लैक फ्राइडे, खेलें हम जी जान से, नियति, माधोलाल कीप वाकिंग, रणभूमि आदि फिल्‍मों में छोटा लेकिन असरदार किरदार। उनके बारे में और अधिक जानने के लिए क्लिक करें, www.facebook.com)

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