डा0 अनुरुद्ध वर्मा
गर्मी एवं बरसात के मौसम में अक्सर खबरें आती हैं कि अमुक गाँव एवं शहर में खाना खाने से लोग बीमार हो गये। क्यो होते है लोग खाना खाने से बीमार ? गर्मी एवं बरसात के मौसम में कटे-सड़े एंव खुले फलों, कीड़े वाली सब्जियों, खुले मे रखे भोजन, ढाबे एवं सड़कों के किनारे के खाने, बासी खाने में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं तथा भोजन में उपलब्ध कुछ रसायनिक तत्व भी भोजन को दूषित कर देते हैं। यही दूषित भोजन जब हम प्रयोग करते है तो पेट दर्द, ऐठन, उल्टियां, दस्त जैसी गम्भीर समस्याऐं उत्पन्न होती है जो जानलेवा भी साबित हो सकती है। चिकित्सकों की भाषा में इसे फूड़ प्वाइजनिंग अथवा भोजन विषाक्तता कहा जाता है। फूड प्वाइजनिंग जन स्वास्थ्य के लिये गम्भीर खतरा है।
आखिर क्या है फूड़ प्वाइजनिंग
फूड़ प्वाजनिंग भोजन में साफ-सफाई के अभाव, गंदगी, बासी खाना, साफ हाथो से खाना न परोसने के कारण उत्पन्न होने वाले संक्रमण् के कारण होता है। अक्सर बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनोंे अथवा होटलों में बासी खाना परोस दिया जाता है या भोजन के साथ पिया जाने वाला पानी अशुद्ध होता है। गर्मी के मौसम में आप फलों, गन्ने का रस, कोल्ड ड्रिंक, जूस और बाहर के चटपटे भोजन में ऐसे उलझ जाते हैं तथा यह नहीं समझ पाते है कि हम जो खा-पी रहे हैं वह किन हाथो से, किस पानी से कब बना था। यही अशुद्ध खाना-पानी आप को बीमार करने के लिए पर्याप्त है।
क्या लक्षण है फूड़ प्वाजनिंग के ?
दूषित खाने-पीने से शरीर में अनेक लक्षण उत्पन्न होते है उनमे से प्रमुख है-
1. दस्त या डायरिया : दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है जो घातक हो सकती है।
2. उल्टी
3. बुखार
4. दस्त में खून आना
5. पेट दर्द या पेट में ऐठन
6. सुस्ती या ज्यादा नींद आना
फूड़ प्वाजनिंग से बचने के लिए क्या करें ?
1. ऐसी जगह पर भोजन करें जो साफ सुथरी हो।
2. खाने से पहले हाथ अवश्य धोयें।
3. गर्म व ताजा पकाया गया भोजन सर्वोत्तम होता है बजाए कि ठंठा या काफी देर से बना हुआ खाना।
4. खाने से पहले फलों और सब्जियों को भली प्रकार से धो लें।
5. पानी को उबाल कर पियें।
6. अगर डायरिया या उल्टी जैसी फीलिंग महसूस कर रहें हों तो आपको तुरन्त खूब सारा पानी पीना चाहिए।?
7. डायरिया में नमक चीनी का घोल थोड़ी-थोड़ी देर पर पीते रहें। यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है।
क्या न करें ?
1. चाय, कॉफ़ी, सिगरेट, डेयरी मे बने उत्पाद, आइस्क्रीम, कोल्डड्रिंक आदि का प्रयोग बिल्कुल न करें।
2. तला हुआ भोजन, कोल्ड ड्रिंक आदि न पियें।
3. इस दौरान ज्यादा शारीरिक श्रम न करें।
4. उपरोक्त लक्षण होने पर तत्काल अपने चिकित्सक से सलाह लें।
सम्भव है फूड़ प्वाजनिंग का होम्योपैथिक उपचार
फूड प्वाजनिंग के कारण उत्पन्न होने वाली परेशानियों का निराकरण होम्योपैथिक औषधियों द्वारा किया जा सकता है। यदि स्थिति गम्भीर हो तो तत्काल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। फूड प्वाजनिंग के उपचार में आर्सोनिक, पोडोफाइलम, मार्कसाल, वेरेट्रम एल्बम, इपिकाक,एलेस्टोनिया, कैम्फर, चाइना आदि औषधियों का प्रयोग लक्षणों के आधार पर किया जाना चाहिए। होम्योपैथिक दवाइयां प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह से लेनी चाहिएं। फूड प्वाजनिंग से बचाव के लिए आवश्यक है कि खाने पीने में पूर्ण सावधानी बरती जाए क्यो कि उपचार से ज्यादा जरुरी है सर्तकता।
वरिष्ठ चिकित्सक अनुरुद्ध वर्मा होमियोपैथी चिकित्सा परिषद् के सदस्य हैं.
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