उत्तराखंड सरकार करेगी कांवड़ियों का पंजीकरण
हरिद्वार: आपदा के दौरान श्रद्धालुओं की सही संख्या की जानकारी नहीं होने को लेकर किरकिरी झेल चुकी उत्तराखंड सरकार कांवड़ मेले में ऐसी स्थिति से दो-चार नहीं होना चाहती। इसलिए सरकार ने कांवड़ियों के पंजीकरण का फैसला लिया है। विभिन्न राज्यों से आने वाले शिवभक्तों का रजिस्ट्रेशन संबंधित राज्यों के साथ ही उत्तराखंड में भी होगा।
मेला नियंत्रण कक्ष में अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक में इस पर सहमति बनी है। गढ़वाल मंडल के कमिश्नर सुवर्द्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में पड़ोसी राज्यों ने भी रजिस्ट्रेशन पर सहमति जताई। पत्रकारों को बैठक की जानकारी देते हुए सुवर्द्धन ने बताया कि संबंधित राज्यों से अनुरोध किया है कि वे अपने यहां से आने वाले कांवड़ियों की संख्या के बारे में जानकारी रखें।साथ ही उत्तराखंड की सीमा पर भी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। कांवड़ियों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने पास पर्ची रखें, जिसमें नाम, पता व मोबाइल नंबर दर्ज होगा। इसे एंट्री प्वाइंट पर दिया जाएगा। इसके बाद इनका उत्तराखंड में रजिस्ट्रेशन होगा। इस व्यवस्था से राज्य में आने वाले कांवड़ियों की वास्तविक संख्या का पता लग पाएगा। क्षेत्र विशेष से कितने लोग आए हैं यह जानने में भी आसानी होगी। डीआइजी गढ़वाल मंडल अमित सिन्हा ने बताया कि इस बार सुरक्षा में आइटीबीपी व रैपिड एक्शन फोर्स को भी लगाया जाएगा। सुरक्षा की दृष्टि से कांवड़ में एहतियात बरती जा रही है।
बैठक में कमिश्नर मुरादाबाद शिव शंकर सिंह, डीआइजी मेरठ के. सत्यनारायण, जिलाधिकारी बिजनौर अजयदीप सिंह, जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर सुरेंद्र सिंह, सहित हरियाणा, दिल्ली के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।
इस वर्ष कांवड़ मेला 23 जुलाई से पांच अगस्त तक चलेगा। मेले के दौरान शिवभक्त पौड़ी जिले के नीलकंठ महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं। हरिद्वार में चिडि़यापुर, सांतरशाह, धनौरी, जगजीतपुर, हरिद्वार रेलवे व बस स्टेशन पर पंजीकरण होगा।
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