Friday, 01 February 2013 15:53 |
नयी दिल्ली। डीजल की बिक्री पर सरकारी तेल कंपनियों को हो रहे घाटे की भरपाई के लिए इसकी कीमतें हर माह 40 से 50 पैसे प्रति लीटर बढायी जाएंगी। देश में पेट्रोलियम र्इंधनों में सबसे ज्यादा खपत डीजल की ही होती है। डीजल का दाम बढाने से इस कदम से सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी की करीब 12,907 करोड़ रुपये सालाना की बचत होगी। पर कुछ थोक ग्राहकों ने पेट्रोल पंपों से खुदरा ग्रहाकों की तरह डीजल खरीदने का निर्णय लिया है। मोइली ने कहा, कि उन्होंने सुना है कि गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने कहा है कि उनके राज्य सड़क परिवहन निगम अब डीजल थोक में खरीदने के बजाय अपनी बसों के लिए तेल स्थानीय पेट्रोलपंपों से खरीदेंगे। फिलहाल ये निगम अपने निजी उपयोग के लिए सीधे तेल कंपनियों से ईंधन खरीदते हैं। मोइली ने कहा, ''हमें इस मसले पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। हमने भी यह बात सुनी है। हम इस पर गौर कर रहे हैं। उन्होंने ने बसों को पेट्रोलपंप से डीजल भरवाने के निर्देश देने के बजाय राज्य सरकारों को डीजल पर वैट और सेल्स टैक्स कम करना चाहिए ताकि वह सस्ता हो सके। (भाषा) |
Friday, February 1, 2013
डीजल के दाम हर महीने 40-50 पैसे प्रति लीटर बढेंगे : मोइली
डीजल के दाम हर महीने 40-50 पैसे प्रति लीटर बढेंगे :
मोइली
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