आमंत्रण
भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ और भूमि अधिकार के लिए आन्दोलन की रणनीति बैठक - 10:30 से 3:30 बजे
राजनैतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक - 4 से 6 बजे
2 अप्रैल, डिप्टी स्पीकर हॉल, कंस्टीट्यूशन क्लब, दिल्ली
साथियों,
वर्ष 2013 में बने भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन करके मोदी की अगुवाई वाली वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश लाया गया जो अब लोक सभा में पास होकर भूमि अधिग्रहण बिल का रूप ले चूका है. अध्यादेश के अस्तित्व में आने से लेकर आज तक देश की जनता इसके विरोध में आन्दोलन कर रही है. यह बिल सरकार को देश के किसानों से बिना उनके अनुमति के ज़मीनें छीनकर कम्पनियों को देने की ताकत प्रदान करता है. केवल ज़मीन ही नही बल्कि सरकार देश का पानी, देश की बिजली, देश के खनिज संपदा और देश की जनता का श्रम सबकुछ कंपनियों को सस्ते में उपलब्ध कराने की जुगत में है ताकि उनके (कंपनियों) के लिए कम लागत विनिर्माण (Low Cost Manufacturing) की गारंटी हो सके तथा वे इस देश में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकें. इसे ही देश की वर्तमान सरकार तेज गति से विकास बता रही है और प्रधान मंत्री मेक इन इंडिया का नाम दे रहे है, जिस मेक इन इंडिया की दुनिया में श्रम कानून लागू नही होंगे और मजदूरों पर कंपनियों का पूर्ण नियंत्रण होगा. दुसरे शब्दों में भारत में संविधान का राज नही होगा बल्कि कंपनीयों का राज होगा, जो देश की जनता के लिए गुलामी के एक नए दौर की शुरुआत होगी.
देश की जनता शाशकों के जन विरोधी और कॉर्पोरेटपरस्त मंशा को पहचानने लगी, यही कारण है कि अध्यादेश के अस्तित्व में आने से लेकर आज तक भारत की जनता भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ देश के सभी हिस्सों में लगातार सड़कों पर प्रतिरोध आन्दोलन कर रही है. इस मुद्दे पर जनता के जुझारू प्रतिवाद ने संसद के विपक्षी पार्टियों को भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध करने के लिए बाध्य कर दिया है, और बीते 17 मार्च को संसद में विपक्ष के सांसदों में ने साथ मिलकर के भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ संसद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च भी किया है. विपक्षी पार्टियों द्वारा किये जा रहे विरोध के कारण ही सरकार इस बिल को राज्य सभा में लाने का सहस नही दिखा पा रही है.
इस अध्यादेश ने भूमि के प्रश्न को एक बार फिर भारतीय राजनीति के केंद्र में ला दिया है. देश की जनता भूमि अधिग्रहण बिल को रद्द करवाने की मांग के साथ-साथ भूमिहीनों के लिए भू अधिकार की मांग को भी प्रमुखता से उठा रही है. भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को रद्द करने की मांग पर देश भर के जनांदोलनों और ट्रेड यूनियनों ने मिल कर अध्यादेश के विरोध में 24 फ़रवरी को संसद मार्ग पर विशाल रैली आयोजित की थी जिसकी धमक संसद में भी सुनाई पड़ी और सरकार को अध्यादेश में कुछ बदलाव का ड्रामा भी करना पड़ा था.
वर्तमान में भूमि अधिग्रहण बिल को रद्द करवाने और भूमिहीनों के लिए भू-अधिकार सुनिश्चित करने के लिए पुरे देश में जन प्रतिरोध खड़ा हो रहा है और जगह-जगह से जुझारू प्रतिवादों और आन्दोलन की ख़बरें आ रही हैं. पुरे भारत में जन संगठन और ट्रेड यूनियन अपने-अपने इलाकों में आन्दोलन को और अधिक तीखा करने के लिए लोगों के सामने बिल के जन विरोधी चरित्र को रखते हुए हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं, तथा पुरे देश में जगह-जगह शहीदी दिवस (23 मार्च) को भू-अधिकार दिवस के रूप में मनाया गया है. भूमि अधिग्रहण बिल रद्द हो यह आन्दोलनों की फौरी मांग है लेकिन भू-अधिकार और विशेष तौर पर भूमिहीनों के लिए भू-अधिकार के मुद्दे को भूमि अधिग्रहण बिल विरोधी आन्दोलन के केंद्र में रखा गया है, और यह आन्दोलन अध्यादेश रद्द हो जाने के बाद भी भू-अधिकार के प्रश्न पर आगे भी जारी रहेगा. आने वाले दिनों में भूमि अधिकार और श्रम अधिकारों के सवाल पर'भूमि अधिग्रहण नही, भू-अधिकार चाहिए' नारे के साथ जन संगठनों और ट्रेड यूनियनों के संयुक्त नेतृत्व में जन अभियान चलेगा.
भूमि अधिग्रहण बिल को रद्द करवाने और सबके लिए और खास कर भूमिहीनों के लिए भू-अधिकार की लड़ाई को आगे बढ़ाने हेतु व्यापक और दूरगामी रणनीति तैयार करने के हेतु विचार विमर्श करने के लिए 2 अप्रैल 2015 को एक सम्मलेन आयोजित किया गाया है और उसी दिन सायं 4-6 बजे तक राजनितिक पार्टी के प्रतिनिधियों/सांसदों के साथ भी इस मुद्दे पर मीटिंग आयोजित होगी. जिसमे भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में संघर्ष करने वाले सभी संगठनों के प्रतिनिधि सादर आमंत्रित हैं. मीटिंग में मेधा पाटकर, अशोक चौधरी, हन्नान मौला, अतुल अंजान, डॉ सुनीलम, राकेश रफीक, भूपेन्द्र सिंह रावत एवं अन्य साथी शामिल होंगे.
रोमा, संजीव, मधुरेश, श्वेता, कृष्णा प्रसाद, वीजू कृष्णन, प्रताप, सत्यम, मीरा, रागीव
समन्वय समिति की ओर से (For Coordinating Committee)
Contact : 9818905316, 9958797409, 9911528696
--
--Ms. Roma ( Adv)Dy. Gen Sec, All India Union of Forest Working People(AIUFWP) /Secretary, New Trade Union Initiative (NTUI)
Coordinator, Human Rights Law Center
c/o Sh. Vinod Kesari, Near Sarita Printing Press,
Tagore Nagar
Robertsganj,
District Sonbhadra 231216
Uttar Pradesh
Tel : 91-9415233583,
Email : romasnb@gmail.com
http://jansangarsh.blogspot.com
Delhi off - C/o NTUI, B-137, Dayanand Colony, Lajpat Nr. Phase 4, NewDelhi - 110024, Ph - 011-26214538
All India Union of Forest Working People AIUFWP11 Mangal Nagar,Saharanpur, U.P.247001
Mobile> 09410418901,09868857723
Coordinator, Human Rights Law Center
c/o Sh. Vinod Kesari, Near Sarita Printing Press,
Tagore Nagar
Robertsganj,
District Sonbhadra 231216
Uttar Pradesh
Tel : 91-9415233583,
Email : romasnb@gmail.com
http://jansangarsh.blogspot.com
Delhi off - C/o NTUI, B-137, Dayanand Colony, Lajpat Nr. Phase 4, NewDelhi - 110024, Ph - 011-26214538
No comments:
Post a Comment