RIHAI MANCH
(Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism)
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बोधगया में धमाके कराकर आईबी ने संघ परिवार का कर्ज चुकाया- रिहाई मंच
बोधगया में 'मालेगांव' दोहराने की आईबी और संघ परिवार की कोशिश- रिहाई मंच
अनिश्चितकालीन धरने के 48 वें दिन क्रमिक उपवास पर बैठे हरे राम मिश्र
धरने के 50 वें दिन चर्चित पत्रकार अनिल चमडि़या, अमलेंदु उपाध्याय और
सादिक जमाल मेहतर फर्जी मुठभेड़ कांड के वकील शमशाद पठान करेंगे शिरकत
लखनऊ, 8 जुलाई 2013। कचहरी बम धमाकों के आरोप में फंसाए गए मौलाना खालिद
मुजाहिद के हत्यारे पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी, देश के अंदर आतंकवाद
फैलाने के आरोप में जेलों में बंद बेगुनाह मुसलमान नौजवानों की तुरंत
रिहाई की मांग एवं निमेष आयोग की रिपोर्ट पर एक्शन टेकेन रिपोर्ट जारी
करने की मांग को लेकर चल रहा रिहाई मंच का धरना आज 48 वें दिन भी जारी
रहा। आज क्रमिक अनशन पर पत्रकार हरे राम मिश्र बैठे। इस बीच रिहाई मंच के
धरने के पचासवें दिन होने वाले जमावड़े को लेकर रिहाई मंच के
पदाधिकारियों ने शहर में व्यापक जन संपर्क किया तथा लोगों से धरने में
पचासवें दिन बड़ी संख्या में उपस्थित होने की अपील की। धरने के पचासवें
दिन प्रख्यात पत्रकार अनिल चमडि़या, अमलेन्दु उपाध्याय, गुजरात के चर्चित
सादिक जमाल फर्जी मुठभेड़ मामले के वकील शमशाद पठान सहित देश के अनेक
बुद्धिजीवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता धरने के समर्थन में एकत्रित होंगें।
मौलाना जहांगीर आलम कासमी, मौलाना जीमल अहमद, अली अहमद कासमी ने आवाम से
अपील की वे दस जुलाई बुधवार को धरने में भारी संख्या में पहुंचे।
रिहाई मंच के प्रवक्ताओं शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने कहा कि बोधगया बम
धमाकों में जिस तरह विनोद मिस्त्री नाम के व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है
और उसके पास से बौद्ध भिक्षुओं द्वारा पहने जाने वाला वस्त्र और मंदिर
परिसर से उर्दू में लिखे पत्र मिलने की बात सामने आ रही है उससे साबित हो
जाता है कि बौद्ध गया में भी खुफिया एजेंसी आईबी के संरक्षण में
हिन्दुत्ववादी दहशतगर्दों ने मालेगांव जैसा ड्रामा दोहराने की कोशिश की
है जहां से नकली दाढ़ी-टोपी बरामद हुए थे और आई बी ने मुस्लिम निर्दांेष
नौजवानों को इसका मास्टरमाइंड बताकर पकड़ा ओर जेलों में ठूंस दिया जो बाद
में निर्दोष साबित हुए और असली संघी गुनहगार पकड़े गये। नेताओं ने बोधगया
मामले में आईबी की भूमिका को जांच के दायरे में लाते हुए एनआईए से जांच
कराने की मांग करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से इशरत जहां मामले में
फंसी आईबी को बचाने के लिए जिस तरह भाजपा खुल कर मैदान में आ गयी है
उसमें यह समझना मुश्किल नही है कि बोधगया मंदिर में आईबी ने विस्फोट करा
कर संघ परिवार के एहसान का कर्ज चुकाया है। नेताओं ने आईबी से सवाल किया
कि आखिर बोध गया मामले में उसने बिना कोई वजह बताए कैसे हिन्दुत्ववादी
आतंकी संगठनों को शक के दायरे से बाहर रखा। उन्होने कहा कि यही खुफिया
एजेंसी मुंबई में गल्र्स स्लामिक आॅर्गनाइजेशन की छात्राओं को आतंकवादी
संगठन कहकर बदनाम करता है उन पर पाबंदी की कोशिश करता है जबकि यह संगठन
शिक्षा के प्रसार का काम करता है। लेकिन वहीं दुर्गा वाहिनी, जो संघ
परिवार का संगठन है और जिसके कई लोग आतंकी विस्फोटों के आरोप में जेल में
हैं, के जम्मू में खुले आम चलने वाले सैन्य शिविरों में हथियार चलाने
वाली महिलाओं पर कभी कोई आपत्ति नहीं करता। जिससे आईबी का हिन्दुत्ववादी
सांप्रदायिक चेहरा सामने आ जाता है।
धरने को संबोधित करते हुए मुस्लिम मजलिस के प्रवक्ता जैद अहमद फारूकी ने
कहा कि सपा के मुस्लिम मंत्रियों और विधायकों की हैसियत क्लर्कों से
ज्यादा नही है। जो वही लिखते- बोलते हैं जो उनके मुखिया मुलायम सिंह
चाहते हैं। यही स्थिति दूसरी पार्टियों और सरकारों के मुस्लिम चेहरों की
भी है। खालिद मुजाहिद की हत्या का सवाल हो या निमेष कमीशन की रिपोर्ट को
लागू करने का सवाल हो, मुसलमानों से जुड़े सभी सवालों पर सपा के सभी
मुस्लिम नेताओं की प्रतिकृया से अब मुसलमानों को समझ लेना चाहिए कि सपा
के हाथों अब और नुकसान झेलना उनके भविष्य के लिए खतरनाक है।
48वें दिन आयोजित धरने को सुंबोधित करते हुए इलाहाबाद विश्ववि़ालय के
छात्र नेता अनिल आजमी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में अलपसंख्यकों के
खिलाफ जो माहौल बना दिया गया है वो काफी डरावना है। हमें इस डर की राजनीत
के खिलाफ लड़ना होगा।
धरने को संबोधित करते हुए पत्रकार हरे राम मिश्र ने कहा कि आज मुसलमानों
के सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो गया हैं। चारों ओर से उन्हंे ही
खुफिया एजेंसियों ने टारगेट कर रखा है। प्रदेश का मुसलमान आज बेहद सहमा
हुआ हैं। उन्होने कहा कि चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, सपा हो या फिर बसपा
कोई भी दल मुसलमानों की समस्या पर गंभीर नही है। वे यही चाहते हैं कि
मुसलमान हमेशा ही पिछड़े और अशिक्षित बने रहें। वे देश की मुख्यधारा में
शामिल न होने पाएं । मुसलमानों की दुदर्शा पर इन सभी पार्टियों के आंसू
केवल घडि़याली हंै। मुसलमानों को अपने दुश्मनों को पहचानना चाहिए। सपा
सरकार भी मुस्लिमों के ध्रुवीकरण के लिए भाजपा का हित पोषण कर रही है।
जिसका नतीजा सूबे में हुए दो दर्जन से अधिक दंगे और आतंकवाद के नाम पर
कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को छोड़ने के वादे से वादाखिलाफी है।
आजमगढ़ से आये तारिक शफीक ने कहा कि खुफिया एजेंसी आईबी का मुस्लिम
विरोधी आपराधिक चेहरा इशरत जहां और सादिक जमाल मेहतर के मामले में खुलकर
सामने आ गया है। जबकि रिहाई मंच और आजमगढ़ की आवाम तारिक कासमी और खालिद
मुजाहिद की फर्जी गिरफ्तारियों और बाटला हाउस फर्जी मुठभेड़ के समय से ही
कहते रहे हैं कि इन मामलों में आई बी की भूमिका की जांच करानी चाहिए
क्योंकि यह खुफिया एजेंसी लंबे समय से भारत के अंदर मुसलमानों को आतंकी
साबित करके पूरी दुनिया में बदनाम करना चाहती है। अब सादिक जमाल और इशरत
जहां की जार्चशीट और निमेष कमीशन द्वारा सार्वजनिक किये गये तथ्यों के
आधार पर बाटला हाउस समेत जयपुर, दिल्ली, अहमदाबाद समेत उन अनेक कथित
आतंकी वारदातों में जहां आजमगढ़ के निर्दोष मुस्लिम नौजवानों को गिरफ्तार
किया गया है, उनमें आईबी की भूमिका को जांच के दायरे में लाते हुए नये
सिरे से जांच करानी चाहिए।
उन्नाव से धरने के समर्थन में आये पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता आलोक
अग्निहोत्री और हाजी फहीम सिद्दीकी ने कहा कि जिन सामाजिक न्याय के
नेताओं पर सूबे की आवाम ने भरोसा किया था कि वे हिन्दुत्ववादी फासीवाद से
मुकाबला करेंगे, वे सभी आज संघ परिवार के मुसिलम विरोधी एजेंडे को बढ़ाने
में लग गये हंै। इसलिए आज जरूरत एक नये सामाजिक आंदोलन की है जो आवाम के
बीच भारत के धर्मनिरपेक्ष मिजाज को फिर से पुर्नबहाल करते हुए संघ के
एजेंडे को बढ़ाने वाली पार्टियों को बेनकाब करे।
धरने का संचालन मो आरिफ ने किया। धरने को तारिक कासमी के चाचा हाफिज
फैयाज आजमी, मथुरा से आये जुल्फिकार अली, अजीज अहमद, मोहर अली,
कमरुद्दीन, फैजाबाद से आये अजीज उल्ला, मो हारिस, मो फहीम सिद्धीकी, सचिन
कुमार मो शमशाद, शाबान करीमी, मो कासिम आदि ने भी संबोधित किया।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रवक्ता रिहाई मंच
09415254919, 09452800752
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Office - 110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism
Email- rihaimanchlucknow@gmail.com
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बोधगया में धमाके कराकर आईबी ने संघ परिवार का कर्ज चुकाया- रिहाई मंच
बोधगया में 'मालेगांव' दोहराने की आईबी और संघ परिवार की कोशिश- रिहाई मंच
अनिश्चितकालीन धरने के 48 वें दिन क्रमिक उपवास पर बैठे हरे राम मिश्र
धरने के 50 वें दिन चर्चित पत्रकार अनिल चमडि़या, अमलेंदु उपाध्याय और
सादिक जमाल मेहतर फर्जी मुठभेड़ कांड के वकील शमशाद पठान करेंगे शिरकत
लखनऊ, 8 जुलाई 2013। कचहरी बम धमाकों के आरोप में फंसाए गए मौलाना खालिद
मुजाहिद के हत्यारे पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी, देश के अंदर आतंकवाद
फैलाने के आरोप में जेलों में बंद बेगुनाह मुसलमान नौजवानों की तुरंत
रिहाई की मांग एवं निमेष आयोग की रिपोर्ट पर एक्शन टेकेन रिपोर्ट जारी
करने की मांग को लेकर चल रहा रिहाई मंच का धरना आज 48 वें दिन भी जारी
रहा। आज क्रमिक अनशन पर पत्रकार हरे राम मिश्र बैठे। इस बीच रिहाई मंच के
धरने के पचासवें दिन होने वाले जमावड़े को लेकर रिहाई मंच के
पदाधिकारियों ने शहर में व्यापक जन संपर्क किया तथा लोगों से धरने में
पचासवें दिन बड़ी संख्या में उपस्थित होने की अपील की। धरने के पचासवें
दिन प्रख्यात पत्रकार अनिल चमडि़या, अमलेन्दु उपाध्याय, गुजरात के चर्चित
सादिक जमाल फर्जी मुठभेड़ मामले के वकील शमशाद पठान सहित देश के अनेक
बुद्धिजीवी और मानवाधिकार कार्यकर्ता धरने के समर्थन में एकत्रित होंगें।
मौलाना जहांगीर आलम कासमी, मौलाना जीमल अहमद, अली अहमद कासमी ने आवाम से
अपील की वे दस जुलाई बुधवार को धरने में भारी संख्या में पहुंचे।
रिहाई मंच के प्रवक्ताओं शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने कहा कि बोधगया बम
धमाकों में जिस तरह विनोद मिस्त्री नाम के व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है
और उसके पास से बौद्ध भिक्षुओं द्वारा पहने जाने वाला वस्त्र और मंदिर
परिसर से उर्दू में लिखे पत्र मिलने की बात सामने आ रही है उससे साबित हो
जाता है कि बौद्ध गया में भी खुफिया एजेंसी आईबी के संरक्षण में
हिन्दुत्ववादी दहशतगर्दों ने मालेगांव जैसा ड्रामा दोहराने की कोशिश की
है जहां से नकली दाढ़ी-टोपी बरामद हुए थे और आई बी ने मुस्लिम निर्दांेष
नौजवानों को इसका मास्टरमाइंड बताकर पकड़ा ओर जेलों में ठूंस दिया जो बाद
में निर्दोष साबित हुए और असली संघी गुनहगार पकड़े गये। नेताओं ने बोधगया
मामले में आईबी की भूमिका को जांच के दायरे में लाते हुए एनआईए से जांच
कराने की मांग करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से इशरत जहां मामले में
फंसी आईबी को बचाने के लिए जिस तरह भाजपा खुल कर मैदान में आ गयी है
उसमें यह समझना मुश्किल नही है कि बोधगया मंदिर में आईबी ने विस्फोट करा
कर संघ परिवार के एहसान का कर्ज चुकाया है। नेताओं ने आईबी से सवाल किया
कि आखिर बोध गया मामले में उसने बिना कोई वजह बताए कैसे हिन्दुत्ववादी
आतंकी संगठनों को शक के दायरे से बाहर रखा। उन्होने कहा कि यही खुफिया
एजेंसी मुंबई में गल्र्स स्लामिक आॅर्गनाइजेशन की छात्राओं को आतंकवादी
संगठन कहकर बदनाम करता है उन पर पाबंदी की कोशिश करता है जबकि यह संगठन
शिक्षा के प्रसार का काम करता है। लेकिन वहीं दुर्गा वाहिनी, जो संघ
परिवार का संगठन है और जिसके कई लोग आतंकी विस्फोटों के आरोप में जेल में
हैं, के जम्मू में खुले आम चलने वाले सैन्य शिविरों में हथियार चलाने
वाली महिलाओं पर कभी कोई आपत्ति नहीं करता। जिससे आईबी का हिन्दुत्ववादी
सांप्रदायिक चेहरा सामने आ जाता है।
धरने को संबोधित करते हुए मुस्लिम मजलिस के प्रवक्ता जैद अहमद फारूकी ने
कहा कि सपा के मुस्लिम मंत्रियों और विधायकों की हैसियत क्लर्कों से
ज्यादा नही है। जो वही लिखते- बोलते हैं जो उनके मुखिया मुलायम सिंह
चाहते हैं। यही स्थिति दूसरी पार्टियों और सरकारों के मुस्लिम चेहरों की
भी है। खालिद मुजाहिद की हत्या का सवाल हो या निमेष कमीशन की रिपोर्ट को
लागू करने का सवाल हो, मुसलमानों से जुड़े सभी सवालों पर सपा के सभी
मुस्लिम नेताओं की प्रतिकृया से अब मुसलमानों को समझ लेना चाहिए कि सपा
के हाथों अब और नुकसान झेलना उनके भविष्य के लिए खतरनाक है।
48वें दिन आयोजित धरने को सुंबोधित करते हुए इलाहाबाद विश्ववि़ालय के
छात्र नेता अनिल आजमी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में अलपसंख्यकों के
खिलाफ जो माहौल बना दिया गया है वो काफी डरावना है। हमें इस डर की राजनीत
के खिलाफ लड़ना होगा।
धरने को संबोधित करते हुए पत्रकार हरे राम मिश्र ने कहा कि आज मुसलमानों
के सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो गया हैं। चारों ओर से उन्हंे ही
खुफिया एजेंसियों ने टारगेट कर रखा है। प्रदेश का मुसलमान आज बेहद सहमा
हुआ हैं। उन्होने कहा कि चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, सपा हो या फिर बसपा
कोई भी दल मुसलमानों की समस्या पर गंभीर नही है। वे यही चाहते हैं कि
मुसलमान हमेशा ही पिछड़े और अशिक्षित बने रहें। वे देश की मुख्यधारा में
शामिल न होने पाएं । मुसलमानों की दुदर्शा पर इन सभी पार्टियों के आंसू
केवल घडि़याली हंै। मुसलमानों को अपने दुश्मनों को पहचानना चाहिए। सपा
सरकार भी मुस्लिमों के ध्रुवीकरण के लिए भाजपा का हित पोषण कर रही है।
जिसका नतीजा सूबे में हुए दो दर्जन से अधिक दंगे और आतंकवाद के नाम पर
कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को छोड़ने के वादे से वादाखिलाफी है।
आजमगढ़ से आये तारिक शफीक ने कहा कि खुफिया एजेंसी आईबी का मुस्लिम
विरोधी आपराधिक चेहरा इशरत जहां और सादिक जमाल मेहतर के मामले में खुलकर
सामने आ गया है। जबकि रिहाई मंच और आजमगढ़ की आवाम तारिक कासमी और खालिद
मुजाहिद की फर्जी गिरफ्तारियों और बाटला हाउस फर्जी मुठभेड़ के समय से ही
कहते रहे हैं कि इन मामलों में आई बी की भूमिका की जांच करानी चाहिए
क्योंकि यह खुफिया एजेंसी लंबे समय से भारत के अंदर मुसलमानों को आतंकी
साबित करके पूरी दुनिया में बदनाम करना चाहती है। अब सादिक जमाल और इशरत
जहां की जार्चशीट और निमेष कमीशन द्वारा सार्वजनिक किये गये तथ्यों के
आधार पर बाटला हाउस समेत जयपुर, दिल्ली, अहमदाबाद समेत उन अनेक कथित
आतंकी वारदातों में जहां आजमगढ़ के निर्दोष मुस्लिम नौजवानों को गिरफ्तार
किया गया है, उनमें आईबी की भूमिका को जांच के दायरे में लाते हुए नये
सिरे से जांच करानी चाहिए।
उन्नाव से धरने के समर्थन में आये पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता आलोक
अग्निहोत्री और हाजी फहीम सिद्दीकी ने कहा कि जिन सामाजिक न्याय के
नेताओं पर सूबे की आवाम ने भरोसा किया था कि वे हिन्दुत्ववादी फासीवाद से
मुकाबला करेंगे, वे सभी आज संघ परिवार के मुसिलम विरोधी एजेंडे को बढ़ाने
में लग गये हंै। इसलिए आज जरूरत एक नये सामाजिक आंदोलन की है जो आवाम के
बीच भारत के धर्मनिरपेक्ष मिजाज को फिर से पुर्नबहाल करते हुए संघ के
एजेंडे को बढ़ाने वाली पार्टियों को बेनकाब करे।
धरने का संचालन मो आरिफ ने किया। धरने को तारिक कासमी के चाचा हाफिज
फैयाज आजमी, मथुरा से आये जुल्फिकार अली, अजीज अहमद, मोहर अली,
कमरुद्दीन, फैजाबाद से आये अजीज उल्ला, मो हारिस, मो फहीम सिद्धीकी, सचिन
कुमार मो शमशाद, शाबान करीमी, मो कासिम आदि ने भी संबोधित किया।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रवक्ता रिहाई मंच
09415254919, 09452800752
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Office - 110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
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