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Saturday, May 18, 2013

10,000 की जनसंख्या प्रभावित है

10,000 की जनसंख्या प्रभावित है

uttarkashi_cloudburst.jpgप्रमोद पैन्यूली

उत्तरकाशी जनपद की असी गंगा एवं भागीरथी घाटी में दैवीय आपदाओं का प्रकोप विगत माह 6 जुलाई 2012 से ही बना रहा। किन्तु 3 अगस्त 2012 को रात्रि असी गंगा घाटी एवं भटवाड़ी के निकट स्याँगाड़ में बादल फटने के बाद असी गंगा एवं भागीरथी में भारी मात्रा में पानी एवं मलवे के आने से भटवाड़ी, डुण्डा, चिन्यालीसैाड़ विकासखण्डों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। अभी भी अनेक गाँवों का एक-दूसरे से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है। सड़कें ध्वस्त होने से क्षेत्र में खाद्यान्न का संकट है। काश्तकारों की आजीविका प्रभावित हुई है। यह क्षेत्र आलू, राजमा एवं सेव के उत्पादन में अग्रणी स्थान रखता है। इस समय आलू, सेब, टमाटर, ककड़ी मकई आदि सब्जियाँ एवं फल बाजार में नहीं पहुँचाये जा सकने के कारण उन्हें भारी क्षति उठानी पड़ रही है।

सरकारी अनुमानों के अनुसार आपदा से 1000 (एक हजार करोड़ रुपये) की हानि हुई है। उत्तरकाशी नगर एवं गंगोरी, ज्ञानसू, उजेली, गंगानगर, तिलोथ मनेरी डैम में नदी के दोनों तटों पर भारी भूकटाव से नुकसान हुआ है। तिलोथ, माण्डो, जोशियाड़ा, कन्सैंण, मनेरा, स्यूणा, उत्तरों, सिलगाँव, नाल्ड, चिवाँ, रवाड़ा गाँवों में भारी जन धन की हानि हुई है। असी गंगा घाटी के 7 गाँवों का मुख्य बाजार संगमचट्टी, जहाँ पर 25 दुकानें हुआ करती थीं और जो डोडीताल जाने का मुख्य पड़ाव होने के कारण देशी-विदेशी पर्यटकों एवं स्थानीय ग्रामीणों का बाजार था, पूर्णतः ध्वस्त होकर अतीत की चीज बन चुका है। इस आपदा से भारी मात्रा में वन क्षेत्र का नुकसान हुआ है, जिसकी क्षतिपूर्ति आने वाले 50 वर्ष में भी होना सम्भव नहीं है। यह घाटी ट्रोट मछलियों के लिए भी जानी जाती थी। इस आपदा से डोडीताल का अधिकांश हिस्सा, जो कि ट्रोट मछलियों का मुख्य आशियाना था, दब कर नष्ट हो चुका है। अठखेलियाँ करते असी गंगा एवं गणेश गंगा के संगम पर संगमचट्टी के पूर्णतः तबाह होने से एक अच्छा पर्यटक स्थल अब कभी देखने को नहीं मिलेगा। यहाँ पर लगभग 2 दर्जन परिवार दुकान चलाकर अपनी आजीविका संचालित करते थे, जिनकी आजीविका समाप्त हुई है। उत्तरकाशी जनपद में सैकड़ो होटल एवं आवासीय भवन भागीरथी नदी की बाढ़ में बह चुके हैं।

आधिकारिक रूप से निम्नलिखित क्षति की पुष्टि की गई है:-

कुल प्रभावित जनसंख्या: 9,882

मृतक: 29

गम्भीर घायल : 03

साधारण घायल: 14

बड़े पशुओं की हानि: 60

छोटे पशुओं की हानि: 313

पूर्ण ध्वस्त आवासीय भवन: 121

तीक्ष्ण ध्वस्त आवासीय भवन: 110

आंशिक ध्वस्त आवासीय भवन: 196

ध्वस्त आवासीय कच्चे भवन: 5

पुल: 17 पुल (जिनमें से 3 पुल गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर तथा 15 अन्य सम्पर्क मार्गों पर स्थित हैं।)

क्षतिग्रस्त सड़कें: 50 किमी.

कुल कृषि भूमि की क्षति: 52.389 हे.

http://www.nainitalsamachar.in/more-then-ten-thousand-effected-in-uttarakashi/

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