देहरादून : आपदा से प्रभावित हुए केदारनाथ मंदिर में जल्दी ही पूजा अर्चना दोबारा शुरू होने की उम्मीद जताते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने आज कहा कि मंदिर के गौरव, गरिमा और प्रतिष्ठा को पूरी भव्यता के साथ लौटाने का प्रयास किया जायेगा। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, मंदिर सहित पूरे केदारनाथ क्षेत्र के भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सावन का पहला सोमवार है और केदारनाथ मंदिर में सोमवार को विशेष पूजा अर्चना होती थी। उन्होंने कहा कि मंदिर का गर्भगृह सुरक्षित है और वहां तीन चार फुट रेत भरी है।
बहुगुणा ने कहा कि मंदिर में सफाई का काम चल रहा है और अभी मंदिर समिति के लोग मंदिर की सफाई व्यवस्था में लगे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, 'उम्मीद है कि शीघ्र ही वहां पूजा अर्चना का कार्य आरंभ हो जायेगा।' बहुगुणा ने मंदिर के अंदर जाकर भगवान केदारनाथ से प्रार्थना की तथा वहां चल रहे सफाई अभियान में भी शिरकत की और स्वयं भी 'श्रमदान' किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्राकृतिक त्रासदी को हमें विकास में बदलना है। केदारनाथ को पूरे देश व विश्व के लोगों की आस्था का केंद्र बताते हुए बहुगुणा ने कहा कि इस मंदिर के गौरव, गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाये रखा जायेगा तथा इसकी भव्यता वापस लौटायी जायेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मंदिर फिर से अपने पुराने स्वरूप में श्रद्धालुओं का केंद्र बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र में आपदा में अपना जीवन खोने वाले लोगों की याद में एक भव्य स्मृति स्थल बनाया जायेगा, लेकिन इसके निर्माण में यह ध्यान रखा जायेगा कि इससे केदारनाथ मंदिर के गौरव, गरिमा और भव्यता में कोई कमी न आने पाये।
गहलोत ने बताया कि कि मंदिर के साथ ही पूरे केदारनाथ क्षेत्र की भी सफाई होनी है और इसके लिये एक रूपरेखा तय कर ली गयी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि गुप्तकाशी में एक हेलीकाप्टर केदारनाथ के लिये मजदूर, पेयजल, खाद्यान्न तथा अन्य साजो सामान पहुंचाने के लिये तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा के लिये वैकल्पिक मार्ग भी तलाशा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी धामों में आने व जाने के अलग अलग रास्ते बनाये जायेंगे ताकि इस प्रकार की आपदा के समय राहत कार्यों में परेशानी न हो।
बहुगुणा ने कहा कि सफाई के साथ ही क्षतिग्रस्त संपत्तियों का ध्वस्तीकरण कर जो भी निर्माण होगा, उसमें पर्यावरण और वैज्ञानिक पहलुओं का ध्यान रखा जायेगा। इसमें भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की भी राय ली जायेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पुनर्निर्माण के लिये धन की कमी आड़े नहीं आयेगी और शीघ्र ही प्रधानमंत्री से भी इस संबंध मंक बातचीत की जायेगी।
बहुगुणा ने कहा कि मंदिर में सफाई का काम चल रहा है और अभी मंदिर समिति के लोग मंदिर की सफाई व्यवस्था में लगे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, 'उम्मीद है कि शीघ्र ही वहां पूजा अर्चना का कार्य आरंभ हो जायेगा।' बहुगुणा ने मंदिर के अंदर जाकर भगवान केदारनाथ से प्रार्थना की तथा वहां चल रहे सफाई अभियान में भी शिरकत की और स्वयं भी 'श्रमदान' किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्राकृतिक त्रासदी को हमें विकास में बदलना है। केदारनाथ को पूरे देश व विश्व के लोगों की आस्था का केंद्र बताते हुए बहुगुणा ने कहा कि इस मंदिर के गौरव, गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाये रखा जायेगा तथा इसकी भव्यता वापस लौटायी जायेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मंदिर फिर से अपने पुराने स्वरूप में श्रद्धालुओं का केंद्र बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र में आपदा में अपना जीवन खोने वाले लोगों की याद में एक भव्य स्मृति स्थल बनाया जायेगा, लेकिन इसके निर्माण में यह ध्यान रखा जायेगा कि इससे केदारनाथ मंदिर के गौरव, गरिमा और भव्यता में कोई कमी न आने पाये।
गहलोत ने बताया कि कि मंदिर के साथ ही पूरे केदारनाथ क्षेत्र की भी सफाई होनी है और इसके लिये एक रूपरेखा तय कर ली गयी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि गुप्तकाशी में एक हेलीकाप्टर केदारनाथ के लिये मजदूर, पेयजल, खाद्यान्न तथा अन्य साजो सामान पहुंचाने के लिये तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा के लिये वैकल्पिक मार्ग भी तलाशा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी धामों में आने व जाने के अलग अलग रास्ते बनाये जायेंगे ताकि इस प्रकार की आपदा के समय राहत कार्यों में परेशानी न हो।
बहुगुणा ने कहा कि सफाई के साथ ही क्षतिग्रस्त संपत्तियों का ध्वस्तीकरण कर जो भी निर्माण होगा, उसमें पर्यावरण और वैज्ञानिक पहलुओं का ध्यान रखा जायेगा। इसमें भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की भी राय ली जायेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पुनर्निर्माण के लिये धन की कमी आड़े नहीं आयेगी और शीघ्र ही प्रधानमंत्री से भी इस संबंध मंक बातचीत की जायेगी।
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