| Friday, 20 September 2013 15:07 |
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा ''रेपो दर में वृद्धि से बचा जा सकता था। उद्योग पहले ही पूंजी की ऊंची लागत के दबाव में हैं। नकदी की स्थिति भी काफी सख्त है ऐसे में रेपो दर में वृद्धि चौंकाने वाली है।'' देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक स्टेट बैंक ने कल ही अपनी आधार दर को बढ़ाकर 9.8 प्रतिशत किया है। केनरा बैंक के कार्यकारी निदेशक ए.के. गुप्ता से जब मौद्रिक नीति के असर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा ''ब्याज दरों पर तुरंत कोई असर नहीं होगा।'' उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने संतुलन बिठाने का प्रयास किया है। बैंक ज्यादातर नकदी एमएसएफ के जरिये प्राप्त करते हैं। इसमें 0.75 प्रतिशत कमी से लागत कम होगी। रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि उचित नीतिगत उपायों के अभाव में मुद्रास्फीति वर्ष की शेष अवधि में ऊंची रह सकती है। ''चिंता की बात यह है कि खुदरा मुद्रास्फीति भी पिछले कई सालों से लगातार उच्चस्तर पर है। इससे उच्चस्तर पर मुद्रास्फीति प्रत्याशा को मजबूती मिलती है और दूसरी तरफ उपभोक्ता और कारोबार विश्वास कमजोर पड़ता है।'' |
Friday, September 20, 2013
रिजर्व बैंक ने बढ़ाई रेपो दर, शेयर बाजार चौंका और रूपया लुढ़का
रिजर्व बैंक ने बढ़ाई रेपो दर, शेयर बाजार चौंका और रूपया लुढ़का
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मुंबई। रिजर्व बैंक के नये गवर्नर रघुराम गोविंद राजन ने आज नीतिगत ब्याज दर रेपो में 0.25 प्रतिशत वृद्धि कर बाजार और उद्योग जगत को भौचक कर दिया। इस अप्रत्याशित घोषणा पर शेयर बाजार और विदेशी विनिमय बाजार में तीखी प्रतिक्रिया देखी गई।
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