जनता हो गई है बदहाल....। अच्छे दिनों से सवाल है, हर चेहरा ग़ुस्से से लाल है...। अच्छे दिन की आस में, किसान बदल गया लाश में....। ग़रीब के मुँह से छीना निवाला, अच्छे दिनों का देकर हवाला...। सोई सरकार जगाने को, भारत की बेटी है आने को...। सोई सरकार जगायेंगी , मायावती जी अब आयेंगी....। मायावती जी हैं जोश में, सरकार आये अब होश में....। देश में फैला है अंधकार, मायावती जी का है इंतज़ार ....। देश में फैली निराशा है, बस मायावती जी से आशा है....। चारों तरफ़ है हाहाकार, ये कैसी मोदी सरकार...। किसान पर पीडा भारी है, सरकार के हाथ कुल्हाड़ी है....। मोदी चुकाये चुनाव का क़र्ज़, झेल रही है जनता दर्द....। छप्पन इंच का सीना है, देश को लूट के जीना है...। सूट-बूट वाली सरकार है, बस पूँजीपतियों से प्यार है....। किसान मर रहा खेत में, पीएम घूमें विदेश में....। ये सरकार नहीं बस धोखा है, आवाज़ उठा लो मौक़ा है....। बचपन झोंका मज़दूरी में, शिक्षा तड़पे मजबूरी में....। किसान मर गया जनता रो दी, अब तो भैया बस कर मोदी...। कालाधन बस बातों में, आग लगी दिन-रातों में....। |
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