मुझे दिल्ली में बैठने के लिए मोहनसिंह प्लेस का कॉफी हाउस हमेशा से पसंद रहा है। यहां बैठकर इंसानों से ज्यादा बंदरों को देखना मुझे अच्छा लगता है। इतने वर्षों में पहली बार इनकी तस्वीरें खींचने का संयोग कल बैठा। एक बंदर की सिगरेट पीते हुए तस्वीर से मैं चूक गया। वह फिर कभी। अलग-अलग भंगिमाओं के कैप्शन खुद ही सोचें, कुर्सी पर बैठे इंसानों से ज्यादा अलग शायद न हों। — कॉफी हाउस के बंदर (5 photos)
मुझे दिल्ली में बैठने के लिए मोहनसिंह प्लेस का कॉफी हाउस हमेशा से पसंद रहा है। यहां बैठकर इंसानों से ज्यादा बंदरों को देखना मुझे अच्छा लगता है। इतने वर्षों में पहली बार इनकी तस्वीरें खींचने का संयोग कल बैठा। एक बंदर की सिगरेट पीते हुए तस्वीर से मैं चूक गया। वह फिर कभी। अलग-अलग भंगिमाओं के कैप्शन खुद ही सोचें, कुर्सी पर बैठे इंसानों से ज्यादा अलग शायद न हों। — कॉफी हाउस के बंदर (5 photos)
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