नयी दिल्ली। रिलायंस एडीए समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी तथा उनकी पत्नी टीना सहित 11 अन्य लोगों को अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में तलब करने का समन भेजा है। विशेष सीबीआई जज ओ पी सैनी ने कहा, ''इस मामले में उचित फैसले के लिए इन लोगों को गवाह के रूप में बुलाना जरूरी है। अपील स्वीकार की जाती है। सभी 13 लोगों को समन जारी किया जाए।'' सीबीआई ने अपनी अर्जी में अनिल अंबानी को गवाह के रूप मेंं बुलाने का आग्रह किया था। अनिल को रिलायंस एडीए समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकाम लि. में कथित तौर पर 990 करोड़ रच्च्पये के निवेश को लेकर अदालत में पूछताछ के लिए तलब करने की मांग की गई थी। स्वान के प्रवर्तक शाहिद उस्मान बलवा तथा विनोद गोयनका के खिलाफ 2जी घोटाले में मामला चल रहा है। एजेंसी की दलील थी कि रिलायंस एडीए समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ही वह व्यक्ति है जो उनके समूह की कंपनियों द्वारा किए गए कथित निवेश के मुद्दे पर प्रकाश डाल सकते हैं। विशेष सरकारी वकील यू यू ललित ने कहा कि कथित तौर पर मुखौटा कंपनियों के गठन को लेकर अनिल अंबानी की गवाही जरूरी है। हालांकि, इसके साथ ही ललित ने कहा कि हो सकता है कि वह इस मुद्दों पर फैसलों में शामिल न हों। सीबीआई ने कहा था कि अंबानी और उनकी पत्नी के बाद चेक जारी करने के 'असीमित' अधिकार थे। टीना अंबानी ने कुछ बैठकों की अध्यक्षता भी की थी। रिलायंस एडीए समूह के तीन शीर्ष कार्यकारियों के वकीलों ने सीबीआई की अपील का विरोध करते हुए कहा कि एजेंसी द्वारा ये अपील दायर करने में देरी से पता चलता है कि यह मामला सही नहीं है। तीनों अधिकारी भी इस मामले में आरोपी हैं। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि देरी के कारणों के बारे में बताया जा सकता है, लेकिन जांच एजेंसी ने इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। रिलायंस एडीए समूह की कंपनी रिलायंस टेलीकाम लि.इस मामले में आरोपी है। रिलायंस एडीए समूह के तीन कार्यकारियों गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपारा तथा हरि नायर के खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में मुकदमा चल रहा है। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जांच एजेंसी मुकदमे के इस स्तर पर नया मामला बनाने की कोशिश कर रही है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सीबीआई की अपील पर 17 जुलाई को अपना आदेश बाद में सुनाने को कहा था। सीबीआई ने इससे पहले अनिल और टीना अंबानी सहित कुल 17 लोगों को गवाह बनाने की मांग की थी। हालांकि बहस के दौरान जांच एजेंसी ने अदालत से कहा कि वह इनमें से चार नाम हटा रही है। एजेंसी का आरोप है कि आरटीएल ने 2जी लाइसेंस और महंगा स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए स्वान टेलीकाम का इस्तेमाल मुखौटा कंपनी के रूप में किया। हालांकि, स्वान लाइसेंस पाने की पात्र नहीं थी। सीबीआई ने कहा था कि रिलायंस एडीए समूह के मुखिया के रूप में अनिल अंबानी की गवाही जरूरी है। उनकी गवाही से यह पता चल सकेगा कि स्वान टेलीकाम, टाइगर्स ट्रेडर्स प्राइवेट लि., जेबरा कंसल्टेंट्स प्राइवेट लि. जैसी मुखौटा कंपनियों के गठन के लिए कौन जिम्मेदार है। सीबीआई ने साथ ही यह भी कहा कि इन कंपनियों के एक दूसरे में शेयर हिस्सदारर, रिलायंस टेलीकाम लि. रिलायंस कम्युनिकेशंस, विकाता इंजीनियरिंग सर्विसेज और रिलायंस एडीए समूह की अन्य कंपनियों द्वारा स्वान में निवेश करने और शेयर पूंजी बाहर निकालने आदि मामलों पर प्रकाश के लिए भी उनकी गवाही की जरूरत है। सीबीआई ने अपील में कहा कि स्वान टेलीकाम की ओर से यूएएस लाइसेंस के लिए आवेदन करने के फैसले, दूरसंचार विभाग के साथ आवेदनों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और अक्तूबर, 2007 में स्वान टेलीकाम को डीबी समूह में स्थानांतरित करने के फैसलों की जानकारी के लिए अनिल अंबानी को गवाह के रूप में बुलाया जाना जरूरी है। टीना अंबानी के बारे में सीबीआई ने कहा था कि वह रिलायंस एडीए समूह में महत्वपूर्ण पद पर थीं। उन्हें टाइगर्स ट्रेडर्स प्राइवेट लि. तथा स्वान टेलीकाम की ओर से लेनदेन करने का असीमित अधिकार था। |
No comments:
Post a Comment