दीदी के इस लंदन में थेइम्स सड़कों पर बहने लगी है और उसमें खून भी शामिल है।
वामदलों को नेक सलाह है कि सत्ता में आने की प्राथमिकता है तो राज्य और केंद्र में कहीं भी कांग्रेस के साथ एलायंस का भविष्य नहीं है।बेहतर है कि या संघ परिवार या फिर दीदी के साथ कोई समीकरण विचारधारा में तब्दील करके साध ले और जनता की जान छोड़ दें।
पहाड़ में नहीं हू लेकिन डूब में शामिल हूं बाकायदा।
स्वर्ग में नहीं हूं लेकिन नर्क में हूं बाकायदा।
पलाश विश्वास
पहाड़ में नहीं हू लेकिन डूब में शामिल हूं बाकायदा।
स्वर्ग में नहीं हूं लेकिन नर्क में हूं बाकायदा।
1978 की बाढ़ के दौरान डीएसबी से एमए प्रीवियस की परीक्षा नेनीताल समाचार निकालते हुए देकर सीधे गंगोत्री निकल पड़ा था।
धरांसूं से पैदल भटवाड़ी गंगणानी तक जा सका था।
तब पंगडंडी पगडंडी जंगल जंगल भूस्खलन के बींचोबीच मूसलाधार के बीच गंगा की धारा पर ही पहाड़ चढ़ उतर रहा था।
नई नई जान थी और अपनी झीलों,अपनी नदियों और अपनी घाटियों और अपनी इंसानी आबादियों से बेपनाह मुहब्बत थी।
मुहब्बत में जान निकल भी जाती तो परवाह न थी।
मुहब्बत की बेइज्जती का डर था सबसे भयानक।
मुहब्बत अब भी उतनी ही कसी कसी।
बेपरवाह हूं अब भी उसीतरह।
लेकन न मेरा पहाड़ वह है इन दिनों
और न मैं हूं पहले की तरह जवान।
एक डूब है अंदर बाहर
पहाड़ से कोलकाता तक।
लोग जिसे गंगा कहते हैं
वह राजमार्ग की तरह
बहती चली आयी हमसफर
और उसकी गोद से निकलती
बेइंतहा डूब में कैद है कोलकाता।
इसीलिए शायद अब भी
मेरे भीतर होता है हिमपात।
अब भी उसीतरह धुंध में
भटकना होता है अंधाधुंध।
बस,वे बतकहीं नहीं है।
नहीं है चाय का वह गिलास
और नहीं है गुड़ की डली।
और नहीं है वह जुनून
न साथ कोई गिरदा हैं
या कोई कपिलेश भोज
नहीं होती है अब किसी से बहस।
ताजा खबरों के मुताबिक दिल्ली समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश से कोहराम मचा हुआ है। पहाड़ी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश सबसे ज्यादा असर उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग ने हिमाचल और उत्तराखंड के कई जिलों में 48 घंटों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड की कई नदियां उफान पर हैं। रानीखेत में लगातार बारिश की वजह से बुधवार को जगह-जगह लैंडस्लाइड हुआ।
उधर, बीते दो दिनों से भारी उमस झेल रहे दिल्ली वासियों को आज सुबह हुई झमाझम बारिश ने राहत तो दी है पर साथ ही दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में जलभराव भी हो गया है।
दिल्ली के साथ-साथ कोलकाता में लोगों को इस लगातार हो रही भारी बारिश से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। देश के अन्य हिस्सों से भी भारी बारिश के बाद जाम और जलभराव जैसी खबरें आ रही हैं।
वहीं रेगिस्तान के लिए मशहूर राजस्थान भी बारिश के कहर से बच नहीं पाया। राजस्थान के झुंझनू और सीकर में बीते 24 घंटे से लगातार रुक-रुककर हो रही बारिश ने लोगों के लिए मुसीबते खड़ी कर दी है। झुंझनू में मूसलाधार बारिश से सड़कें नदियों में बदल गई है । वहीं दर्जनों मकानों और दुकानों में पानी भर गया है। मौसम विभाग ने अगले 36 घंटों में जयपुर,बीकानेर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
कोलकाता महानगर में रातभर हुई बारिश से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं और इस कारण यातायात की रफ्तार बेहद धीमी हो गई है ।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जीसी देबनाथ ने मीडिया को बताया कि शहर में पिछले 24 घंटों में 144 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई ।उन्होंने कहा कि आज से बारिश कमजोर हो जाएगी और कल से यह कम होनी शुरू हो जाएगी ।
महानगर में बेहाला, जादवपुर, बेलगाछिया, राजारहाट, अलीपुर बॉडीगॉर्ड लाइन्स, रासबिहारी एवेन्यू, ठनठनिया, गोल्फ ग्रीन, तिलजला, सीआर एवेन्यू और कॉलेज स्ट्रीट बारिश से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले इलाकों में शामिल हैं ।
सड़कों पर जलभराव के चलते यातायात की रफ्तार धीमी हो गई जिससे दफ्तर जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा ।
बहुत से स्कूलों ने आज छुट्टी की घोषणा कर दी । जो स्कूल आज खुले, वहां बहुत कम उपस्थिति रही ।
कोलकाता के लोगों को अब भी 1978 की बाढ़ याद है।इस बरसात में कोलकाता में जलमल के साथ खून भी एकाकार है।
राजनीतिक समीकरण रोज रोज बन बिगड़ रहे हैं,जनता की जरुरतों का ख्याल किसी को नहीं है।
दीदी के इस लंदन में थेइम्स सड़कों पर बहने लगी है और उसमें खून भी शामिल है।
न्यूनतम पर्यावरण चेतना न होने हरियाली को सिरे सेतबाह कर देने और जलाधार पर बहुमंजिली शहरीकरण के मुक्तबाजार सजा देने से कोलकाता लंदन हो न हो,मुकम्मल नर्क हो गया है।
दूसरी ओर पहाड़ों में जब आफत है।बारिश से भूस्खलन से लोग मर रहे हैं तो उत्तराखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी (USACS) का कहना है कि उसके पास बड़े पैमाने पर लोगों को मुहैया कराने के लिए निरोध नहीं हैं। इतना ही नहीं वह आर्थिक तंगी से भी जूझ रहा है। इससे पहले उसे उत्तर प्रदेश की ओर से एक लाख गर्भनिरोधक मिले थे। USACS के अधिकारियों ने बताया कि नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (NACO) की ओर से एक महीने पहले बताया गया था कि करीब 3 लाख से अधिक संख्या में निरोध की खेप उनके राज्य के लिए भेज दी गई है। हालांकि, यह अभी तक USACS के पास नहीं पहुंची है।
नासिक कुंभ के बाद फिर कंडोम बड़ी खबर है।
अब कोलकाता,मुंबई और नईदिल्ली डेटलाइन से भी यह बड़ी खबर बनने वाली है।
कंडोम मिल जाये इस कंडोम अर्थव्यवस्था में सारे मसले हो जायेंगे हल।
हालांकि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय से उत्तराखंड में नदियों की प्रकृति में बदलाव आ रहा है। लगातार मलबा जमा होते रहने से नदियों का तल उथला होता जा रहा है। नदियों की दिशा बदलने से निकटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है।
वैसे उत्तर भारत और देश के पहाड़ी इलाकों में मानसून फिलहाल सक्रिय है।उत्तराखंड के पौड़ी जिले में गुरुवार को भारी बारिश की वजह से एक मकान ढह गया। इसके मलबे में दबने से चार बच्चों समेत एक ही फैमली के 5 लोगों की मौत हो गई।
बंगाल में राजनीति भी मूसलाधार है।भाजपा तृणणूल साथ साथ है तो वामदलों का हानीमून साइनबोर्ड कांग्रेस से है।सोमनाथ राजनीति में आना नही चाहते पर वामदलों में लड़ने के लिए अस्सीपार बूढ़े ही सबसे काबिल होते हैं,तो सीताराम येचुरी,तोबा कामरेड महासचिव उनके हाथ पांव पड़े मना रहे हैं उन्हें कि जल्दी आओ,हमें बचाओ।
नब्वे पार फारवर्ड महासचिव का जन्मदिन मनाने मुख्टमत्री उनके घर छावनी डाल रही है।जबकि मूसलाधार बारिश में मदमस्त छुट्टा सांढ़ रंग बिरंगे उधम काट रहे हैं।
वामदलों को नेक सलाह है कि सत्ता में आने की प्राथमिकता है तो राज्यऔर केंद्र में कहीं भी कांग्रेस के साथ एलायंस का भविष्य नहीं है।बेहतर है कि या संघ परिवार या फिर दीदी के साथ कोई समीकरण विचारधारा में तब्दील करके साध ले और जनता की जान छोड़ दें।
कल रात दफ्तर से घर का सफर चालीस मिनट के बजायसवादोघंटे में पूरी की क्योंकि दिल्ली मुंबई हाईवे में भी गाड़ी बीस किमी से ज्यादा तेज चल नहीं रही थी और बीटी रोड से लेकर सेंट्रल एवेन्यू और कोलकाता और आस पास के जिलों में तमाम सड़कें नदियों में तब्दील है।
बीटी रोड होकर सिंथी में सुमित को छोढ़ने गया बीटीरोडनदी होकर तो उसके घर तक बहने लगी थी नदी और उसने कहा कि घंटेभर की देरी होती तो घर में दाखिल होने का कोई उपाय न था।
उसने कहा कि बीटी रोड काफी ऊंचाई पर है जहां टाला पाइप लाइन लगने से पहले पानी जमा होता न था और लोग अपने घरों और मोहल्लों में पानी जमा हो जाने पर 1978 में बीटी रोड पर उठ आये थे।
वह निकासी बंदोबस्त खत्म होने की वजह से अब बीटी रोड से घरों में दाखिल होने लगा है पानी।सारे कल कारखाने बंद हैं और सीमेंट का जंगल है बेइंतहा पानियों में कैद।
बुधवार पूरी रात हुई मूसलाधार बारिश से हावड़ा नगर निगम के कई इलाकों में जल भर गया है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। निगम के कई वाडरे में पानी सड़क पर बहता दिख रहा है। बनारस रोड, टिकियापाड़ा, बेलेलियस रोड, नंदी बगान, फकीर बगान, मुखराम कनोड़िया रोड, दीघा-हावड़ा बस स्टैंड, टेंडल बगान और टीएल जायसवाल अस्पताल के सामने काफी जल जमाव हो गया है। टीएल जायसवाल अस्पताल में जाने वालों रोगियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। अस्पताल परिसर से लेकर भीतर तक पानी प्रवेश कर गया है। इस हालत में महिलाओं को अस्पताल में प्रवेश करने में काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। इसके अलावा हुगली स्थित बंडेल रेलवे स्टेशन के अंडर बाइपास में जलजमाव हो जाने के कारण आवागमन ठप हो गया है।
सोदपुर की कल्याणी हाईवे को जोड़ने वाली चौबीसों घंटे बिजी सड़क के एक तरफ भारी बरसात में मरम्मत चल रही है और वह बंद है।
तीन चार दिन पहले तो पूरी सड़क और उड़ानपुल बंद होने की वजह से मीलों घूमकर घर पहुंचे थे और उस रात बरसात हो नहीं रही थी।
कल हमारी गाड़ी में पानी दाखिल हो गया।पानी जो है,सो है कोलकाता की सड़कों पर पानी के नीचे बारुदी सुरंगों की तरह बेशुमार भयंकर गड्डे हैं।
आज सुबह से सोदपुर में दाखिले के सारे रास्ते बंद हैं और बाकी दुनिया से कटा हुआ है सोदपुर।हम भी कहीं नहीं जा सकते।
आज मैं दफ्तर नहीं जा सका।
कोलकाता और आसपास के समुद्रतटवर्ती इलाकों में कई दिनों से मूसलाधार जारी है।मूसलाधार बारिश है दुनिया और कायनात के सबसे खूबसूरत सुंदरवन मैनग्रोव फारेस्ट में।कोलकाता सहीमायने में डूब में त्बदील है।ट्रेने चल नहीं रही हैं।सड़कोंपर नदियां बहने लगी है।आवागमन के साथ ही जनजीवन ठप है।
वैसे पानी जून में खूब बरसा है।इधर रुक रुक कर बारिश होती रही है लेकिन करीब अड़तालीस घंटे से जो पानी बेरहम बरसने लगा है,जलाशय में तब्दील है कोलकाता,उसके तमाम उपनगर और आसपास के सीमेंट के घने अभयारण्य।
भले ही जनजीवन ठप हो,हर मोहल्ले में शराब की दुकाने खुली है भले ही बाजार बंद हो।रातभर बार चालू है,जहां राजनीति और अपराध का जलवा कहर बरपा रहा है।
कल खास कोलकाता के हरिदेवपुर में नाचने वाले के साथ नाचने की दबंगों की तमन्ना पूरी नहीं हुई तो गोलियां चलने लगीं चांदमारी की तरह और उस चांदमारी में एक बेकसूर मारा भी गया।
आज सोदपुर से लगकर बह रही गंगा के उस पार बीच बरसात रिसड़ा में दो गुटों के गृहयुद्ध में खून की होली खेली गयी और बाकी बंगाल में राजनीतिक हिंसा शबाब पर है।
कोलकाता के आसपास तो बाकायदा प्रोमोटर माफिया राज है,जिसमें जल निकासी के हर इंतजाम को खत्म कर दिया गया है और कोलकाता समेत आस पास के जिलों में नदी नाले,ताल तलैय्या, झील हर कहीं बहुमंजिली महानगर का जलवा है।पानी बरसता है तो पानी निकलने का रास्ता कहीं है ही नहीं।
मुंबई समुद्र से तीनों तरफ से घिराहुआ है।पानी वाहं कोलकाता से कहीं ज्यादा मूसलाधार बरसता है और समंदर भी सड़कों पर बह निकलता है।ट्रेंने वहां भी बंद होती है।यातायात भी ठप होता है।लेकिन मुंबई में जनजीवन कभी छप नहीं होते और ख्वाबों में बहते जाना सिलसिला है तो राजकपूर की बरसात भी है।
कोलकाता में कभी जागते रहो हुआ करे हैं,अब नहीं होता।
तेकि मैं झूठ बोल्या?
agte Raho - Teki Main Jhooth Boliya - Mohd Rafi - S Balbir ...
www.youtube.com/watch?v=kv75_hrB0Fk
19/07/2010 - Shemaroo द्वारा अपलोड किया गया
Movie: Jaagte Raho Music Director: Salil Chowdhury Singers: Mohammed Rafi , Balbir Director: Shomu Mitra ...
अनुपलब्ध: कि मैं झूठ बोल्या
main ki jhoot boleya - Jagte Raho (1956) - YouTube
www.youtube.com/watch?v=DgRGJHkS_OQ
15/09/2012 - TheDreammarchant द्वारा अपलोड किया गया
Music Director Salil Chaoudhry's composition was also the strength, besides acting, of the off beat movie ...
हमारे सहकर्मी डा.मांधाता सिंह ने अपने वाल पर लिखा हैः
महज एक दिन की बारिश में तालाब में तब्दील हो गया पूरा गोराबाजार. दमदम नगरपालिका का यह संपन्न बाजार वाला इलाका है. इस बार जब नगरपालिका चुनाव हुए तो फिर बंपर जीत मिली तृणमूल को. बोर्ड गठन व शपथ ग्रहण समारोह में दमदम के तृणमूल सांसद सौगत ने अपने संक्षिप्त भाषण में इस बात पर ज्यादा जोर दिया कि गोराबाजार व पूरी नगरपालिका में जलजमाव को खत्म करना होगा. नए चेयरमैन ने भी कहा कि हम विकास पर ध्यान देगे. पिछले बोर्ड ने भी ड्रेनेज से लेकर सडक सफाई पर काफी काम किया मगर ऐसी कोई ठोस योजना नहीं दिखी या काम हुआ कि नहीं मगर सारे दावों की पोल इस एक दिन की बारिश ने खोल दिया. कई इलाकों इतना पानी भरा कि लोगों को रातोंरात दूसरी जगह जाना पड़ा. क्या बारिश से पहले इय समस्या से निपटने की कोई योजना थी? यह सवाल हर बारिश के बाद खड़ा होगा. अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि राज्य व नगरपालिकाओं के स्तर पर तृणमूल ने बेहतर काम किया है मगर गोराबाजार की जलबंदी को देखकर लगता है कि शायद ईधर ध्यान नहीं दिया गया.
चित्र में गोराबाजार के १८ नंबर वार्ड का दृश्य है. अब यह पानी कम से कम १२ घंटे बाद ही निकल पाएगा. क्या तृणमूल प्रशासन इस वार्ड की समस्या को गंभीरता से लेगा या इलाके के लोगों को भाग्य भरोसे छोड़ देगा!
Sukhmoy G Majumdar
Nainital is still beautiful
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