चबोड़ , चखन्यौ , चचराट ::: भीष्म कुकरेती
समाजशास्त्रौ अध्यापक - हाँ तो मीन परसि तुम सब कुणि भारतीय स्त्रियों की 5 महत्वपूर्ण से महत्वपूर्ण समस्याओं पर पढ़णो बोल छौ। तो आज हम भारत माँ भारतीय जनान्युं 5 खास परेशान्युं पर विस्तार से चरच करला। हाँ त रै गुन्दुरू ! तू बता कि भारतीय स्त्रियूं सबसे पैली घोर समस्या क्या च ?
गुन्दुरु - मासाब ! यो तो भारत एक कृषि प्रधान देस च इलै इख महिला बि हूंदन। चूँकि भारत मा महिला बि हूंदन तो ऊंकी समस्या बि हूंदन। उन त भोत सि समस्या छन भारतीय स्त्रियूँ की किन्तु सबसे बड़ी समस्या च कि भारतीय स्त्रियुं हजबैंडु कॉलेस्ट्रॉल भौत अधिक बढयूं रौंद। हजसबैंड कु कॉलेस्ट्रॉल बढ़न से भारतीय स्त्री इथगा परेशान रौंदन कि क्या बुले जावो। सब स्त्री अपण हजबैंडो कोलेस्ट्रॉल से इथगा परेशान रौंदन कि काम धाम छोड़ी सुंदर साड़ी मा इन उन फुदकणा रौंदन।
समाजशास्त्रौ अध्यापक (रुसेक ) -अबै गुंदुरु ! तेकुण इ ना मीन तेरी ब्वे कुण बि कथगा दै बोलि याल कि घटिया कुंजी नि खरीदो , नि खरीदो पर घटिया कुंजी पढ़णो फल या च कि त्वै तै भारत मा भारतीय स्त्रियुं की पतियों कलेस्ट्रॉल ही मुख्य समस्या दिखेणी छन। बंद कौर ऊँ घटिया कुंजियुं तै पढ़न।
तू बोल बै सुंदुरु ! भारतीय स्त्रियों की 5 महत्वपूर्ण से महत्वपूर्ण समस्या क्या क्या छन ? यों तो भारत एक कृषिप्रधान देश है त इख बि जनाना हूंदन। अर चूँकि जनानी बि हूंदन तो उंकी समस्या बि हूंदन। भारत मा जनान्युं सबसे बड़ी समस्या या च कि ऊँका बच्चा कॉम्प्लेन खै खैका अत्त्याधिक होशियार ह्वे गेन जाँसे ब्वे बाब हीन मानसिक स्थिति का शिकार हूण मिसे गेन।
अध्यापक -चुप बै ! मीन त्यार ददा तै कथगा दै समजै याल कि त्वे तै इथगा अधिक घी नि खलाओ। पर नि माणदन अर घी खै खैक तेरी बुद्धि बि मोटि ह्वे गे। अब बताओ ! भारतीय स्त्रियों की मुख्य समस्या ऊँका अत्याधिक बुद्धिवान बच्चा ह्वे गे ? चुप बैठ। हाँ तो तू बता रे गबरू कि भारतीय स्त्रियूं सबसे पैली घोर समस्या क्या च ?
गबरू -यों तो भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषिप्रधान देश च त स्त्रियुं पैदा हूण आवश्यक च अर जख स्त्री ह्वावन उख ऊंकी समस्या बि पैदा ह्वे जांदन। एक सर्वे अनुसार भारतीय स्त्रियुं सबसे बड़ी समस्या या च कि छुट छुट बच्चा इ ना बुड्यों तै बि 'दाग अच्छे लगते हैं '. चुंकि बच्चा -बुड्या सब तै दाग अच्छा लगदन तो सब अफु पर कीच लपोड़ना रौंदन। बच्चा -बूढ़ों का कीच कु लपोड़ा लपोड़ ही भारतीय स्त्रियुं सबसे बड़ी समस्या च।
अध्यापक -मीन तेकुण कथगा दै बोलि याल कि एकी कुंजी से काम चला पर दस कुंजी पढ़लि तो तीन बच्चा -बूढ़ों का कीच कु लपोड़ा लपोड़ ही भारतीय स्त्रियुं सबसे बड़ी समस्या बताण। बैठ जा। चल ये झबरू ! तू बता कि भारतीय स्त्रियूं सबसे पैली घोर समस्या क्या च ?
झबरू - यों तो भारत एक कृषि प्रधान देस है त इखाक प्रधान मंत्री तै विदेश भौत जाण पड़द इलै भारत मा स्त्रियुं की तीन बड़ी समस्या पैदा ह्वे गेन। पैली बड़े समस्या च काळी त्वचा , दूसरी समस्या च बाळु गिरण अर तिसरि समस्या च बार बार बाळु से खौस झड़न। भारतीय प्रधानमंत्री तै विदेश दौरा छोड़िक भारतीय स्त्र्युं का काळी त्वचा,बाळु गिरण अर बाळु से खौस झड़न की समस्या का निदान कारन। लोकसभा मा नेता प्रतिपक्षन बि या इ मांग कार कि प्रधानमंत्री तै विदेश दौरा ना जनान्युं की यूँ समस्याओं का निदान करण चयेंद।
अध्यापक - हे निर्भागी झबरू ! मी समजै समजैक थकि ग्यों कि द्वी विषयुं किताब दगड़ी नि पढ़ा कौर। तीन सामजिक समस्या अर राजनैतिक समस्या दगडी मिलै देन। बैठ जा। हाँ तो सबसे बुद्धिमान छात्र टिमरू तो बता कि भारतीय स्त्रियूं सबसे पैली घोर समस्या क्या च ?
टिमरू - यूँ तो भारत के कृषि प्रधान देश है। देश मा अलग अलग किस्मुं खेती पैदा हूंदी तो स्त्री समस्या बि पैदा ह्वे जांदन। आज भारत के सबसे बड़ी सामजिक समस्या या च कि कखी बि , कै बि जगा -कुजगा , कनि जगा बि क्वी मरद मेल डिओड्रेंट लगांद कि बेटी बुबाक समणि , कज्याण अपण कजेक समिण ही वै मरद से चिपका चिपकी ही ना सब्युं समिण चुम्मा चाटी करण लग जांदन। भारतीय स्त्रियुं मा मेल डिओड्रेंट (खुसबू ) का विरुद्ध प्रतिरोधक शक्ति ये हिसाब से खतम ह्वे गे कि डार की डार मा जनानी खुसबू लगायुं मरदाक पैथर भजण लग जांदन। भारतीय स्त्र्युं की सबसे बड़ी , मुख्य समस्या मेल डिओड्रेंट का प्रति प्रतिरोधक शक्ति खतम हूण च।
अध्यापक (अपण बाळ अफिक उपाड़दो उपाड़दो )- अबै ! इन तो बताओ तुमन यि भारतीय स्त्रियुं समस्याओं बारा मा कैं किताब मा पौढ़ ?
टिमरू - जी परसि हमन वर्ल्ड फूटबाल मैच टीवी मा द्याख अर ब्याळि आईपीएल फ़ाइनल मैच टीवी मा द्याख तो विज्ञापनुं हिसाब से तो हम सब्युं तै यी पांच मुख्य स्त्री समस्या समज मा ऐन।
अध्यापक - मतलब भारतीय स्त्रियुं की मुख्य समस्या टीवी मा स्त्री समस्यायुक्त विज्ञापन छन ?
सबि -जी हाँ ! भारतीय स्त्रियुं की मुख्य समस्या टीवी मा स्त्री समस्यायुक्त विज्ञापन छन।
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